संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश
स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर प्रभुराम चौधरी ने रायसेन में प्रदेश में ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन व्यवस्था का शुभारंभ किया। चिकित्सा क्षेत्र में शुरू हुई इस नवीन व्यवस्था में मरीजों को एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवायें उपलब्ध हो सकेगी। मंत्री डॉ. चौधरी ने रायसेन जिले के सलामतपुर तथा देवनगर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से प्रदेश के प्रथम ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन केन्द्रों का शुभारंभ किया। प्रथम चरण में प्रदेश के 4 जिलों रायसेन, सीहोर, विदिशा एवं राजगढ़ के 50 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा प्रारम्भ की जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ.चौधरी ने कहा कि ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन केन्द्रों के माध्यम से मरीजों को एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों से उपचार के लिए परामर्श प्राप्त हो सकेगा। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग जो एम्स नहीं जा सकते, वे भी ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन केन्द्र में आकर परामर्श ले सकेंगे। इन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रशिक्षित चिकित्सक मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे तथा आवश्यकतानुसार एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों से मरीज के उपचार के संबंध में परामर्श प्राप्त करेंगे।
मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि यह सेवा उन लोगों के लिये वरदान साबित होगी जो साधन, समय एवं पैसे के अभाव में एम्स जैसे बड़े स्वास्थ्य संस्थानों के विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श नहीं ले पाते। साथ ही यह सेवा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सकों को मरीज के संबंध में द्वितीय परामर्श लेने में मदद करेगी। यह सेवा सोमवार, मंगलवार तथा बुधवार सुबह 10 से शाम 5 बजे तक क्रमश: स्त्री रोग, बाल रोग एवं मेडिसिन विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी। मंत्री डॉ. चौधरी ने ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन केन्द्र के शुभारंभ अवसर पर ई-संजीवनी सॉफ्टवेयर के माध्यम से एम्स के डॉ. गिरीश भट्ट, डॉ. अजय हलधर तथा स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पुष्पलता से उपचार के संबंध में चर्चा की।
ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन केन्द्रों से मिलेंगी 63 प्रकार की दवाएं
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जो ट्रीटमेंट दिया जाएगा, उसका पर्चा ई-संजीवनी सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उपलब्ध होगा तथा विशेषज्ञ चिकित्सक के परामर्श अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से दवाएं दी जाएगीं। ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन केन्द्रों में 63 प्रकार की दवाएं उपलब्ध रहेंगी। इसके साथ ही हीमोग्लोबिन, पैथालॉजी, ब्लड ग्रुपिंग, मलेरिया सहित 22 प्रकार की जांच के सेम्पल एकत्रित कर भेजे जाएंगे तथा निर्धारित अवधि में जांच रिपोर्ट प्राप्त होगी, जिसके बाद आवश्यकतानुसार मरीज का उपचार किया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को मिलेगीं उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि अभी प्रथम चरण में रायसेन सहित प्रदेश के चार जिलों के 50 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को एम्स से जोड़ा गया है। जल्द ही अन्य जिलों में भी यह सुविधा प्रारंभ की जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी एम्स को हब बनाया गया है, आगे चलकर जिला चिकित्सालयों को भी हब बनाया जाएगा। उप स्वास्थ्य केन्द्रों को सीधे जिला चिकित्सालय से जोड़ा जाएगा। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा जिला चिकित्सालय में प्रशिक्षित चिकित्सक उपलब्ध रहेंगे। प्रदेश में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है।
स्वास्थ्य सुविधाओं का किया जा रहा है विस्तार
मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि कोरोना महामारी के नियंत्रण और बचाव के लिए प्रदेश सरकार निरंतर काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा उनके द्वारा प्रतिदिन कोरोना की स्थिति की समीक्षा की जा रही है। प्रदेश में कोरोना टेस्ट की कैपेसिटी बढ़ाई जा रही है। एक दिन में 20 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं। जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, चिकित्सालयों में वेंटीलेटर सहित अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने नागरिकों से कहा कि कोरोना से बचाव के लिए सभी को जागरूक होना पड़ेगा। मास्क अनिवार्य रूप से लगाएं तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।