संवाददाता : नई दिल्ली
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार राष्ट्रपति भवन में नर्सिंग समुदाय के सदस्यों के साथ रक्षा बंधन मनाया। जिन लोगों ने राष्ट्रपति को राखी की बधाई दी, उनमें भारत के प्रशिक्षित नर्स संगठन, सैन्य नर्सिंग सेवा एवं राष्ट्रपति के एस्टेट क्लिनिक के प्रतिनिधि शामिल है।
एक संक्षिप्त संवादमूलक सत्र के दौरान, नर्सों ने राष्ट्रपति को राखी बांधी एवं कोविड-19 महामारी से निपटने में अपने अनुभव बताए। राष्ट्रपति ने उनका स्वागत किया एवं उन्हें रक्षक बताया जो न केवल ऐसा जान बचाता है बल्कि कर्तव्य पालन के दौरान अपनी जान को भी जोखिम में डाल देता है। उन्होंने कहा कि कर्तव्य के प्रति ऐसी प्रतिबद्धता नर्सों को सम्मान का हकदार बनाता है जो अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धा की भूमिका का निर्वाह कर रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि पारंपरिक रूप से रक्षा बंधन के त्यौहार के दिन बहनें अपने भाईयों से उन्हें हर प्रकार के खतरे से रक्षा करने का वचन मांगती हैं, नर्सों के मामले में वे ही अपने समर्पण एवं प्रतिबद्धता के जरिये अपने भाईयों की सहायता करती हैं तथा सभी लोगों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं।
सैन्य नर्सिंग सेवा के दो सदस्यों, जो रोगियों की देखभाल करने के दौरान जांच में पॉजिटिव पाई गईं, लेकिन जल्द ही स्वस्थ हो गईं और नए उत्साह से अपनी ड्यूटी फिर से शुरू कर दी, का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने महामारी के दौरान अपने देशवासियों के प्रति लगन, समर्पण एवं सेवाओं के लिए समस्त नर्सिंग बिरादरी को धन्यवाद दिया। उन्होंने रक्षा बंधन के अवसर पर समस्त नर्सिंग समुदाय को शुभकामनाएं दीं।
इससे पूर्व, जब वे कोविड-19 रोगियों की मदद करने का अपना अनुभव साझा कर रही थीं, प्रत्येक नर्स ने अपना खुद का अनुभव बताया लेकिन उन सभी की अपने विचारों में सर्वसहमति थी कि कोविड-19 के रोगियों को रोग को लेकर गलत धारणा के कारण गंभीर मानसिक तनाव झेलना पड़ता है और इस समस्या का समाधान चिकित्सकीय एवं काउंसिलिंग के जरिये किए जाने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने नर्सों के विचारों को धैर्यपूर्वक सुना तथा राष्ट्र के प्रति उनकी असाधारण सेवाओं के लिए उनकी सराहना की।