संवाददाता : नई दिल्ली
हीरासिंह राणा का 78 वर्ष की उम्र मे दिल का दौरा पड़ने से आकस्मिक निधन हो गया है। वे अपने पीछे पत्नी बिमला व एक बेरोजगार पुत्र हिमांशू को छोड़ गए हैं। हीरा सिंह राणा आज सुबह 13 जून 2020 उनका स्वास्थ्य बिगड़ जाने से आकास्मात मृत्यु हो गयी।
हीरा सिंह राणा को कुमांउनी, गढ़वाली और जौनसारी भाषा अकादमी का पहला उपाध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा की गई थी। फरवरी 2020 मे भारत सरकार संगीत नाटक अकादमी ने उन्हें अकादमी सलाहकार नियुक्त किया था।
हीरासिंह राणा का जन्म 16 सितंबर 1942 को अल्मोड़ा जिले के मनिला में डढोली गांव में हुआ था। अभूतपूर्व गीतों के रचयिता और न जाने कितनी बेमिसाल यादों को हमारे बीच छोड़ चुके हीरा सिंह राणा का जाना उत्तराखंड के लिए ब़ड़ी क्षति है।
उन्हे संघर्ष करने की सीख प्रदान की थी। उन्होंने न जाने कितने युवाओं को सही जीवन जीने का रास्ता भी सुझाया था, जिसे एक मिशाल के रूप मे ही याद किया जायेगा। ये सब बातें इस लोकगायक की प्रसिद्धि व खासियत के रूप मे चर्चा का विषय पीढी दर पीढ़ी बना रहेगा।
उत्तराखंड समाज में शोक की लहर दौड़ पड़ी कलाकार समाज स्तम्भ भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और इस दुख भरी घड़ी में उनके परिवार को दुख सहन करने की ताकत दे। वो अपने पीछे पत्नी बिमला और पुत्र हिमांशू को छोड़ गए हैं।