संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड
प्रदेश में मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना लागू हो गई है। सचिव ऊर्जा राधिका झा ने योजना लागू करने के आदेश जारी किए। योजना के तहत पूरे प्रदेश में 25 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। सरकार का मानना है कि कोविडकाल में उत्तराखंड लौटे प्रवासियों के लिए यह योजना आजीविका का मजबूत आधार बन सकती है।
योजना का स्वरूप इस ढंग से तैयार किया गया है कि डेढ़ से ढाई लाख रुपये तक की पूंजी वाला व्यक्ति सरकार के सहयोग से परियोजना लगा सकता है। परियोजना पर करीब 10 लाख रुपये लागत का अनुमान है। योजना के तहत परियोजना लागत की 70 प्रतिशत राशि राज्य व जिला सहकारी बैंक से आठ प्रतिशत ब्याज की दर से ऋण के रूप में लेने की व्यवस्था है। लोन अदा करने की अवधि 15 साल रखी गई है ताकि समान मासिक किस्त कम धनराशि की हो और विकासकर्ता पर इसका बोझ न पड़े।
शेष 30 प्रतिशत मार्जिन मनी पर भी सरकार अनुदान देगी। सीमांत जिलों में यह अनुदान 30 प्रतिशत तक, पर्वतीय जिलों में 25 प्रतिशत तक और अन्य जिलों में 15 प्रतिशत तक होगा। मार्जिन मनी पर अनुदान की यह राशि मिलेगी। इसके अलावा भूपरिवर्तन के बाद मोर्टगेज के लिए वसूली जाने वाली स्टांप डयूटी भी माफ कर दी गई है।
यह स्टांप डयूटी लोन राशि का सात प्रतिशत लिया जाता है, जो करीब 49,000 रुपये है। 10 हजार युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य योजना के जरिये 10 हजार युवाओं को स्वरोजगार देने का लक्ष्य बनाया गया है। मुख्यमंत्री की यह ड्रीम परियोजना है।