संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड
देश में बीते पांच वर्षों में गुलदारों का सबसे ज्यादा अवैध शिकार उत्तराखंड में किया गया। इस मामले में दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है। बिहार और झारखंड एक-एक शिकार के साथ इस सूची में सबसे निचले पायदान पर रहे।दुनियाभर में वाइल्ड लाइफ ट्रेड को रोकने के लिए काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय संस्थान ट्रैफिक इंडिया की ताजा स्टडी में ये सनसनीखेज तथ्य सामने आया है।
इस स्टडी के अनुसार, उत्तराखंड में फॉरेस्ट, पुलिस व एसटीएफ समेत विभिन्न एजेंसियों ने तस्करों को पकड़कर 140 गुलदारों की खाल, हड्डियां व अन्य अंग बरामद किए। इसके अलावा 19 मामले ऐसे भी थे जिनमें शिकार तो किया गया पर किसी वजह से तस्कर गुलदार के अंग निकाल नहीं पाए। ट्रैफिक इंडिया के हेड और उत्तराखंड काडर के आईएफएस डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि गुलदार का सबसे ज्यादा शिकार, उसकी खाल और हड्डियों के लिए किया गया।
खासकर इसकी हड्डियों को बाघ की हड्डियों के रूप में अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी ऊंचे दामों पर बेचा जाता है। इसके अलावा दांत, नाखून सहित अन्य अंग भी बेचे जाते हैं। कुछ केस ऐसे भी आए हैं, जहां छोटे जिंदा बच्चों की तस्करी के लिए मादा गुलदारों का शिकार किया गया। गुलदारों के शिकार को रोकना भविष्य के लिए बड़ी चुनौती होगी। इस शार्ट स्टडी के बेस पर एक और व्यापक अध्ययन भी किया जा रहा है।
गुलदारों की वैसे तो अब तक गणना नहीं की गई लेकिन एक आकलन के अनुसार देशभर में इनकी संख्या 12 हजार से 14 हजार के बीच है। इनमें से करीब एक हजार गुलदार उत्तराखंड में हैं। हाल में भारतीय वन्यजीव संस्थान ने इसकी साइटिंग को लेकर एक सर्वे किया है जिसके नतीजे जल्द सामने आएंगे। इसमें गुलदारों की संख्या का और सटीक आकलन होगा।
उत्तराखंड 159
महाराष्ट्र 56
उड़ीसा 55
हिमाचल 40
उत्तर प्रदेश 32
दिल्ली 06