गुरुवार, 20 अगस्त 2020

NCR को क्या-क्या होंगे फायदे,परिवहन के साधन एक साथ उपलब्ध होंगे...

संवाददाता : नई दिल्ली


      दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट की रफ्तार अब बढ़ने वाली है। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के निमार्ण के लिए एक अरब डॉलर यानी करीब 7500 करोड़ रुपए  का कर्ज देगा। एशियन डेवलपमेंट बैंक यानी एडीबी ने एक बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि इस कर्ज को मंजूरी प्रदान कर दी गई है।  


इस परियोजना को यह ऋण चार चरणों में अगस्त 2020 से मई 2025 के बीच दिये जायेंगे। इस परियोजना की पूरी लागत 3.94 अरब डॉलर है, जिसमें से भारत सरकार 1.89 अरब डॉलर की राशि देगी। इसके अतिरिक्त एडीबी के गरीबी उन्मूलन जापान फंड 30 लाख डॉलर का अनुदान देगा। यह राशि दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए होंगी।  एडीबी ने कहा कि ट्रांजिट सिस्टम परियोजना का उद्देश्य शहर में भीड़भाड़ को कम करने में मदद करना है।



साथ ही एनसीआर की घनी आबादी वाले क्षेत्रों से होकर दिल्ली से मेरठ तक के आवागमन को सुचारू करके क्षेत्रीय यातायात संपर्क में सुधार लाना है। यह परियोजना दिल्ली और एनसीआर शहरों के बीच सुरक्षित, विश्वसनीय और निर्बाध यात्रा भी प्रदान करेगी और पूरे एनसीआर में रफ्तार का मार्ग प्रशस्त करेगी।दरअसल, 82 किलोमीटर का यह रैपिड ट्रांजिट रेल नेटवर्क एनसीआर क्षेत्रीय योजना 2021 के तहत तीन प्राथमिक रेल गलियारे में से एक है।


इस परियोजना के तहत रेलवे ट्रैक, स्टेशन, रख-रखाव और बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की जानी है। इसका निमार्ण अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के आधार पर किया जायेगा और यह मल्टी मॉडल हब होगा, जहां कई तरह के परिवहन के साधन एक साथ उपलब्ध होंगे। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट के तहत बनने वाला यह 82 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां, गाजियाबाद, मेरेठ को जोड़ेगा। इसमें कुल 24 स्टेशन होंगे, जिनमें 21 उत्तर प्रदेश में होंगे और बाकी बचे दिल्ली में होंगे।