मंगलवार, 21 जुलाई 2020

देश की अपनी तरह की पहली गोधन न्याय योजना सोमवार से शुरु ,छत्तीसगढ़ सरकार खरीदेगी 2 रुपए किलो की दर से गोबर...

संवाददाता : रायपुर छत्‍तीसगढ़


      देश की अपनी तरह की पहली गोधन न्याय योजना की शुरुआत सोमवार से छत्तीसगढ़ में हुई। लोक महापर्व हरेली के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सांकेतिक रूप से गोबर खरीद कर इसे शुरु किया। इस योजना के तहत सरकार पशुपालकों से 2 रुपए किलो की दर से गोबर खरीदेगी और फिर उससे जैविक खाद तैयार किया जाएगा। योजना का उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि लागत में कमी और भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी है। इस योजना से पर्यावरण में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी बड़े बदलाव की उम्मीद है। गोधन न्याय योजना से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा।


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास पर धर्मपत्नी मुक्तेश्वरी बघेल और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ गोधन तथा कृषि यंत्रों की पूजा-अर्चना कर योजना की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश वासियों को नये साल के पहले त्योहार की बधाई देते हुए कहा कि यह योजना संकट के समय किसानों और पशुपालकों के लिए वरदान साबित होगी। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के संजीवनी बनेगी। उन्होंने कहा कि यह एक बहुआयामी योजना है, जिससे हमें बहुत सारे लक्ष्य एक साथ हासिल करेंगे। बघेल ने कहा कि गोधन न्याय योजना से पशुपालकों की आय में वृद्धि तो होगी ही, पशुधन की खुली चराई पर भी रोक लगेगी। जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा मिलने से रासायनिक खाद के उपयोग में कमी आएगी। खरीफ तथा रबी फसल की सुरक्षा सुनिश्चित होने से द्विफसलीय क्षेत्र में होगा। भूमि की उर्वरता में सुधार होगा तथा विष रहित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता बढ़ेगी, इससे पोषण का स्तर और सुधरेगा।



मुख्यमंत्री निवास पर गोधन न्याय योजना के शुभारंभ के अवसर पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री डा. शिवकुमार डहरिया,  खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष कुलदीप सिंह जुनेजा, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक, रायपुर नगर निगम से सभापति प्रमोद दुबे, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी, खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी सहित अनेक जनप्रतिनिधि और प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।


राज्य सरकार के मंत्री, संसदीय सचिव, प्राधिकरणों के अध्यक्ष, पंचायती राज संस्थाओं और नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधि गोधन न्याय योजना के शुभारंभ के लिए विभिन्न जिलों में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल हुए। छत्तीसगढ़ के पारंपरिक हरेली का त्यौहार को मनाने के लिए आज मुख्यमंत्री निवास के एक हिस्से को ग्रामीण परिवेश का स्वरूप दिया गया। मुख्यमंत्री निवास में गांव के घरों में जिस प्रकार पूजा की जाती है, उसकी झांकी तैयार की गई। गांव के घरों और बाड़े की झांकी को गोबर और मिट्टी से लीप कर तैयार किया गया। गांव के अनुरूप ही गौठान भी बनाया गया है। सजावट के लिए यहां गाड़ा बइला रखा गया । इसके अलावा किसानों के उपयोग की वस्तुएं, औजारों नांगर, गैती, रापा, कुदाली, बंसुला सहित कई औजार रखे गए।


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने औजारों की पूजा की और गाय को लोंदी खिलायी। उन्होंने हरेली मुख्यमंत्री निवास में बनाए गए गौठान में गोधन न्याय योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री निवास में गौठान की प्रतिकृति भी बनायी गई है। गोबर तौलने के लिए तराजू और चरिहा की व्यवस्था की गई है।


मुख्यमंत्री निवास के कार्यक्रम स्थल को आकर्षक ढ़ंग से नांगर, कोपर, सूपा, पर्रा, कंडिल, खुमरी, डोरी, माची, पिढ़वा, जाता, धान बोरी, गेड़ी, बहरी, राचर, हंड़ी, मरकी, बाना, हुमाही, गाड़ चक्का, छेना, दुहना, लउठी, चटई से सजाया गया है। पूजा स्थल पर ग्राम देवता और तुलसी चौरा रखा गया है।