रविवार, 12 जुलाई 2020

अन्य निजी कार्य हेतु उपयोग की गई लकड़ी पर कोई अनुज्ञा पत्र नहीं और न ही किसी तरह का शुल्क...

संवाददाता : रांची झारखंड


      ए.पी.सिंह प्रधान सचिव, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने कहा कि राज्य सरकार जून में अधिसूचित की गई झारखण्ड वनोपज नियमावली 2020 में जल्द ही कुछ परिवर्तन करेगी। जिसमें ग्रामीणों द्वारा जलावन अथवा अन्य निजी कार्यों के लिये उपयोग की जाने वाली लकड़ी पर बने संशय को दूर किया जायेगा। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा इस संदर्भ में निदेश प्राप्त हुआ है। वे आज प्रोजेक्ट भवन में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में बोल रहे थे।


ए.पी. सिंह ने कहा कि वन,पर्यावरण एवं जलवायू परिवर्तन विभाग ने जून माह में ट्रांजिट रुल लाया था जिसके तहत झारखण्ड वनोपज नियमावली 2020 अधिसचित की गई थी। जिसमें जलावन लकड़ी के लिये 25 रु/घनमीटर की दर तथा अन्य वनोत्पाद को लेकर भी संशय हो रहा था। राज्य सरकार झारखण्ड वनोपज नियमावली 2020 में जल्द ही कुछ परिवर्तन करेगी जिसमें जलावन लकड़ी के लिये 25 रु/घनमीटर की दर को भी विलोपित कर दिया जायेगा।



उन्होंने कहा कि इस नियमावली में यह बात स्पष्ट है कि ग्रामीण अपनी ग्राम सीमा के अंदर जलावन या अन्य निजी कार्यों के लिये लकड़ी का उपयोग करते हैं तो उन्हें किसी तरह का शुल्क नहीं देना होगा और न ही अनुज्ञा पत्र(लाईसेंस) लेना होगा। परंतु इसे बेचने की अनुमति नहीं होगी। वहीं यदि लकड़ी का उपायोग व्यवासायिक हेतु करते हैं तो शुल्क देना होगा।


पी.के.वर्मा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, झारखण्ड ने कहा कि ग्राम सीमा के अंदर लकड़ी का उपयोग जलावन या निजी कार्यो हेतु अनुमान्य है न कि बेचने के लिये। पंरतु यदि वन क्षेत्र में सड़क निर्माण या अन्य कार्यों हेतु जंगल की कटाई से प्राप्त लकड़ी का उपयोग व्यवासायिक हेतु करते हैं तो अनुमति लेनी होगी।