संवाददाता : कानपुर उत्तरप्रदेश
पुलिसकर्मियों की नृशंस हत्या के बाद से बिकरू गांव में दहशत भरी चुप्पी है। विकास दुबे पर बढ़ते शिकंजे और घर गिराए जाने के बाद खौफ के बीच गांव वाले अपने-अपने घर छोड़ पलायन करने लगे हैं। आसपास के गांव वालों से पूछताछ के दौरान पता चला कि सभी हिस्ट्रीशीटर के समर्थक हैं। कोई भी अपना मुंह नहीं खोलना चाहता है।
गांव में जिस किसी से पूछा वह बस यही बोल रहा है, साहब… हम तो सो रहे थे हमने कुछ भी नहीं देखा। सड़क पर चारों तरफ खून ही खून, गोलियों से दीवारे पूरी छलनी हो गई हैं, आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए, अब भी कुछ बताने और पूछने को बचा है क्या..? पूछताछ के दौरान किसी ने मुंह तो नहीं खोला, लेकिन इस तरह से जवाब जरूर दिया।
इससे एक बात तो साफ है कि बिकरू ही नहीं, आसपास के गांव में भी विकास दुबे की दहशत कायम है। इसके चलते पुलिस को जांच करने में परेशानी होर ही है। पुलिस अफसरों ने लाख गांव के लोगों से पूछताछ करने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी अपना बयान दर्ज कराने की बात छोड़िए पूछताछ में भी कुछ भी बताने को तैयार ही नहीं हुआ।
पूरे गांव में दिन भर सन्नाटा छाया रहा। कई घरों से लोग गायब हो गए हैं। पुलिस सर्च ऑपरेशन की मदद से लोगों की पहचान कर रही है।