गुरुवार, 25 जून 2020

बैंक्वेट हॉल में 100 बेड का कोरोना सेंटर शुरू,एलएनजेपी से किया सम्बद्ध : अरविंद केजरीवाल

संवाददाता : नई दिल्ली


       दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलएनजेपी के पास एक बैंक्वेट हॉल में शुरू किए गए 100 बेड के कोरोना सेंटर का दौरा किया। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि आज एक बैंक्वेट हॉल में हमने 100 बेड का कोरोना सेंटर शुरू किया है। हर बेड पर ऑक्सीजन है। अब इस तरह से पूरी दिल्ली में कई बैंक्वेट हॉल में कोरोना सेंटर बनाये जाएंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में 13500 बेड में से अभी 6200 बेड इस्तेमाल हो रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 4 हजार मरीज बढ़े हैं, लेकिन अतिरिक्त बेड की जरूरत नहीं पड़ी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सभी कोविड मरीजों को क्वारन्टीन सेंटर जाकर जांच कराने की बाध्यता के आदेश को वापस ले लेना चाहिए, यह व्यवस्था ठीक नहीं है। 

 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना सेंटर का दौरा करने के बाद कहा कि आज हम लोगों ने एलएनजेपी अस्पताल के सामने 100 बेड का कोरोना सेंटर शुरू किया है। डॉक्टर फ़ॉर यू एक एनजीओ है, जो इसकी जिम्मेदारी ले रही है। मैं एनजीओ का शुक्रिया करना चाहता हूं कि इस महामारी के दौरान डॉक्टर्स की एनजीओ भी सामने आ रही हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस बैंक्वेट हाल में 100 बेड लगाए गए हैं। हर बेड के साथ ऑक्सीजन है। यह एलएनजेपी अस्पताल के साथ सम्बद्ध है। एलएनजेपी अस्पताल इस के सामने सड़क उस पार है। उन्होंने कहा कि जिन मरीजों को आईसीयू में जाने की जरूरत नहीं है, वे मरीज यहां रह सकते हैं। यदि किसी मरीज की हालत गंभीर होती है, तो उसे तुरंत सड़क पार स्थित एलएनजेपी अस्पताल में लेकर जाया जा सकता है। इस तरह का यह पहला बैंक्वेट हाल शुरू हो रहा है। 

 


 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले सप्ताह हम लोगों ने होटलों में लगभग 3000 बेड इस तरह के शुरू किए हैं और उन होटलों को हमने प्राइवेट अस्पतालों से संबद्ध किया है। उन्होंने कहा कि मोटे तौर पर अब हम कह सकते हैं कि इस समय दिल्ली में पर्याप्त बेड उपलब्ध है। अभी दिल्ली में करीब 13 हजार 500 बेड उपलब्ध है, जिसमें से करीब 6200 बेड इस्तेमाल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कल भी 6200 बेड इस्तेमाल हो रहे थे और आज भी 6200 बेड ही इस्तेमाल हो रहे हैं। कोई अतिरिक्त बेड की जरूरत नहीं पड़ी है, जबकि पिछले 24 घंटे में 4000 नए केस आए हैं। 4000 नए केस आए हैं, लेकिन अस्पतालों में नए बेड की जरूरत नहीं पड़ी है। इससे दो चीजें साफ है। एक तो यह कि दिल्ली में कोरोना काफी गंभीर नहीं है, लोग लोगों को कोरोना हो रहा है, वह अपने घर पर ठीक हो रहे हैं और नए बेड की जरूरत नहीं पड़ रही है। और दूसरा यह बताता है कि पिछले कुछ दिनों से जितने मरीज ठीक हो कर घर जा रहे हैं, उतने ही अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। इसलिए बेड में स्थिरता नजर आ रही है। 

 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसके बावजूद दे हम हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठे हुए हैं। अभी दिल्ली 13500 बेड का इंतजाम हो चुका है। जिस तरह से आज हमने इस बैंक्वेट हाल में कोरोना सेंटर को शुरू किया है, उसी तरह से दिल्ली के और भी कई और बैंक्वेट हॉल में शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा भी और भी कई तरीके से बेड बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। 

 

होम आइसोलेशन से सम्बंधित एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे कोरोना के हल्के और बिना लक्षण वाले कई लोगों के फोन आ चुके हैं। मुझे लगता है कि केंद्र सरकार ने सभी कोविड मरीजों को कोरोना केयर सेंटर भेजने का जो यह नया आदेश निकाला है, वह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले हमने जो व्यवस्था कर रखी थी, जिसमें किसी व्यक्ति की आज कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आती थी। हम उसके घर डॉक्टर भेजते थे। डॉक्टर से घर जाकर देखता था कि उसे अस्पताल जाने की जरूरत है या घर रहने की आवश्यकता है।

 


 

अगर उसको अस्पताल जाने की जरूरत है, तो उसे अस्पताल भेज देते थे और यदि उसको घर पर रहने की जरूरत है, तो डॉक्टर पूरे परिवार को बैठाकर उन्हें बताता था कि क्या-क्या करना है। इसके अलावा अगले दिन से उस मरीज के पास रोज डॉक्टर के फोन जाते थे। अब केंद्र सरकार ने आदेश निकाला है कि अगर कोई कोरोना पॉजिटिव होगा तो डॉक्टर उसके पास नहीं जाएगा बल्कि उसे कोविड सेंटर में आकर लाइन में लगना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि आप 103 या 102 डिग्री बुखार वाले व्यक्ति को लाइन में क्यों खड़े कर रहे हो? 

 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि हम सभी मिलकर काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और सारी संस्थाएं मिलकर काम कर रही हैं। केंद्र सरकार ने जिस भी कारण से यह आदेश जारी किया है। हो सकता है कि कोई गलतफहमी रही हो, अब उस आर्डर को वापस ले लेना चाहिए।