संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि शहरी क्षेत्र के गरीब युवाओं को अस्थायी रोजगार देने के लिये युवा स्वाभिमान योजना लागू की जा रही है। इसमें शहरी क्षेत्र के गरीब युवाओं को एक साल में 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
गणतंत्र दिवस पर नागरिकों के नाम अपने संदेश में नई योजना की चर्चा करते हुए श्री कमल नाथ ने कहा कि युवा शक्ति के हाथ में प्रदेश का भविष्य है। उन्होंने कहा कि युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है। जरूरत केवल युवा प्रतिभाओं को निखारने की है ताकि वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध रोजगार के अवसरों का पूरा-पूरा लाभ उठा सकें।
पंजीयन 10 फरवरी से होगा प्रारंभ
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि रोजगार के दौरान युवाओं को उनके पसंद के क्षेत्र में कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उनके हाथ में कौशल होगा, तो वे विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध रोजगार के अवसरों का पूरा-पूरा लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि योजना में 10 फरवरी से युवाओं का पंजीयन प्रारंभ होगा और फरवरी माह में ही रोजगार और कौशल देने का काम शुरू हो जायेगा।
मुख्यमंत्री ने नागरिकों को गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने संविधान के निर्माण से जुड़ी सभी महान विभूतियों एवं स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानियों का स्मरण किया। उन्होने छिन्दवाडा में गणतंत्र दिवस परेड की सलामी ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने काम शुरू करते ही पात्र किसानों का दो लाख रूपये तक का कर्ज माफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक नीति में बदलाव करते हुए शासन की सहायता लेने वाले उद्योगों में कम से कम 70 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के ही लोगों को दिया जायेगा।
वृद्धजनों, दिव्यांगों कल्याणियों की पेंशन बढ़ेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि वृद्धजनों, दिव्यांगों एवं कल्याणियों को दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 300 रूपये से बढ़ाकर 1000 रूपये कर दी जायेगी। इसे पूरा करने में पहला कदम बढ़ाते हुए अप्रैल के पहले सप्ताह से मिलने वाली पेंशन की राशि बढ़ाकर 600 रूपये प्रतिमाह कर दी जाएगी। हर साल इसमें बढ़ोत्तरी होगी।
तेन्दूपत्ता मजदूरी होगी 2500 रुपये प्रति मानक बोरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले तेन्दूपत्ता सीजन से तेन्दूपत्ता मजदूरी और बोनस का नकद भुगतान होगा। तेन्दूपत्ता की मजदूरी दर 2000 रूपये प्रति मानक बोरा को बढ़ाकर 2500 रूपये प्रति मानक बोरा की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवारा पशुओं के लिये गौशाला खोलने की योजना पर काम शुरू हो गया है। फरवरी माह में योजना को अंतिम रूप देकर क्रियान्वयन शुरू कर दिया जाएगा।
जनजातीय कल्याण की चर्चा करते हुए श्री कमल नाथ ने कहा कि जनजातीय भाइयों के पास जमीनों का सबसे बेहतर उपयोग करने के लिये जनजातीय कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में अनुसूचित जनजाति के सांसदों और विधायकों की एक समिति बनाई गई है। इस समिति की अनुशंसा पर सरकार काम करेगी।
अध्यात्म विभाग के गठन की चर्चा करते हुए श्री कमलनाथ ने कहा कि भारत की आध्यात्मिक विरासत एवं दर्शन प्रणाली एक वैश्विक धरोहर है। इस धरोहर के संरक्षण, संवर्धन और वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देश-विदेश की बहुलतावादी संस्कृति के विकास को नये आयाम देने का काम यह विभाग करेगा।
वचन पूरा करने में नहीं आयेगी वित्तीय बाधा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने विषम वित्तीय परिस्थितियों में कार्य संभाला है लेकिन जनता से किये गये वादों को पूरा करने में वित्तीय बाधा आड़े नहीं आने दी जायेगी। वित्तीय प्रबंधन को मजबूत बनाने के अनेक कदम उठाये जायेंगे। करों की चोरी की रोकथाम और राजस्व बढ़ाने की व्यवस्था को पुख्ता कर एवं आय के नए साधनों को लागू कर वित्तीय संसाधन जुटाये जायेंगे। सरकार ऐसी योजनाओं को बदलेगी या समाप्त करेगी, जो आम लोगों के लिये अब जरूरी नहीं रह गई हैं।
अधोसंरचना विकास पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधोसंरचना विकास के कार्य जैसे सड़क, बिजली, सिंचाई, जल-प्रदाय, नगरीय अधोसंरचना आदि विकसित करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं से धनराशि जुटाई जाएगी। इन क्षेत्रों में कार्यों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।
सामाजिक क्षेत्र की प्राथमिकताओं की चर्चा करते हुए श्री कमल नाथ ने कहा कि स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई, अस्पतालों में बेहतर इलाज और कुपोषण के विरूद्ध समाज के साथ मिलकर व्यापक अभियान चलाया जाएगा।
समृद्ध गांव बनायेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, बिजली, सड़क, स्वच्छता और कुटीर तथा ग्रामोद्योगों से स्थानीय स्तर पर रोजगार जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा कर गांवों को समृद्ध और स्वावलम्बी बनाया जायेगा। इसके लिये ग्राम पंचायतवार योजनाएं बनाकर स्थानीय लोगों की भागीदारी से उन पर अमल किया जायेगा। 'लोगों की सरकार' के स्थान पर 'लोग ही सरकार' के सिद्धांत पर त्रि-स्तरीय पंचायत राज संस्थाओं को सशक्त बनाया जायेगा। ग्राम सभाओं को और अधिक सशक्त बनाते हुए विशेष महिला ग्राम सभाएं आयोजित की जायेंगी।
परिवर्तन के साथ नई कार्य संस्कृति जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन में नयी कार्य-संस्कृति लाना जरूरी है। नये नजरिये और दृष्टिकोण के साथ परिवर्तन आयेगा। उन्होंने सभी शासकीय और पुलिस कर्मचारियों तथा अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे जन सेवा का कार्य पूरी ईमानदारी के साथ करेंगे। सरकारी विभागों और सरकारी अमले के कामों का मूल्यांकन जनता करेगी। जनता का मूल्यांकन ही सही माना जायेगा। मध्यप्रदेश शासन-प्रशासन और आम लोगों के बीच समन्वय का उदाहरण पेश करेगा। सरकार हर वर्ग की चिंता करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार से लोगों को नाउम्मीदी नहीं होगी। प्रचार कम, काम ज्यादा होगा। आने वाले पांच सालों में प्रदेश को पूरी तरह विकसित प्रदेश बनाने की राह पर तेजी से काम करने के लिये राज्य सरकार संकल्पित है।