संवाददाता : चंडीगढ़ हरियाणा
हरियाणा विधानसभा को हाईटेक करने के मिशन के फलस्वरूप विधानसभा की पूरी कार्यप्रणाली पेपरलेस होने जा रही है। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने मंगलवार को इस परियोजना को सफल बनाने के लिए आवश्यक प्रक्रिया को पूरा करने की अनुमति दे दी है। इस प्रोजेक्ट पर 20 करोड़ की लागत आएगी, जिसमें से 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी प्रदेश सरकार वहन करेगी। यह प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की परियोजना राष्ट्रीय ई-विधान ऐपलिकेशन के तहत तैयार किया जा रहा है जो करीब एक वर्ष में पूरा होगा।
कार्यप्रणाली पेपरलैस होने से न सिर्फ पूरा कामकाज तीव्र गति से हो सकेगा बल्कि उसमें पारदर्शिता भी आएगी। इसके अलावा, कार्यवाही के लिए उपयोग किए जा रहे भारी मात्रा में कागजात भी बचाए जाएंगे, जो पर्यावरण के अनुकूल होने की दिशा में भी एक मील का पत्थर साबित होगा।
केंद्र सरकार की परियोजना नेशनल ई-विधान ऐपलिकेशन (नेवा) प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का एक मिशन मोड प्रोजेक्ट है। इसके लिए संसदीय कार्य मंत्रालय को नोडल एजेंसी बनाया गया है। प्रोजेक्ट का उद्देश्य सभी विधानसभा और विधान परिषदों को पेपरलैस करना है। इसके तहत, सदन की पूरी कार्यवाही को पेपरलैस किया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट के लिए हाल ही में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय के साथ हरियाणा के अधिकारियों की बैठक हुई है। बैठक में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव सत्यप्रकाश खटाना और हरियाणा सरकार की तरफ से संसदीय कार्य विभाग के सचिव नीतिन यादव और हरियाणा विधानसभा के सचिव आर. के. नान्दल ने भाग लिया। बैठक में त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर करने की सहमति बनी है।
त्रिपक्षीय एमओयू में पहली पार्टी केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय, दूसरी पार्टी हरियाणा सरकार और तीसरी पार्टी हरियाणा विधानसभा होगी। एमओयू हस्ताक्षर करने के बाद इस संबंध में दो कमेटियां बनाई जाएंगी। पहली कमेटी हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष की अध्यक्षता में होगी, जिसमें पक्ष और विपक्ष के कम से कम नौ विधायक होंगे। दूसरी कमेटी हरियाणा विधानसभा के सचिव की अध्यक्षता बनेगी, जिसमें हरियाणा सरकार के संसदीय कार्य विभाग के प्रतिनिधि, सूचना प्रौद्योगिक विभाग के प्रतिनिधि, राज्य सूचना अधिकारी, नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर और विधानसभा के अधिकारी शामिल होंगे।
सदन शुरू होने से 45 मिनट पहले विधायकों को टैबलेट पर मिलेगी पूरी कार्यवाही की जानकारी
सदन की पूरी कार्यवाही को पेपरलैस करने के बाद प्रश्न काल, बिल प्रोसेंसिंग, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव आदि कार्यवाही का आनॅलाइन माध्यम से संचालन किया जाएगा। सदन की कार्यवाही शुरू होने से 45 मिनट पहले सभी आनॅलाइन पेपर सदन में लगे टैब के द्वारा प्रस्तुत किए जाएंगे। इससे कागज की बचत होगी और सदन का कार्य पारदर्शी व स्पष्ट तरीके से हो पाएगा।