शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2020

हरियाणा सरकार राज्य में प्रगतिशील कारोबारी माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध...

 संवाददाता : चंडीगढ़ हरियाणा

हरियाणा सरकार राज्य में प्रगतिशील कारोबारी माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए राज्य सरकार ने निवेश एवं व्यवसाय प्रोत्साहन नीति तैयार की है। सरकार के इन प्रयासों के फलस्वरूप वर्ष 2019-2020 के दौरान हरियाणा ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तौर पर 73 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश आकर्षित किया है। हरियाणा की अर्थव्यवस्था भारत में 5वीं सबसे बड़ी राज्य अर्थव्यवस्था है।

यह जानकारी गुरूवार यहां हरियाणा के मुख्य सचिव विजय वर्धन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के क्षेत्र प्रमुखों के मंच (फोरम) की पहली बैठक में दी। विजय वर्धन इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। बैठक की मेज़बानी रूस ने की थी। 

विजय वर्धन ने अपने संबोधन में कहा कि उनके लिए यह यह गर्व की बात है कि वे आज भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वे एससीओ द्वारा सदस्य देशों के क्षेत्र प्रमुखों के मध्य इस बातचीत का आयोजन करने की पहल का स्वागत करते हैं। यह फोरम सदस्य देशों और क्षेत्रों के बीच बेहतर सहयोग और समन्वय स्थापित करने के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।

उन्होंने कहा कि हरियाणा भौगोलिक दृष्टि से भारत का केवल 2 प्रतिशत है और इसकी जनसंख्या लगभग 2.5 करोड़ है, फिर भी यह कृषि और औद्योगिक क्षेत्र में अग्रणी प्रदेश है। यह तीन तरफ से देश की राजधानी नई दिल्ली को घेरे हुए है और औद्योगिक रूप से विकसित चार शहर गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 70 किलोमीटर के भीतर हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के हिसार जिले में तेज गति से एक नया हवाई अड्डा विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा, राज्य में 1700 किलोमीटर से अधिक का रेल नेटवर्क है और भारत सरकार द्वारा सितंबर 2020 में नए हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (एचओआरसी) परियोजना को मंजूरी मिलने के बाद अब राज्य में परिवहन नेटवर्क और सुदृढ़ होगा। प्रदेश में 30 से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग, 11 एक्सप्रेस-वे और राज्य राजमार्ग सहित एक बहुत बढिय़ा सडक़ नेटवर्क है।

विजय वर्धन ने कहा कि हरियाणा भारत के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल हब में से एक है और देश में दो तिहाई यात्री कारों, 50 प्रतिशत ट्रैक्टर और 60 प्रतिशत मोटरसाइकिलों का निर्माण हरियाणा में होता है। हरियाणा राज्य ऑटो कंपनियों और ऑटो-घटक निर्माताओं के लिए एक पसंदीदा स्थान है। साथ ही, राज्य ने आईटी और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई है। हरियाणा सॉफ्टवेयर निर्यात करने के मामले में तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है और यह आईटी / आईटीईएस सुविधाओं के लिए पसंदीदा स्थान है।

मुख्य सचिव ने कहा कि गुरुग्राम जिला उत्तर भारत में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के क्षेत्र में 400 से अधिक कंपनियों के साथ आईटी उद्योग के लिए एक पसंदीदा स्थान के रूप में उभरा है। हरियाणा शिक्षा का हब भी है। व्यावसायिक शिक्षा के लिए कौशल विकास के नाते से हरियाणा ने भारत में पहले श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य विज्ञान, कृषि, पशु चिकित्सा विज्ञान और प्रदर्शन और दृश्य कला के लिए समर्पित विश्वविद्यालयों सहित 60 से अधिक विश्वविद्यालय हैं।

विजय वर्धन ने कहा कि हरियाणा अनुसंधान और विकास के लिए  सबसे पसंदीदा स्थलों में से एक है और दुनिया की शीर्ष कंपनियों जैसे इंटेल, एप्पल, सैमसंग, अमेजॉन और गूगल ने राज्य में निवेश किया है। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेश से संबंधित विभिन्न मुद्दों को हल करने और विदेश निवेशकों से समन्वय स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार ने विदेश सहयोग विभाग का गठन किया है।

उन्होंने कहा कि व्यापार एवं व्यवसाय, ऑटो विनिर्माण, कौशल विकास, आईटी और आईटीईएस, कृषि और कृषि-आधारित उद्योग जैसे खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य व पशु विज्ञान के क्षेत्र में हरियाणा और एससीओ सदस्य देशों के मध्य सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।

विजय वर्धन ने कहा कि हरियाणा ऐतिहासकि तौर पर भी अपनी एक अलग पहचान रखता है। कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का संदेश दिया। उन्होंने एससीओ के सभी सदस्य देशों को हरियाणा आने का निमंत्रण दिया। बैठक में एससीओ के अन्य सदस्य देशों ने भी अपने विचार सांझा किए।