संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश
बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को जमीन दस्तावेज मामले में बड़ी राहत मिली है। जानकारी के अनुसार, ग्वालियर आर्थिक अपराध शाखा(EOW ) को जांच में कोई भी सबूत नहीं मिले हैं। इसके चलते 1 केस क्लोज़ कर दिया गया है। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के चौबीस घंटे के अंदर ही सिंधिया को जमीन से जुड़े दस्तावेज हेराफेरी मामले में बड़ी राहत मिली है।
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के के खिलाफ EOW ने जांच शुरू कर दी थी। यह मामला जमीन की खरीद फरोख्त का था, जिसमें ज्योतिरादित्य पर 10 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया गया था। बता दें कि ग्वालियर के वकील सुरेंद्र श्रीवास्तव ने एक आवेदन लगाकर कार्रवाई की मांग की थी। इसी शिकायती आवेदन पर EOW ने जांच शुरू कर दी। जिसमें कोई सबूत न मिलने की वजह से केस को बंद कर दिया गया है।
बता दें कि सिंधिया कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को रात नौ बजे मध्य प्रदेश के सीएम के तौर पर शपथ ली थी।
26 मार्च 2014 को EOW में एक शिकायती आवेदन दिया गया था. आरोप थे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिवार ने साल 2009 में महलगांव, ग्वालियर की जमीन सर्वे क्रमांक 916 खरीदकर रजिस्ट्री में काट-छांटकर आवेदक की 6000 वर्ग फीट जमीन कम कर दी। साथ ही सिंधिया देवस्थान के चेयरमैन और ट्रस्टियों ने महलगांव, जिला ग्वालियर स्थित शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 1217 बेचने के लिए प्रशासन के सहयोग से फर्जी दस्तावेज तैयार किए।
इस संबंध में एक शिकायती आवेदन 23 अगस्त 2014 को EOW में दिया गया था. दोनों शिकायतों को जांच के बाद बंद किया गया था. इसी से असंतुष्ट होकर श्रीवास्तव ने फिर कार्रवाई के लिए आवेदन दिया था।