रेनू डबराल : नई दिल्ली
भारत में पानी की शुद्धता प्राचीन काल से ही जगजाहिर है। पर, आज हालात ऐसी पैदा कर दी गई है कि अब भूगर्भ जल पीने योग्य नहीं है। यह देश में षडयंत्र का जाल रचा गया है कि लोगों में विटामिन बी 12 लेवल कम हो और लोग माँसाहारी बनें तथा उनके बनाये हुए साइनाइड युक्त दवाओं का सेवन करते हुए लोगों को मारा जाय।
RO WATER का षड़यंत्र
विदेशी कंपनियों का ऐसा षड्यंत्र जिससे आज गाँव भी नहीं बचा। जिस देश में पानी बेचना पाप माना जाता है, आज उस देश में पानी 20 रूपये लीटर बेचा जा रहा है। मशीनों के लिए प्रयोग होने वाला RO वाटर आज प्रत्येक घरों में पहुँच चुका है। एक फैशन सा होता जा रहा है कि हम भी RO WATER पीते हैं, इसलिए बीमार नहीं पड़ेंगे।
पानी के अन्दर बहुत सारे मिनरल्स होते हैं, लेकिन जब इनको काटरेज फ़िल्टर से पास किया जाता है तो बहुत सारे मिनरल्स ख़त्म हो जाते हैं जैसे - बी-12 ख़त्म हो गया तो आपको पता भी नहीं चलेगा। 1 लीटर RO WATER बनाने के लिए 2 लीटर पानी प्रयोग किया जाता है। 50% पानी WASTE हो जाता है।
सामान्यतः मानव के लिए 7 से 7.5 Ph, 200 से 250 TDS, 50 Hardness Value का पानी पीना चाहिए। लेकिन जहाँ पर सप्लाई का पानी ही 200 TDS, 10 HARDNESS का आ रहा हो वहां RO का क्या काम है।
कोई भी RO वाटर की क्वालिटी मेन्टेन नहीं करता है, सिर्फ आपको साफ़ पानी देता है और जो बोतलों में पानी मिलता है उनकी TDS लगभग 10 के आसपास होती है, तथा उसमें पानी की PH बढ़ाने के लिए व मिनरल्स को मेन्टेन रखने के लिए केमिकल मिलाया जाता है।
जब भी आप बाहर का या नल का पानी पीते हैं, कुछ ही दिनों में आपके पेट में दर्द रहने लग जाता है? क्योंकि आपके सिस्टम को RO पानी की आदत पड़ी हुई है !
आप 90 % लोगों से पूछिये, यहाँ तक कि जो RO बेचते हैं उन्हें भी पूर्ण जानकारी नहीं होती है कि पानी की गुणवत्ता क्या होती है। पडोसी के यहाँ RO है तो हमारे यहाँ क्यों नहीं ! आजकल झूठे विज्ञापनों के प्रचार व भेड़चाल में पड़कर बिना सोचे समझे RO प्रयोग करते जा रहे हैं ?
शहर की बात जाने दीजिये, अब तो गाँव में भी RO पहुँच गया है और हम पूरी तरह RO पर निर्भर होते जा रहें हैं। उनसे उसकी क्वालिटी पूछो तो जबाब नहीं है। अब प्रश्न है.. कौन सा पानी पियें..?
देश में कितने प्रतिशत गरीब व झुग्गी में रहने वाले लोग RO का पानी पीते हैं..?
१. सबसे बेहतरीन पानी बारिश का होता है। आप अपने घर में पानी का टैंक बनवाएं और बारिस के दिनों में अपनी छत पर लकड़ी का कोयला व चूने को डाल दें जिससे पानी, कोयले व चूने से छनकर आप के टैंक में आये। यह पानी साल भर ख़राब नहीं होगा। इस पानी को आप साल भर पीजिये पेट की बिमारी नहीं होगी। आवशयकता होने पर कभी-कभी थोड़ी मात्रा में लाल दवा (पोटेशियम परमैग्नेट) या फिटकरी का प्रयोग कर लें अन्यथा उसकी भी जरुरत नहीं है। राजस्थान में जहाँ पर पानी की बहुत अधिक कमी है, इसी तरह जल के भंडार को सुरक्षित रखकर प्रयोग किया जाता है। कोई RO का पानी नहीं पीता है।
२. बारिश के पानी के बाद ग्लेशियर से निकली हुई नदियों का पानी है, जिसमें अधिकतम खनिज तत्व व गुणवत्ता को पूर्ण करते हैं।
३. नदियों के जल के बाद तालाब का पानी, जिसमें साफ़ बारिश का जल एकत्रित होता हो, जिसमें गंदगी या जानवर ना नहाते हों।
४. फिर कुएँ का पानी, जिसका सम्बन्ध बारिश के दिनों में पानी के जलस्तर बढ़ने व घटने से होता है। कुएं की सफाई बारिश से पहले गर्मियों के दिनों में बहुत जरुरी है।
५. कुएं के पानी के बाद सप्लाई का पानी जिसे साफ़ करके, गुणवत्ता की जाँच-पड़ताल के बाद भेजा जाता है।
६. सप्लाई के पानी के बाद सबसे ख़राब पानी RO का है, जिसमें कभी भी शरीर के लिए आवश्यक खनिज तत्व नहीं मिलते हैं।
कुतर्क :- कुछ लोग कहेंगे कि हम तो लगातार कई वर्षों से RO का पानी पी रहे हैं, हम तो ठीक हैं। तो भाई जी आप ज़रा एक माह गाँव का या झुग्गी वालों की तरह खा-पीकर देखिये और अपनी आँतों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता की जांच कीजिये।
जल की कठोरता :-
अस्थाई कठोरता (Temporary Hardness):-
कैल्शियम और मैग्नीशियम के वाईकर्वोनेट के जल में रहने के कारण होती है। इस जल को उबालकर या सोडियम कार्बोनेट मिलाकर अथवा Clark's Process द्वारा कठोरता दूर की जाती है।
स्थाई कठोरता (Permanent Hardness):-
इस जल को उबाल कर शुद्ध नहीं किया जा सकता है, इस जल में मैग्नीशियम और कैल्शियम के क्लोराइड और सल्फेट घुले होने के कारण इसे सोडियम कार्बोनेट मिलाने से या Permutit Process द्वारा कैलगन विधि से दूर किया जाता है।