संवाददाता : नई दिल्ली
दिल्ली के खाद्य और आपूर्ति मंत्री, इमरान हुसैन ने 23 -09 -2020 को दिल्ली में प्याज, टमाटर, आलू और अन्य आवश्यक वस्तुओं की खुदरा कीमतों से सम्बंधित मुद्दों की समीक्षा की। बैठक में खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग, कृषि उपज विपणन समिति (APMC) और दिल्ली कृषि विपणन बोर्ड (DAMB) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक के दौरान, माननीय मंत्री ने आवश्यक वस्तुओं की खुदरा कीमतों के उतार-चढ़ाव (Price Trends ) की समीक्षा की। बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमतें पिछले वर्ष की तुलना में कम हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष प्याज के मांग में कमी रही है तथा प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध के कारण प्याज की कीमतें निकट भविष्य में स्थिर होंगी , साथ ही अक्टूबर के अंत तक दिल्ली में पर्याप्त मात्रा में ताजा प्याज की आवक भी आरंभ हो जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि जहां तक टमाटर का संबंध है, वे अत्यधिक खराब होने वाली वस्तु हैं और उनकी कीमतें मौसम के कारकों पर निर्भर हैं क्योंकि उत्पादक राज्यों में भी बेमौसम और भारी बारिश से मांग-आपूर्ति की स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है जिससे खुदरा कीमतें प्रभावित होती हैं। बैठक में संबंधित एजेंसियों का मानना था कि दिल्ली में जल्द ही टमाटर की खुदरा कीमतों में भी स्थिरता आएगी।
आलू के संबंध में, माननीय मंत्री को संबंधित अधिकारियों ने सूचित किया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कम उत्पादन के कारण उनके खुदरा मूल्य में वृद्धि हुई है।
इमरान हुसैन ने संबंधित एजेंसियों को किसी भी प्रकार की जमाखोरी/ होर्डिंग गतिविधियों तथा कालाबाज़ारी के खिलाफ सख़्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
माननीय मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इन वस्तओं की खुदरा कीमतें की निकट भविष्य में स्थिर होने की पूर्ण संभावना है। उन्होंने कहा कि जनता को इस बारे में घबराने की कोई जरूरत नहीं है। माननीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों पर कड़ी नजर बनाये हुई है और उन्होंने आश्वासन दिया कि जब भी आवश्यकता होगी , दिल्ली सरकार वस्तुओं की कीमतों के स्थिरीकरण के लिए बाजार में उचित हस्तक्षेप करेगी। माननीय मंत्री ने खाद्य और नागरिक आपूर्ति आयुक्त को यह भी निर्देश दिया कि वे संबंधित विभागों / एजेंसियों के साथ साप्ताहिक बैठकें आयोजित करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतें स्थिर और नियंत्रण में रहें।