बुधवार, 8 अप्रैल 2020

हरियाणा सरकार द्वारा वस्तुओं की जमाखोरी, कालाबाजारी और मूल्य वृद्धि उनकी आपूर्ति एवं उपलब्धता पर कड़ी नजर...

संवाददाता चंडीगढ़ हरियाणा 


      हरियाणा सरकार द्वारा राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन अवधि के दौरान राज्य में रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी, कालाबाजारी और मूल्य वृद्धि को नियंत्रण में रखने के लिए आवश्यक वस्तुओं के थोक व परचून दरों व उनकी आपूर्ति एवं उपलब्धता पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इसके लिए जिला प्रशासन व विभाग द्वारा विशेष टीमें गठित की गई हैं।


खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सभी उपायुक्तों द्वारा अपने सम्बंधित जिलों में दाल, चीनी, नमक, गेहूं, आटा, आलू और प्याज जैसी 25 आवश्यक वस्तुओं की दरों निर्धारित की गई हैं और दुकानदारों को अपनी दुकानों पर रेट लिस्ट प्रदर्शित करने के कड़े निर्देश दिए गए हैं ताकि उपभोक्ताओं से ज्यादा रेट न वसूला जा सके। इसके अतिरिक्त, फेस मास्क और हेंड सैनेटाइजर की बिक्री भी निर्धारित दरों पर सुनिश्चित की जा रही है। प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में सरसों का तेल, दाल व अन्य आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी न हो, इसके लिए विभाग के अधिकारी नैफेड के साथ निरंतर सम्पर्क में हैं और दाल व सरसों के तेल की मांग नैफेड को भेजी गई है, जो शीघ्र प्राप्त हो जाएगी। उन्होंने बताया कि सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति व उपलब्धता थोक विक्रेताओं के माध्यम से सुनिश्चित की जा रही है।


उन्होंने बताया कि प्रदेश में एलपीजी की भी कोई कमी नहीं है और गैस एजेन्सियों द्वारा नियमित रूप से उपभोक्ताओं के घर-द्वार पर ही इसकी आपूर्ति की जा रही है। इसी प्रकार, पैट्रोल व डीजल भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।  उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में टीमों द्वारा 378 औषध थोक विक्रेता तथा 5197 रिटेल दवाई विक्रेताओं की दुकानों की जांच की गई है। जांच के दौरान थोक व परचून विक्रेताओं द्वारा अनियमितता पाए जाने पर 277 चालान तथा 13 आपराधिक मामले दर्ज किये गए हैं।



प्रवक्ता ने बताया कि उपभोक्ताओं से आवश्यक वस्तुओं के निर्धारित मूल्य से ज्यादा वसूली न की जाए, इसके लिए विभाग द्वारा व्यापक प्रचार व प्रसार अभियान भी चलाया गया है। आवश्यक वस्तुओं की थोक व परचून दरों में कोई अनावश्यक रूप से वृद्धि न हो तथा मुनाफाखोरी व जमाखोरी को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की केन्द्र सरकार द्वारा समीक्षा बैठक के दौरान प्रशंसा की गई है तथा अन्य राज्यों को हरियाणा का अनुसरण करने को कहा गया है।


प्रवक्ता ने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अप्रैल माह के दौरान उपभोक्ताओं को गेहूं, फोर्टिफाइड आटा, चीनी, सरसों का तेल नि:शुल्क वितरण किया जा रहा है। राज्य के कुछ जिलों में गेहूं का वितरण 80 से 85 प्रतिशत किया जा चुका है। केन्द्र सरकार द्वारा शीघ्र ही 2880 मीट्रिक टन दाल प्रति मास सभी 27 लाख अंत्योदय अन्न योजना, बीपीएल तथा अन्य प्राथमिक पात्र परिवारों को अप्रैल, मई तथा जून में नि:शुल्क वितरण करवाने के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अलावा, भारत सरकार द्वारा अप्रैल, मई तथा जून के लिए पाँच किलोग्राम अतिरिक्त गेहूं प्रति सदस्य प्रति मास नि:शुल्क वितरण करवाने के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी। इस प्रकार, उपभोक्ताओं को इस दौरान दोगुणा राशन उपलब्ध होगा।


प्रवक्ता ने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उपभोक्ताओं को राशन वितरण के लिए राशन डिपों को ज्यादा समय तक खोलने के निर्देश दिए गए हैं और वितरण के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करने को भी कहा गया है। उन्होंने बताया कि अम्बाला, भिवानी, कुरुक्षेत्र जिलों में उपभोक्ताओं को उनके घर द्वार पर ही राशन उपलब्ध करवाया गया और इसके अच्छे परिणाम को देखते हुए इसे पूरे राज्य में लागू करने के इंतजाम किये जा रहे हैं।