शुक्रवार, 27 नवंबर 2020

राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री संविधान दिवस के अवसर पर झालसा द्वारा कार्यक्रम आयोजित...

 संवाददाता : रांची झारखंड

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि संविधान दिवस के शुभ अवसर पर मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरु, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर, डॉ. जयपाल सिंह मुंडा, शहीद भगत सिंह जैसे चमत्कारी व्यक्तित्वों के साथ-साथ भगवान बिरसा मुंडा, अमर शहीद सिद्धो-कान्हो, नीलाम्बर-पीताम्बर, शेख भिखारी जैसे सपूतों के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान बने हुए 71 वर्ष पूरे हो चुके हैं।

मैं इस शुभ अवसर पर यह सोच कर आश्चर्यचकित हो रहा रहा हूँ कि आजादी प्राप्ति के बाद का समय कितना चुनौतीपूर्ण रहा होगा ? सैकड़ों रियासतों में बंटा देश आजाद हुआ था, जाति, धर्म, सम्प्रदाय, वर्ग, भाषा-बोली आदि के आधार पर बंटे तत्कालीन भारत की परीक्षा की घड़ी थी। जिनसे हमें आजादी मिली थी वे भी भविष्यवाणी कर रहे थे कि कुछ महीनों के भीतर भारत के अनेकों टुकड़े होने तय हैं। ऐसी परिस्थिति में सभी रियासतों को एक करने का सरदार वल्लभ भाई पटेल का प्रयास एवं बाबा साहेब के नेतृत्व में एक ऐसे संविधान का निर्माण किया गया जिसे हर किसी ने स्वीकार किया। ये ऐसे कार्य थे जिसने वास्तव में आधुनिक भारत की नींव रखी। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने अपने पैतृक गांव नेमरा से संविधान दिवस के अवसर पर झालसा द्वारा आयोजित कार्यक्रम को वर्चुअल मोड के माध्यम से संबोधित करते हुए कहीं।

सुरक्षित भविष्य के लिए एक मजबूत संविधान की सख्त जरुरत है

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज हमारा देश एक है, सभी लोग एक साथ विकास की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। आज हमारे पास विश्व का सिर्फ सबसे अच्छा संविधान ही नहीं है, बल्कि इसे सही ढंग से उपयोग में लाने का 71 साल का इतिहास भी है।

राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए एक मजबूत संविधान जो सबों के हित की रक्षा करे, इसकी जरुरत सभी को है। विगत वर्षों में संविधान दिवस के आयोजन को जो रूप दिया गया उससे लगता है कि आज का दिन बड़े-बड़े नेताओं, न्यायाधीशों, अधिकारियों द्वारा संविधान को याद करने तथा अपना संविधान कैसे कमजोर वर्ग के लोगों के लिए जरुरी है यह बताने का दिन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तो मानता हूँ कि एक सशक्त संविधान की जितनी जरुरत मजदूर, किसान, ठेले-खोमचे वाले, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक को है उतनी ही इसकी जरुरत राज्यपाल, न्यायाधीश, मुख्यमंत्री, IAS, IPS अधिकारियों को भी है। उन्होंने कहा कि सबों के अधिकार की रक्षा करने वाली किताब है संविधान। इसकी जरूरत पक्ष को भी है और विपक्ष को भी है। आज मैं झारखण्ड के मुख्यमंत्री के रूप में आपको संबोधित कर रहा हूँ, पर मैं बता दूं कि देश के एक सामान्य नागरिक के रूप में भी हेमन्त सोरेन के लिए संविधान एवं संविधान दिवस उतना ही उपयोगी है। इसलिए देश के भविष्य के लिए, सबों के सुरक्षित भविष्य के लिए एक मजबूत संविधान की सख्त जरुरत है।

आज एक देश के रूप में, एक शक्ति के रूप में खड़े हैं तो, इस संविधान के कारण

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि जब हम विपक्ष में थे और तत्कालीन सरकार CNT/SPT को ख़त्म करने पर उतारू थी तो मुझे सड़क पर निकल इनका विरोध करने की ताकत इसी संविधान ने दी थी। यह पवित्र किताब ही है जो हमें जोड़ के रखता है। देशवासियों को बांटने वाली नजर से देखें तो बहुत कुछ अलग-अलग दिखेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति के आधार पर, धर्म के आधार पर, क्षेत्र के आधार पर, भाषा के आधार पर, काम के आधार पर, शिक्षा के आधार पर, उम्र के आधार पर, जेंडर के आधार पर, राज्य/क्षेत्र के आधार पर, आप ही बताइए हम कितने अलग-अलग हैं । परन्तु, आज एक देश के रूप में, एक शक्ति के रूप में खड़े हैं तो, इस संविधान के कारण। सिर्फ यह एक किताब बच जाए तो सभी कुछ बच जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारें सर्वांगीण विकास की नीतियां बनाती हैं। मैं तो कहता हूँ कि सरकारें सिर्फ संविधान की भावना के अनुरूप काम करने का प्रण कर ले तो उसे और कुछ अलग से करने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

उन्होंने कहा कि संविधान के अनुसार शासन हो एवं संविधान के अनुसार आचरण हो तो सब ठीक हो जाएगा। अपने संविधान की खूबसूरती सिर्फ उसमें लिखे एक लक्ष्य से समझा जा सकता है। संविधान के समक्ष ‘सबों को बराबरी का अधिकार’। बराबरी शिक्षा प्राप्त करने में, भरपेट भोजन प्राप्त करने में, जीवन जीने में, स्वास्थ्य सम्बंधित सुविधा प्राप्त करने में, रोजगार के अवसर में, धार्मिक आस्था के अनुरूप आचरण करने में बराबरी। शहर एवं गाँव के स्कूल में अंतर न हो, गरीब एवं अमीर के अस्पताल में अंतर न हों, न्यायालय में न्याय मिलने में किसी ढंग का अंतर न हो, थाने और सरकारी कार्यालयों में सबों को सामान रूप से सुना जाए, इससे ज्यादा किसी को कुछ नहीं चाहिए।

सम्यक बदलाव एवं प्रगति करने की दिशा में आगे बढ़ रही है राज्य सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी सरकार इन विषयों पर सम्यक बदलाव एवं प्रगति करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। कोरोना काल में शहर के साथ-साथ गाँव को भी सुरक्षित रखते हुए आपकी सरकार ने अपने सीमित संसाधनों में अच्छा काम किया है। संकट के समय एक ओर सरकारी कर्मी की सेहत सुरक्षित रखने का प्रयास हुआ, वहीं दूसरी ओर दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों तक भी हम हवाई जहाज लेकर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब कोरोना के द्वारा लगाये गए ब्रेकर को पार कर हम आगे बढ़ने को तैयार हैं। और आगे भी बराबरी के सिद्धांत को सामने रखते हुए आपकी सरकार आगे बढ़ेगी ।

पारा लीगल वालंटियर’ एवं अन्य माध्यमों से झालसा अच्छा काम कर रही है

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन न्याय को सुनिश्चित करने वाली एवं उसे गाँव-गाँव तक पहुँचाने में लगी हुई संस्था के माध्यम से किया गया है। ‘पारा लीगल वालंटियर’ एवं अन्य माध्यमों से झालसा अच्छा काम कर रही है। आज प्रोजेक्ट तृप्ति, प्रोजेक्ट आत्मनिर्भर, प्रोजेक्ट निरोगी भवन एवं प्रोजेक्ट चेतना के शुभारम्भ का भी दिन है। JHALSA का Web Portal एवं App भी लांच किया जा रहा है। उम्मीद करते हैं एवं मेरी शुभकामना रहेगी की उपरोक्त प्रोजेक्ट एवं App, आम जन तक मदद पहुँचाने के अपने उद्देश्यों में सफल हो। अंत में मैं महापुरुषों को नमन करते हुए सबों से अपील करना चाहूंगा कि संविधान दिवस के अवसर को हम अपने संविधान को सही ढंग से जानने-समझने के लिए करें । झालसा इस कार्य को अपने हाथों में ले एवं अगले वर्ष के लिए इस सम्बन्ध में तैयारी करे ।

इस अवसर पर लोक अदालत की उपलब्धियों को बताया गया। साथ ही ईफाइलिंग एंड ऑनलाइन सर्टिफाइड कॉपी दाखिल करने, नवनियुक्त सिविल जजों के लिए आरंभिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। झालसा द्वारा सभी को न्याय की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मोबाइल एप्प और वेब पोर्टल, प्रोजेक्ट तृप्ति, प्रोजेक्ट आत्मनिर्भरता, प्रोजेक्ट निरोगी भवः एवं प्रोजेक्ट चेतना की लॉन्चिंग की गई।

इस मौके पर जस्टिस रवि रंजन, जस्टिस एससी मिश्रा, जस्टिस अमरेश कुमार सिंह, जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद, जस्टिस अनुभा रावत चौधरी व अन्य एवं नेमरा से रामगढ़ विधायक ममता देवी, उपायुक्त रामगढ़ संदीप सिंह, एसपी प्रभात कुमार सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी मौजूद थे।