शुक्रवार, 29 मई 2020

शराब पीना लोगों का मौलिक अधिकार नहीं : केजरीवाल

संवाददाता : नई दिल्ली


      देश में कोरोना के संक्रमण के साथ-साथ शराब की भी खूब चर्चा हो रही है। राज्य सरकारों ने लॉकडाउन के बीच अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए ठेके खोल दिए। अधिकांश राज्यों ने शराब पर अतिरिक्ट टैक्स भी लगा दिए। दिल्ली की बात करें तो यहां 70 प्रतिशत कोरोना टैक्स शराब पर वसूली जा रही है।



इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका भी दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान अरविंजद केजरवाल सरकार ने कोर्ट में कहा है कि शराब का व्यापार और उसका उपभोग करना मौलिक अधिकार नहीं है। सरकार के पास इसकी बिक्री को नियंत्रित करने का अधिकार है।


सरकार ने कोर्ट में कहा कि शराब के सभी ब्रांडों की एमआरपी पर 70 फीसदी का ‘विशेष कोरोना शुल्क इसलिए लिया जा रहा है ताकि वह जनता को एक विशेष सुविधा मुहैया करा रही है।