संवाददाता : रायपुर छत्तीसगढ़
धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता के कई नजारे यहां राजधानी रायपुर के साइंस कालेज मैदान में सामूहिक विवाह के दौरान देखने को मिले। आर्थिक परिस्थितियों से जूझ रहे परिवारों के लिए यह राहत भरा मौका साबित हुआ। इस आयोजन में मुस्लिम और ईसाई धर्म के जोड़ों का विवाह अपने-अपने रस्मों और रिवाजों के साथ हुआ। मसीही समाज ने जहां विवाह संस्कार संपन्न कराया वहीं मुस्लिम समुदाय के जोड़ों ने ‘खुतबा‘ कबूल किया।
सामूहिक विवाह समारोह में मौलवी मुहम्मद हबीबुल्ला कादरी ने छुरा के कौसल और फिरोज, रायपुर के मोवा निवासी रेशमा कुरैशी और सद्दाम कुरौशी और पचेड़ा की नजमा और सादिक का निकाह संपन्न कराया। नव विवाहित वधुओं ने बताया कि उन्होंने 10 वीं तक पढ़ाई की है। फिरोज और सद्दाम वाहन चालक हैं और सादिक जेसीबी चलाते हैं। सभी कमजोर परिस्थिति में होने के कारण इतनी भव्य शादी नहीं कर सकते थे, जितनी आज सामूहिक विवाह समारोह में हुई है।
इसाई समुदाय की शोभा महानंद और अनिमेष नाग का विवाह भी ईसाई रीति रिवाज से सामूहिक विवाह समारोह में संपन्न हुआ। शोभा ने बताया कि वह कपड़ा दुकान में काम करती हैं। शादी का खर्च उठाने में परिजनों को कई तरह की दिक्कतोें ंका सामना करना पड़ता इसलिए उन्होंने यहां विवाह करने का निर्णय लिया।
सामूहिक विवाह में दाम्पत्य जीवन में बंधे भनपुरी निवासी ज्योति सलामे और रूपेन्द्र बरिहा ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए राज्य सरकार द्वारा चलायी गई यह योजना अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने राज्य के मुखिया भूपेश बघेल का हृदय से धन्यवाद किया। वहीं मठ खरोरा रायपुर से आये विरेन्द्र धीमा एवं संजूू ने योजना के तहत् सरकार द्वारा विवाह का व्यय वहन करने के साथ ही नया जीवन आरंभ करने के लिए उपलब्ध करायी जा रही आवश्यक गृहस्थ सामग्री के लिए भूपेश सरकार की सराहना की।
प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया, राज्य सभा सांसद छाया वर्मा, महापौर एजाज ढेबर के साथ ही सामूहिक विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित अतिथिगण ने वर एवं वधूओं के सुखी दाम्पत्य जीवन की कामना कीे।