शुक्रवार, 26 जून 2020

गौपालन को लाभप्रद बनाने, गोबर प्रबंधन और पर्यावरण सुरक्षा के लिए छत्तीसगढ़ में शुरू होगी ‘गोधन न्याय योजना‘...

संवाददाता : रायपुर छत्‍तीसगढ़


      मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में गौ-पालन को आर्थिक रूप से लाभदायी बनाने तथा खुले में चराई की रोकथाम तथा सड़कों एवं शहरों में जहां-तहां आवारा घुमते पशुओं के प्रबंधन एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में गोधन न्याय योजना शुरू करने का एलान किया है। इस योजना की शुरूआत राज्य में हरेली पर्व के शुभ दिन से होगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय के सभा कक्ष में ऑनलाईन प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य सरकार की इस अभिनव योजना की जानकारी दी।


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना का उद्देश्य प्रदेश में गौपालन को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी सुरक्षा और उसके माध्यम से पशुपालकों को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बीते डेढ़ सालों में छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी के माध्यम से राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने चारों चिन्हारियों को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। गांवों में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौठानों का निर्माण किया गया है। 



मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में खुले में चराई की परंपरा रही है। इससे पशुओं के साथ-साथ किसानों की फसलों का भी नुकसान होता है। शहरों में आवारा घूमने वाले मवेशियों से सड़क दुर्घटनाएं होती है, जिससे जान-माल दोनांे का नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि गाय पालक दूध निकालने के बाद उन्हें खुले में छोड़ देते हैं। यह स्थिति इस योजना के लागू होने के बाद से पूरी तरह बदल जाएगी। 


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि इस योजना को पूरी तरह से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के आधार पर तैयार किया गया है। इससे अतिरिक्त आमदनी सृजित होगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए पूरा एक सिस्टम काम करेगा। एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट के जरिए हम जैविक खेती की ओर बढेंगे। इसका बहुत बड़ा मार्केट उपलब्ध है। 


इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्र कुमार, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, मुख्यमंत्री के पंचायत एवं ग्रामीण विकास सलाहकार प्रदीप शर्मा, मीडिया सलाहकार रूचिर गर्ग, मुख्य सचिव आर. पी. मण्डल, अपर मुख्य सचिव वित्त अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।