सोमवार, 27 जुलाई 2020

उद्धव ठाकरे बोले: जिसे मेरी सरकार गिरानी है गिराए, स्टीयरिंग मेरे हाथ में है...

संवाददाता : मुंबई  महाराष्ट्र


      राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कहना है कि जिसे किसी को मेरी सरकार गिरानी हो वो आज ही गिराए। फिर देखता हूं मैं। उन्होंने कहा कि इंतजार किसका है? अब सरकार गिराओ, सरकार तीन पहियों वाली है, लेकिन वह गरीबों का वाहन है। पर स्टेयरिंग मेरे ही हाथ में है लेकिन पीछे दोनों बैठे हैं। बुलेट ट्रेन या रिक्शा में से किसी में चुनाव करना पड़ा तो मैं रिक्शा ही चुनूंगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं गरीबों के साथ खड़ा रहूंगा। मेरी यह भूमिका मैं बदलता नहीं हूं। कोई ऐसी सोच न बनाए कि अब मैं मुख्यमंत्री बन गया हूं, मतलब बुलेट ट्रेन के पीछे खड़ा रहूंगा। नहीं, मैंने इतना ही कहा कि मैं मुख्यमंत्री होने के नाते सर्वांगीण विकास करूंगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था डगमगा गई है, लेकिन रास्ता निकालेंगे। शिवसेना के मुखपत्र सामना में जब उनसे पूछा गया कि क्या ऑपरेशन लोटस महाराष्ट्र में सफल होगा या नहीं? तो इसपर उन्होंने कहा कि करके देखो ना। मैं भविष्यवाणी कैसे करूंगा? आप करके देखो।



जोड़-तोड़ करके देखो। एक महत्वपूर्ण मुद्दा क्या है कि ऐसा कोई भी विपक्षी नेता दिखाओ जो दूसरी पार्टी में जाकर सर्वोच्च पद पर पहुंचा है, मुख्यमंत्री बना है। आपको आपकी पार्टी में ऐसा क्या नहीं मिलता है कि आप दूसरी पार्टी में जाते हैं। कई जगह पर ऐसे उदाहरण हैं। ऐसे तोड़फोड़ होता है उसके पीछे ‘इस्तेमाल करो और फेंक दो’ यही नीति सबने अपनाई है।तीन पहियों वाली सरकार के आरोप पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हां सरकार तीन पहियों वाली है, लेकिन वह गरीबों का वाहन है। बुलेट ट्रेन या रिक्शा में चुनाव करना पड़ा तो मैं रिक्शा ही चुनूंगा। मैं गरीबों के साथ खड़ा रहूंगा।


मेरी यह भूमिका मैं बदलता नहीं हूं। कोई ऐसी सोच न बनाए कि अब मैं मुख्यमंत्री बन गया हूं, मतलब बुलेट ट्रेन के पीछे खड़ा रहूंगा। नहीं, मैंने इतना ही कहा कि मैं मुख्यमंत्री होने के नाते सर्वांगीण विकास करूंगा। तीन पहिया वह एक दिशा में चलती है ना। फिर आपका पेट क्यों दुखता है। केंद्र में कितने पहिये हैं? हमारी तो ये तीन पार्टियों की सरकार है। केंद्र में कितने दलों की सरकार है, बताओ ना। पिछली बार जब मैं एनडीए की बैठक में गया था, तब तो 30-35 पहिए थे। मतलब रेलगाड़ी थी।