बुधवार, 8 जुलाई 2020

रोगी को सड़क पर छोड़ जाने की घटना अमानवीय और निंदनीय...

संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश 


      मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना मरीज को अस्पताल के बहार छोड़ने की घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए घटना की जाँच के आदेश दिये है। उन्होंने कहा कि यह घटना अमानवीय और निंदनीय है। घटना के दोषी लोगों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए।


मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में गत साढ़े तीन माह से कोरोना पर नियंत्रण के कार्य के साथ ही एक-एक रोगी का उपचार सर्वोच्च प्राथमिकता से सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रत्येक जिले में स्वास्थ्य विभाग का अमला सजग है। कोविड केयर सेंटर सुचारु रूप से कार्य कर रहे हैं। प्रतिदिन जिले से लेकर राज्य स्तर की गहन समीक्षा की जा रही है। इसी स्थिति में किसी रोगी को गंभीर स्थिति में अस्पताल प्रबंधन, एम्बुलेंस संचालक या किसी भी अन्य व्यक्ति द्वारा अपने हाल पर छोड़ दिए जाने की घटना बहुत गंभीर है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस घटना के दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी।



मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कान्फ्रेस द्वारा कोरोना की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि संदिग्ध कोरोना रोगियों की शीघ्र पहचान और कान्टेक्ट ट्रेसिंग कार्य पूरी गंभीरता से जारी रहे। किल कोरोना अभियान में घर-घर पहुँचकर सर्वे दल सेम्पलिंग का कार्य बढ़ाएं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अधिक से अधिक सेंपल लिए जाने से वायरस के नियंत्रण का कार्य आसान होगा। सर्दी-खांसी जुकाम के लक्षणों वाले व्यक्तियों में जो गंभीर दिखायी दें उनका सेम्पल लेकर अविलंब उपचार प्रारंभ करें। बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री चौहान ने कोविड -19 नियंत्रण प्रयासों की जिलेवार जानकारी प्राप्त की। खण्डवा जिले की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने खण्डवा मेडिकल कॉलेज द्वारा टेस्टिंग और उपचार कार्य की जानकारी ली। खण्डवा मेडिकल कॉलेज में इस समय आईसीयू में 6 रोगी भर्ती हैं। कुल 41 हजार लोगों का स्वास्थ्य सर्वे किया गया। कलेक्टर खण्डवा ने बताया कि जिले में किल-कोरोना अभियान के अंतर्गत डोर-टू-डोर सर्वे के कार्य के अलावा मेडिकल स्टोर के माध्यम से सर्दी-खांसी और बुखार के रोगियों को चिन्हित कर संबंधित परिवारों की स्वास्थ्य जांच करवाई गई है। इसके अच्छे परिणाम प्राप्त हुए। जिन 510 लोगों की स्वास्थ्य जांच हुई उनमें से 16 पॉजीटिव रोगी पाए गए। मुख्यमंत्री चौहान ने खण्डवा में अपनाई गई इस पद्धति को जारी रखने के लिए कहा।


मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कोरोना वायरस की मॉनीटरिंग में खण्डवा जिले में हुए नवाचार को अन्य जिलों में अपनाये जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जिस तरह भोपाल में प्रारंभ में बाहर से आए व्यक्तियों के आगमन के बाद आवश्यक एहतियात बरती गई और कांटेक्ट ट्रेसिंग का कार्य नियमित हुआ, उसे अभी भी अमल में लाना चाहिए। खण्डवा जिले में अब तक 7105 सेंपल लिए गए हैं। कुल 358 पॉजीटिव केस हैं, जिनमें 64 एक्टिव केस हैं।


खरगौन जिले की समीक्षा में बताया गया कि खरगोन में उपलब्ध बिस्तर क्षमता का 12 प्रतिशत ही उपयोग में आ रहा है। जिले में 3268 व्यक्ति होम क्वारेंटाइन किए गए हैं। जिले में 83 कंटेन्‍मेंट क्षेत्र बनाये गए हैं। कुल 358 सर्वे दल कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में 16 फीवर क्लीनिक संचालित हैं। सर्वे दल को 103 कोरोना के संदिग्ध रोगी मिले हैं। इसके साथ ही 7 मलेरिया और 1 डेंगू रोगी की जानकारी भी सामने आई है। कांटेक्ट ट्रेसिंग का कार्य किया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान ने प्रत्येक पॉजीटिव रोगी की कांटेक्ट ट्रेसिंग करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कलेक्टर खरगोन को निर्देश दिए कि खण्डवा में किए गए कार्य की तर्ज पर रोगियों को लक्षण के आधार पर चिन्हित करने का कार्य किया जाए।


समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में इस पखवाड़े प्रति मिलियन 1516 टेस्ट किए जा रहे हैं। प्रदेश में अप्रैल माह में यह संख्या मात्र 26 थी। हर पखवाड़े यह संख्या बढ़कर क्रमश: 222, 466, 816, 878, 1204 हुई। बीते पखवाड़े अर्थात 22 जून से 7 जुलाई के मध्य हुए टेस्ट में यह प्रति मिलियन टेस्ट की संख्या 1500 को पार कर गई है।


बैठक में जानकारी दी गई की प्रदेश में इस सप्ताह करीब साढ़े तीन करोड़ व्यक्तियों का किल-कोरोना अभियान के अंतर्गत सर्वे किया गया है। सर्वे में अब तक लगभग 57 हजार नागरिक संदिग्ध पाए गए, 27 हजार 808 लोगों के सेंपल लिए गए हैं। सोमवार को कुल 6 हजार 543 सेंपल लिए गए। इनमें से 403 व्यक्ति पॉजीटिव पाए गए, जिनका उपचार किया जा रहा है।