मंगलवार, 28 जुलाई 2020

गंगा को प्लास्टिक वेस्ट मुक्त बनाने के लिए साथ आये जीआईज़ेड तथा अलाइंस ने लॉन्च किया प्रोजेक्ट ‘अविरल’...

संवाददाता : ऋषिकेश / हरीद्वार उत्तराखंड 


         गंगा नदी में प्लास्टिक वेस्ट को कम से कम करने के लिए दो संस्थाएं एकजुट हुई हैं। ये  संस्थाएं हैं- the Alliance (ALLIANCE to End Plastic Waste) तथा GIZ ( Deutsche Gesellschaft fur International Zusammenarbeit) । इन दोनों ही संस्थाओं ने मिलकर नेशनल कंजरवेशन डे (राष्ट्रीय संरक्षण दिवस) पर गंगा नदी मेंप्लास्टिक वेस्ट (कचरा) कम करने की दिशा में एक पायलट प्रोजेक्ट ‘अविरल’ लॉन्च किया है। इस अभियान के अंतर्गत उत्तरभारतीय शहरों हरिद्वार तथा ऋषिकेश के पर्यावरण में प्रवेशकर रहे प्लास्टिक कचरे को कम से कम करने का लक्ष्य रखा गया है।


पिछले कुछ सालों में ही भारत मे प्लास्टिक आधारित कचरे की मात्रा में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। खासतौर पर कचरे की यह बढ़ोत्तरी हरिद्वार और ऋषिकेश, इन दोनों शहरों को प्रभावितकर रही है। महत्वपूर्ण हिन्दू तीर्थस्थलों तथा सांस्कृतिक पर्यटन स्थलों के रूप में ख्यातिप्राप्त इन दो स्थलों पर पिछले कुछ वर्षों में यात्रियों और पर्यटकों की संख्या में हुई बढ़ोत्तरी कीवजह से प्लास्टिक के कचरे की मात्रा प्रबंधन से बाहर की बात हो गई है।



अविरल प्रोजेक्ट कचरा प्रबंधन के मार्ग में आने वाली चुनौतियों के निपटारे पर काम करेगा। विशेष तौर पर यह एकीकृत प्लास्टिक कचरा प्रबंधन सिस्टम (इंटीग्रेटेड प्लास्टिक वेस्टमैनेजमेंट सिस्टम) पर ध्यान केंद्रित करेगा। उक्त दो शहरों में दो वर्षीय इस पायलेट प्रोजेक्ट के साथ ही यह पार्टनरशिप भारत के अन्य सहयोगी शहरों में भी इस अभियान को आगे ले जानेका लक्ष्य रखती है।


अलाइंस टू एंड प्लास्टिक वेस्ट के प्रेसिडेंट तथा सीईओ, जैकब ड्यूर के अनुसार-‘हम एक ऐसी दुनिया चाहते हैं जहां हर नागरिक समुदाय एक ऐसे वातावरण में रह सके, जहांप्लास्टिक के कचरे का समुचित प्रबंधन हो। हमारी यह पार्टनरशिप, अलाइंस और जीआईज़ेड दोनों की एक महत्वाकांक्षा को साथ लेकर चलती है, जिसके अंतर्गत हम दोनों ही भारत कीजीवन रेखा तथा दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक गंगा में, प्लास्टिक कचरे को कम से कम करके, इस नदी पर निर्भर रहकर जीवनयापन करने वाले समुदायों के जीवनस्तरको सुधार सकें।’


जीआईज़ेड इंटरनेशनल सर्विसेस के डायरेक्टर जनरल श्री कर्स्टन श्मिट्ज़ हॉफमैन ने कहा-‘अविरल के साथ गंगा में प्लास्टिक के कचरे को कम करते हुए, हम स्वच्छ गंगा केराष्ट्रीय मिशन (नमामि गंगे) के वर्तमान फ्लैगशिप कार्यक्रम तथा स्वच्छ भारत मिशन (अभियान) के साथ भी चल रहे हैं। जैसा कि अविरल नाम से ही स्पष्ट है, हिंदी में इसका मतलब हैनिरन्तर। इस अभियान के जरिये हमारा कुल मकसद सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (दीर्घकालिक विकास लक्ष्य) को प्राप्त करने में दिए जाने वाले अपने योगदान को लगातार मजबूती देतेरहना है।’


निजी स्तर पर वित्तीय मदद प्राप्त यह प्रोजेक्ट दीर्घकालिक विकास के लक्ष्यों को पूरा करने में योगदान देता है, विशेषतौर पर यह स्वच्छ पेयजल व सेनिटेशन, सस्टेनेबल सिटीज वकम्युनिटीज (दीर्घकालीन शहर तथा समुदाय), क्लाइमेट एक्शन एवम दीर्घकालिक विकास के लिए  वैश्विक सहयोग के पुनरोद्धार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।