शुक्रवार, 28 अगस्त 2020

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर कृषि विपणन बोर्ड की 198 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के शिलान्यास किए...

संवाददाता : शिमला हिमाचल


      मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने गुरूवार यहां ढली सब्जी मंडी से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों व बागवानों को लाभान्वित करने के लिए प्रदेश के हिस्सों में हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड की 198 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के शिलान्यास किए।

 

उन्होंने शिमला जिला के मेंहदली (रोहडू) और शिलारू में 20-20 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली नई फल एवं सब्जी उप-मंडी कुल्लू जिला के बंदरोल में 12.01 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली नई फल एवं सब्जी उप-मंडी की आधारशिलाएं रखीं। उन्होंने 8.52 करोड़ की लागत से पराला फल एवं सब्जी मंडी के उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण, कुल्लू एवं लाहौल-स्पीति समिति के लिए पांच करोड़ रुपये की लागत से फल एवं सब्जी उप-मंडी शाट के उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण, मंडी जिला में 3.21 करोड़ रुपये की लागत से फल एवं सब्जी मंडी कांगणी के उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण, 5.62 करोड़ रुपये के व्यय से पांवटा-साहिब फल एवं सब्जी मंडी के उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण, दो करोड़ रुपये की लागत से फल एवं सब्जी उप-मंडी पालमपुर के उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण और सोलन जिला में 24.96 करोड़ रुपये की लागत से टर्मिनल मंडी परवाणु के उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण के शिलान्यास किए।

 

मुख्यमंत्री ने फल एवं सब्जी मंडी, ढली के विस्तारीकरण का शिलान्यास किया, जिस पर 18.86 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने विपणन बोर्ड परिसर खलीनी, शिमला में चार करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय से नये कार्यालय, ब्लाॅक व पार्किंग निर्माण कार्य, कुल्लू की मुख्य मंडी में 1.15 करोड़ रुपये के व्यय से इंटरलाॅकिंग कंकरीट पेवर और यू-शेप नाली के कार्य, फल एवं सब्जी उप-मंडी भुंतर में 53 लाख रुपये से 11 दुकानों के निर्माण, फल एवं सब्जी उप-मंडी खेगसू में 72 लाख रुपये की लागत से पार्किंग स्थल के निर्माण, फल एवं सब्जी उप-मंडी चैरी-बिहाल (मनाली) में 2.66 करोड़ रुपये की लागत से किसान भवन, चारदीवारी के निर्माण और सुरक्षा के लिए वायरक्रेट्स लगाने तथा पतलीकूहल फल एवं सब्जी उप-मंडी में 52 लाख रुपये की लागत से सुरक्षा दीवार एवं चारदीवारी के निर्माण और यार्ड क्षेत्र में मेटलिंग कार्य की आधारशिलाएं रखीं।

 

जय राम ठाकुर ने फल एवं सब्जी उप-मंडी बिलासपुर में 2.84 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले बहुमंजिला परिसर के निर्माण, 1.85 करोड़ रुपये की लागत से नई अनाज उप-मंडी मजारी के निर्माण, मुख्य मंडी सोलन में 52 लाख रुपये की लागत से कोटा स्टोन लगाने और सुरक्षा दीवार के निर्माण और टर्मिनल मंडी परवाणु में 2.74 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न कार्यों का भी शिलान्यास किया।

 


 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोल्ड चेन अधोसंरचना स्थापित की जाएगी, जिसके पहले चरण में शिमला जिला की पराला मंडी के लिए योजना तैयार की गई है। इसी के अंतर्गत खड़ा पत्थर में 60 मीट्रिक टन क्षमता के प्री-कूलिंग चेंबर स्थापित किए जाएंगे और फलों व सब्जियों की ढुलाई के लिए पांच वातानुकूलित वाहन भी खरीदे जाएंगे। इस कार्य पर 59.25 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन किसानों व बागवानों के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि आज कृषि व बागवानी उत्पादों के विपणन के लिए प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लगभग 200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के शिलान्यास किए गए। इससे किसानों की आर्थिकी मजबूत करने में सहायता मिलेगी, क्योंकि उन्हें अपने उत्पाद बेचने के लिए बेहतर अधोसंरचना सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

 

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान ग्रामीण आर्थिकी में प्रदेश की आर्थिकी को संबल प्रदान किया है। प्रदेश की लगभग 90 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की परिकल्पना के बिना कोई भी प्रगति के बारे में नहीं सोच सकता है। इस महामारी ने यह बात फिर से साबित की है कि किसान हमारी आर्थिकी की रीढ़ है और यही कारण है कि प्रदेश सरकार कृषक समुदाय को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने पेटियों, ट्रे और अन्य सामग्री के पर्याप्त प्रबन्ध किए हैं, ताकि बागवानों को अपने उत्पाद बेचने में कोई असुविधा न आए। सरकार के व्यापक प्रबन्धों के कारण बागवानों को इस सीज़न में चेरी के बेहतर दाम मिले। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री ने मामला उठाकर यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि प्रदेश के सेब उत्पादकों को नई दिल्ली में अपना उत्पाद बेचने में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।

 

उन्होंने कहा कि आज जिन परियोजनाओं के शिलान्यास किए गए हैं, उन्हें आगामी डेढ़ वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को भी बड़े स्तर पर प्रोत्साहित कर रही है, क्यांेकि प्राकृतिक उत्पाद न केवल सेहत के लिए अच्छे हैं, बल्कि किसानों को इनके एवज में बेहतर दाम भी प्राप्त होते हैं।

 

मुख्यमंत्री ने भू-स्खलन के कारण क्षतिग्रस्त शिमला के भट्टाकुफर विपणन यार्ड पर चिन्ता व्यक्त करते हुए इसके पुनः निर्माण का कार्य शीघ्र पूर्ण करने को कहा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस कार्य में हर सम्भव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बागवानों की सुविधा के लिए पर्याप्त मात्रा में श्रमिकों का प्रबन्ध किया है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि विपणन बोर्ड को छोटे संपर्क मार्ग निर्मित करने की मंजूरी दी जाएगी, जिससे विशेषकर किसानों को उनके उत्पादों के विपणन के लिए परिवहन सुविधा प्राप्त हो सके।

 

जय राम ठाकुर ने इस अवसर पर कुछ वरिष्ठ आढ़तियों और व्यापारियों को भी सम्मानित किया।

 

शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से यह सुनिश्चित हो पाया है कि देश के किसान सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें। इसके लिए केन्द्र सरकार प्रत्येक किसान को वर्ष में तीन बार दो हजार रुपये किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर देश के सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले मुख्यमंत्री घोषित हुए हैं, जो राज्य के लोगों के लिए सम्मान की बात है।

 

शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद और राज्य भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोविड-19 महामारी के कारण प्रदेश के विकास की गति प्रभावित न हो। इसके लिए मुख्यमंत्री ने विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन समारोह वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग भाग्यशाली हंै कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के रूप में प्रदेश को एक ईमानदार और गतिशील नेतृत्व मिला है। राज्य सरकार द्वारा आरम्भ की गई विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं ने प्रदेश के लोगों का जीवन परिवर्तित कर दिया है।

 

हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भण्डारी ने एक ही दिन में 198 करोड़ रुपये लागत की 22 परियोजनाओं के शिलान्यास पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि विपणन बोर्ड ने कोविड-19 महामारी के दौरान यह सुनिश्चित किया कि किसानों और बागवानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त हो। बोर्ड प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में विशेष भूमिका निभा रहा है।

 

इस अवसर पर एपीएमसी शिमला किन्नौर के अध्यक्ष नरेश शर्मा ने एपीएमसी द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।

 

इस अवसर पर एपीएमसी मण्डी के अध्यक्ष दलीप ठाकुर, एपीएमसी कुल्लू लाहौल-स्पीति के अध्यक्ष अमर सिंह, एपीएमसी सोलन के अध्यक्ष संजीव कश्यप और बिलासपुर के विधायक सुभाष ठाकुर ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से क्रमशः मण्डी, कुल्लू, सोलन और बिलासपुर से लोगों को सम्बोधित किया।

 

आढ़ती संघ के अध्यक्ष हरीश ठाकुर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

 

विधायक बलबीर वर्मा, हिमफेड अध्यक्ष गणेश दत्त, सक्षम गुड़िया बोर्ड उपाध्यक्ष रूपा शर्मा, हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक की अध्यक्ष शशि बाला, नगर निगम शिमला की महापौर सत्या कौण्डल, उप-महापौर शैलेन्द्र चैहान, प्रधान सचिव कृषि ओंकार शर्मा, बागवानी सचिव अमिताभ अवस्थी, एचपीएमसी प्रबन्ध निदेशक देवाश्वेता बनिक और अन्य अधिकारी इस अवसर पर शिमला में उपस्थित थे।

 

कृषि, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर, स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सैजल, सांसद रामस्वरूप शर्मा और इन्दु गोस्वामी, प्रदेश महिला आयोग अध्यक्ष डेजी ठाकुर और अन्य नेताओं ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लिया।