गुरुवार, 23 जुलाई 2020

बीएसएफ में साथी जवान को कंधे पर बैठाकर लगाएंगे दौड़ जवान...

संवाददाता : नई दिल्ली


      बीएसएफ में फिटनेस को लेकर नई मुहिम की शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य है कि सभी जवान और अफसर हमेशा चुस्त बने रहें। देश के सामने खड़ी वर्तमान चुनौतियों को देखते हुए ये मुहिम महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सीमा सुरक्षा बल के डीजी का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे आईपीएस एसएस देसवाल ने अब दिल्ली में बीएसएफ अधिकारियों और कर्मियों को दौड़ाने का आदेश जारी कर दिया है। शारीरिक दक्षता परीक्षा में करीब दो हजार से ज्यादा अधिकारियों और कर्मियों को साढ़े तीन किलोमीटर दौड़ना होगा। 55 वर्षीय जवान, अपने साथी को कंधे पर बैठाकर 200 मीटर दौड़ेंगे और 6 फुट की दीवार व 9 फुट गहरा गड्ढा भी लांघना पड़ेगा।


साथ ही, बंदर रस्सी वाले करतब दिखाने के लिए कहा गया है। हालांकि कोरोना विषाणु के वर्तमान संक्रमण को देखते हुए इस पूरे अभ्यास को अंजाम देना बीएसएफ के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। सुरक्षा बलों में भी इस विषाणु ने सेंध लगा दी है और ये बीएसएफ के लिए भी बड़ी चिंता का विषय है। हालांकि समूचे कार्यबल को सतत फिट रखना भी बीएसएफ के लिए एक बड़ी चुनौती रहा है। इस वक्त सीमा के जो हालात हैं उसे देखते हुए ये और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।



सीमा सुरक्षा बल की शारीरिक दक्षता परीक्षा का पहला चरण 31 जुलाई से लेकर दो अगस्त तक चलेगा। 31 जुलाई को कमांडेंट स्तर तक की शारीरिक दक्षता परीक्षा आयोजित होगी। एक अगस्त को एसओ स्तर के अधिकारी इस परीक्षा में भाग लेंगे, जबकि दो अगस्त को ‘ओआर’ यानी बाकी बचे रैंक में आने वाले कर्मचारी मैदान में पहुंचेंगे। आदेशों में कहा गया है कि बीएसएफ डीजी का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे आईटीबीपी डीजी एसएस देसवाल इस शारीरिक दक्षता परीक्षा के अवसर पर स्वयं मौजूद रहेंगे।


बीएसएफ के जवानों और अधिकारियों को चुस्त-दुरुस्त रखने की ये मुहिम जहां बहुत महत्वपूर्ण है वहीं इसमें अधिक उम्र के जवानों और अधिकारियों के शामिल होने के कारण स्वास्थ्यगत पहलूओं का भी ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए पहले सभी का मेडिकल परीक्षण किया जाएगा। इस ट्रेनिंग से पहले संबंधित कर्मियों और अधिकारियों की आयु व मेडिकल तौर पर उनकी फिटनेस का ध्यान रखा जाए। वजन घटाने की ट्रेनिंग में उतरने से पहले जवानों का मेडिकल परीक्षण होगा। बीएसएफ की इस मुहिम को सभी सुरक्षा बलों के सभी कर्मियों को सतत चुस्त-दुरुस्त और मुस्तैद बनाए रखने के बड़े उद्देश्य से जोड़ कर देखा जा रहा है।