शनिवार, 1 अगस्त 2020

" हो गया है, तुझ से प्यार बहुत " कवयित्री श्वेता सिंह की कलम से...

कवयित्री श्वेता सिंह की कलम से...


 


" हो गया है ,तुझ से प्यार बहुत "


 


तेरी आवाज़ सुनने को है दिल बेक़रार बहुत


तेरे आने का भी है अब इंतज़ार बहुत। 


 


कुछ वाक़ियात मुझे नहीं समझते, कुछ हालात को मैं


वरना दिल तो चाहता है करना तुझ पर एतबार बहुत। 


 


हो ही जाती है मुझ से ये कैफ़ियत ज़ाहिर


हर लफ़्ज़ तो चाहता है करना इन्कार बहुत। 


 


जाने क्यूँ हो जाती है हर बार मुझ से ये ख़ता मगर


तज़किरा तेरा कर देता है जीना मेरा दुश्वार बहुत। 


 


तुझ से मिलने की चाहत में तन्हा साथ तेरे मैं


ज़माने ने कर दिया तुझे भी अकेला इस बार बहुत। 


 


फिर से एक बार तोड़ दे मेरा यक़ीन


किसी को न चाहूँ इतना अबकी बार बहुत। 


 


तकर्रुब अगर हो हासिल तेरा तो कहूँ 


क्यूँ हो गया है तुझ से प्यार बहुत .... !