बुधवार, 13 मई 2020

दिल्ली सरकार ने 110093 पैरा ट्रांजिट वाहन के बैज धारक चालकों को 55,04,65,000 रुपये की सहायता राशि दी : कैलाश गहलोत

संवाददाता : नई दिल्ली


      दिल्ली सरकार ने लाॅकडाउन की वजह से आर्थिक तंगी से जूझ रहे 110093 पैरा ट्रांजिट वाहन के बैज धारक चालकों को 5-5 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान कर दी है। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्वीट कर बताया कि 110093 पैरा ट्रांजिट वाहन चालकों के लिए सरकार 55,04,65,000 रुपये की धनराशि जारी कर चुकी है।

 

दिल्ली सरकार ने तकनीक की मदद से चालकों को घर बैठे उनके आधार लिंक खाते में 5-5 हजार रुपये की सहायता राशि भेजी है। वहीं, पैरा ट्रांजिट वाहन के परमिट धारक, जिनके पास बैज नहीं है और योजना का लाभ नहीं प्राप्त किए हैं, दिल्ली में पंजीकृत ऐसे ई-रिक्शा मालिक भी सहायता राशि प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए दिल्ली सरकार ने http://pucc.delhi.gov.in/cvfa/checkAadhaar.jsp वेबसाइट लांच कर दिया है।

 


 

इस पर सहायता राशि प्राप्त करने के लिए लाइसेंस धारक मालिक आवेदन कर सकते हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में 4 मई 2020 को कैबिनेट की बैठक हुई थी। इस बैठक में दिल्ली सरकार ने पब्लिक सर्विस व्हीकल (पीएसवी) के बैज धारकों को दी जा रही एकमुश्त सहायता राशि की योजना का विस्तार करते हुए पैरा ट्रांजिट वाहन के परमिट धारक चालकों की तरह दिल्ली में पंजीकृत ई-रिक्शा मालिकों व लाइसेंस धारियों को भी 5-5 हजार रुपये की सहायता राशि देने की मंजूरी दी थी। 

 

दिल्ली कैबिनेट ने 4 मई को जिन पैरा ट्रांजिट वाहन के परमिट धारकों और दिल्ली में पंजीकृत ई-रिक्शा मालिकों को 5-5 हजार रुपये की सहायता राशि देने की धोषणा की थी, उनका आवेदन प्राप्त करने के लिए परिवहन विभाग वेबसाइट बना कर टेस्टिंग कर कर रहा था। परविहन मंत्री कैलाश गहलोत ने 12 मई को ट्वीट कर बताया था, ‘आज सुबह से साॅफ्टवेयर टेस्टिंग चल रही है। वाहन संघों को लिंक भी प्रदान किए गए हैं, ताकि वे अपनी प्रतिक्रिया दे सकें। आज शाम तक परीक्षण पूरा हो जाएगा। जैसा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी द्वारा निर्देशित है, परीक्षण के बाद आवेदक वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए आवेदन दाखिल कर सकते हैं।’ वहीं, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आज सुबह ट्वीट कर कहा, ‘मुझे बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि वेबसाइट टेस्टिंग का काम पूरा हो चुका है। अब सभी ई-रिक्शा मालिक और पैरा ट्रांजिट वाहन के परमिट धारक अपना आवेदन: http://pucc.delhi.gov.in/cvfa/checkAadhaar.jsp वेबसाइट पर दाखिल कर सकते हैं।

 

पीएसवी चालकों का डीएल व आधार का मिलान कराने के लिए ली गई तकनीक की मदद - कैलाश गहलोत

 

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि लाॅकडाउन की वजह से पब्लिक सर्विस व्हीकल के वाहन चालकों को कहीं जाने पर प्रतिबंध हैं। आर्थिक तंगी से जूझ रहे इन वाहन चालकों को सहायता राशि देने के लिए आफिस नहीं बुलाया गया, बल्कि सभी को घर बैठे ही तकनीक का इस्तेमाल कर आधार लिंक खाते में सहायता राशि उपलब्ध कराई गई। उन्होंने बताया कि जब सरकार ने चालकों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का फैसला किया, उस दौरान चालकों का सरकार के पास बैंक खाता नहीं था। चालकों का खाता प्राप्त करने के लिए एक वेबसाइट बनाई गई। जिस पर चालकों ने अपने ड्राइविंग लाइसेंस की मदद से आवेदन किया। इस दौरान यह समस्या आई कि कई चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस पर दर्ज नाम को आधार कार्ड से मिलान किया गया, तो नाम अलग-अलग पाया गया।

 

इसके बाद एक और वेबसाइट लाया गया। इस पर चालकों से आधार कार्ड में दर्ज अपना और अपने पिता के नाम को भर कर जमा करने के लिए कहा गया। इस वेबसाइट पर प्राप्त डेटा की जांच की गई और जिनके नाम का मिलान हो गया। उनके ड्राइविंग लाइसेंस में आधार कार्ड के मुताबिक नाम ड्राइविंग लाइसेंस में बदल दिया गया। फिर आधार कार्ड से लिंक बैंक खाते में दिल्ली सरकार ने पैसे भेज दिए। इस पूरी प्रक्रिया के िलए चालकों को घर से निकलने की जरूरत तक नहीं पड़ी। घर बैठे इसे परिवहन विभाग ने संपादित कराया। 

 

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि 2010 के बाद से किसी का पीएसवी बैज आँनलाईन अपडेट नहीं था। 2010 के बाद से पब्लिक सर्विस व्हीकल वाहन चालकों का डेटा सारथी साॅफ्टवेयर पर है, लेकिन 2010 से पहले पीएसवी चालकों का डेटा सारथी साॅफ्टवेयर में नहीं है। ऐसे एक लाख से अधिक पैरा ट्रांजिट वाहन के बैज धारक चालक थे, इनके लिए एक अलग वेबसाइट बनाया गया। जिसपर आधार, ड्राईविंग लाईसेंस और पीएसवी के आधार पर आवेदन करा सारा डाटा आनलाईन किया गया। जिसके बाद इनके खाते पर पैसा जाने का रास्ता साफ हुआ। 

 

परिवहन मंत्री ने सोशल मीडिया पर हजारों चालकों से की बात

 

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि चालकों को सहायता राशि का लाभ दिलाने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया गया। कई चालकों को आवेदन करने और आधार कार्ड लिंक कराने में दिक्कत आ रही थी। इसलिए उन्होंने चालकों को समझाने के लिए तीन बार सोशल मीडिया पर आॅनलाइन बात की। इस दौरान चालकों से प्राप्त शिकायतों को सुना गया और उसे निस्तारित किया गया। चालकों को बताए कि वे किस तरह त्रुटियों को दुरूस्त कराते हुए आवेदन भरें।

 

सोशल मीडिया पर हजारों लोगों ने बात की। इसी दौरान यह कई चालकों से शिकायत आई कि वे दिल्ली परिवहन विभाग में पंजीकृत हैं और वे वाहन मालिक हैं, लेकिन उनके पास पीएसवी बैज नहीं है। इसलिए उन्हें सहायता राशि नहीं मिल पा रही है। इसके बाद मौजूदा योजना का विस्तार करते हुए फैसला लिया गया गया कि ई-रिक्शा मालिकों और पैरा ट्रांजिट वाहन के परमिट धारकों को भी सहायता राशि दी जाएगी। अब इन ई-रिक्शा चालकों और पैरा ट्रांजिट वाहन के परमिट धारकों को लाभ देने के लिए भी वही प्रक्रिया अपनाई जा रही है। पहले उनका ड्राइविंग लाइसेंस और आधार कार्ड के नाम को सही किया जाएगा और इसके बाद सभी के आधार से जुड़े बैंक खाते में  सहायता राशि दी जाएगी।