शनिवार, 25 जुलाई 2020

मारी कोशिश हो कि तकनीक के माध्यम से हम अपने विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करें : राज्यपाल

संवाददाता : रांची झारखंड


      माननीया राज्यपाल-सह-राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) से लगभग पूरी दुनिया जूझ रही है। हमारा देश भी इस भीषण व कठिन चुनौती का समाना कर रहा है। इस महामारी के कारण आज हमारे शैक्षणिक संस्थान बन्द हैं। विवशता है कि हमारे शिक्षक एवं विद्यार्थी घर पर हैं, ऐसे में ई-लर्निंग के माध्यम से विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना सुखद पहलू है। लेकिन विडम्बना भी है कि झारखण्ड जैसे प्रान्त में यह उतना सार्थक नहीं हो पाया। हमारे बहुत-से विद्यार्थी विभिन्न पिछडे एवं सुदूरवर्ती इलाके में रहते हैं, जहाँ वे इन सुविधाओं से वंचित हो जाते हैं।


फिर भी हमारी कोशिश हो कि तकनीक के माध्यम से हम अपने विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करें। राज्यपाल महोदया आज झारखण्ड राज्य में उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार तथा विश्वविद्यालयों की दशा में व्यापक सुधार हेतु विडियोकॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा कर रही थी। विडियोकॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आहुत इस समीक्षा बैठक में अध्यक्ष, झारखण्ड लोक सेवा आयोग सुधीर त्रिपाठी, राज्यपाल के प्रधान सचिव-सह-प्रधान सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा शैलेश कुमार सिंह, निदेशक, उच्च शिक्षा के अतिरिक्त राँची विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विश्वविद्यालय, सिदो कान्हु विश्वविद्यालय, नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय, विनोद बिहारी महतो कोयलाचंल विश्वविद्यालय, डा० श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति और एन.आई.सी के झारखण्ड प्रभारी मौजूद थे।



राज्यपाल महोदया ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति और प्रोन्नति की ओर ध्यान देना नितांत आवश्यक है। झारखण्ड लोक सेवा आयोग शिक्षकों की प्रोन्नति में जहाँ विशेषज्ञों की जरूरत नहीं है, उनका तीव्र निष्पादन करें। साथ ही तिथि परिवर्तन के मामले तो आयोग पर ही निर्भर हैं, इसका भी वे जल्द निष्पादन कर दें। उन्होंने राज्य के विश्वविद्यालयों से कहा है कि वे झारखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा त्रुटि सुधार हेतु भेजे गये मामले को एक माह के अन्दर आयोग को भेजे ताकि आयोग प्रोन्नति के


माननीया राज्यपाल-सह-राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति महोदया ने कहा कि घंटी आधारित शिक्षकों के मानदेय में भुगतान संबंधी समस्यायें सुनने में आ रही है। इस नोवेल कोरोना वायरस के दौर में उन्हें एक निश्चित मानदेय का भुगतान किया जाय जो सभी विश्वविद्यालयों हेतु एकरूप हो। उन्होंने सेवानिवृत्त शिक्षक/शिक्षकेतर कर्मियों की समस्याओं की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी शिक्षक/शिक्षकेतर कर्मियों को उनका वाजिब हक अर्थात पेंशन मिले।


लंबित सेवानिवृत्ति लाभ के मामले का शीघ्र निबटारा हो। उन्होंने शैक्षणिक कैलेंडर एवं सत्र नियमतीकरण की समीक्षा करते हुए कहा कि वर्तमान विषम परिथ्सिथतियों में कैसे हर विद्यार्थी तक हम तकनीक के जरिये अपनी पहुँच को सुगम बना सकते हैं, इस ओर पूर्णत: ध्यान देना होगा। उन्होंने चांसलर पोर्टल के माध्यम से नामांकन की समीक्षा की। उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों से कहा कि चांसलर पोर्टल में आ रही परेशानियों को एन.आई.सी. के साथ समन्वय कर सुचारू रूप संचालित करें। राज्यपाल महोदया ने सभी विश्वविद्यालयों से कहा कि वे महालेखाकार कार्यालय से शीघ्र अपने यहाँ वित्तीय अंकेक्षण करायें