सोमवार, 17 अगस्त 2020

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्य के पूर्व सीएम हरीश रावत अब पूरी तरह से चुनावी मोड में...

संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड 


      कभी देहरादून-हरिद्वार की सड़कों पर प्रदर्शन तो उसके तत्काल बाद गैरसैंण और पिथौरागढ़ के ताबड़तोड़ दौरे। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्य के पूर्व सीएम हरीश रावत अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गए हैं। जून में दिल्ली से लौटने के बाद रावत ऐसे बड़े कार्यक्रम कर चुके हैं, जिनकी वजह से राज्य की राजनीति में हलचल तेज हुई है। 72 साल के बुजुर्ग को मैदानी सड़कों और पहाड़ की ऊंचीनीची पगडंडियों पर आए दिन दौड़भाग करता देख  भाजपा तो गंभीर है ही, कांग्रेस के भीतर भी कम कसमसाहट नहीं।रावत का अभियान 29 जून से शुरू हुआ और लगातार जारी है। रावत के हालिया बयानों में भी उनकी चुनावी तैयारियों की झलक साफ नजर आ रही है। अब तक कार्यक्रमों में रावत ने केंद्र सरकार के बजाए राज्य सरकार पर ही फोकस रखा है। रावत यह अच्छे से समझते हैं कि केंद्र सरकार का जिक्र करते ही पीएम नरेंद्र मोदी का आभामंडल राज्य के चुनाव अभियान की राह में आ जाएगा। जबकि प्रदेश को फोकस में रखने पर भाजपा को घेरने की कोशिश कुछ कामयाब हो सकती है। इसी वजह से रावत आए दिन प्रदेश के कांग्रेस नेतृत्व और कार्यकर्ताओं को भी चेता रहे हैं कि विधानसभा चुनाव को त्रिवेंद्र सरकार बनाम कांग्रेस ही रखना होगा। दूसरी तरफ, प्रदेश नेतृत्व से अलग हटकर कार्यक्रम करने के लिए रावत ने क्षमा मांगी है।



पूर्व सीएम हरीश रावत की यात्रा


29 जून को देहरादून में बैलगाड़ी यात्रा
30 जून को अपने खिलाफ मुकदमों के विरेाध में राजभवन कूच
27 जुलाई को दून में प्रदेश अध्यक्ष के साथ संयुक्त प्रदर्शन
09 अगस्त को गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी पर सरकार को घेरा
10 -11 अगस्त पिथौरागढ़ में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
12 अगस्त को अल्मोड़ा के जागेश्वर में जनसभाएं, कार्यकर्ता बैठक
14 अगस्त जसपुर में सड़कों बदहाली के खिलाफ सांकेतिक पदयात्रा


मैं केवल एक उत्प्रेरक का काम कर रहा हूं। कम से कम इस वजह से सरकार का ध्यान जमीनी मुद्दों की तरफ जा तो रहा है। पंद्रह अगस्त के दिन में हरिद्वार में सड़कों की बदहाली को लेकर बैलगाड़ी यात्रा भी निकालूंगा।- हरीश रावत, कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व सीएम उत्तराखंड


पूर्व सीएम हरीश रावत ने ली चार दिन की छुट्टी


इसी बीच खबर है कि हरीश रावत ने सार्वजनकि कार्यक्रमों से चार दिन की छुट्टी ले ली है। बैलगाड़ी यात्रा का असर उनके शरीर पर पड़ा है। बताया जा रहा है कि स्लिप डिस्क के कारण उठने-बैठने में मुश्किल आ रही है। इस कारण उन्होंने चार दिन की छुट्टी लेने का फैसला किया है। रावत ने 15 अगस्त को हरिद्वार में सड़कों की बदहाली के खिलाफ बैलगाड़ी यात्रा निकाली थी।