प्रजा दत्त डबराल @ भोपाल मध्यप्रदेश
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि मध्यप्रदेश की जनता को स्वास्थ्यवर्धक मिलावट रहित खाद्य-सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार ने 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान शुरू किया है। आज मंत्रालय में मंत्री-मंडल की बैठक में सभी मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को बधाई दी कि उन्होंने जनहित में एक ऐतिहासिक कदम उठाकर मिलावटखोरों के विरूद्ध सख्ती की। इससे आमजन के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव पर रोक लगेगी और प्रदेश में लोगों को शुद्ध सामग्री उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को मिलावट मुक्त प्रदेश बनाने के लिए सरकार का अभियान निरंतर जारी रहेगा।
मंत्री-मंडल की बैठक में जुलाई माह से मिलावटखोरों के खिलाफ चलाए गए अभियान की विस्तृत रिपोर्ट पेश की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार मिलावटी खाद्य पदार्थ बनाने और विक्रय करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने के लिए संकल्पित है। खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 विनियम 2011 के अंतर्गत मिलावटी खाद्य पदार्थ का निर्माण एवं विक्रय करने वालों के विरूद्ध प्रभावी एवं कठोर प्रावधान बनाने के लिए उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया गया है। इस समिति के सदस्य प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, प्रमुख सचिव गृह एवं विधायी कार्य विभाग हैं। समिति द्वारा की गई अनुशंसाओं को मंत्री-मंडल द्वारा अनुमोदित कर भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण भारत सरकार को भेजा जाएगा।
मंत्री-मंडल की बैठक में बताया गया कि मिलावटखोरों के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान जिला भोपाल में 1300 किलो मावा एवं पनीर, जिला रायसेन में 64 लाख रुपए का घी, जिला इंदौर एवं जबलपुर में लगभग 6 लाख रुपए का मिलावटी पनीर, जिला उज्जैन में 1 लाख 69 हजार रुपए का नकली घी, जिला खरगोन में 1 लाख 50 हजार रुपए का नकली घी, देवास में 78 लाख रुपए का घी एवं दूध पावडर जप्ती की कार्रवाई की गई। अन्य जिलों में भी दूध एवं दुग्ध उत्पादों की जप्ती की गई है। जिला नीमच में 39 लाख रुपए का मिलावटी धनिया, मिर्च एवं हल्दी, जिला छिंदवाड़ा में 80 हजार किलो गुड़, जिला गुना में 4300 लीटर, नरसिंहपुर जिले में एक लाख 16 हजार 580 लीटर, सागर जिले में 45 हजार 994 लीटर खुला खाद्य तेल एवं नीमच जिले में 24 हजार 270 किलो ग्राम मिलावटी मूंगफली तेल जप्त किया गया। जिला इंदौर में कार्बाइड से पकाए गए करीब 600 किलो पपीता और जिला बड़वानी में कार्बाइड से पकाए गए करीब 300 किलो केले नष्ट कराए गए हैं। पूरे प्रदेश में मिलावटी दूध, दुग्ध उत्पाद, खाद्य तेल, आटा, फल एवं अन्य खाद्य पदार्थों के रूप में 16 करोड़ 59 लाख 86 हजार 196 रुपए की जप्ती की गई है। साथ ही 19 लाख 02 हजार 950 रुपए के दूषित मावा, पनीर, नमकीन, फल, खाद्य तेल को नष्ट कराया गया है।
मिलावट के विरूद्ध चलाए गए अभियान के दौरान 19 जुलाई से 15 अगस्त तक कुल 3195 नमूने जाँच के लिए संग्रहित किए गए। राज्य खाद्य जाँच प्रयोगशाला द्वारा 19 जुलाई से 6 अगस्त तक कुल 428 नमूनों के जाँच प्रतिवेदन जारी किए गए हैं, जिनमें 139 नमूने सब स्टेण्डर्ड (मिलावटी), 22 मिथ्याछाप, 8 असुरक्षित, 3 प्रतिबंधित और 9 अपद्रव्य स्तर के घोषित किए गए हैं। अन्य नमूनों को जाँच के लिए भारत सरकार द्वारा अधिसूचित प्रयोगशाला में विश्लेषण के लिए राज्य के बाहर भेजा गया है।
41 एफ आई आर दर्ज : 7 के विरूद्ध रासुका
मिलावटखोरों के विरूद्ध चलाये गये अभियान में दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की गई है। भोपाल में 7, रायसेन में एक, राजगढ़ में 2, विदिशा में एक, कटनी में 2, सिवनी में 2, खरगोन और खण्डवा में एक-एक, धार में 4, ग्वालियर में 3, गुना में 2, सिंगरौली में एक, मुरैना में 12 और भिण्ड में 2 कुल 41 एफआईआर दर्ज की गई हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत रायसेन में एक, जबलपुर में एक, इंदौर में 2, खरगोन में एक, ग्वालियर में एक और उज्जैन में एक कुल 7 लोगों के विरूद्ध रासुका की कार्यवाही की गई है।
प्रशासन द्वारा फलों एवं सब्जियों को कृत्रिम रूप से नियम विरूद्ध कार्बाइड से पकाने पर खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा निरंतर नमूना लेने एवं जप्ती की कार्रवाई की जा रही है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा फलों एवं सब्जियों को पकाने में उपयोग किए जाने वाले कार्बाइड के कुल 17 नमूने लिए गए हैं एवं 8 आरोपी खाद्य कारोबारकर्ता के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इसी अनुक्रम में दुधारू पशुओं में प्रतिबंधित आक्सिटोसिन इंजेक्शन के दुरुपयोग हेतु विक्रय करने पर ग्वालियर में 2 प्रकरण औषधि निरीक्षकों द्वारा दर्ज किए गए हैं।
मध्यप्रदेश मंत्री-परिषद द्वारा इंदौर, जबलपुर, एवं ग्वालियर में 3 नवीन प्रयोगशाला स्थापित करने की अनुमति प्रदान की गई है। जिसमें इंदौर में स्थापित की जाने वाली प्रयोगशाला के लिए 1 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 विनियम 2011 में दिए गए कार्य एवं कर्त्तव्यों और खाद्य एवं औषधि प्रशासन में मैदानी एवं लिपिकीय अमले का विस्तार कर मंत्री-परिषद द्वारा पदोन्नति एवं सीधी भर्ती के कुल 152 स्थाई पद एवं 61 आउटसोर्स के पद स्वीकृत किए गए हैं।