बुधवार, 29 जुलाई 2020

प्रधानमंत्री और मॉरिशस के प्रधानमंत्री संयुक्त रूप से मॉरिशस के नए उच्चतम न्यायालय भवन का करेंगे शुभारम्भ...

संवाददाता : नई दिल्ली


      प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविन्द जगन्नाथ दोनों संयुक्त रूप से 30 जुलाई, 2020 को मॉरिशस के उच्चतम न्यायालय के नए भवन का शुभारम्भ करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंस से होने वाले इसके उद्घाटन के दौरान मॉरिशस की न्यायिक व्यवस्था के वरिष्ठ सदस्य और दोनों देशों के अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहेंगे। इस भवन का निर्माण भारतीय अनुदान सहायता से किया गया है और यह मॉरिशस की राजधानी पोर्ट लुइस में भारत की सहायता से बनी पहली बुनियादी ढांचा परियोजना होगी।



भारत सरकार ने पांच परियोजनाओं के लिए वर्ष 2016 में मॉरिशस को 353 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ‘विशेष आर्थिक पैकेज’ दिया था, जिसके अंतर्गत बनने वाला नया उच्चतम न्यायालय पहली परियोजना है। यह परियोजना तय समयसीमा के भीतर और अनुमान से कम लागत पर पूरी की गई है। 10 मंजिल वाली यह इमारत लगभग 4,700 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली है और इसका निर्मित क्षेत्रफल (बिल्ट अप एरिया) 25,000 वर्ग मीटर है। आधुनिक डिजाइन और हरित विशेषताओं वाली इस इमारत में तापीय और ध्वनि अवरोधन तथा उच्च ऊर्जा दक्षता पर जोर दिया गया है। नए भवन में मॉरिशस के उच्चतम न्यायालय के सभी शाखाएं और कार्यालय आ जाएंगे, जिससे उसकी दक्षता में सुधार होगा।


प्रधानमंत्री मोदी और मॉरिशस के प्रधानमंत्री ने संयुक्त रूप से अक्टूबर, 2019 में मॉरिशस में मेट्रो एक्सप्रेस परियोजना के फेज-1 और नई ईएनटी अस्पताल परियजोना का शुभारम्भ किया था। इन्हें भी विशेष आर्थिक पैकेज के अंतर्गत बनाया गया है। मेट्रो एक्सप्रेस परियोजना के फेज-1 के अंतर्गत, बीते साल सितंबर में मेट्रो लाइन के 12 किलोमीटर लंबे हिस्से का निर्माण पूरा हो गया था, जबकि फेज-2 के अंतर्गत मेट्रो लाइन के 14 किलोमीटर लंबे हिस्से का निर्माण कार्य जारी है। ईएनटी परियोजना के माध्यम से भारत ने मॉरिशस में 100 बिस्तर वाले अत्याधुनिक ईएनटी अस्पताल के निर्माण में सहयोग दिया है।


भारत द्वारा सहायता से मॉरिशन में बन रही उच्च गुणवत्ता वाली बुनियादी ढांचा परियोजना का सफल और समयबद्ध निर्माण पूरा होने से मॉरिशस और उस क्षेत्र में भारतीय कंपनियों के व्यापक अवसर पैदा होंगे। नया उच्च न्यायालय भवन शहर के बीचो-बीच एक अहम स्थान होगा और दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय भागीदारी का प्रतीक होगा।