रविवार, 12 अप्रैल 2020

अकाली दल द्वारा पुलिस तथा स्वास्थ्य कर्मचारियों के वेतन जारी न करने के लिए राज्य सरकार की निंदा...

संवाददाता : चंडीगढ़ पंजाब 


      शिरोमणी अकाली दल ने कोविड-19 के खिलाफ सबसे आगे होकर लड़ रहे पुलिस तथा स्वास्थ्य कर्मचारियों का मार्च महीने का वेतन जारी न करके उनके प्रति लापरवाही दिखाने के लिए आज राज्य सरकार की निंदा की है। पार्टी ने कहा है कि इस जानलेवा वायरस से समाज को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने वाले कर्मचारियों को वेतन न देना एक आपराधिक लापरवाही के समान है।


एक प्रेस बयान जारी करते हुए पूर्व मंत्री तथा वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने पंजाब के कर्मचारियों के वेतन जारी करने में की  जा रही अत्यधिक देरी पर हैरानी तथा दुख प्रकट किया। उन्होने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इन कठिन समय में हमारी रक्षा करने वालों को समय पर तथा सम्मानपूर्वक ढ़ंग से वेतन नही दिए जा रहे हैं।



उन्होने कहा कि जरा सोचो कि राज्य में कर्फ्यू लगा होने के कारण जब चारो तरफ दहशत, अनिश्चितता तथा आर्थिक असुरक्षा का माहौल है तब ऐसे समय में 80हजार पुलिस कर्मचारी अपने मार्च महीने के वेतन का इंतजार कर रहे हैं। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी पुलिस फोर्स को जल्द से जल्द वेतन मिल जाए।


पुलिस कर्मचारियों द्वारा इस महामारी के खिलाफ युद्ध स्तर पर चल रही लड़ाई में निभाई जा रही भूमिका की सराहना करते हुए अकाली नेता ने कहा कि जब हम सभी स्वयं को वायरस से बचाने तथा इस महामारी को कंट्रोल करने में प्रशासन की सहायता करने के लिए अपने घरों में बैठे हैं तो पुलिस कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई की हर गतिविधी में भाग लेकर अग्रिम पंक्ति के यौद्धाओं की भूमिका निभा रही है।


उन्होने कहा कि वह हमें घरों में रखते हैं, जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाते हैं तथा मैडीकल स्टाफ की संदिग्ध मरीजों की पहचान करने, उन्हे अलग करने तथा आइसोलेशन वार्डों में भेजने में सहायता करते हैं। उन्होने कहा कि सरकार द्वारा इन कर्मचारियों को वेतन न देना एक आपराधिक लापरवाही के समान है।


पिछले कई महीनों से वेतन का इंतजार कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों के बारे में बोलते हुए सरदार मजीठिया ने कहा कि हाल ही में मीडिया में छपी रिपोर्टों के अनुसार पटियाला, अमृतसर तथा फरीदकोट की बहुत सारी स्टाफ नर्सों को वेतन नही दिए जा रहे हैं। उन्होने कहा कि जब पूरा देश एक स्वास्थ्य आपातकाल के मुश्किल दौर से गुजर रहा है तो उस समय राज्य सरकार को ऐसी लापरवाही से मैडीकल स्टाफ का मनोबल पस्त करके अपने पहले से अपूर्ण स्वास्थ्य ढ़ांचे को और कमजोर नही करना चाहिए।


उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन 295 स्टाफ नर्सों के वेतन तथा पिछला बकाया बिना किसी देरी के जारी कर दिए जाएं।