गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

मंत्रिमंडल ने आकाश मिसाइल प्रणाली के निर्यात को मंजूरी दी...

 संवाददाता : नई दिल्ली

आत्मनिर्भर भारत के तहत, भारत विभिन्न प्रकार के रक्षा प्लेटफार्मों और मिसाइलों के निर्माण में अपनी क्षमताओं में वृद्धि कर रहा है। आकाश देश की महत्वपूर्ण मिसाइल है,जिसका 96 प्रतिशत से अधिक स्वदेशीकरण किया गया है।

आकाश सतह से हवा में मार करने वाली एक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 25 किलोमीटर तक है। इस मिसाइल को 2014 में भारतीय वायु सेनातथा 2015 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था।

रक्षा सेवाओं में इसके शामिल होने के बाद, अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों/रक्षा प्रदर्शनी/एयरो इंडिया के दौरान कई मित्र देशों ने आकाश मिसाइल में अपनी रुचि दिखाई। मंत्रिमंडल की मंजूरी से विभिन्न देशों द्वारा जारी आरएफआई/आरएफपीमें भाग लेने के लिए भारतीय निर्माताओं को सुविधा मिलेगी।

अब तक, भारतीय रक्षा निर्यातों में पुर्जे/घटक आदि शामिल थे। बड़े प्लेटफार्मों का निर्यात न्यूनतम था। मंत्रिमंडल की इस पहल से देश को अपने रक्षा उत्पादों को बेहतर बनाने और उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।

आकाश का निर्यात संस्करण वर्तमान में भारतीय सशस्त्र बलों में तैनात सिस्टम से भिन्न होगा।

आकाश के अलावा, अन्य प्रमुख प्लेटफार्मों जैसे तटीय निगरानी प्रणाली, रडार और एयर प्लेटफार्मों में भी रुचि दिखाई जा रही है। ऐसे प्लेटफार्मों के निर्यात के लिए तेजी से अनुमोदन प्रदान करने के लिए, रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की एक समिति गठित की गई है।

यह समिति विभिन्न देशों के लिए प्रमुख स्वदेशी प्लेटफार्मों के निर्यात को अधिकृत करेगी। समिति एक सरकार से दूसरी सरकार द्वारा खरीद सहित विभिन्न उपलब्ध विकल्पों का भी पता लगाएगी।

भारत सरकार ने 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के रक्षा निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त करने और मित्रदेशों के साथ रणनीतिक संबंधों को बेहतर बनाने के लिए उच्च मूल्य वाले रक्षा प्लेटफार्मों के निर्यात पर ध्यान केंद्रित करने का विचार किया है।

समाज सेवा के लिए लगन और ज़ज्बे की जरूरत: राज्यपाल

 संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि सरकार अकेले कोई काम नहीं कर सकती, जनता के सहयोग से कार्य होते हैं। समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों का सम्मान अवश्य किया जाना चाहिये। इससे अच्छा काम करने वालों का उत्साह बढ़ता है। पटेल आज राजभवन के सांदीपनी सभागार में दैनिक भास्कर द्वारा आयोजित एमिनेंस एवार्ड कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कठिन दौर में समाज सेवा करने वालों को सम्मानित करना सराहनीय है। कार्यक्रम में उज्जैन और ग्वालियर क्षेत्र के शिक्षा, व्यवसाय, सामाजिक कार्यकर्ता, रियल स्टेट और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 37 हस्तियों को राज्यपाल ने ट्राफी और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि समाज सेवा के लिए बहुत साधन और संसाधन की जरूरत नहीं होती है। स्वप्न जैसे लगने वाले कार्यों को अपनी लगन, निरंतर प्रयास और सेवा की भावना से ग्रामीण और दूरस्थ अंचल के लोगों ने अकेले अपने दम पर साकार किया है। एक अकेली महिला के संकल्प ने जंगल को बचाने के साथ ही दस हजार नये पौधे लगवा दिए। इसी तरह गॉव के किनारे पहाड़ के पीछे बहती नदी से गॉव तक नहर लाने का कार्य भी एक अकेले व्यक्ति ने ही कर दिखाया। उन्होंने कहा कि जरूरत लगन और प्रतिबद्धता की है। सरकार भी पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, विकास, महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मवीरों को सर्वोच्च पुरूस्कारों से सम्मानित कर रही है।

पटेल ने कहा कि कोरोना की विषम परिस्थितियों में कई लोगों ने बिना किसी के कहे अपनी जिम्मेदारी समझकर विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर काम और लोगों की सेवा की। उन्होंने कहा कि दैनिक भास्कर की यह पहल सराहनीय है। सम्मानित लोग अपने काम को और आगे बढायेंगे ऐसी आशा है।

राज्यपाल के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न इस आयोजन में स्वागत वक्तव्य दैनिक भास्कर के सेटेलाईट हेड राजेश माली ने दिया एवं आभार दैनिक भास्कर ग्वालियर के यूनिट हेड हरिशंकर व्यास ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विनोद गुप्ता ने किया।

अधिकारी स्वयं योजनाओं की क्रियान्विति जांचकर गुड गवर्नेंस की मिसाल पेश करें : मुख्य सचिव

संवाददाता : जयपुर राजस्थान

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने सभी विभागों के आला अधिकारियों से कहा कि वे स्वयं यह जांचकर देखें कि राज्य सरकार की जनकल्याण योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा है या नहीं और गुड गवनेर्ंस की मिसाल पेश करें। उन्होंने कहा कलक्टर और विभागों के अधिकारी धरातल पर योजनाओं की क्रियान्विति सुनिश्चित करने के लिए सिस्टम विकसित करें।

मुख्य सचिव ने शुक्रवार को वीसी के माध्यम से विभागों के सचिव तथा प्रमुख शासन सचिवों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि पत्रावलियों का निस्तारण त्वरित गति से हो। उन्होंने विभागों में फाइल ट्रेकिंग सिस्टम पूरी तरह से लागू करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने बैठक के दौरान प्रत्येक विभाग के लम्बित मुद्दों पर सम्बन्धित अधिकारी से चर्चा की और उस पर की जा रही कार्यवाही की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि लम्बित प्रकरणों पर कार्यवाही शुरू करने के साथ साथ उसकी नियमित मॉनिटरिंग भी की जानी चाहिये, ताकि समयबद्ध तरीके से प्रकरणों का निपटारा हो सके। 
 
आर्य ने विभिन्न विभागों को केन्द्र सरकार से प्राप्त हुए  पत्रों पर उनके द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी ली एवं आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किये। उन्होंने केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं तथा राज्य सरकार की बजट घोषणाओं की क्रियान्विति एवं लम्बित र्भतियों को भरने की प्रगति के संबंध में भी अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग शासन सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन से शुद्ध के लिए युद्ध, निरोगी राजस्थान, ऑक्सीजन प्लान्ट तथा जनता क्लिनिक की प्रगति के बारे में जानकारी ली। मुख्य सचिव ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों से सिलिकोसिस नीति और पेंशन के मुद्दों पर भी चर्चा की। 
 
मुख्य सचिव ने पब्लिक प्रोक्योरमेंट, परंपरागत कृषि योजना, गोवर्धन योजना, कृषि प्रसंस्करण नीति, डिजीटाइजेशन ऑफ फॉरेस्ट बाउन्ड्रीज, स्कूल नर्सरी योजना, फास्टैग, आरटीई, आधार सीडिंग तथा डिजीटल डिवाइड जैसे मुद्दों पर संबंधित अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे विभागों के साथ नियमित अंतराल पर इसी प्रकार की बैठक आयोजित करेें तथा इन मुद्दों पर कितना काम हुआ है इसकी रिर्पोट ले। 
 
इस अवसर पर आयोजना विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन उपस्थित थे। बैठक में प्रमुख शासन सचिव, गृह श्री अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती अपर्णा अरोड़ा, प्रमुख शासन सचिव वन एवं पर्यावरण विभाग श्रेया गुहा, प्रमुख शासन सचिव खान एवं पेट्रोलियम विभाग अजिताभ शर्मा, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा विभाग दिनेश कुमार, शासन सचिव, जल संसाधन विभाग श्री नवीन महाजन, शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग गायत्री राठौड, शासन सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग वैभव गालरिया, शासन सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंजू राजपाल, शासन सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग के के पाठक, शासन सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग श्रीमती शुचि शर्मा एवं अन्य विभागों के अधिकारियों ने वीसी के माध्यम से हिस्सा लिया। 

श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन की रैकिंग में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल : मुख्यमंत्री

 संवाददाता : रायपुर छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ राज्य ने श्याम प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन की डायनमिक रैंकिग में देश में अव्वल स्थान हासिल किया है। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा रूर्बन कलस्टर क्षेत्र में समेकित प्रदर्शन के आधार पर की गई रैकिंग में छत्तीसगढ़ राज्य ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्यों की सूची में एक बार फिर से प्रथम स्थान प्राप्त किया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे राज्य के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि कहा है और उन्होंने रूर्बन मिशन के क्रियान्वयन में जुटे राज्य स्तर से लेकर मैदानी स्तर तक के अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि रूर्बन मिशन के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ राज्य देश का मॉडल राज्य होगा। विदित हो कि छत्तीसगढ़ राज्य को इससे पूर्व रूर्बन मिशन के उत्कृष्ट क्रियान्वयन हेतु तथा बेस्ट परफार्मिंग स्टेट का प्रथम पुरस्कार प्राप्त हो चुका है।

यहां यह उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा रूर्बन मिशन अंतर्गत अब तक हुए वित्तीय एवं भौतिक प्रगति का आंकलन कुल 12 संकेतकों के आधार पर करते हुए देश के समस्त रूर्बन कलस्टरों की ’’डायनमिक रैंकिंग प्रणाली’’, को मिशन अंतर्गत तैयार किए गए वेब पोर्टल द्वारा प्रारंभ की गई है। देश के विभिन्न राज्यों को आबंटित क्लस्टर के समेकित प्रदर्शन के आधार पर राज्योें की रैंकिंग की गई है। उक्त मानकों के आधार पर की गई रैंकिंग के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों की सूची में पुनः प्रथम स्थान पर है।

ज्ञातव्य है कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा 19 दिसंबर, 2019 को ’’राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह’’ में राज्य को ’’मिशन के उत्कृष्ट क्रियान्वयन’’ हेतु प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा 11 सितम्बर, 2018 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह में रूर्बन मिशन अंतर्गत ’’छत्तीसगढ़ राज्य को उत्कृष्ट निष्पादन सम्मान’’ (ठमेज च्मतवितउपदह ैजंजम) वर्ग में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री ने सन्तोष शैलजा के निधन पर शोक व्यक्त किया...

 संवाददाता : शिमला हिमाचल

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार की धर्मपत्नी सन्तोष शैलजा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। जिला कांगड़ा के डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय में प्रातः उनका देहान्त हो गया। वह 83 वर्ष की थीं।

अपने शोक सन्देश में जय राम ठाकुर ने कहा कि सन्तोष शैलजा की मृत्यु से प्रदेश ने एक शिक्षाविद्, लेखिका और समाज सेविका को खोया है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन समाज के निम्न वर्गों के कल्याण को समर्पित किया।
 
मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शान्ति और शोक संतप्त परिजनों को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

बोकारो जिला के गोमिया नगर परिषद को विघटित करने से संबंधित प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने दी स्वीकृति...

 संवाददाता : रांची झारखंड

बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड के 8 ग्रामों को मिलाकर गठित गोमिया नगर परिषद वर्ग- ख  को विघटित  करने से संबंधित प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने स्वीकृति दे दी  है ।  इस प्रस्ताव को अब मंत्रिमंडल की स्वीकृति के लिए रखा जाएगा । ज्ञात हो कि नगर विकास एवं आवास विभाग ने  7 सितंबर 2018 को 8 ग्राम को मिलाकर गोमिया नगर परिषद गठित  किए जाने की अभिसूचना जारी की थी ।

इन ग्रामों को मिलाकर नगर परिषद का गठन किया गया था

गोमिया नगर परिषद का गठन गोमिया, पलिहारी गुरुडीह, सराबेड़ा, खम्भरा, स्वांग, पिपराडीह, हजारी और खुदगड्डा ग्रामों  को मिलाकर किया गया था । इसकी  कुल आबादी 48,141 ( वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक) है, जबकि जनसंख्या  घनत्व 687 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है ।गोमिया नगर परिषद का कुल क्षेत्रफल 66.40 वर्ग किलोमीटर है ।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों  ने जताई थी आपत्ति

गोमिया प्रखंड के अंतर्गत आने वाले पंचायतों के मुखिया , स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने गोमिया नगर परिषद के गठन पर आपत्ति जताई थी ।उनका कहना था कि नगर परिषद क्षेत्र में शामिल संपूर्ण क्षेत्र ग्रामीण प्रकृति की है तथा अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है । दैनिक एवं दिहाड़ी मजदूर काम के लिए अन्य क्षेत्रों में पलायन करते हैं । ऐसे में नगर परिषद के गठन होने पर जनता पर कर का बोझ बढ़ेगा , इसलिए नगर परिषद के गठन  से संबंधित अधिसूचना को वापस लिया जाए ।  उक्त आपत्तियों को लेकर बोकारो के  उपायुक्त से मंतव्य लेने और दिए गए सुझाव के उपरांत गोमिया नगर परिषद को विघटित करने का प्रस्ताव नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा तैयार किया गया ।

खेल नीति को बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही : खेल एवं युवा मामले राज्यमंत्री

 संवाददाता चंडीगढ़ हरियाणा 

हरियाणा के खेल एवं युवा मामले राज्यमंत्री  सरदार संदीप सिंह ने कहा कि खेल नीति को बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अवार्ड विजेता खिलाड़ियों के लिए मासिक राशि में बढ़ोतरी करके उन्हें आगामी नए साल की सौगात दी है। इससे युवा पीढ़ी में खेलों के प्रति आकर्षण पैदा होगा।

खेल राज्यमंत्री  संदीप सिंह ने कहा कि अभी तक सरकार की ओर से अर्जुन अवॉर्डी को 5 हजार रुपये मासिक दिए जाते थे। जिसमें बढ़ोतरी करते हुए मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने अर्जुन अवार्ड विजेताओं को एक जनवरी 2021 से 20 हजार रुपये मासिक देने की घोषणा की है। 

इसके साथ ही द्रोणाचार्य अवॉर्डी और ध्यानचंद अवार्ड विजेताओं को भी पांच हजार के स्थान पर 20 हजार रुपये मासिक दिए जाएंगे। इसी तरह भीम अवार्ड  विजेताओं को अब तक पांच लाख रुपये एकमुश्त पुरस्कार दिया जाता था। अब इस पुरस्कार के साथ-साथ भीम अवॉर्डी खिलाड़ी को पांच हजार रुपये मासिक दिए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के खेल एवं युवा मामले मंत्रालय द्वारा दिए जाने वाले तेनजिंग नोर्गे साहसिक पुरस्कार विजेता खिलाड़ियों को भी अब 1 जनवरी 2021 से 20 हजार रुपये मासिक दिए जाएंगे। इससे पूर्व तेनजिंग नोर्गे पुरस्कार से विजेता खिलाड़ियों को एकमुश्त राशि ही दी जाती थी। मासिक राशि के तौर पर इन्हें कोई सुविधा नहीं थी। अब विजेताओं को 20 हजार रुपये मासिक दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अर्जुन अवॉर्डी 80, द्रोणाचार्य अवॉर्डी 15 और ध्यानचंद अवार्डी 9 सूची में शामिल हैं।

इस तरह 104 अवार्ड विजेता सरकार की इस योजना से लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रदेश सरकार जल्द ही खेल नीति में भी संशोधन करके इसे और अधिक लाभकारी बनाने जा रही है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोरोना काल में कई गए बेहतरीन प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया...

संवाददाता : पटना बिहार

बिहार एक झलक में, बिहार की प्रमुख खबरें  :

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर कोरोना काल में कई गए बेहतरीन प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। महामहिम राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने डिजिटल इंडिया अवार्ड, 2020 से बिहार को सम्मानित किया है। यह सम्मान कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा बिहार के लोगों को समय से राहत पहुंचाने के लिए प्रदान किया गया है।
 
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में 11 एजेंडों पर मुहर लगाई गई है। बैठक में बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2020 के तहत नए नगर पंचायत के गठन के लिए नए अधिनियम को स्वीकृति दी गई है। नालंदा जिला के पावापुरी और नालंदा को नगर पंचायत बनाया गया है। इसके अलावा समस्तीपुर में सिंघिया, गोपालगंज में हथुआ, बांका में बौंसी और मधुबनी में बेनीपट्टी को नगर पंचायत का दर्जा मिला है।

उपमुख्यमंत्री सह उद्योग मंत्री रेणु देवी ने अधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक कर विभाग के कार्यों और अद्यतन गतिविधियों की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार को उद्यमी राज्य बनाने के लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा है।
 
समस्तीपुर के जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में खनन विभाग की जिला टास्क फोर्स की बैठक की गई। इस मौके पर जिला खनन पदाधिकारी एवं सभी अनुमंडल पदाधिकारी भी मौजूद थे।
 
वैशाली की जिला पदाधिकारी उदिता सिंह ने धान अधिप्राप्ति को लेकर समीक्षा बैठक की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, किसान सलाहकार एवं पैक्स अध्यक्षों ने अपनी राय रखी। इस दौरान जिला पदाधिकारी ने कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
 
मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में धान अधिप्राप्ति को लेकर बैठक की गई। इस मौके पर उन्होंने धान अधिप्राप्ति, 2020-21 के मद्देनजर कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
 
धान खरीद को लेकर सहरसा के जिलाधिकारी कौशल कुमार ने बैठक की। उन्होंने धान खरीद के संदर्भ में सभी पैक्स अध्यक्षों, किसान सलाहकारों, कृषि समन्वयकों तथा कृषि एवं सहकारिता विभाग के पदाधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दिए।
 
बक्सर के उप विकास आयुक्त योगेश कुमार सागर के द्वारा समाहरणालय सभागार में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से धान अधिप्राप्ति की बैठक की गई। इस दौरान उन्होंने कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
 
नालंदा के जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह की अध्यक्षता में जिला स्तरीय सलाहकार एवं समीक्षा समिति (डीएलसीसी/डीएलआरसी) की बैठक की गई। इस मौके पर उन्होंने कई आवश्यक निर्देश दिए।
 
मधुबनी के जिला पदाधिकारी डॉ नीलेश रामचंद्र देवरे ने नल-जल व पक्की गली-नाली योजना की समीक्षा की। साथ ही उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों के साथ पंचायत आम निर्वाचन, 2021 की मतदाता सूची की तैयारी की प्रगति के बारे में भी जानकारी ली।

नवादा के जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अंचलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई। इस दौरान उन्होंने कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की लहर से तोड़ने वाला बड़ा कारण है पलायन !

 संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड 

 पहाड़ों के बारे में यह कहावत मशहूर है कि यहां का पानी और जवानी कभी यहां के काम नहीं आ पाती। रोजगार की कमी, शिक्षा की समुचित व्यवस्था का अभाव, खेती करने में आने वाली परेशानियां यहां के लोगों को अपनी जड़ों को छोड़ने पर मजबूर करती जा रही हैं।


उत्तराखंड में पलायन इस हद तक बढ़ चुका है कि यहां के गांव तेजी से वीरान होते जा रहे हैं। यह अपने आप में एक बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि पहाड़ के कितने घरों के बाहर या तो ताले लगे हुए मिलते हैं या घर के बाहर केवल कोई बुजुर्ग दिखाई देता है।पिछले दो दशकों में उत्तराखंड में पलायन तेजी से हुआ है। आमतौर पर उत्तराखंड के लोग सुख-सुविधाओं और बेहतर जीवन की चाहत में पलायन करते हैं लेकिन अब इन कारणों में प्राकृतिक आपदाएं, जैसे पानी की कमी, भूस्खलन, भूकंप व रोजगार, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी आदि भी प्रमुख रूप से शामिल हो गए हैं।

उत्तराखंड के गांवों से जहां स्थानीय निवासी शहरों में जा रहे हैं, वहीं नेपाल और बिहार के लोग इन गांवों में आ रहे हैं। ये लोग कृषि श्रमिक के रूप में खेती का काम कर रहे हैं क्योंकि स्थानीय निवासियों की इस काम में दिलचस्पी काफी कम हो गई है। वर्ष 2000 में उत्तराखंड के गठन के बाद से पर्वतीय क्षेत्रों की 35 प्रतिशत आबादी पलायन कर चुकी है। इन क्षेत्रों से प्रतिदिन 246 लोग पलायन कर रहे हैं।

अगर इसी दर से पलायन जारी रहा तो राज्य की विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों को नए सिरे से परिभाषित करना पड़ सकता है। उत्तराखंड में इन 20 वर्षों में आई गई सरकारों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न और गंभीरता से विचार करने वाला विषय था ताकि यहां का जनमानस पलायन की इस समस्या से निजात पा सकता।

बुधवार, 30 दिसंबर 2020

आयकर विभाग ने दिल्ली में तलाशी अभियान चलाया...

 संवाददाता : नई दिल्ली

आयकर विभाग ने दिल्ली क्षेत्र में बेहिसाब नकदी रुटिंग और संचालन की गतिविधि में शामिल कई हवाला ऑपरेटरों के विरूद्ध तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की।

तलाशी की कार्रवाई के परिणामस्वरूप दोषी प्रमाणित करने वाले सबूतों के बारे में पता चला है कि विभिन्न फर्जी संस्थाओं का उपयोग फर्जी खरीद / बिक्री बिलों को तैयार करने के लिए किया जा रहा है और अनेक बैंक खातों के माध्यम से बेहिसाब धन की रुटिंग की जा रही है। ऐसी फर्जी संस्थाएं दो महीने के बाद बंद कर दी जाती हैं और नई संस्थाएं बना ली जाती हैं।

इसके अलावा,  300 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की बिक्रियों को छुपाने तथा फर्जी खरीदों को लेकर दोषी प्रमाणित करने वाले कागजातों का पता चला है।

तलाशी कार्रवाई से बेहिसाब 14 करोड़ रुपये नकद और 2 करोड़ रुपये मूल्य का बुलियन जब्त किया गया है।आगे की जांच जारी है।

आंगनवाडी केन्द्रों पर होगा रियूसेबल कपड़े के नेपकिन बनाने का प्रशिक्षण...

 संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश

कोविड-19 के दौरान किए गए अध्ययन के अनुसार लॉकडाउन में सैनेटरी नेपकिन की अनुपलब्धता होने से महिलाओं को असुविधा का सामना करना पड़ा। शहरों में सैनेटरी नेपकिन का प्रयोग ज्यादा होता है। ग्रामीण और आदिवासी अंचलों में सैनेटरी नेपकिन के उपयोग का प्रतिशत आर्थिक समस्या और जानकारी के अभाव में काफी कम आंका गया है। महिला बाल विकास विभाग द्वारा इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए महिलाओं और किशोरियों को स्थानीय स्तर पर रियूसेबल कपड़े के नैपकिन बनाने का प्रशिक्षण दिए जाने का निर्णय लिया है।

संचालक महिला बाल विकास स्वाति मीणा नायक ने जानकारी दी कि 30 दिसंबर से 15 जनवरी 2021 तक प्रदेश के सभी 52 जिलों में कुल 17005 आंगनवाडी केन्द्रों पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कपड़े के सुविधाजनक रियूसेबल सैनेटरी नैपकिन बनाने का प्रशिक्षण दिया जायेगा। यह प्रशिक्षण वॉटर-एड संस्था के तकनीकी सहयोग से ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में स्व-सहायता समूह की महिलाएँ, किशोरी बालिकाएँ, आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएँ शामिल होंगी।

नायक ने बताया कि प्रशिक्षण में बनाए गए सेनेटरी नैपकिन्स को महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं को उपयोग के लिए दिया जायेगा एवं उनसे फीड बैक लिया जायेगा। प्रशिक्षण के दौरान बालिकाओं/महिलाओं को माहवारी स्वच्छता पर भी प्रशिक्षण दिया जायेगा।

जैविक आदानों की आपूर्ति के लिए कृषि विश्वविद्यालय आगे आएं : राज्यपाल

 संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि जैविक आदानों की आपूर्ति के लिए कृषि विश्वविद्यालय आगे आएं। कृषि विश्वविद्यालय किसानों को जैविक बीज, खाद और कीटनाशक उपलब्ध कराने की कार्ययोजना पर अमल करें। उन्होंने कहा कि किसानों को जैविक आदानों की आपूर्ति की आवश्यकता का संकलन किया जाए। उसके अनुसार आगामी दो-तीन वर्षो में आपूर्ति की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों से कहा कि उन्नत जैविक खाद्यान्न, खाद और कीटनाशकों का उत्पादन किसानों के खेतों पर कराएं ताकि आसपास के अन्य किसान भी जैविक उत्पादन के लिए प्रेरित हों। पटेल पंवारखेड़ा होशंगाबाद में आयोजित जैविक उन्नत कृषि कार्यक्रम में किसानों को संबोधित कर रहीं थी। इस अवसर पर मंत्री किसान कल्याण एवं कृषि विकास श्री कमल पटेल भी मौजूद थे।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि रसायनिक खादों के उपयोग से होने वाले उत्पाद स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हैं। उन्होंने कहा कि यदि आंकड़े लिए जाएं तो कैंसर से मरने वालों की संख्या किसी अन्य संक्रमण से होने वाली मौतों से अधिक होगी। उन्होंने कहा कि विकास के लिए एकीकृत दृष्टि के साथ प्रयास किये जाना जरूरी है। गोबर से जैविक खाद, कीटनाशक और पोषक तत्वों का सफल उत्पादन गुजरात में हो रहा है। उत्तरप्रदेश में भी 10 हजार गायों के गोबर से जैविक उत्पादों के उत्पादन की परियोजना शुरू हुई है। उन्होंने विकास के लिए खाकों में नहीं एकीकृत प्रयासों की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि गाँवो के समग्र विकास की सोच के साथ कार्य किया जाए तो अनेक समस्याएं समाप्त हो जाएंगी। उन्होंने कुपोषण की समस्या का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि किसान थोड़ी सी सब्जी आँगनबाड़ी और मध्यान्ह भोजन में देने लगे तो बच्चों को पौष्टिक भोजन मिलने लगेगा। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं। 

उनके स्वास्थ्य के लिए महिलाओं, बेटियों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना होगा क्योंकि स्वस्थ माँ से स्वस्थ बच्चे का जन्म होगा। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उनके आर्थिक स्वावलंबन पर विशेष बल दिया और कहा कि महिला स्व-स्हायता समूह इसका सफल तरीका है। राज्यपाल पटेल ने कार्यक्रम स्थल पर जैविक कृषि उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और कृषको से संवाद कर, उन्हें उत्पादों का मूल्य संवर्धन कर विक्रय के लिए प्रेरित किया। जैविक उत्पादों की गुणवत्ता की सराहना करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बजाय अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर विक्रय के लिए प्रोत्साहित किया।

मंत्री किसान कल्याण एवं कृषि विकास कमल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाया है। उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर नहीं, अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर फसल बेचने  का अधिकार दिया है। उन्होंने कहा कि अभी तक उत्पादक किसान बहुत थे, मगर खरीददार व्यापारी थोड़े से होने के कारण फसल का सही मूल्य नहीं मिल पाता था।अब किसान स्वयं अपने उत्पादन को बेचने में सक्षम हो गया है। वह खाद्यान्न उत्पादक संघ बनाकर अधिकतम खुदरा मूल्य प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना से आजादी के 70 सालों के बाद किसानों को आबादी की जमीन का अधिकार मिल रहा है। अब वह भी अपनी संपत्ति के आधार पर बैंको से ऋण लेकर अपना व्यवसाय खड़ा कर सकता है।

पटेल ने कहा कि रासायनिक आदानों के अंधाधुंध उपयोग से मिट्टी जहरीली हो गई है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी उसी का प्रतिफल है। उन्होंने कहा कि भूमि के उपचार की जरूरत है। इसलिए सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों में कार्यालयीन समय में भूमि उपचार के लिए बहिरंग व्यवस्था (ओपीडी) चलाई जायेगी। कृषि वैज्ञानिक गाँवो में जाकर चौपाल लगाकर किसानों को परामर्श देंगे, इसके लिए टोल फ्री हैल्प लाइन भी संचालित की जाएगी। उन्होंने कहा कि जैविक खेती भावी पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य का आधार है।    

कार्यक्रम में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति पी.के. बिसेन ने बताया कि पंवारखेड़ा कृषि अनुसंधान केन्द्र की स्थापना वर्ष 1903 में हुई है। इस अवधि में केन्द्र द्वारा 53 उन्नत गेहूं की किस्मों का आविष्कार किया है। उन्होंने किसानों से नरवाई नहीं जलाने की अपील करते हुए कहा कि केन्द्र से बायो डाइजेस्टर प्राप्त कर नरवाई को 15 दिनों में जैविक खाद में बदला जा सकता है।

कार्यक्रम में रेशम विभाग द्वारा रेशम उत्पादन तकनीक का, उद्यानिकी विभाग द्वारा जैविक उत्पाद का, कृषि विभाग द्वारा कृषि जैविक उत्पाद एवं जैविक उत्पादन तकनीक का, मछली पालन विभाग द्वारा मछली उत्पादन तकनीक और योजनाओं का, कृषि विज्ञान केन्द्र गोविंदनगर बनखेड़ी द्वारा जैविक कृषि एवं उद्यानिकी और गौ आधारित कृषि उत्पादन, बांस और माटीकलां का, कृषि विज्ञान केन्द्र हरदा, नरसिंहपुर, बैतूल तथा कृषि महाविद्यालय पवारखेड़ा द्वारा जैविक कृषि एवं कृषि आधारित उत्पाद का, पशुपालन विभाग द्वारा पशु पालन कार्यक्रम एवं विभागीय योजनाओं का जैविक कृषि फार्म किसानों द्वारा जैविक उत्पाद का और कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा उन्नत कृषि यंत्रो का प्रदर्शन किया गया था। इस अवसर पर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सीतासरन शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष कुशल पटेल भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के एक साल पूरे होने के अवसर पर राजभवन पहुंचकर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को मोमेंटो प्रदान किया...

 संवाददाता : रांची झारखंड

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य सरकार के एक साल पूरे होने के अवसर पर राजभवन पहुंचकर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को मोमेंटो प्रदान किया । राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को सरकार के एक साल पूरे होने के लिए शुभकामनाएं दी ।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सरकार के प्रथम वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित 'राज्य स्तरीय/जिलास्तरीय कार्यक्रमों का समेकित विवरण:एक नजर में' पुस्तक की प्रति राज्यपाल को भेंट की।

इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने बिरसा चौक स्थित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया।



आशा सहयोगिनियों की मांगों के संबंध में कमेटी का गठन...

 संवाददाता  : जयपुर राजस्थान

आशा सहयोगिनियों की मांगों पर राज्य सरकार सवेंदनशील है । महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ममता भूपेश के निर्देश पर विभाग ने  उनकी मांगों के शीघ्र निस्तारण के लिए शासन सचिव डॉ.के.के. पाठक एवं चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव सिद्धार्थ महाजन व निदेशक, आईसीडीएस की देखरेख में कमेटी का गठन किया है। कमेटी द्वारा वित्त विभाग को आशाओं के मानदेय वृद्धि संबंधी वित्तीय मांगे राज्य सरकार को प्रेषित की जा चुकी हैं तथा आशा सहयोगिनियों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त होने वाले इंसेंटिव में तर्कसंगत वृद्धि के लिए भी भारत सरकार को पत्र लिखा जा रहा है।

आईसीडीएस की निदेशक डॉ. प्रतिभा सिंह ने बताया कि आशा सहयोगिनी संगठन के प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए आमंत्रित कर मानदेय वृद्वि की पत्रावली राज्य सरकार को प्रेषित किए जाने से अवगत कराया गया। आशा सहयोगिनियों को समेकित बाल विकास विभाग की ओर से 2700  रूपये राशि प्रति माह की दर से मानदेय दिया जा रहा है जो पूर्णतया राज्य मद से दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत विभिन्न सेवाओं हेतु औसतन 3000 रुपये की  इंसेंटिव राशि भी प्रतिमाह प्रदान की जा रही है। आशा सहयोगिनी संगठनों ने मानदेयकर्मियों के स्पष्ट कार्य विभाजन, चिकित्सा विभाग में प्रक्रिया सरलीकरण व जठिलताओं में कमी की मांग की, जिस पर सहमति व्यक्त की गई। उनकी अधिकांश मांगों पर सकारात्मक सहमति जताई गई है व चिकित्सा विभाग से संबंधित मांगों पर अग्रिम कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। मानदेय वृद्वि के संबंध में पत्रावली पर राज्य सरकार द्वारा सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जा रहा है। 
 
उन्होंने बताया कि  एनएचएम के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा आशा कार्मिक का पद इंसेंटिव आधारित पद सृजित किया गया है। राजस्थान सरकार द्वारा पूर्व में सृजित मानदेय सहयोगिनी का पद आशा के साथ समावेश कर इन्हें नया नाम आशा सहयोगिनी किया गया; ताकि एनएचएम के तहत इन्सेटिंव राशि के साथ का भी लाभ ले सके। पूरे देश में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आशाओं को अतिरिक्त मानदेय की व्यवस्था केवल राजस्थान राज्य में ही है, और राज्य मद से कुल लगभग 17.00 करोड़ रूपये की राशि मानदेय हेतु प्रदान की जा रही है। चूकि भारत सरकार द्वारा अपना अंशदान केवल चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अन्तर्गत केवल इन्सेंटिव के रूप में ही दिया जाता है, अतः मानदेय संबंधी समस्त वित्तीय भार राज्य सरकार पर ही सृजित होता है। चिकित्सा विभाग के इन्सेंटिव राशि में भी 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करती है।  

अपनी इकाइयों को लाभप्रद बनाने के लिए और सक्रिय व व्यावसायिक दृष्टिकोण अपनाए पर्यटन निगम : मुख्यमंत्री

 संवाददाता : शिमला हिमाचल

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने मंगलवार यहां हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीस) के निदेशक मंडल की 155वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश में निगम की इकाइयों को लाभप्रद और व्यवहार्य बनाने के लिए अधिक सक्रिय और व्यावसायिक दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया।
 
जय राम ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने प्रदेश के पर्यटन उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया है। निगम 1 अपै्रल से 30 नवम्बर, 2020 तक 18.42 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करने में सफलता हासिल की जबकि पिछले वर्ष इस अवधि के दौरान 63.24 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई। निगम ने महामारी के दौरान क्वारंटीन सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार को अपनी संपत्तियां उपलब्ध करवाकर 70 लाख रुपये की धनराशि अर्जित की।

उन्होंने कहा कि निगम को अपने कार्य में कुशलता लाने के लिए परिभाषित मापदण्डों और केन्द्रित लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए। बुकिंग और आॅक्यूपेंसी के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जाने चाहिए और प्रतिस्पर्धा की भावना से कार्य करने को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए, जिसके लिए इन कार्यांे को प्रोत्साहनों के साथ जोड़ा जा सकता है।
 
जय राम ठाकुर ने कहा कि अटल टनल रोहतांग के खुलने से कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिलों में पर्यटकों की आवाजाही में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है इसलिए पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। जिला लाहौल-स्पीति में सिसू से केलांग के बीच पर्यटकों को ठहरने और खाने-पीने की सुविधाएं प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को सरकार की होम-स्टे योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए, जिससे न केवल उनकी आर्थिकी सुदृढ़ होगी बल्कि पर्यटकों को जनजातीय क्षेत्रों की समृद्ध और अनूठी संस्कृति व जीवनशैली की झलक भी देखने को मिलेगी।
 
जय राम ठाकुर ने कहा कि निगम को जिस्पा और सिसू में पर्यटकों को ठहरने की सुविधा प्रदान करने के लिए टेंट और प्री-फैब्रीकेटिड ढांचे की सुविधाएं उपलब्ध करवाने की सम्भावनाएं तलाशी जानी चाहिए। पर्यटकों की सुविधा के लिए केलांग में निगम के चन्द्रभागा होटल का जीर्णोंद्धार और विस्तार किया जाएगा। उन्होंने पर्यटकों को सड़क के किनारे सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए विशेष कदम उठाने के निर्देश दिए।
 
मुख्यमंत्री न कहा कि निगम ने अगले वर्ष 31 मार्च तक अपनी सभी परिसम्पत्तियों में किराये में 40 प्रतिशत छूट दी है, जबकि पहले पर्यटकों को 25 से 40 प्रतिशत की छूट मिल रही थी। इसी कारण कोविड-19 के बावजूद निगम की परिसम्पत्तियों में ठहरने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दृष्टिगत मेहमानों को विभिन्न प्रकार के रोग प्रतिरोधक व्यंजन परोसे जा रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि निगम कुछ वर्षों से घाटे में चल रही कुछ परिसम्पत्तियों को पट्टे पर देने पर विचार कर सकता है जिससे निगम को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा और इनमें तैनात कर्मचारियों की सेवाएं अन्य स्थानों पर ली जा सकती हैं। इसी प्रकार, काफी अर्से से उपयोग में नहीं लाई जा रही सड़क किनारे सुविधाओं को भी निगम के लाभ के लिए अन्य विभागों को या पट्टे पर हस्तांतरित किया जाना चाहिए।
 
जय राम ठाकुर ने कहा कि निगम के मौजूदा कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर अधिक बल दिया जाना चाहिए ताकि वे पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान कर सकें। सचिव पर्यटन देवेश कुमार ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि निगम अधिक व्यावसायिक दृष्टिकोण के साथ कार्य कर वांछित परिणाम प्राप्त करने की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ काम करेगा। निगम की प्रबन्ध निदेशक कुमुद सिंह ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
 
मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा, निदेशक पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन यूनुस सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

हरियाणा सरकार ने फर्जी बिक्री जैसे हस्तांतरणों पर रोक लगाई : अतिरिक्त मुख्य सचिव

 संवाददाता चंडीगढ़ हरियाणा 

हरियाणा सरकार ने फर्जी बिक्री जैसे हस्तांतरणों पर रोक लगाकर संपत्ति मालिकों के अधिकारों की रक्षा करने के मद्देनजर हरियाणा पंजीकरण मैनुअल में पैरा 159-ए जोडक़र उसे संशोधित करते हुए 23 दिसंबर, 2020 को एक अधिसूचना जारी की है।

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त श्री संजीव कौशल ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि यह संशोधन यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि वैध व्यक्तियों को फर्जी तरीके से की गई बिक्री डीड रद्द करवाने के लिए कानूनी सहारा न लेना पड़े और वे अपनी संपत्ति पर अधिकार बनाए रख सकें। 

उन्होंने कहा कि यह संशोधन पंजीकरण अधिकारियों को ऐसे व्यक्ति, जो संपत्ति को हस्तांतरित करने के हकदार नहीं हैं, द्वारा पहले फर्जी तरीके से दर्ज की गई बिक्री डीड्स को रद्द करने वाली निरस्तीकरण डीड्स को स्वीकार एवं पंजीकृत करने का अधिकार देगा। यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी व्यक्ति के पास संपत्ति में कोई अधिकार है और कोई अन्य व्यक्ति उसकी सहमति के बिना उसे हस्तांतरित करता है तो वास्तविक मालिक का उस संपत्ति में अधिकार बना रहेगा और इस तरह के टाइटल पर हस्तांतरण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

संशोधन के अनुसार, यदि कोई दस्तावेज किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा दर्ज किया गया है जिसे ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत करने का अधिकार नहीं है तो दस्तावेज के तहत दावा करने वाला कोई भी व्यक्ति ऐसी जानकारी प्राप्त होने की तिथि से चार महीने के भीतर ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत कर सकता है जो यह बताते हों कि  मामले में वे दस्तावेज अमान्य हैं। पंजीकृत अधिकारी पंजीकरण अधिनियम, 1908 के तहत उचित प्रक्रिया का अनुपालन करने उपरांत दस्तावेज अर्थात निरस्तीकरण डीड को फिर से ऐसे ही पंजीकृत कर सकता है, जैसे कि उसका पहले पंजीकरण नहीं किया गया हो। 

यदि बिक्री, उपहार, रेहन, विनिमय, पट्टे या अन्यथा के माध्यम से हस्तांतरण से संबंधित दस्तावेज, पंजाब सांझा भूमि(विनियमन)अधिनियम,1961 या हरियाणा नगरपालिका अधिनियम,1973 और हरियाणा नगर निगम अधिनियम,1994 के तहत नगर निगमों सहित नगर पालिकाओं में पंचायत देह में निहित ‘शामलात देह’ भूमि के रूप में पंजीकृत या मानी जाती है तो खंड विकास पंचायत अधिकारी, सचिव या कार्यकारी अधिकारी या आयुक्त, नगर निगम या जिला नगर आयुक्त द्वारा उपायुक्त या अन्य वरिष्ठ प्राधिकारी के अनुमोदन प्राप्त करने उपरांत निरस्तीकरण डीड को पंजीकृत किया जाएगा। लागू होने पर यह मानदंड संबंधित प्राधिकारी या अदालत द्वारा संबंधित कानून के तहत स्थगित किए बिना अवैध रूप से विभाजित और अतीत में ‘शामलात देह’ की भूमि पर लागू होगा।

इसके अलावा, ऐसी कई परिस्थितियां हो सकती हैं, जब निष्पादित करने वाला व्यक्ति स्वयं की वकालत पंजीकरण अधिकारी के सामने करता है और पहले के दस्तावेज को रद्द करवाने की इच्छा व्यक्त करता है। ऐसे मामलों में पंजीकरण अधिकारी पहले के पंजीकरण को पूरी तरह से अनदेखा करते हुए पंजीकरण अधिनियम,1908 की धारा 23 ए के तहत दस्तावेज को रद्द कर सकता है अर्थात, फिर से पंजीकरण कर सकता है।

संशोधन में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारतीय स्टाम्प अधिनियम,1899 और भारतीय स्टाम्प (हरियाणा संशोधन) अधिनियम, 2018 की अनुसूची 1क, अनुच्छेद 17, जैसे हरियाणा पर लागू हैं, के अनुसार 500 रुपये की स्टाम्प फीस के साथ निरस्तीकरण डीड को कानून में एक कानूनी दस्तावेज केरूप में मान्यता प्राप्त है और अचल संपत्ति के हस्तांतरण के लिए लेनदेन कोई अपवाद नहीं है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की बैठक आयोजित...

 संवाददाता : पटना बिहार

बिहार एक झलक में, बिहार की प्रमुख खबरें  :

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। जिसमें कुल ,11 प्रस्तावों पर मुहर लगायी गई।
 
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर बिहार में कुपोषित व कमजोर बच्चों की घर-घर जाकर पहचान की जाएगी। समाज कल्याण विभाग के तहत संचालित समेकित बाल विकास परियोजना निदेशालय (आईसीडीएस) ने कोरोना काल के दौरान कुपोषित हुए बच्चों को चिह्नित करने और उन्हें पौष्टिक आहार व इलाज मुहैया कराने को लेकर अभियान चलाने का निर्णय लिया है। यह अभियान जनवरी, 2021 में पूरे माह संचालित किया जाएगा।
 
राज्य भर में मुख्यमंत्री उज्ज्वल दृष्टि अभियान के तहत 50 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को मुफ्त में चश्मा दिया जा रहा है। इस अभियान के तहत वृद्धजनों के बीच चश्मा वितरण करने में परेशानी नहीं हो और सभी को लाभ मिल सके, इसके लिए दृष्टि मोबाइल ऐप तैयार किया गया है।

1 से 10 जनवरी तक प्रदेश भर में किसानों से प्राथमिकता के आधार पर पैक्स एवं व्यापार मंडलों के जरिये धान खरीद अभियान शुरू किया जायेगा। फिलहाल समर्थन मूल्य पर नये सिरे से खरीद के लिए खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने पूरी रणनीति बनायी है। सचिव विनय कुमार के मुताबिक पी.एफ.एम.एस. के जरिये किसानों के खाते में 48 घंटे के अंदर धान बिक्री की राशि हस्तांतरित की जायेगी।
 
बिहार के भू-धारी/रैयत जो दिल्ली में रह रहे हैं अब अपने राज्य के किसी भी राजस्व ग्राम का नक्शा प्राप्त कर सकते हैं। डिजिटल इंडिया लैंड रिकार्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के तहत मानचित्र की डिजिटाइज्ड प्रति सुगमता से उपलब्ध करायी जा रही है। आपको बता दें कि इसके लिए बिहार भवन, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली में प्लॉटर मशीन लगायी गयी है।
 
मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में धान अधिप्राप्ति के संबंध में ऑनलाइन बैठक की गई। इस मौके पर दरभंगा के जिलाधिकारी ने धान अधिप्राप्ति को लेकर विस्तृत जानकारी दी। बैठक में सभी जिलों के जिलाधिकारी ऑनलाइन उपस्थित हुए।
 
बेगूसराय के जिला पदाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने खरीफ विपणन मौसम वर्ष 2020-21 अंतर्गत धान अधिप्राप्ति के संबंध में बैठक की। इस मौके पर जिले के सभी चयनित पैक्स/व्यापार मंडल के अध्यक्ष, कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार एवं प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
 
खगड़िया के जिलाधिकारी द्वारा विशेष भू-सर्वेक्षण सहित राजस्व कार्यों की समीक्षा की गई। इस मौके पर उन्होंने भूमि सुधार उपसमाहर्ता, अंचलाधिकारियों एवं सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों को कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
 
गया के जिला पदाधिकारी अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा बैठक की गई। इस मौके पर उन्होंने लोक शिकायत मामलों को निर्धारित समय में पूरा करने का सख्त निर्देश दिया।
 
सहरसा के जिलाधिकारी कौशल कुमार ने पंचायतों में पूर्ण किये गए ‘हर घर नल का जल’ योजना के जांच प्रतिवेदन के संदर्भ में समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कई दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने सभी वरीय उप समाहर्ता के नेतृत्व में ‘हर घर नल का जल’ योजना की जांच करायी थी।
 
लखीसराय के जिला पदाधिकारी संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में जिला तम्बाकू नियंत्रण कोषांग और सीड्स के संयुक्त तत्वाधान में जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर उन्होंने कई आवश्यक दिशा-निर्दश दिए।

भारत के शक्तिशाली मिनी ट्रक, सुपर कैरी ने 4 साल पूरे किए...

 संवाददाता : लख़नऊ उत्तरप्रदेश 

भरोसे व साझेदारी के मारुति सुजुकी के मूल्यों के आधार के साथ मारुति सुजुकी के सुपर कैरी ने सफलतापूर्वक चार साल पूरे किए। मारुति सुजुकी ने कमर्शियल सेगमेंट में प्रवेश साल 2016 में अपने पहले कमर्शियल वाहन सुपर कैरी के साथ किया।

इस शक्तिशाली मिनी ट्रक ने 70,000 से ज्यादा मालिकों को सशक्त बनाते हुए उनके व्यवसाय की विभिन्न जरूरतों व संपूर्ण विशेषताओं के अनुरूप कस्टमाईज़्ड अनुभव प्रदान किए। इस उपलब्धि के बारे में शशांक श्रीवास्तव, एक्ज़िक्यूटिव डायरेक्टर (मार्केटिंग एवं सेल्स), मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने कहा, ‘‘भारत के महत्वाकांक्षी मिनी-ट्रक ग्राहकों के बेहतर माईलेज देने के लिए खास तैयार किए गए सुपर कैरी पर कोई भी लोड ज्यादा भारी महसूस नहीं होता है। सुपर कैरी पेट्रोल सेल्स के 75 प्रतिशत बाजार अंश के साथ यह पहला एलसीवी मिनी ट्रक है, जो बीएस6 पेट्रोल वैरिएंट के साथ लॉन्च किया गया है।

इसमें 1196 सीसी का 4 सिलेंडर दमदार इंजन लगा है। 4 साल सफलतापूर्वक पूरे करने के बाद हमें इस बात पर गर्व है कि सुपर कैरी ने छोटे से समय में ही अपनी एक अलग पहचान बना ली और यह लाईट कमर्शियल वैहिकल बाजार में दूसरा सबसे ज्यादा बिकने वाला मिनी ट्रक बन गया। 70,000 से ज्यादा गौरवान्वित मालिकों का विस्तृत ग्राहक आधार सुपर कैरी की सफलता का प्रमाण है। मारुति सुजुकी ने सुपर कैरी मिनी ट्रक सन 2016 में लॉन्च किया था। सुपर कैरी का एस-सीएनजी वैरिएंट 2017 में लॉन्च किया गया।

कंपनी के मिशन ग्रीन मिलियन के अनुरूप बीएस6 कंप्लायंट एस-सीएनजी वैरिएंट सन 2020 में लॉन्च किया गया। सुपर कैरी एस-सीएनजी वैरिएंट में 5 लीटर के पेट्रोल टैंक के साथ अद्वितीय बाई-फ्यूल इंजन है, जो इमरजेंसी की स्थिति में बैक-अप फ्यूल प्रदान करता है। मारुति सुजुकी के 320 कमर्शियल आउटलेट्स से 235 शहरों में बेचे गए सुपर कैरी ने वित्तवर्ष 2019-20 में 15 प्रतिशत का बाजार अंश एवं वाईटीडी’20 में 20 प्रतिशत का बाजार अंश दर्ज किया। सुपर कैरी के मालिक श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पॉवर, माईलेज़, आसान मेंटेनेंस, कम्फर्ट एवं हाई डेक लोड क्षमता के गुणों के चलते इस वाहन को पसंद करते हैं, जिनसे उनका लाभ बढ़ता है।

सुपर कैरी के ग्राहकों में मालिक-संग-ड्राईवर एवं फ्लीट और कैप्टिव मालिक हैं, जो महत्वाकांक्षी हैं और लाभ के साथ अपने व्यवसाय में एक पहचान व सम्मान चाहते हैं। सुपर कैरी एक व्यवहारिक प्रस्तुत है, इसे अनेक कामों, जैसे ई-कॉमर्स, कुरियर, एफएमसीजी एवं सामान के वितरण आदि के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ऑल-इन-पैकेज प्रस्तुत करने के विचार के साथ सुपर कैरी ‘4 साल तरक्की के’ की विरासत को गर्व के साथ आगे ले जा रहा है।

कृषि मंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों में पलायन रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती विकास प्रोग्राम के संबंध में बैठक की...

 संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड 

प्रदेश के कृषि मंत्री ने विधानसभा स्थित सभागार में सीमावर्ती क्षेत्रों में पलायन रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती विकास प्रोग्राम के संबंध में बैठक की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासी के स्थायी आजीविका और सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा की दृष्टि से स्थायी आजीविका विकल्प को लेकर कार्ययोजना बनाई जाए।

इसमें उस क्षेत्र के उपलब्ध कृषि जलवायु के परिस्थितियों और विपणन प्रसंस्करण से संबंधित पहलू को भी ध्यान में रखा जाए। इस कार्ययोजना में उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में कृषि, बागवानी, फसलों को बढ़ावा देने वाली संभावना का पता लगाया जाए।

इसके अलावा उन्होंने अन्य आजीविका विकल्पों से संबंधित रिपोर्ट तैयार करने के भी निर्देश दिए। यह भी निर्देश दिए कि अंतर्राष्ट्रीय सीमावर्ती विकास प्रोग्राम से संबंधित कार्ययोजना बनाकर केंद्र सरकार को भेजी जाए।

इसमें 11 ब्लाॅकों का चयन किया गया है जिसमें पिथौरागढ़ के चार, चमोली में एक, उत्तरकाशी में तीन, उधमसिंहलगर में 1 व चंपावत के दो ब्लाॅक शामिल हैं।

मंगलवार, 29 दिसंबर 2020

दिल्ली 130 करोड़ से अधिक लोगों की बड़ी आर्थिक और रणनीतिक शक्ति है, इसकी भव्यता प्रकट होनी चाहिएः प्रधानमंत्री

 संवाददाता : नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश का प्रत्येक छोटे और बड़े शहर भारत की अर्थव्यवस्था के केन्द्र बनने जा रहे हैं, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी के रूप में दिल्ली को विश्व में अपनी उपस्थिति दर्ज कराती 21वीं सदी की भव्यता प्रकट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुराने शहर को आधुनिक बनाने के अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री बिना ड्राइवर के प्रथम मेट्रो संचालन के उद्घाटन और दिल्ली मेट्रो के एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन तक नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड लॉन्च करने के अवसर पर आयोजित समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।

मोदी ने कहा कि सरकार ने कर में छूट देकर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा कि राजधानी की पुरानी अवसंरचना को आधुनिक टेक्नोलॉजी आधारित अवसंरचना में बदला जा रहा है। यह सोच सैकड़ों कॉलोनियों को नियमित बनाकर झुग्गी-झोपड़ी वासियों की जीवन स्थिति बेहतर बनाने के प्रावधान तथा पुराने सरकारी भवनों को पर्यावरण अनुकूल आधुनिक ढांचे में बदलने में प्रकट होती है।

प्रधानमंत्री ने बल देते हुए कहा कि दिल्ली पुराना पर्यटक स्थल है और साथ-साथ दिल्ली में 21वीं सदी के आकर्षण विकसित करने का काम जारी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों, अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी तथा अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय पर्यटन का पसंदीदा स्थान बनती जा रही है। इसलिए राजधानी के द्वारका इलाके में देश का सबसे बड़ा सेंटर बनाया जा रहा है। इसी तरह विशाल भारत वंदना पार्क के साथ नए संसद भवन के लिए काम जारी है। इससे दिल्ली के न केवल हजारों लोगों को रोजगार मिलेंगे बल्कि दिल्ली की सूरत भी बदल जाएगी।

बिना ड्राइवर के प्रथम मेट्रो संचालन और दिल्ली मेट्रों के एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन तक नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड के विस्तार के लिए उन्होंने राजधानी के नागरिकों को बधाई देते हुए कहा कि दिल्ली 130 करोड़ से अधिक लोगों की बड़ी आर्थिक और रणनीतिक शक्ति है, इसलिए इसकी भव्यता प्रकट होनी चाहिए। 

भोपाल सैण्ड ट्रक आनर्स एशोसिएशन की हड़ताल समाप्त...

 संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश

खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने 11 मील पर 12 दिनों से चल रही हड़ताल को लेकर भोपाल सैण्ड ट्रक आनर्स एशोसिएशन से चर्चा कर उनकी वैधानिक मांगो को स्वीकार किया, जिससे यूनियन द्वारा हड़ताल समाप्त कर दी गई। मंत्री सिंह ने कहा कि रेत की रॉयल्टी वाली गाड़ियों को कोई भी विभाग नहीं रोकेगा और केवल चेक-पोस्ट पर ही गाड़ियों की जांच होगी। उन्होंने कहा कि वैधानिक गाड़ियों को अब किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।

मंत्री सिंह ने कहा कि यूनियन की जो वैधानिक मांगे थी, उसे स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि व्हीकल के हिसाब से रेत की मात्रा का पैरामीटर तैयार किया गया है, पैरामीटर के अनुसार 6 व्हील वाली गाड़ी में 10 QMT आर्थात 350 वर्गफिट, 10 व्हील वाली गाड़ी में 16 QMT आर्थात 600 वर्गफिट, 12 व्हील वाली गाड़ी में 18 QMT आर्थात 700 वर्गफिट, 14 व्हील वाली गाड़ी में 12 QMT आर्थात 800 वर्गफिट और 16 व्हील वाली गाड़ी में 25 QMT आर्थात 900 वर्गफिट रेत लाई जा सकती है।

खनिज मंत्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी यह निर्देश दिये हैं कि जो नियमानुसार व वैधानिक रूप से रेत का ट्रांसपोर्ट कर रहे हैं ऐसे लोगों को सरकार का सपोर्ट रहेगा और अवैधानिक एवं नियम के अनुसार परिवहन नहीं करने वालों को बक्शा नहीं जायेगा। उन्होंने कहा कि कुछ कानून की समस्या आ रही है, कानून नियम में भी शीघ्र सुधार किया जायेगा।

उल्लेख है कि भोपाल सैण्ड ट्रक आनर्स एशोसिएशन के अंतर्गत होशंगाबाद, बुदनी, बरखेड़ा, रायसेन और मण्डीदीप के समस्त ट्रक ऑपरेटर शामिल थे। इस अवसर पर यूनियन के संरक्षक नरेन्द्र सिंह चौहान, अध्यक्ष तुलाराम चौहान, सचिव रावत, शाहिद खान कार्यवाहक अध्यक्ष एवं भोपाल सैण्ड ट्रक आनर्स एशोसिएशन के सभी ऑपरेटर उपस्थित थे।

केंद्र ने किसान विरोधी बिल लाकर जनता के हितों पर किया कुठाराघात : श्रम राज्य मंत्री

 संवाददाता  : जयपुर राजस्थान

श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसान विरोधी बिल लाकर आम जनता के हितों पर कुठाराघात किया है।  जूली सोमवार को अलवर जिले के नटनी के बारां स्थित सभा स्थल पर किसान संवाद कार्यक्रम में किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसान देश का अन्नदाता है जो इस कड़ाके की सर्दी के बीच विरोध प्रदर्शन कर रहा है और केंद्र सरकार हठधर्मिता अपना कर किसानों की बात सुनने के स्थान पर उन पर ही अनर्गल आरोप लगाकर किसान संगठनों में फूट डालने की साजिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार ने अपने काले कानून वापस नहीं लिए तो पूरे देश की जनता केंद्र सरकार के तुगलकी कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि आज से कांग्रेस पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर अब राज्य सरकार भी पुरजोर तरीके से इन काले कानूनों का विरोध करते हुए आमजन को भी जागृत करने का प्रयास करेगी। 
 
परिजनों से मिलकर बंधाया ढांढस
 
श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली ने सोमवार को मालाखेडा थाना क्षेत्र के गांव नावली में 11 वर्षीय बालक की निर्मम हत्या होने पर बालक के परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया। श्रम राज्य मंत्री ने कहा कि पुलिस के द्वारा इस मामले में गहन तहकीकात की जा रही है और आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों को इस प्रकार के हादसों से सबक लेकर अंधविश्वास के खिलाफ अपनी मानसिकता को बदलना होगा। 

नगरनार इस्पात संयंत्र के विनिवेश की स्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार इस संयंत्र को खरीदेगी : भूपेश बघेल

 संवाददाता : रायपुर छत्‍तीसगढ़

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार यहां विधानसभा में शासकीय संकल्प पर चर्चा के दौरान यह घोषणा की कि भारत सरकार बस्तर के नगरनार इस्पात संयंत्र का डिस्इंवेस्टमेंट न करे, डिस्इंवेस्टमेंट की स्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार इस संयंत्र को खरीदने के लिए तैयार है। इस संयंत्र को निजी हाथों में नहीं जाने देंगे। छत्तीसगढ़ सरकार इसे चलाएगी। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सदन में यह शासकीय संकल्प - ‘यह सदन केन्द्र सरकार से यह अनुरोध करता है कि भारत सरकार के उपक्रम एनएमडीसी द्वारा स्थापनाधीन नगरनार इस्पात संयंत्र, जिला बस्तर का केन्द्र सरकार द्वारा विनिवेश न किया जाए। विनिवेश होने की स्थिति में छत्तीसगढ़ शासन इसे खरीदने हेतु सहमत है’ सर्वसम्मति से पारित किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ विधानसभा के इतिहास की महत्वपूर्ण घटना है। उन्होंने कहा कि सवाल छत्तीसगढ़ की अस्मिता का है, बस्तर के आदिवासियों का है। बस्तर के लोगों का इससे भावनात्मक लगाव रहा है। जमीन सार्वजनिक उपक्रम के लिए दी गई थी, खदान भी एनएमडीसी को इस शर्त पर दी गई थी कि एनएमडीसी यहां इस्पात संयंत्र लगाएगा। राज्य शासन की भी और जनता की भी यह मंशा थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरनार के मामले में भारत सरकार के आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने नवंबर 2016 को एनएमडीसी की नगरनार स्टील प्लांट के 51 प्रतिशत शेयर निजी क्षेत्र की कंपनी को बेचने की सहमति दी। दुर्भाग्यजनक बात है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखा कि यदि इसे निजी  हाथों में सौपा जाएगा तो नक्सली गतिविधियों को काबू करना कठिन हो जाएगा। इसे सितंबर 2021 तक पूरा कर लेने का भी निर्णय हो चुका। उन्होंने कहा कि यदि डिमर्जर का निर्णय लिया जा रहा है तो यह किसके डिमर्जर का निर्णय है। क्योंकि संयंत्र और खदान दोनों एक ही के द्वारा संचालित हैं। नगरनार इस्पात संयंत्र को अलग यूनिट मान लिया गया।

बघेल ने कहा कि 637 एकड़ शासकीय और 1506 एकड़ निजी भूमि है। आदिवासियों ने इस शर्त पर जमीन दी कि यहां सार्वजनिक उपक्रम लगे। भारत सरकार के विधि सलाहकार, परिसंपत्ति मूल्यांकन-कर्ता द्वारा भी बार-बार आपत्ति दर्ज कराई गई कि इस संयंत्र को नहीं बेचा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष का कहना है कि निजीकरण की शुरुआत हमारी सरकार के समय हुई, वे बिलकुल ठीक कह रहे हैं। जब नरसिंहराव प्रधानमंत्री और श्री मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे, तब इसकी शुरुआत हुई। लेकिन इस बात पर ध्यान देना होगा कि जो बीमार और घाटे पर चल रहे उपक्रम थे, जिनकी बैलेंस शीट पांच वर्षों से घाटा दर्शा रही थी, उनकी सीएजी की रिपोर्ट आने के बाद ही उन्हें बेचा जा सकता था। लेकिन आपके शासनकाल में तो डिस्इनवेस्टमेंट के लिए अलग ही विभाग खोल दिया गया। 

बघेल ने कहा जब आपने नगरनार इस्पात संयंत्र के डिस्इंवेस्टमेंट का फैसला ले लिया है, तो फिर एमएमडीसी से प्लांट तक आयरन ओर पाइप से आए इसके लिए अभी 1400 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट क्यों कर रहे हैं ? ताकि पका पकाया फल आप दे दें ! उन्होंने कहा कि  टाटा को आपने जमीन दी थी। 2016 में टाटा ने लिख कर दे दिया था कि वह संयंत्र नहीं लगाना चाहता। इसके बावजूद वह जमीन आपने लैंडपुल में रख दी। वहां  किसान समर्थन मूल्य पर अपने धान नहीं बेच पा रहे थे, सोसायटी से लोन नहीं ले पा रहे थे। 

बघेल ने कहा कि हम बस्तर के आदिवासियों, परंपरागत निवासियों, सबका विश्वास जीतने की कोशिश कर रहे हैं। चाहे जमीन वापस करने की बात हो, चाहे तेंदूपत्ता का समर्थन मूल्य बढ़ाने की बात हो, चाहे व्यक्तिगत पट्टे, सामुदायिक पट्टे, लघु वनोपज जो सात खरीदते थे उसे बढ़ाकर 52 करके वैल्यूएडीशन की बात हो, स्थानीय लोगों को रोजगार देने की बात हो, लगातार हमारी कोशिश है कि हम विश्वास जीतें। उसका परिणाम है कि आज नक्सली पाकेट में सिमट गए हैं।

मुख्यमंत्री ने पौंग बांध में और खेल गतिविधियां आरंभ करने के निर्देश दिए...

 संवाददाता : शिमला हिमाचल

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सोमवार यहां पौंग क्षेत्र विकास बोर्ड की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यहां पैराग्लाइडिंग, पैरा सैलिंग, वाटर स्कूटर, केयाकिंग, स्पीड बोट, क्रूज बोट, वाटर जोर्बिंग बाॅल्स, हाउस बोट, शिकारा, फ्लोटिंग जैट्टी और फ्लोटिंग रेस्टोरेंट जैसी खेल गतिविधियां आरम्भ करने के लिए भाखड़ा ब्यास प्रबन्धन बोर्ड से मंजूरी ली जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त, पौंग बांध जलाश्य में खेल क्रीड़ाओं के लिए भारतीय नौ सेना अथवा तटरक्षक सेना के सहयोग से एक उत्कृष्ट संस्थान स्थापित करने की संभावनाएं भी तलाशी जाएं ताकि अधिक से अधिक पर्यटकों को यहां आने के लिए आकर्षित किया जा सके।

जय राम ठाकुर ने कहा कि बोर्ड के गठन का प्रमुख उद्देश्य पौंग क्षेत्र का एकीकृत एवं योजनाबद्ध विकास और इस क्षेत्र में पर्यटन एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए नीतियां एवं योजनाएं तैयार करना है। इससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि पौंग बांध को नई राहें-नई मंजिलें योजना के अन्तर्गत भी विकसित किया जाएगा। इस योजना के अन्तर्गत 7.96 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं ताकि पौंग बांध को प्रदेश के प्रमुख पर्यटक आकर्षण के रूप में विकसित किया जा सके।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में स्वीकृत गतिविधियां क्रियान्वित करने के लिए कारगर कदम उठाए जाने चाहिए। इसके अलावा, पर्यटन परियोजनाओं के निष्पादन में निजी निवेश आकर्षित करने की दिशा में भी प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पौंग बांध विकास बोर्ड को सुदृढ़ बनाने के लिए समुचित कदम उठाए जाएंगे। पौंग बांध क्षेत्र के किनारे बेहतर सड़क सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि पर्यटक यहां आने के इच्छुक हों।
 
एशियाई विकास बैंक द्वारा वित्तपोषित 8.33 करोड़ रुपये की परियोजना के पहले ट्रैंच के कार्यान्वयन में बरती जा रही ढील पर असन्तोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने इस मामले में जांच बिठाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच रिपोर्ट एक महीने के अन्दर प्रस्तुत की जाए ताकि वास्तविकता सामने आ सके।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल क्रीड़ा प्रेमियों को इस क्षेत्र की ओर आकर्षित करने के लिए क्षेत्रीय जल क्रीड़ा केन्द्र महाराणा प्रताप सागर, पौंग बांध की गतिविधियों का विविधिकरण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस अभयारण्य में हर वर्ष लाखों की संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं जिसे देखते हुए अधिक वाॅच टावर लगाए जाने चाहिए ताकि पर्यटकों को पक्षियों को देखने की सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुविधा के लिए फतेहपुर उप-मण्डल में भी उचित स्थानों पर पक्षियों को निहारने के लिए स्थल विकसित किए जाएं।
 
जय राम ठाकुर ने कहा कि पौंग बांध में रामसर गिरि द्वीप को भी पयर्टन की दृष्टि से विकसित किया जाना चाहिए, जहां हर वर्ष हजारों की संख्या में पर्यटक नौकाओं के माध्यम से पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रमुख स्थलों पर फ्लोटिंग जैट्टिज की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए ताकि लोग नौकायन का आनन्द उठा सकें।
 
विधायक एवं बोर्ड के सदस्य होशियार सिंह ने कहा कि पौंग बांध क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि हरिपुर गुलेर चित्रकला विश्व प्रसिद्ध है, जिसको पुनः प्रचलित करने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त, हरिपुर के आस-पास के क्षेत्रों में कई मन्दिरों का जीर्णोद्वार कर पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उन क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, जो पौंग बांध क्षेत्र से दूर हैं।
 
मुख्य सचिव अनिल खाची ने भी पौंग बांध क्षेत्र के विकास के लिए अनेक सुझाव दिए।पर्यटन सचिव देवेश कुमार ने मुख्यमंत्री और बोर्ड के सदस्यों का स्वागत किया।
 
अतिरिक्त मुख्य सचिव राम सुभग सिंह एवं आर.डी. धीमान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा, सचिव के.के. पंत, पर्यटन निगम की महाप्रबन्धक कुमुद सिंह, भाषा, कला एवं सस्कृति विभाग के निदेशक सुनील शर्मा और बीबीएमबी एवं पर्वतारोहण संस्थान के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में भाग लिया।

मुख्यमंत्री से झारखण्ड विधानसभा के मनोनीत एंग्लो इंडियन सदस्य जी. जे. गॉलस्टेन ने मुलाकात की...

 संवाददाता : रांची झारखंड

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से झारखण्ड विधानसभा के मनोनीत एंग्लो इंडियन सदस्य जी. जे. गॉलस्टेन ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री से यह उनकी शिष्टाचार मुलाकात थी।



गुप्त सूचना पर सिरसा में भारी मात्रा में हथियारों की बरामदगी के बाद दारा सिंह और अमरजीत सिंह को गिरफ्तार किया...

 संवाददाता : सिरसा हरियाणा 

हरियाणा पुलिस ने सिरसा से अवैध हथियार बरामदगी मामले में आगे बढ़ते हुए उत्तर प्रदेश में अवैध असला बनाने की फैक्टरी का पर्दाफाश कर भारी मात्रा में अवैध हथियार बनाने में इस्तेमाल होने वाले औजार व अन्य सामान बरामद किया है।

हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने सोमवार यहां जानकारी देते हुए बताया कि अवैध हथियारों का जखीरा बरामदगी मामले में रिमांड पर लिए उत्तर प्रदेश जिला बरेली के बाजार मोहल्ला बहेड़ी निवासी मुख्य सरगना इस्ताक अहमद की निशानदेही पर सीआईए की टीम ने छापेमारी के बाद यह सफलता हासिल की है। पुलिस ने यूपी के बहेडी एरिया में छापेमारी के दौरान अवैध असला यूनिट का भंडाफोड़ किया।

पुलिस  द्वारा अवैध पिस्तौल के 19 बट, 10 बैरल, 19 स्प्रिंग्स, 20 स्क्रू, 3 ट्रिगर, एक अधूरी पिस्तौल और अन्य सामान बरामद किया गया। पूछताछ के दौरान दो अन्य आरोपियों की पहचान की गई है जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। इस मामले में अब तक 22 अवैध पिस्तौल, 72 जिंदा और खाली कारतूस की बरामदगी के साथ मुख्य सरगना सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

गौरतलब है कि 19 दिसंबर को गुप्त सूचना पर सिरसा में भारी मात्रा में हथियारों की बरामदगी के बाद पुलिस ने दारा सिंह और अमरजीत सिंह को गिरफ्तार किया था। उनके रिमांड अवधि के दौरान, पुलिस ने पंजाब निवासी अवतार सिंह उर्फ लाडी को हिसार के एक होटल से पांच अवैध पिस्तौल सहित गिरफ्तार किया था। बाद में, इस नेटवर्क के मुख्य सरगना इस्ताक अहमद को यूपी के बरेली से गिरफ्तार किया गया।

जांच में पता चलता है कि इस्ताक अहमद आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है और पहले भी अवैध हथियार मामले में गिरफ्तार हो चुका है। यूपी पुलिस ने 2019 में आरोपी से अवैध हथियार बनाने की फैक्टरी पकडी थी। इसके अलावा, वह उत्तर प्रदेश एसटीएफ टीम के रडार पर भी था। जिसे हरियाणा पुलिस ने महत्वपूर्ण सुराग जुटाते हुए काबू कर लिया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 30 दिसंबर को डिजिटल इंडिया अवार्ड, 2020 सम्मान से बिहार को सम्मानित करेंगे...

 संवाददाता : पटना बिहार

बिहार एक झलक में, बिहार की प्रमुख खबरें  :

पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. अरुण जेटली की जयंती के अवसर पर मुख्यमत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित लोक संवाद में उनके तैलचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया एवं श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी समेत कई गणमान्य लोगों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
 
बिहार सरकार के बेहतरीन प्रयासों को एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 30 दिसंबर को डिजिटल इंडिया अवार्ड, 2020 सम्मान से बिहार को सम्मानित करेंगे। यह सम्मान कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा बिहार के लोगों को समय से राहत पहुंचाने के लिए प्रदान किया जा रहा है।
 
मार्च, 2020 में कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन की घोषणा की गयी थी। इस दौरान बिहार के लोग काफी संख्या में अन्य राज्यों में फंसे हुए थे। ऐसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्काल पहल करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए थे।

लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों में फंसे 21 लाख से अधिक लोगों को बिहार कोरोना सहायता मोबाइल ऐप के माध्यम से वित्तीय सहायता पहुंचायी गयी। इसके अलावे 1.64 करोड़ राशन कार्डधारी परिवारों को 3 महीने का अग्रिम राशन प्रदान किया गया और 1000 रुपये की वित्तीय सहायता भी दी गई।
 
राज्य के 12 जिलों में पांच सौ करोड़ रुपये से अधिक की लागत से मुख्यमंत्री वृहद आश्रय गृह का निर्माण शुरू हो गया है। इसका निर्माण पांच एकड़ में होगा। इसमें रहने वाले बच्चे, बच्चियों, महिलाओं व युवाओं की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए कुछ बदलाव किये गये हैं, जिसमें अब अंदर एवं बाहर की सुरक्षा बढ़ायी गयी है। आश्रय गृह में बैरक एवं चेक पोस्ट का भी निर्माण होगा, ताकि आने-जाने वालों का पूरा ब्योरा रखा जा सके।
 
सहरसा के जिलाधिकारी कौशल कुमार ने जय मां भवानी राइस मिल, बरियाही का निरीक्षण किया। इसमें 8 MT प्रति घंटा क्षमता की आधुनिक मशीनों द्वारा CMR तैयार किये जाने की प्रक्रिया की जानकारी ली।
 
गया के जिला पदाधिकारी अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत बैठक आयोजित की गई। बैठक में 257 मामलों पर विचार-विमर्श करते हुए समिति द्वारा स्वीकृति दी गई। इस मौके पर उन्होंने कई निर्देश दिए।
 
हाड़ कंपा देने वाली शीतलहर के मद्देनजर दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम के निर्देश पर कंबल का वितरण किया गया। जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग एवं बाल संरक्षण इकाई द्वारा कुष्ठ कॉलोनी, एकभिण्डा, बिजली हॉल्ट के निकट, सदर प्रखण्ड एवं कुष्ठ कॉलोनी, सोनकी के प्रांगण में 75 चिह्नित गरीब, असाध्य रोग से ग्रसित एवं विधवा महिलाओं के बीच कंबल का वितरण किया गया।

स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल की उपलब्धता का टारगेट शीघ्र पूर्ण किया जाए : मुख्य सचिव

 संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड 

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने सोमवार को जल जीवन मिशन की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल की उपलब्धता का टारगेट शीघ्र पूर्ण किया जाए। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत निर्धारित मानकों का पालन करते हुए पेयजल उपलब्ध कराया जाय। सभी जिलाधिकारियों को भी कार्यों की प्रगति समीक्षा समय समय पर करने के निर्देश दिए।



सोमवार, 28 दिसंबर 2020

उपराष्‍ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्‍हा राव को श्रद्धांजलि अर्पित की...

 संवाददाता : नई दिल्ली

उपराष्‍ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्‍हा राव को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनके द्वारा आरंभ किए गए निर्भीक आर्थिक सुधारों ने देश के विकास में तेजी लाने में सहायता की।  

हैदराबाद में वरिष्‍ठ पत्रकार ए. कृष्‍णा राव द्वारा लिखी गई ‘विप्‍लव तपस्‍वी : पीवी’ नामक एक तेलुगू पुस्‍तक का विमोचन करते हुए उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि जब नरसिम्‍हा राव ने प्रधानमंत्री का कार्यभार ग्रहण किया, उस वक्‍त देश गंभीर आर्थिक संकट और राजनीतिक अनिश्चितता का सामना कर रहा था।   

उन्‍होंने कहा कि बहरहाल, राव ने कई राजनीतिक विद्वानों की अपेक्षाओं से बढ़कर कार्य किया और अपने कार्यकाल के दौरान कई चुनौतियों के बीच देश का प्रभावी रूप से नेतृत्‍व किया।

नायडू ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री एक चतुर प्रशासक थे। हालांकि, उनके द्वारा कार्यान्वित कई नीतियों से सहमत नहीं भी हुआ जा सकता है, उनके द्वारा की गई कुछ बड़ी पहलें देश के व्‍यापक हित में थीं। उन्‍होंने विश्‍व व्‍यापार संगठन में भारत के प्रवेश को सुगम बनाया।

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि नरसिम्‍हा राव ने कई कार्य किए जिनमें लाइसेंस राज का खत्‍मा, बैंकिंग सुधार, बिजली निजीकरण, दूरसंचार आधुनिकीकरण शामिल हैं और निर्यातों के बढ़ावा देने तथा विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कदम उठाए। उन्‍होंने कृषि क्षेत्र में सुधार आरंभ किया तथा खाद्यान्‍नों के परिवहन पर प्रतिबंधों को हटाया। 

नायडू ने स्‍मरण किया कि पूर्व प्रधानमंत्री ने 73वें और 74वें संवैधानिक संशोधनों के जरिए स्‍थानीय निकायों को भी सशक्‍त बनाया। पूर्व प्रधानमंत्री को एक बहुपक्षीय व्‍यक्तित्‍व बताते हुए उन्‍होंने कहा कि श्री राव एक महान् विद्वान, साहित्‍य सेवी और बहुभाषी व्‍यक्ति थे। उन्‍होंने कहा कि हालांकि उन्‍हें उचित सम्‍मान नहीं प्राप्‍त हुआ।

नरसिम्‍हा राव पर पुस्‍तक लिखने पर श्री कृष्‍णा राव की सराहना करते हुए उन्‍होंने युवाओं से ऐसी पुस्‍तकों को पढ़ने की अपील की। उन्‍होंने कहा कि महान पुरुषों एवं महिलाओं के बारे में पुस्‍तकों तथा स्मारक व्याख्यानों का उद्देश्‍य दूसरों को प्रेरित करना होता है। इस अवसर पर राज्‍य सभा सांसद के. केशव राव, कृष्‍णा राव तथा राघवेन्द्र राव भी उपस्थित थे।

बाँधवगढ़ में नाइट सफारी शुरू हुई,सैलानियों ने रात में देखी जंगल की खूबसूरती...

 संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश

पर्यटकों को बाँधवगढ़ (उमरिया) राष्ट्रीय उद्यान के बफर के दो गेट परासी और पचपेढ़ी को शुक्रवार को खोलने के बाद तीसरा पर्यटन जोन बी-7 पनपथा रविवार से शुरू कर दिया गया है। सैलानियों ने नाइट सफारी का लुत्फ उठाया और रात में जंगल की खूबसूरती और विचरण करने वाले वन्य-जीवों को देखा।

सैलानियों के लिए टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा बाकायदा गाइड-लाइन जारी कर दी गई है। नाइट सफारी का समय शाम 7 से 9 बजे तक का तय किया गया है।

अब नये सिरे से लेट इवनिंग सफारी प्रारंभ होने पर शनिवार को 35 लोगों ने रात्रिकालीन सफारी का जिप्सियों में बैठ कर रात्रिकालीन वन्य-जीवों और प्रसिद्ध स्थलों का मनमोहक नजारा देखा।

बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व के संचालक विंसेंट रहीम ने बताया कि नए जोन और हवाई सफारी के अलावा अन्य पर्यटन गतिविधियों को नए वर्ष में चालू करने पर विचार किया जा रहा है। मुख्य रूप से जंगल के अंदर पेड़ों की ऊँचाई में मचान अनुभव, कैंपिंग साइट, बफर में रात्रि विश्राम, नेचर ट्रेल, आदिवासी म्यूजियम जैसी गतिविधियाँ भी शुरू करने की योजना है।

केन्द्र सरकार किसानों के हित में कृषि कानूनों को शीघ्रतापूर्वक वापस ले : श्रम राज्य मंत्री

 संवाददाता : अलवर राजस्थान

श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली ने कहा है कि केन्द्र सरकार को किसानों के हित में कृषि कानूनों को शीघ्रतापूर्वक वापस लेना चाहिए जिससे अन्नदाता सुरक्षित रहे। 

श्रम राज्य मंत्री जूली रविवार को अलवर जिले के गांव बेलाका में ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसानों को शांतिपूर्ण विरोध करने से भी रोका जा रहा है जो कि केन्द्र सरकार का किसान विरोधी स्वरूप सामने लाता है।
 
उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किसानों की जमीन और उसकी फसल का हक हडपने का प्रयास कानून की आड में पूरा नहीं होने दिया जाएगा। 
 
इससे पूर्व श्रम राज्य मंत्री ने ग्राम पंचायत बेलाका क्रिकेट क्लब के तत्वावधान में आयोजित प्रतियोगिता का फीता काटकर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर श्रम राज्य मंत्री ने कहा कि मनुष्य के सम्पूर्ण विकास के लिए खेल आवश्यक एवं महत्वपूर्ण कड़ी है। खेलों से ही जीवन में व्यक्ति अनुशासन के साथ शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास को प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि खेलों को हार-जीत की भावना से ऊपर उठकर टीम भावना के साथ प्रेम और सौहार्द से खेला जाना चाहिए। 

‘‘मनखे-मनखे एक समान‘‘ आदर्श को आत्मसात करके ही मानव जाति का होगा कल्याण: मुख्यमंत्री

 संवाददाता : रायपुर छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार दोपहर विकासखंड पामगढ़ में आयोजित गुरु घासीदास जयंती समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने पामगढ़ स्थित जैतखाम पर पहुंच कर बाबा गुरु घासीदास के चित्र पर माल्यार्पण करके पूजा अर्चना की।

बघेल ने सफेद झंडा (पालो) को पकड़ कर जैतखाम की परिक्रमा की और जैतखाम पर झंडा चढ़ाते हुए प्रदेशवासियों की खुशहाली और समृद्धि की कामना की। बाबा गुरु घासीदास के पूजा अर्चना कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्राम उद्योग मंत्री गुरु रुद्रकुमार भी शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि बाबा गुरु घासीदास के द्वारा कहे गए आदर्श वाक्य मनखे मनखे एक समान को आत्मसात करने से ही मानव जीवन का कल्याण हो सकता है। उन्होंने कहा कि सभी मानवों को एक समान मानते हुए राज्य सरकार बिना भेदभाव के सभी वर्ग के लोगों के हित में काम कर रही है और बाबा जी के आदर्शों और नैतिकता के रास्ते पर चलते हुए ही प्रदेश सरकार ने सफलतम 2 वर्ष पूरे कर लिए हैं।

उन्होंने कहा कि सभी वर्गों के हित को ध्यान में रखकर राज्य सरकार योजना बना रही है। मुख्यमंत्री ने पामगढ़ में सभा को सम्बोधित करते हुए सभी लोगों को राज्य और देश के विकास में भागीदार बनने की अपील भी की।