मंगलवार, 5 मई 2020

25 करोड़ मानव दिवस का सृजन कर 20 हजार करोड़ रुपये पारिश्रमिक के रूप में देने का लक्ष्य : हेमन्त सोरेन

संवाददाता : रांची झारखंड


      ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रारंभ की जा रही तीन योजनाओं के माध्यम से 25 करोड मानव दिवस सृजन करने का लक्ष्य है, इससे करीब 20 हजार करोड़ रुपये लाखों श्रमिकों को उनके पारिश्रमिक के रूप में प्राप्त होगा। यह संकट का समय है। ईमानदारी व तत्परता से काम करें ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंदों को योजनाओं से लाभान्वित किया जा सके। झारखण्ड आज कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है। यह बड़ी चुनौती है। हमें सीमित संसाधनों के बल पर स्वास्थ्य सुविधा, प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सृजन करना है। झारखण्ड का रोजगर खेतों से जुड़ा है। 



50 हजार वार्षिक आमदनी में होगा सहायक


मुख्यमंत्री ने कहा कि बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत फलदार पौधा लगाने का लक्ष्य निर्धारित है। इसमें बुजुर्गों और विधवा महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। ताकि उनके लिए भी रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। योजना के जरिये सरकार सड़क किनारे, सरकारी भूमि, व्यक्तिगत या गैर मजरुआ भूमि पर फलदार पौधा लगाया जाएगा। इन पौधों की देखभाल की जिम्मेवारी ग्रामीणों की होगी। उन्हें पौधा का पट्टा भी दिया जाएगा, जिससे वे फलों से आमदनी कर सकें। पौधारोपण के करीब तीन वर्ष बाद प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये की वार्षिक आमदनी होने की संभावना है। साथ ही फलों की उत्पादकता बढ़ने की स्थिति में फलों को प्रसंस्करण करने की भी योजना पर सरकार कार्य कर रही है।


राज्य में खेल की असीम संभावना


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। सरकार ने पंचायत स्तर पर खेल का मैदान निर्माण करने की योजना शुरू की है। वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के माध्यम से जहां एक ओर सरकार खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के कार्य करेगी, वहीं खेल के माध्यम से नौकरी में आरक्षण भी दिया जाएगा। खिलाड़ियों को खेल के रास्ते देश व राज्य के विकास से जोड़ना है। राज्य के खिलाड़ियों ने सीमित संसाधनों के बल पर देश और दुनिया में राज्य का मान बढ़ाया है। यहां के खिलाड़ी पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से भी बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं। 


भूमिगत जल का संवर्धन करना जरूरी है


मुख्यमंत्री ने बताया कि नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना के माध्यम से पांच लाख करोड़ लीटर जल वृद्धि की योजना है। भूमिगत जल का संवर्धन आज के समय की जरूरत है, जिसका आभास हमसब को है। योजना के माध्यम से बंजर भूमि को खेती योग्य बनाना है।


मनरेगा के तहत तेजी से काम का सृजन कर लोगों को रोजगार देना प्राथमिकता


ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि इस कठिन परिस्थिति में विभाग द्वारा योजनाओं को लागू किया जा रहा है। किसानों को लाभ देने के लिए नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना लागू की गई है।


सामाजिक दूरी बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने का प्रयास होगा। श्रमिक राज्य लौट रहें। उन्हें सीमित संसाधनों के बल सरकार रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में कार्यरत है। झारखण्ड में जल संचय जरूरी है ताकि बहुफसलीय खेती की जा सके। पौधारोपण पूर्व से ही होता रहा है लेकिन अब पौधरोपण कर आर्थिक लाभ लोगों को पहुंचाना है। युवाओं को खेल में अपनी क्षमता दिखाने के उद्देश्य से खेल का मैदान तैयार करने का कार्य होगा। मनरेगा के तहत तेजी से काम का सृजन कर लोगों को रोजगार देना प्राथमिकता है।


राज्य को जो चाहिए उसे धरातल पर उतारा जा रहा है


पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार की यह अनूठी पहल है। यह राज्य के लिए सुनहरा दिवस है। झारखण्ड की धरती को जो चाहिए उसे धरातल पर उतारा जा रहा है। योजनाओं से कृषि की उत्पादकता क्षमता में वृद्धि होगी। खेल विकास योजना से राज्य की प्रतिभाओं को निखारने में सहायक होगा। बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत फलदार पौधा लगाने की योजना है, इस कार्य से किसानों को लाभ तो होगा साथ ही पर्यावरण का संरक्षण भी हो सकेगा। इन योजनाओं के माध्यम से पलायन का कलंक भी सरकार धो सकेगी।


आइये जाने मुख्यमंत्री द्वारा शुभारंभ किये गए योजनाओं की विशेषताएं...


वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना...



  • सभी पंचायतों सहित राज्यभर में पांच हजार खेल के मैदान का निर्माण, युवक एवं युवतियों के लिए खेल सामग्री की व्यवस्था, प्रखंड एवं जिला स्तर पर सुसज्जित प्रशिक्षण केंद्रों का संचालन, खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरी में विशेष आरक्षण एवं मनरेगा के तहत एक करोड़ मानव दिवस का सृजन।


नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना...



  • जल संरक्षण के विभिन्न अब संरचनाओं का निर्माण, राज्य की वार्षिक जल संरक्षण क्षमता में पांच लाख करोड़ लीटर की वृद्धि, मनरेगा के तहत 10 करोड़ मानव दिवस का सृजन एवं पांच लाख एकड़ बंजर भूमि का संवर्धन।


बिरसा हरित ग्राम योजना...



  • पांच लाख परिवारों को सौ-सौ फलदार पौधे का पट्टा, राजभर में पांचकरोड़ पौधों का रोपण, अगले पांच साल तक पौधों को सुरक्षित रखने के लिए भी सहयोग, प्रखंड एवं जिला स्तर पर प्रसंस्करण इकाई की स्थापना, उत्पाद को सुगम रूप से बाजार उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्था, प्रत्येक परिवार को पचास हजार रुपये की निश्चित वार्षिक आमदनी, मनरेगा के तहत 25 करोड़ मानव दिवस का सृजन।


कार्यक्रम में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव ग्रामीण विकास विभाग अविनाश कुमार, मनरेगा कमिश्नर सिद्धार्थ त्रिपाठी, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद, मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव सुनील श्रीवास्तव व अन्य उपस्थित थे।