मंगलवार, 15 सितंबर 2020

प्रदेश में 1043 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले, 15 मरीजों की मौत...

संदीप शर्मादेहरादून उत्तराखंड 


      उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। सोमवार को प्रदेश में 1043 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। इसके साथ ही प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या 33 हजार के पार पहुंच गई है। वहीं, एक्टिव केस की संख्या 10374 हो गई है। प्रदेश में अभी तक 22077 मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, सोमवार को आई जांच रिपोर्ट में 8574 सैंपल निगेटिव मिले हैं। देहरादून में सबसे अधिक 385 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। हरिद्वार में 224, ऊधमसिंह नगर में 214, नैनीताल में 46, उत्तरकाशी में 37, चमोली में 36, टिहरी में 24, पौड़ी में 23, चंपावत में 20, पिथौरागढ़ में 19,अल्मोड़ा में सात, रुद्रप्रयाग में पांच, बागेश्वर जिले में तीन कोरोना मरीज मिले हैं।



कुल संक्रमितों की संख्या 33016 हो गई है। प्रदेश में 15 कोरोना मरीजों की मौत हुई है। एम्स ऋषिकेश में नौ, दून मेडिकल कॉलेज में दो, सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में चार मरीजों ने दमतोड़ा है। अब मरने वालों की संख्या 429 हो गई है। प्रदेश में सैंपल जांच के आधार पर संक्रमण की दर लगातार बढ़ रही है। संक्रमण दर अब तक की सबसे अधिक 6.51 प्रतिशत पर आ गया है। वहीं, रिकवरी दर 66.87 प्रतिशत और डबलिंग दर 21.89 दिन हो गई है।


कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आ गई है। वह यमुना कालोनी स्थित सरकारी आवास पर सेल्फ क्वारंटीन हैं। 16 सितंबर को उनकी क्वारंटीन अवधि पूरी हो जाएगी। 17 से वह कामकाज शुरू कर देंगे। कोरोना की चपेट में आने के बाद कौशिक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती हो गए थे। उनकी रिपोर्ट बेशक पॉजिटिव थी। लेकिन उनमें कोरोना के लक्षण नहीं थे। एम्स में स्वास्थ्य लाभ लेने के बाद कौशिक यमुना कालोनी स्थित आवास पर सेल्फ क्वारंटीन में चले गए थे। चिकित्सकों की देखरेख में खुद को क्वारंटीन में रखा। इस बीच उनकी कोविड टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आ गई। कौशिक के मुताबिक, 16 सिंतबर को उनके क्वारंटीन अवधि पूरी हो रही है।


17 से वह अपना कामकाज शुरू कर देंगे। विधानसभा सत्र से ठीक पहले कौशिक का स्वस्थ होना प्रदेश सरकार के लिए राहत भरी खबर है। कौशिक को सत्र के दौरान मुख्यमंत्री के विभागों से संबंधित प्रश्नों के जवाब देने हैं। संसदीय और विधायी कार्यों को भी देखना है। प्रश्नों और सूचनाओं के जवाब तैयार करने के लिए उनके पास करीब एक हफ्ते का समय है।