संवाददाता : नई दिल्ली
चीन अपनी ‘विस्तारवादी’ सोच की वजह से कई देशों के साथ संबंध खराब कर चुका है। इसके चलते ड्रैगन कुछ देशों को अपनी ओर करने में लगा हुआ है। इसी में से एक देश नेपाल है, जहां वह कुछ महीनों से नेपाल सरकार के शीर्ष नेतृत्व को प्रभावित कर रहा है।
हालांकि, इसकी वजह से नेपाल को आने वाले कुछ समय में कई तरीके से नुकसान उठाना पड़ सकता है।ग्लोबल वॉच एनालिसिस की रिपोर्ट की मानें तो, चीन के साथ संबंध रखने के चलते नेपाल अपनी स्वायत्तता और फैसले लेने की क्षमता को प्रभावित कर रहा है। रोलैंड जैक्वार्ड ने अपने लेख में बताया है कि चीन की नीति है कि वह उन देशों के राजनीतिक वर्ग को भ्रष्ट करता है, जो आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि कैसे नेपाल की विदेश नीति चीन की विस्तारवादी रणनीति का शिकार हो रही है।
पिछले साल जनवरी में, जिस दिन चीन ने वेनेजुएला पर आर्थिक प्रतिबंधों लगाने के लिए अमेरिका के कदम की निंदा की थी, सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) ने भी एक ऐसा ही बयान जारी किया, जिसमें वेनेजुएला के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए वॉशिंगटन और उसके सहयोगियों की निंदा की गई थी। यह शायद पहली बार था जब काठमांडू ने लैटिन अमेरिका में अमेरिकी नीतियों से संबंधित एक स्टैंड लिया था।