शनिवार, 31 अक्तूबर 2020

दीपावली के मौके पर केवीआईसी ने उच्च गुणवत्ता वाला मलमल का मास्क लांच किया...

 संवाददाता : नई दिल्ली

त्योहारों का आगाज हो चुका है और दीपावली पर सफेद और लाल रंग के खादी से बने मास्क बाजार में उपलब्ध होंगे। खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने दो लेयर वाले वाले मास्क बाजार में लांच किए हैं। इन मास्क पर “शुभ दीपावली” लिखा होगा। लिमिटेड एडिशन वाले खादी के ये मास्क मलमल से बनाए गए हैं। मलमल एक उच्च गुणवत्ता वाला कपड़ा होता है, जिसे पश्चिम बंगाल के खादी के कारीगर अपने हाथों से बनाते हैं।

दीपावली की तरह केवीआईसी आने वाले दिनों में क्रिसमस और नव वर्ष के अवसर पर भी स्पेशल मास्क लांच करेगा।मलमल के मास्क को लांच करने का फैसला, पिछले दिनों दो लेयर वाले सूती और तीन लेयर वाले रेशम के मास्क की लोकप्रियता को देखते हुए किया गया है। केवीआईसी ने पिछले महीने में ऐसे करीब 18 लाख मास्क की बिक्री की है।

दीपावाली के लिए लांच हुए मलमल के मास्क की कीमत 75 रुपये रखी गई है। जिसे ऑनलाइन केवीआईसी के ई -पोर्टल www.khadiindia.gov.in. से खरीदा जा सकता है। इसके अलावा दिल्ली स्थिति खादी स्टोर से भी खरीदा जा सकता है।

खादी के दूसरे मास्क की तरह मलमल से बना मास्क भी त्वचा के अनुकूल है। इसे मास्‍क को धोकर दोबार उपयोग किया जा सकता है और बॉयोडिग्रेबल (पर्यावरण हितैषी) भी है। इसके साथ ही कीमत भी आम आदमी के लिए अनुकूल है। इस मास्क में दो लेयर (परत) का इस्तेमाल किया गया है, जो कि सफेद मलमल के कपड़े से बनाया गया है। इसके अलावा लाल रंग के छींट उसे कही ज्यादा स्टाइलिश बनाते हैं। जो उसे त्योहार के लिए पूरी तरह अनुकूल बनाते हैं।

केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि डबल लेयर (परत) दीपावाली मास्क कम कीमत में ज्यादा वैल्यू देने वाले हैं। महामारी से बचने के लिए केवीआईसी का यह अहम प्रयास है। इसके इस्तेमाल से लोग दीपावली को खास अंदाज में मना सकेंगे। “वायरस के संक्रमण रोकने में सहयोग करने के अलावा केवीआईसी की लगातार कोशिश है कि वह मास्क को कहीं ज्यादा ट्रेडिंग भी बनाए। मलमल से बने यह मास्क हमारी रेंज में और इजाफा करेंगे। केवीआईसी इसके अलावा सूती और रेशम के भी मास्क बना रहा है। इस कदम से अतिरिक्त रोजगार के भी अवसर पैदा हो रहे हैं।”

मलमल के कपड़े से मास्क बनाने की एक वजह यह भी है कि वह नमी को मास्क के अंदर ही रखेगा। साथ ही इसके जरिए हवा भी आसानी से आर-पार हो जाएगी। यह मास्क इसलिए भी खास हो जाता है कि यह हाथ से काता गया है, उसे हाथ से ही बुना गया है। जो कि त्वचा के लिए बेहद मुलायम और आरामदेह है। साथ ही इसे लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरदार पटेल को किया नमन...

 संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर नमन करते हुए कहा कि देश की एकीकरण के लिए सरदार पटेल के एतिहासिक प्रयासों का स्मरण कर गर्व का अनुभव होता है। वे राष्ट्रीय एकता और अखण्डता की प्रतिमूर्ति थे। 

सरदार पटेल ने राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए जो कदम उठाए वे उनके व्यक्तित्व के दृढ़ संकल्प और मजबूत इच्छा-शक्ति के परिचायक हैं। आज वर्तमान भारत का स्वरूप सरदार पटेल के प्रयासों का ही फल है।

आज सरदार पटेल की जयंती राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाई जा रही है। सरदार पटेल के बलिदान के प्रतीक के रूप में गुजरात के केवड़िया में प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से स्टेचू ऑफ यूनिटी निर्मित कर उन्हें राष्ट्र ने आदरांजलि दी है। यह परिसर विश्व का अनोखा श्रद्धास्थल बन गया है।

शुद्ध के लिए युद्ध अभियान पॉमोलिन तेल में तैयार लड्डू देसी घी के बताकर बेचे जा रहे थे...

 संवाददाता : जयपुर राजस्थान

त्योहारी सीजन में मिलावटखोरों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए जयपुर जिला प्रशासन द्वारा 26 अक्टूबर से 14 नवम्बर तक चलाए जा रहे ‘‘शुद्ध के लिए युद्ध अभियान’’ के पांचवे दिन शुक्रवार को खाद्य निरीक्षकों की टीमों ने खातीपुरा रोड, विराट नगर, बगरू, मालवीय नगर में कार्यवाही की। एक दुकान पर पॉमोलिव ऑयल में तैयार लड्डुओं को देसी घी का बताकर बेचा जा रहा था। इसी दुकान पर कई खाद्य सामग्री अवधिपार मिली। यहां 50 किलो दूषित मिठाई को नष्ट कराया गया।
 
अतिरिक्त जिला कलक्टर चतुर्थ एवं अभियान के प्रभारी अशोक कुमार ने बताया कि खाद्य निरीक्षकों की प्रथम टीम ने खातीपुरा रोड स्थित मैसर्स ‘‘गुरु कृपा जोधपुर मिष्ठान भंडार’’ पर कार्रवाई की।  यहां पर मोतीचूर के लड्डू रिफाइंड पॉमोलिन तेल में तैयार कर उन्हें देसी घी में तैयार बताकर ऊंचे दाम पर बेचा जा रहा था। टीम ने ग्राहक बनकर पूछा तो देसी घी में निर्मित होना बताया लेकिन जब कार्रवाई की जाने लगी तो रिफाइंड पॉमोलिन तेल में निर्मित होना स्वीकार किया। यहां अत्यधिक मात्रा में अवधिपार फ्लेवर, फूड कलर और कोल्ड ड्रिंक पाए गए जिन्हें मौके पर नष्ट करवाया गया।

अशोक कुमार ने बताया कि इस दुकान पर करीब 50 किलोग्राम दूषित मिठाईयां भी नष्ट करवाई गईं। इसी इलाके के हनुमान नगर में ‘‘मैसर्स राजधानी बेकर्स एंड स्वीट्स’’ से ब्रेड के नमूने लिए गए और 3 लीटर अवधिपार फ्लेवर नष्ट कराया गया। अजमेर रोड जयपुर से ‘‘मैसर्स भगवती जोधपुर स्वीट सेंटर’’ से मावा मिठाई के नमूने लिए गए।
 
उन्होंने बताया कि टीम ने विराटनगर में भी कई जगह खाद्य पदार्थों के सैम्पल लिए। इसमें विराटनगर जयपुर से ‘‘मैसर्स मंगल ट्रेडर्स’’ गणेश रोड के यहां से तिल के तेल का सैंपल लिया गया। विराट नगर के बस स्टैंड स्थित ‘‘मैसर्स बजाज किराना स्टोर’’ से मिर्च पाउडर का सैंपल लिया गया। विराटनगर के ही गणेश रोड से ‘‘मैसर्स यश ट्रेडर्स’’ के यहां से रिफाइंड सोयाबीन तेल का सैंपल लिया गया एवं बस स्टैंड के पास ‘‘यादव मिष्ठान भंडार’’ से बर्फी (मावा मिठाई) का सैंपल लिया गया। ‘‘मैसर्स श्रीसती जोधपुर मिष्ठान भंडार’’ से मिश्री मावे का सैंपल लिया गया। समाचार लिखे जाने तक टीम विराट नगर से पुलिस थाना प्रागपुरा की सूचना पर नकली सरस घी पकड़े जाने की सूचना पर रवाना हो गई थी।
 
अतिरिक्त जिला कलक्टर ने बताया कि द्वितीय टीम ने मालवीय नगर से बालाजी मोड़ स्थित ‘‘मैसर्स आनंदजी स्वीट्स’’ से मावा मिठाई का सैम्पल लिया। मालवीय नगर इंडस्टि्रयल एरिया से ‘‘मैसर्स श्रीनाथ फूड प्रोडक्ट्स’’ से आवंला मुरब्बा का सैम्पल लिया गया। यहीं ‘‘मैसर्स पिंक कैनिंग कंपनी’ से सेब मुरब्बा का सैम्पल लिया गया। इसी प्रकार जयपुर के बगरू इंडस्टि्रयल एरिया में ‘‘मैसर्स आर एल एम स्पाइसेज’’ से लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर  और हल्दी पाउडर के नमूने लिए गए। बगरू के ग्राम चिरोटा स्थित ‘‘मैसेर्स आरकेएम  मचेर्ंडाइस’’ से मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर और धनिया पाउडर के नमूने लिए गए। 
 
अशोक कुमार ने बताया कि जिला कलक्टर अन्तर सिंह नेहरा ने त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं को शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की सुनिश्चितता के लिए चार टीमों का गठन किया है। मिलावटखोरों की सूचना देने हेतु कंट्रोल रूम नम्बर भी जारी किये गये है, जिसके अंतर्गत कलक्ट्रेट कंट्रोल रूम नम्बर 0141-2204475, सी.एम.एच.ओ. प्रथम 0141-2605858, सी.एम.एच.ओ. द्वितीय 0141-2603426, पुलिस कंट्रोल रूम नम्बर  0141-2388435, 0141- 2388436 पर सूचना दी जा सकेगी।

छत्तीसगढ़ में पिछले दो साल में सड़कों और पुलों के काम आयी तेजी...

 संवाददाता : रायपुर छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के गांव-गांव तक सड़क सम्पर्क को मजबूत और आवागमन को सुगम बनाने सड़क और पुलों के कामों के लिए पिछले दो साल में तेजी आयी है। राज्य सरकार ने इस दौरान 13 हजार 230 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें सड़क और पुलों और उनके मरम्मत के 4 हजार 50 काम शामिल है। इसके साथ ही प्रदेश के पहुंच विहीन सभी शासकीय भवनों-स्कूल-कॉलेज, आंगनबाड़ी, अस्पताल, धान संग्रहण केन्द्र, सार्वजनिक उपयोग के हाट बाजार, मेला स्थलों आदि को पक्के मार्ग से मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए 19 जून 2020 को श्री भूपेश बघेल द्वारा मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना प्रारंभ की गई है।

राज्य सरकार के द्वारा प्रदेश के बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ई-श्रेणी के तहत पंजीयन कराने की योजना भी लागू की गई है। इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग द्वारा धरसा विकास योजना शीघ्र लागू करने की कार्यवाही की जा रही है। जिसके तहत गांव के कच्चे रास्तों (धरसों) को पक्का किया जाएगा ताकि ग्रामीण एवं मवेशी बरसात सहित सभी मौसम में सुगमता से आवाजाही कर सके।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार के लोक निर्माण विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में सड़कों और पुलों के 4050 कार्याें के लिए 13 हजार 230 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें वित्तीय वर्ष 2019-20 में 839 कार्याें के लिए 2648 करोड़ 36 लाख रूपए और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 274 कार्याें के लिए 1930 करोड़ 37 लाख रूपए स्वीकृत किए गए हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम (सीजीआरडीसी) के तहत 768 कार्याें के लिए 8 हजार 400 करोड़ और मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के तहत 2 हजार 169 कार्याें के लिए 252 करोड़ रूपए शामिल है।

लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में सुगम आवागमन के लिए गुणवत्तापूर्ण सड़कों और पुलों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी पुरानी सड़कों का रख-रखाव एवं नवीनकरण, सड़कों का दोहरीकरण तथा गुणवत्ता के साथ नए सड़कों और पुलों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में स्थानीय बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने और स्थानीय संसाधनों के समुचित उपयोग के लिए अब निर्माण कार्याें के लिए 50 लाख के ठेके युवाओं को प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए विभाग द्वारा वर्तमान में लागू एकीकृत पंजीयन प्रणाली के अंतर्गत श्रेणी ‘अ‘ ‘ब‘ ‘स‘ ‘द‘ के बाद नई श्रेणी ई को जोड़ गया है।

हवाई अड्डों के विस्तार से हिमाचल मंे पर्यटन क्षेत्र को मिलेगा नया आयाम : मुख्यमंत्री

 संवाददाता : शिमला हिमाचल

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शुक्रवार यहां प्रदेश में हवाई अड्डों के विकास और विस्तार के संदर्भ में आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को मण्डी जिला के नागचला में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा के निर्माण और कांगड़ा एवं शिमला हवाई अड्डों के विस्तार से जुड़ी विभिन्न औपचारिकताओं के कार्य मंे तेजी लाने के निर्देश दिए।
 
जय राम ठाकुर ने कहा कि नागचला हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 2936 बीघा भूमि चिन्हित की गई है और जनवरी, 2020 में इस स्थल के लिए स्वीकृति प्राप्त की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्रालय के साथ नवम्बर, 2019 में आयोजित बैठक में यह तय हुआ था कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण पहले चरण में 2100 मीटर लम्बे रन-वे पर कार्य करेगा।
 
उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार चरण दो के लिए 3150 मीटर भूमि अधिग्रहण करेगी और अतिरिक्त भूमि को बफर जोन के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इस ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के विकास और संचालन के लिए संयुक्त उपक्रम कम्पनी के माध्यम से 15 जनवरी, 2020 को एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है।
 
उन्होंने कहा कि इस महत्वकांक्षी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण, टर्मिनल भवन, रन-वे और सम्बद्ध गतिविधियों पर 7448 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि खर्च होगी। भूमि अधिग्रहण पर 2786 करोड़ रुपये अन्य विकासात्मक गतिविधियों पर 2965 करोड़ रुपये टर्मिनल भवन, रन-वे एवं सम्बद्ध अधोसंरचना पर 900 करोड़ रुपये विभिन्न ढांचों पर 782 करोड़ रुपये जबकि वन संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत क्षतिपूर्ति पर 15 करोड़ रुपये व्यय होंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रस्तावित हवाई पट्टी के लिए सुकेती खड्ड के तटीकरण की आवश्यकता होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा हवाई अड्डे को ए-320 जैसे एयरक्राफ्ट के संचालन के लिए विकसित करने व विस्तार देने के लिए 1780 बीघा भूमि चिन्हित की गई है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण एवं सम्बद्ध कार्यों के लिए 3347.18 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस हवाई पट्टी के लिए मांझी खड्ड केे तटीकरण के साथ-साथ हवाई अड्डे तक नए सम्पर्क सड़क मार्ग के निर्माण की आवश्यकता होगी। 
 
शिमला हवाई अड्डे के विस्तार का उल्लेख करते हुए जय राम ठाकुर ने कहा कि केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने नवम्बर, 2019 में इस हवाई अड्डे के रन-वे को विस्तार देने के लिए धनराशि प्रदान करना मंजूर किया है। इस हवाई अड्डे में 300 मीटर के अतिरिक्त लम्बाई जोड़ी जाएगी, जिसके लिए 182-11 बीघा भूमि चिन्हित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जा चुका है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डी जिला में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के निर्माण तथा कांगड़ा एवं शिमला हवाई अड्डों के विस्तार से राज्य में पर्यटन गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा। विशेषकर उच्च आय वर्ग के पर्यटक प्रदेश के मनोरम स्थलों का भ्रमण  करने के लिए आगे आएंगे। इससे न केवल प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार एवं स्वरोजगार के पर्याप्त अवसर भी उपलब्ध होंगे।
 
पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के सचिव देवेश कुमार ने इस अवसर पर प्रदेश द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न परियोजनाओं पर एक प्रस्तुति दी।जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव आर.डी. धीमान और प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा, सचिव विकास लाबरू और निदेशक पर्यटन युनस भी बैठक में उपस्थित थे।

द्रौपदी मुर्मू ने उप प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर अपनी श्रद्धा-सुमन अर्पित की...

 संवाददाता : रांची झारखंड

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने राज भवन के दरबार हॉल में देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धा-सुमन अर्पित की।



पांच दिवसीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन गुरुग्राम में हुआ...

 संवाददाता : चंडीगढ़ हरियाणा

हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) द्वारा ‘प्रशासकों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा’ विषय पर आयोजित पांच दिवसीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन आज गुरुग्राम में हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम सौर ऊर्जा और धान पुआल (पराली) जैसे बायोमास के आर्थिक उपयोग पर केंद्रित था।

हिपा के एक प्रवक्ता ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम का आयोजन नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग और हरियाणा अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण (हरेडा) के सहयोग से किया गया था। कार्यक्रम में भारत सरकार और हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों के 60 अधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग, हरेडा, एचवीपीएन, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, सिंचाई एवं जल संसाधन, शहरी स्थानीय निकाय, वास्तुकला, उच्चतर शिक्षा, पंचायती राज, जेल  विभाग, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो भारत सरकार,  इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेज शामिल हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान अक्षय ऊर्जा (आरई) विकल्प, क्षमता और सीमाएं तथा पारंपरिक स्रोतों के साथ आज अक्षय ऊर्जा एक व्यवहार्य विकल्प क्यों है, जैसे विषयों को कवर किया गया। ऊर्जा सुरक्षा, सामाजिक-आर्थिक पहलू जैसे रोजगार सृजन, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में स्थानीय समाधान जैसे विषयों पर चर्चा की गई। इसके अलावा, अक्षय ऊर्जा की स्थिति, बाजार के रुझान, प्रौद्योगिकी की परिपक्वता और भविष्य की क्षमताओं पर भी विचार-विमर्श किया गया।

उन्होंने बताया कि वक्ताओं ने आरई पॉलिसी, मूल्य निर्धारण, विनियामक और गैर नियामक पहलुओं, सौर प्रौद्योगिकी (फोटो वोल्टाइक, लिथियम आयन बैटरियों, इनवर्टर, चार्ज कंट्रोलर्स, पावर कंट्रोलर्स) पर विस्तार से अपने विचार रखे। अधिकारियों को सोलर थर्मल टेक्नोलॉजी, केंद्रित सौर ऊर्जा, हाइब्रिड मॉडल अवगत करवाया गया।

प्रवक्ता ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान कृषि में सौर एपलिकेशन का उपयोग, स्वास्थ्य देखभाल, ग्रामीण विकास, पोर्टेबल ड्रिंकिंग वॉटर, अलवणीकरण संयंत्रों, रूफ टॉप सोलर प्लांट्स, सोलर पार्क, सोलर ई मोबिलिटी (इलेक्ट्रिक वाहन), कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के लिए सोलर कोल्ड स्टोरेज और उच्च सामाजिक प्रभाव परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके अलावा, आरई फाइनेंसिंग, प्रोजेक्ट फॉर्म्युलेशन एंड कॉन्ट्रैक्चुअल आस्पेक्ट्स, एनर्जी एफिशिएंसी, नेट जीरो बिल्डिंग्स और ग्रीन बिल्डिंग पर भी विचार-विमर्श किया गया।

उन्होंने बताया कि दक्षिण हरियाणा में लिफ्ट सिंचाई के लिए सौर एपलिकेशन के उपयोग की संभावना, कैनाल टॉप सौर ऊर्जा संयंत्रों, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी जल आपूर्ति योजनाओं में सौर ऊर्जा के उपयोग पर भी चर्चा की गई। विभिन्न राष्ट्रीय संस्थानों, अन्य राज्यों, निजी क्षेत्रों के प्रख्यात अतिथि वक्ताओं ने अक्षय ऊर्जा के विस्तार, उनके अनुप्रयोगों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर अपने अनुभव सांझा किए।

हरियाणा के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी. एस. ढेसी ने विदाई भाषण दिया और ‘लॉ कार्बन डिपेंडेंट ग्रिड’ की दिशा में बढऩे की आवश्यकता पर जोर देते हुए हिपा की सराहना की।

हिपा की महानिदेशक श्रीमती सुरीना राजन ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। उन्होंने इस संबंध में हिपा द्वारा तैयार की गई भविष्य योजना की रूपरेखा की जानकारी दी, जिसमें आरई क्षेत्र पर 3 सप्ताह का व्यावसायिक पाठ्यक्रम विकसित करना और हरियाणा के आरई उद्यमियों के लिए एक विशेष कार्यक्रम विकसित करना शामिल है।

गोदरेज इंटेरिओ ने मुंबई में त्‍यौहारी जश्न के बीच एसेंशियल रेंज लांच किया...

 संवाददाता : मुंबई महाराष्ट्र

महाराष्‍ट्र त्‍यौहारों के जश्‍न में डूबकर आनंद लेने के लिए तैयार है, ऐसे में, भारत के प्रमुख फर्नीचर समाधान ब्रांड – गोदरेज इंटेरिओ ने अपने प्रोडक्‍ट्स की एसेंशियल रेंज के साथ आकर्षक ऑफर्स लॉन्‍च किये हैं। एसेंशियल रेंज ‘बॉबिन रेंज ऑफ सोफा’ और ‘ग्रेडिएंट सोफा रेंज’ में लॉन्‍च किये गये नये प्रोडक्‍ट्स से ब्रांड के सोफा सेट्स का विस्‍तृत रेंज और अधिक मजबूत होगा, जबकि ‘एपेक्‍स बेडरूम सेट’ और ‘ग्रेडिएंट बेडरूम सेट’ से बेडरूम सेट श्रेणी का विस्‍तार होगा।

गोदरेज इंटेरिओ ने अपनी रियायती पेशकशों की अपनी रेंज को बढ़ाने के लिए और अधिक लिविंग रूम एवं बेडरूम समाधान लॉन्‍च करने की भी योजना बनायी है। महाराष्‍ट्र में त्‍यौहारों से पहले फर्नीचर की भारी मांग पूरी करने के लिए प्रोडक्‍ट्स के लॉन्‍च की घोषणा की गयी है।इन प्रोडक्‍ट्स को इस प्रकार से डिजाइन और तैयार किया गया है, ताकि परिवारों को अपने प्रियजनों के साथ अच्‍छा समय गुजारने में मदद मिल सके,चूंकि प्रदेश सरकार ने लोगों से कोविड नियमों का पालन करते हुए त्‍यौहार मनाने हेतु श्रृंखलाबद्ध निर्देशों की घोषणा की है।

प्रत्‍येक नवाचार में मूल रूप से डिजाइन को ध्‍यान रखते हुए, गोदरेज इंटेरिओ द्वारा अच्‍छी गुणवत्‍तायुक्‍त, फंक्‍शनल, डिजाइनदार एवं टिकाऊ उत्‍पादों की एसेंशियल रेंज रियायती कीमतों पर उपलब्‍ध करायी जा रही है और ग्राहकों के लिए विभिन्‍न उत्‍पादों पर वारंटी सुनिश्चित है।बॉबिन और ग्रेडिएंट को रियायती समाधानों के रूप में डिजाइन किया गया है, ताकि लिविंग स्‍पेस को बेहतर बनाया जा सके। ये प्रोडक्‍ट रेंज 3-सीटर, 2-सीटर और 1-सीटर कॉन्फिगरेशंस में उपलब्‍ध हैं; और इनमें से हर प्रोडक्‍ट दो कॅलर शेड्स में उपलब्‍ध है। इसी प्रकार, बेडरूम सेट रेंज में, एपेक्‍स और ग्रेडिएंट को उन लोगों के लिए डिजाइन किया गया है जो अपनी जीवनशैली को अपग्रेड करने के इच्‍छुक हैं।

किंग और क्‍वीन दोनों ही आकारों में उपलब्‍ध,इस बेड में आपके सामान रखने के लिए भी भरपूर जगह है। सोफा और बेड के आधुनिक डिजाइन्‍स आपके स्‍पेस की रौनक बढ़ा देते हैं और ये सुनिश्चित करते हैं कि आप सुखपूर्वक अपने परिवार के साथ हर पल गुजार सकें। 3-सीटर सोफा सेट्स की शुरुआती कीमत 20,000 रु. है, जबकि किंग साइज बेड की शुरुआती कीमत मात्र 30,000 रु. है। त्‍यौहारों के मौके पर दिये जा रहे ऑफर्स के अंतर्गत, ग्राहकों को होम फर्नीचर और किचेन फर्नीचर के आइटम्‍स पर विशेष ऑफर्स का लाभ मिलेगा, जैसे25% तक मेगा डिस्‍काउंट और अलग से 24,000 रु. मूल्‍य तक का डिस्‍काउंट, जिसे ग्राहक अपने बाद की खरीदारियों में भुना सकते हैं।

ग्राहकों को अपने किचेन्‍स के साथ मुफ्त चिमनी जीतने का मौका भी मिल सकता है। विशेष ऑफर्स में मुफ्त उपहार भी शामिल हैं, जैसे कि गोदरेज मैट्रेस के साथ प्रीमियम कम्‍फर्टर्स एवं तकिये।

गोदरेज इंटेरिओ के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ( बी2सी ), सुबोध मेहता ने बताया, ”मुंबई, महाराष्‍ट्र राज्‍य का सबसे बड़ा और काफी जिंदादिल शहर है। डिजाइनर और मॉड्यूलर होम फर्नीचर के प्रति यहां के लोगों का हमेशा से झुकाव रहा है। महामारी के दौरान ग्राहकों की सोच में आये बदलाव ने रियायतीपन को और अधिक प्रासंगिक बना दिया है। ऐसे में, हमारी सोच अच्‍छी डिजाइन वाले, ऐसे फंक्‍शनल होम फर्निशिंग प्रोडक्‍ट्स उपलब्‍ध कराने की है जो ग्राहकों के बजट और उनकी जरूरतों के लिहाज से रियायती हों। हमारे हाल ही में लॉन्‍च किये गये एसेंशियल प्रोडक्‍ट्स की रेंज में इस बात का अच्‍छी तरह से ख्‍याल रखा गया है। चूंकि महामारी के साथ मुश्किल मुकाबले के महीनों बाद अब मुंबई में प्रकाश और खुशियों का पर्व मनाने की तैयार हैं, इसलिए हम मुंबई में यह परिवर्तनकारी रेंज लॉन्‍च कर रहे हैं ताकि हमारे ग्राहक अपने प्रियजनों के साथ भरपूर खुशियां मना सकें।

मुख्यमंत्री ने नेचर पार्क के रिडेवलपमेंट कार्यों का निरीक्षण करते हुए, विशिष्टता वाला नेचर पार्क बनाने के निर्देश दिए...

 संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को लच्छीवाला नेचर पार्क के रिडेवलपमेंट कार्यों का निरीक्षण करते हुए इसे प्रकृति से जुड़ा अपनी विशिष्टता वाला नेचर पार्क बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके सौंदर्यीकरण आदि के लिए 5 करोड़ की धनराशि की व्यवस्था की गई है।

उन्होंने कहा कि पार्क के अंदर विकसित की जाने वाली नेचर ट्रेल, केनोपी वाॅक, मल्टीमीडिया फाउंटेन पार्क देश की अपनी तरह की होगी। चिल्ड्रन जिम, टाॅय ट्रेन, म्यूजियम पार्क, हर्बल एवं एरोमेटिक गार्डन आदि गतिविधियां आकर्षण का केंद्र बनेगी।



शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2020

विद्युत सचिव और एनएचपीसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ने सलाल पावर स्टेशन का दौरा किया...

 संवाददाता : नई दिल्ली

विद्युत सचिव संजीव नंदन सहाय ने 28 अक्टूबर को एनएचपीसी के जम्मू स्थित 690 मेगावाट क्षमता वाले सलाल पावर स्टेशन का दौरा किया। इस अवसर पर एनएचपीसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ए.के. सिंह, विद्युत मंत्रालय में संयुक्त स​चिव (हाइड्रो) तन्मय कुमार, केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बिजली वितरण विभाग के प्रमुख सचिव रोहित कंसल और एनएचपीसी के जम्मू क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक राजन कुमार उनके साथ थे। 

इन सभी गणमान्य व्यक्तियों का ज्योतिपुरम में सलाल पावर स्टेशन के महाप्रबंधक नन्हे राम और एनएचपीसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों समेत सीआईएसएफ और नागरिक प्रशासन के अधिकारियों ने स्वागत किया। इसके बाद सीआईएसफ की ओर से इन सभी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। 

विद्युत सचिव और एनएचपीसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ने अन्य अधिकारियों के साथ सलाल पावर स्टेशन के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया। इस मौके पर सहाय ने सलाल पावर स्टेशन की नवीनतम इकाइयों का उद्घाटन किया। सलाल पावर स्टेशन के महाप्रबंधक (प्रभारी) नन्हे राम ने पावर स्टेशन के संचालन और रख-रखाव की गतिविधियों के बारे में अधिकारियों को जानकारी दी। 

इस अवसर पर विद्युत सचिव ने पावर स्टेशन के काम-काज में सुधार के लिए श्री ए.के. सिंह के नेतृत्व में की गई पहलों की सराहना की और एनएचपीसी के प्रतिष्ठित पावर स्टेशनों में से एक को देखने का अवसर मिलने पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने पनबिजली परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर जोर दिया और कहा कि भारत सरकार ने मार्च 2019 में लाई गई नई पन बिजली नीति के माध्यम से जलविद्युत परियोजनाओं को बढ़ावा देने की पहले ही शुरुआत कर चुकी है। उन्होंने भारतीय ग्रिड में अक्षय ऊर्जा की उच्च पैठ को ध्यान मे रखते हुए ग्रिड स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए पंप भंडारण योजनाओं के विकास के काम पर ध्यान देने का आग्रह किया। 

ए.के. सिंह ने अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर पावर स्टेशन का दौरा करने के लिए सहाय का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह भारत सरकार द्वारा जल विद्युत परियोजनाओं को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री चौहान से जनजाति सुरक्षा मंच के प्रतिनिधि मंडल ने भेंट की...

 संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से निवास पर जनजाति सुरक्षा मंच मध्यप्रदेश के प्रतिनिधि मंडल ने भेंट की। प्रतिनिधि मंडल जनजाति सुरक्षा मंच के प्रमुख कालू सिंह, मुजालदा, क्षेत्र जनजाति संपर्क प्रमुख श्यामा ताहेड़, योगीराज परते, मनोहर अवास्या, लक्ष्मीनारायण बामने, सुरभि आत्रराम उपस्थित थे। मंच द्वारा मुख्यमंत्री चौहान को दिए गए सुझाव पत्र में कहा गया है कि धर्मान्तरित जनजातियों को अनुसूचित जनजाति सूची से अलग कर उन्हें दिए जाने वाले आरक्षण को समाप्त करना चाहिए।

जनजाति सुरक्षा मंच के सुझाव पत्र में कहा गया है कि वास्तविक जनजातियों के साथ पूरा न्याय करते हुए उन्हें ही निर्धारित सुविधाएं प्रदान की जाएं। वर्ष 2010 में मंच ने इस विषय पर जनमत संग्रह के लिए एक हस्ताक्षर अभियान चलाया था, जिसमें 27 लाख से अधिक जनजाति वर्ग के लोगों ने हस्ताक्षर किए थे।

वर्ष 1970 में तत्कालीन सांसद, जनजाति नेता स्व. कार्तिक उरांव ने 235 लोक सभा सदस्यों के हस्ताक्षर से युक्त आवेदन तत्कालीन प्रधानमंत्री को सौंपा था। इस संबंध में अनुसूचित जाति/जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक 1967 की संयुक्त संसदीय समिति की अनुशंसा में भी धर्मांतरण करने वाले जनजाति के व्यक्तियों को आरक्षण के लिए अपात्र माना गया था।

वर्ष 1950 में भी इस प्रकार का एक संशोधन किया गया था। आर्थिक और शैक्षणिक दृष्टि से अच्छी स्थिति में पहुंच चुके धर्मांतरित व्यक्ति सुविधाओं का उपभोग कर रहे हैं। सुझाव पत्र में कहा गया है कि मध्यप्रदेश के जनजाति नेता स्व. दिलीप सिंह भूरिया सहित अनेक जनजाति नेताओं के प्रतिनिधि मंडल ने भी इस संबंध में आवेदन और ज्ञापन समय-समय पर सौंपे हैं। हाल ही में लोकसभा में भी यह विषय चर्चा में आया है। जनजाति सुरक्षा मंच ने मुख्यमंत्री चौहान को सौंपे सुझाव पत्र को राष्ट्रपति महोदय को अग्रेषित करने का आग्रह किया।

हैरिटेज एवं ग्रेटर के आम चुनाव 2020 जयपुर नगर निगम हैरिटेज के 100 वार्डों में कुल 57.82 प्रतिशत मतदान...

 संवाददाता : जयपुर राजस्थान

जयपुर नगर निगम हैरिटेज एवं ग्रेटर के आम चुनाव 2020 के अन्तर्गत प्रथम चरण में गुरूवार को जयपुर नगर निगम हैरिटेज के 100 वार्डों में मतदान शांतिपूर्ण, सुगम एवं व्यवस्थित तरीके से पूर्ण हुआ। कुल 9 लाख 32 हजार 908 मतदाताओं में से कुल 5 लाख 39 हजार 368 मतदाताओं ने अर्थात 57.82 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। पूरी प्रक्रिया के दौरान कोविड गाइडलाइन की पालना पर विशेष जोर रहा।

जिला निर्वाचन अधिकारी (म्यूनिसिपल) एवं जिला कलक्टर अन्तर सिंह नेहरा ने बताया कि गुरूवार को मतदान केन्द्रों पर सेनेटाइजेशन, मास्क, उचित दूरी एवं अन्य कोविड प्रोटोकॉल की पालना के साथ ही मतदान सम्पन्न हुआ। इस बार मतदान केन्द्रों की संख्या होने के कारण कहीं भी भीड़-भाड़ एवं अधिक लम्बी लाइनें नहीं लगीं जिससे मतदान बहुत ही सुचारू रूप से सम्पन्न हुआ। उन्होंने बताया कि जयपुर हैरिटेज के 100 वार्डों में कुल 9 लाख 32 हजार 908 मतदाताओं में से 1 लाख 57 हजार 717 अर्थात 16.91 प्रतिशत मतदाता प्रातः 10 बजे तक अपने मताधिकार का उपयोग कर चुके थे। दोपहर 1 बजे तक कुल 3 लाख 45 हजार 930 अर्थात 37.08 प्रतिशत मतदाता अपना मत दे चुके थे एवं अपराह्न 3 बजे तक यह प्रतिशत 46.99 प्रतिशत हो चुका था अर्थात 4 लाख 38 हजार 391 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर चुके थे। इसी प्रकार शाम 5ः30 बजे तक 5 लाख 26 हजार 971 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था। यह मतदान प्रतिशत 56.45 रहा। गुरूवार का जयपुर नगर निगम हैरिटेज के लिए कुल 5 लाख 39 हजार 368 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया अर्थात कुल मतदान प्रतिशत 57.82 रहा। 
 
14 कोविड पॉजिटिव मतदाताओं ने भी किया अपने मताधिकार का उपयोग
 
जिला निर्वाचन अधिकारी नेहरा ने बताया कि जयपुर नगर निगम हैरिटेज के लिए सदस्यों के निर्वाचन हेतु कुल 14 कोविड पॉजिटिव मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इसके लिये राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार उनसे पहले ही सम्पर्क कर उनकी मतदान की इच्छा पर प्रोटोकॉल के अनुसार सारा प्रबन्ध किया गया। इन मतदाताओं से मतदान सबसे अन्त में करवाया गया। इन मतदाताओं ने जामडोली, वशिष्ठ स्कूल ब्रहम्पुरी, मॉडर्न एजुकेशन सोसायटी निर्माण नगर, नेहरू सेवा सदन ब्रहम्पुरी एवं सम्बन्धित मतदान केन्द्रों पर मतदान किया।

सीनियर सिटीजन वेलफेयर फोरम रायपुर ने मुख्यमंत्री सहायता कोष में दी 1.16 लाख रूपए की राशि...

 संवाददाता : रायपुर छत्‍तीसगढ़

सीनियर सिटीजन वेलफेयर फोरम रायपुर ने मुख्यमंत्री सहायता कोष में 1 लाख 16 हजार 403 रूपए की राशि दी है। फोरम द्वारा यह राशि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जमा कराई गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीनियर सिटीजन वेलफेयर फोरम द्वारा दी गई इस सहायता के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है।

फोरम के मीडिया प्रभारी सुरेश मिश्रा ने बताया कि फोरम के सचिव प्रकाश सुरावधानिवार ने व्यक्तिगत स्तर पर सदस्यों से सम्पर्क कर यह राशि संग्रहित की है और कोषाध्यक्ष सुभाष वर्मा के साथ इस राशि का चेक बैंक में जमा किया।


ऊना में बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्धः मुख्यमंत्री

 संवाददाता : शिमला हिमाचल

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है जहां बिजली और पानी न्यूनतम दरों पर उपलब्ध है, औद्योगिक गैस पाईप लाईन की सुविधा है तथा ऊना जिला में बल्क ड्रग पार्क की स्थापना प्रस्तावित है जिसके कारण राज्य फार्मा क्षेत्र में निवेश के लिए पसंदीदा स्थल है। वह आज यहां से बल्क ड्रग पार्क पर फार्मा उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ वेबिनार की अध्यक्षता कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश में व्यवसाय में सुगमता में सातवें स्थान पर, मानव विकास सूचकांक में देश में तीसरे जबकि उत्तरी राज्यों में पहले स्थान पर आंका गया है। हिमाचल में एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब है, जहां भारत का 49 प्रतिशत दवा निरूपण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ एवं हरित जल विद्युत, शुद्ध वायु, रेल और सड़क सम्पर्क आदि सुविधाएं प्रदेश के ऊना जिला में बल्क ड्रग पार्क की स्थापना के लिए बेहतर संभावनाएं प्रस्तुत करती हैं।

उन्होंने प्रदेश के विकास में सहयोग के लिए फार्मास्यूटिकल उद्योग की बड़ी कम्पनियों से प्रदेश में निवेश के लिए निमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निवेशकों को कई प्रोत्साहन दे रही है, जिनमें एकल खिड़की स्वीकृति प्रणाली और 11 लाइन विभागों की 37 सेवाओं के एकीकरण के साथ आॅनलाइन स्वीकृतियों की सुविधा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि समर्पित नोडल अधिकारी 50 करोड़ रुपये से अधिक निवेश वाली परियोजनाओं के लिए औद्योगिक इकाइयों को समयबद्ध स्वीकृतियां सुनिश्चित बना रहे हैं।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत को सफल बनाने के लिए भरसक प्रयत्न कर रही है और देश में तीन बल्क ड्रग पार्क स्थापित करना इस दिशा में एक ठोस पहल है। हिमाचल सरकार ने भी ऊना जिला में बल्क ड्रग पार्क विकसित करने का प्रस्ताव भेजा है, जिससे राज्य में फार्मा गतिविधियों को व्यापक स्तर पर प्रोत्साहन मिलेगा। बल्क ड्रग पार्क विकसित करने के लिए 1000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इससे न केवल राज्य की आर्थिकी मजबूत होगी बल्कि युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रस्तावित पार्क के लिए 1400 एकड़ भूमि का चयन किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष नवम्बर माह में धर्मशाला में पहला वैश्विक निवेशक सम्मेलन आयोजित किया ताकि राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके। दिसम्बर, 2019 में 13000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश की परियोजनाओं की पहला ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह आयोजित किया और दस हजार करोड़ रुपये निवेश की परियोजनाओं का ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह शीघ्र आयोजित किया जाएगा।

जय राम ठाकुर ने फार्मा उद्योगों के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि उनके सभी सुझावों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा।

अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग राम सुभग सिंह ने राज्य में बल्क ड्रग पार्क स्थापित होने से मिलने वाले लाभों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा उद्यमियों को प्रदान किए जा रहे प्रोत्साहनों के संबंध में भी प्रस्तुति दी।

बल्क ड्रग मैन्युफेक्चरिंग एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बी.आर. सिकरी, साइडस कैडिला के अध्यक्ष और एमडी पंकज पटेल, ग्लोबल एपीआई बिजनेस डाॅ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के सीईओ दीपक सापरा, सीईओ ग्लोबल एपीआई बिजनेस, सन फार्मा अनिल कुमार जैन, संस्थापक और सीईओ लौरस लैब्स डाॅ. सत्यनारायण चाबा ने भी वेबिनार में हिस्सा लेकर अपने विचार साझा किए।

आयुक्त एव निदेशक उद्योग हंसराज ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।

उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर वेबिनार में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। एचपीएसआईडीसी के उपाध्यक्ष प्रो. राम कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा विशेष सचिव उद्योग अबिद हुसैन सादिक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शिमला में उपस्थित थे।

एक महीने के अंदर सभी किसानों के लोन खातों को आधार से लिंक करें : कृषि मंत्री

 संवाददाता : रांची झारखंड

कृषि मंत्री बादल ने राज्यस्तरीय कमिटी के पदाधिकारियों के साथ की गई बैठक में निदेश दिये कि ऋणी कृषकों के डाटा के प्रारूप में एकरूपता लाने का निर्देश 5 दिनों के अंदर एनपीए खातों की डिटेल्स बैंक दें.

राज्य के कृषि मंत्री बादल ने किसान ऋण माफी योजना को धरातल पर उतारने के लिये सभी पदाधिकारियों को निदेश दिया है कि जो भी ऋणी किसान हैं उनके लोन खातों को अभियान चलाकर आधार एवं माबाईल नम्बर से लिंक किया जाये । एक महीने के अंदर जिला एवं प्रखंड स्तर पर सभी किसानों के ऋणों के खातों का सत्यापन संबंधित बैंक द्वारा सुनिश्चित किया जाये। जिसके लिये Special DLCC,BLBC बैठक आहूत करें . वह आज नेपाल हाउस में विकास आयुक्त सहित कई विभागीय पदाधिकारियों के साथ किसान ऋण योजना को लेकर राज्यस्तरीय कमिटी की बैठक कर रहे थे।

बादल ने बैठक में सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि नवंबर महीने के अंदर सभी जिला एवं प्रखंड स्तर के बैंकर्स कमिटी का बैठक कर अपसी समन्वय स्थापित कर बीएलओ के माध्यम से सभी ऋणी किसानों के बैंक खातों को आधार के साथ लिंक करने का कार्य सुनिश्चित करें तथा केवीईसी सुनिश्चित की जाये। उपायुक्त एवं विभागीय पदाधिकारी भी इस कार्य में आवश्यक सहयोग प्रदान करें। इस संदर्भ में उपायुक्तों के साथ विडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आहूत करने का भी निदेश उनके द्वारा दिया गया।

बादल ने कहा कि किसानों का जो भी डाटा बैंकों के पास है, उसे एक ही प्लेटफॉर्म पर लाना है ताकि राज्य के किसानों के लोन की सही स्थिति का आकलन किया जा सके सके। उन्होंने कहा कि इसके लिये सभी बैंक एसएलबीसी के साथ समन्वय स्थापित कर एक प्लेटफॉर्म तैयार करें साथ ही विभाग की ओर से भी आईटी विभाग के सहयोग से डाटा प्लेटफॉर्म तैयार किया जायेगा और दोनों पोर्टल को इंटीग्रेट किया जायेगा। साथ ही कृषि मंत्री ने निदेश दिया कि सभी विभागीय पदाधिकारी विभिन्न बैंकों के अधिकारियों से संपर्क कर अगले पांच दिनों के अंदर एनपीए का कैटोगरी वाईस स्टेटस प्राप्त करें। किसानों को सरकारी की ऋण माफी योजना का लाभ मिल सके इसके लिये सभी बैंकों तथा विभाग के माध्यम से प्रचार प्रसार सुनिश्चित कराया जाये।

बैठक में कृषि ऋण माफी के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गयी, जिसमें अन्य राज्यों का अनुभव ,विभिन्न स्टेक होल्डर्स एवं एसएलबीसी की भूमिका भी पर भी चर्चा की गई. विदित हो कि सरकार ने ऋण माफी योजना के तहत 2000 करोड़ रुपये बजट में उपबंधित कर रखा है।

बैठक में मुख्य रूप से विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, सचिव, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग झारखण्ड केके सोन एवं हिमानी पांडेय वित्त सचिव, झारखण्ड, कृषि सचिव अबू बकर सिद्दिकी सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।

हरियाणा सरकार राज्य में प्रगतिशील कारोबारी माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध...

 संवाददाता : चंडीगढ़ हरियाणा

हरियाणा सरकार राज्य में प्रगतिशील कारोबारी माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए राज्य सरकार ने निवेश एवं व्यवसाय प्रोत्साहन नीति तैयार की है। सरकार के इन प्रयासों के फलस्वरूप वर्ष 2019-2020 के दौरान हरियाणा ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तौर पर 73 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश आकर्षित किया है। हरियाणा की अर्थव्यवस्था भारत में 5वीं सबसे बड़ी राज्य अर्थव्यवस्था है।

यह जानकारी गुरूवार यहां हरियाणा के मुख्य सचिव विजय वर्धन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के क्षेत्र प्रमुखों के मंच (फोरम) की पहली बैठक में दी। विजय वर्धन इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। बैठक की मेज़बानी रूस ने की थी। 

विजय वर्धन ने अपने संबोधन में कहा कि उनके लिए यह यह गर्व की बात है कि वे आज भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वे एससीओ द्वारा सदस्य देशों के क्षेत्र प्रमुखों के मध्य इस बातचीत का आयोजन करने की पहल का स्वागत करते हैं। यह फोरम सदस्य देशों और क्षेत्रों के बीच बेहतर सहयोग और समन्वय स्थापित करने के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।

उन्होंने कहा कि हरियाणा भौगोलिक दृष्टि से भारत का केवल 2 प्रतिशत है और इसकी जनसंख्या लगभग 2.5 करोड़ है, फिर भी यह कृषि और औद्योगिक क्षेत्र में अग्रणी प्रदेश है। यह तीन तरफ से देश की राजधानी नई दिल्ली को घेरे हुए है और औद्योगिक रूप से विकसित चार शहर गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 70 किलोमीटर के भीतर हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के हिसार जिले में तेज गति से एक नया हवाई अड्डा विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा, राज्य में 1700 किलोमीटर से अधिक का रेल नेटवर्क है और भारत सरकार द्वारा सितंबर 2020 में नए हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (एचओआरसी) परियोजना को मंजूरी मिलने के बाद अब राज्य में परिवहन नेटवर्क और सुदृढ़ होगा। प्रदेश में 30 से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग, 11 एक्सप्रेस-वे और राज्य राजमार्ग सहित एक बहुत बढिय़ा सडक़ नेटवर्क है।

विजय वर्धन ने कहा कि हरियाणा भारत के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल हब में से एक है और देश में दो तिहाई यात्री कारों, 50 प्रतिशत ट्रैक्टर और 60 प्रतिशत मोटरसाइकिलों का निर्माण हरियाणा में होता है। हरियाणा राज्य ऑटो कंपनियों और ऑटो-घटक निर्माताओं के लिए एक पसंदीदा स्थान है। साथ ही, राज्य ने आईटी और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई है। हरियाणा सॉफ्टवेयर निर्यात करने के मामले में तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है और यह आईटी / आईटीईएस सुविधाओं के लिए पसंदीदा स्थान है।

मुख्य सचिव ने कहा कि गुरुग्राम जिला उत्तर भारत में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के क्षेत्र में 400 से अधिक कंपनियों के साथ आईटी उद्योग के लिए एक पसंदीदा स्थान के रूप में उभरा है। हरियाणा शिक्षा का हब भी है। व्यावसायिक शिक्षा के लिए कौशल विकास के नाते से हरियाणा ने भारत में पहले श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य विज्ञान, कृषि, पशु चिकित्सा विज्ञान और प्रदर्शन और दृश्य कला के लिए समर्पित विश्वविद्यालयों सहित 60 से अधिक विश्वविद्यालय हैं।

विजय वर्धन ने कहा कि हरियाणा अनुसंधान और विकास के लिए  सबसे पसंदीदा स्थलों में से एक है और दुनिया की शीर्ष कंपनियों जैसे इंटेल, एप्पल, सैमसंग, अमेजॉन और गूगल ने राज्य में निवेश किया है। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेश से संबंधित विभिन्न मुद्दों को हल करने और विदेश निवेशकों से समन्वय स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार ने विदेश सहयोग विभाग का गठन किया है।

उन्होंने कहा कि व्यापार एवं व्यवसाय, ऑटो विनिर्माण, कौशल विकास, आईटी और आईटीईएस, कृषि और कृषि-आधारित उद्योग जैसे खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य व पशु विज्ञान के क्षेत्र में हरियाणा और एससीओ सदस्य देशों के मध्य सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।

विजय वर्धन ने कहा कि हरियाणा ऐतिहासकि तौर पर भी अपनी एक अलग पहचान रखता है। कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का संदेश दिया। उन्होंने एससीओ के सभी सदस्य देशों को हरियाणा आने का निमंत्रण दिया। बैठक में एससीओ के अन्य सदस्य देशों ने भी अपने विचार सांझा किए।

बीएचईएल का जिला प्रशासन के साथ किए एमओयू पर हस्ताक्षर...

 संवाददाता : हरिद्वार उत्तराखंड

कारपोरेट सामाजिक दायित्घ्व (सीएसआर) योजना के तहत बीएचईएल हरिद्वार ने महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जिला प्रशासनए हरिद्वार के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस परियोजना के अंतर्गत बीएचईएल द्वारा हरिद्वार के कॉलेजों और महिला छात्रावासों में सैनीटरी नैपकीन वेंडिंग मशीन तथा इनसिनरेटर मशीन लगाने हेतु वित्तीय मदद दी जाएगी।

हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर तथा बीएचईएल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक संजय गुलाटी की उपस्थिति में हरिद्वार के मुख्य विकास अधिकारी विनीत तोमर एवं भेल हरिद्वार के महाप्रबंधक मानव संसाधनद्ध आर शर्मा ने इस समझौता पत्र पर हस्घ्ताक्षर किये। सी रविशंकर ने महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति समर्पित बीएचईएल के इस प्रयास की सराहना की।

गुलाटी ने भी इस तरह के सामाजिक कार्यों के लिए भेल द्वारा समय.समय पर सहयोग प्रदान करने की बात कही। उल्लेखनीय है कि इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के तहत जिले के कुल 59 कॉलेजों और महिला छात्रावासों में सैनीटरी नैपकीन वेंडिंग मशीन तथा इनसिनरेटर्स लगाए जाएंगे ।

करीब 52 लाख रूपए की लागत वाली इस परियोजना को अगले वर्ष मार्च तक पूरा किया जाना है। इस अवसर पर सीएसआर विभाग के संयोजक जेबी सिंह सहित भेल तथा जिला प्रशासन के अनेक वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की उपस्थिति में शहरी विकास आवास आदि से संबंधित विभागों की गहनता से समीक्षा...

 संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड

मुख्यमंत्री ने गुरूवार मुख्यमंत्री आवास में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की उपस्थिति में शहरी विकास आवास आदि से संबंधित विभागों की गहनता से समीक्षा की। 

उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना, अटल मिशन फॉर रिन्यूनिवेशन (अमृत योजना) के लिए निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों के साथ ही पर्यटन स्थल नैनीताल व मसूरी आदि में स्मार्ट पार्किंग की दिशा में भी योजना बनाने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को प्रदेश के सभी 91 निकायों में प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किए जाने और निकायों के मास्टर प्लान तैयार करने पर भी ध्यान देने को कहा।

गुरुवार, 29 अक्तूबर 2020

सीएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ के वैज्ञानिक डॉ. सतीश मिश्रा...

 संवाददाता : नई दिल्ली

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान अकादमी (भारत) की ओरेशन एंड अवार्ड्स कमेटीनेडॉ सतीश मिश्रा, प्रिंसिपल साइंटिस्ट, डिवीजन ऑफ मॉलिक्यूलर पैरासिटोलॉजी एंड इम्यूनोलॉजी, सीएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ को वर्ष 2020 के "डॉ तुलसी दास चुघ पुरस्कार"के लिए चुना है। यह अवार्ड उन्हें मलेरिया परजीवी के जीवन चक्र की जटिल प्रक्रियाको समझने के लिए किए गए उनके शोध हेतु दिया गया है। मलेरिया परजीवी का जीवन चक्र एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें दो मेजबान (स्तनधारी एवं मच्छर) शामिल होते हैं एवं संक्रमण की प्रक्रिया तीन आक्रामक चरणों में पूरी होती है।

स्तनधारियों और मच्छरों दोनों में सफलतापूर्वक संक्रमण हेतु विभिन्न चरणों की घटनाओं के समन्वित अनुक्रम (कोओर्डिनेटेड सेक्वेंस ऑफ इवेंट्स) की आवश्यकता होती है। अपने शोध में उन्होने बताया कि "सीक्रेटेड प्रोटीनविथ थ्रोम्बोस्पोंडिन रिपीट्स (एसपीएटीआर),प्लोडोडियम बर्घी नामक मलेरिया परजीवी द्वारा संक्रमण की एसेक्सुअल ब्लड स्टेज के लिए तोआवश्यक है, परंतु हेपेटोसाइट चरण के लिए आवश्यक नहीं है। यह अध्ययन प्लाज्मोडियम बर्घी स्पोरोजोइट्स में एसपीएटीआर की उपयोगिता और संक्रमणकी रक्त अवस्था में इसके महत्व पर प्रकाश डालता है, हालांकि इस प्रक्रिया के दौरान इसकी सटीक भूमिका को जानने के लिए अभी विस्तृत जांच की आवश्यकता है।

अकादमी एवं पुरस्कार

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान अकादमी (भारत)/ नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज (भारत) एक अनूठी संस्था है जो अकादमिक उत्कृष्टता का उपयोगचिकित्सा और सामाजिक सरोकारों को पूरा करने के लिए अपने संसाधन के रूप में करती है। इसे 21 अप्रैल, 1961 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम XXI 1860 के तहत 'इंडियन एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज' के रूप में पंजीकृत किया गया था। बाद में 16 नवंबर, 1976 कोभारत सरकार द्वारा स्थापित कार्य समूह की सिफारिशों पर अकादमी को राष्ट्रीय आयुर्विज्ञानअकादमी (भारत) नाम दिया गया। अकादमी द्वारा अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार स्थापित किए गए हैं जो प्रख्यात जैव-चिकित्सा वैज्ञानिकों को उनके उत्कृष्ट अनुसंधान योगदान को मान्यता प्रदान कर सम्मानित करते हैं। अकादमी राष्ट्रव्यापी सीएमई कार्यक्रमों, संगोष्ठी, कार्यशालाओं आदि को भी प्रोत्साहित करती है और वर्षों से चिकित्सा और संबद्ध विज्ञानों के क्षेत्र में भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा की गई उत्कृष्ट उपलब्धियों को चिन्हित कर मान्यता प्रदान कर रही है। उपलब्धियों की समीक्षा के उपरांत,फैलो द्वारा मतदान के आधार पर चयनित व्यक्तियों को अकादमी की सदस्यता प्रदान की जाती है।

डॉ तुलसी दास चुघ पुरस्कार के रूप में एक स्क्रॉल, एक स्मारक पदक और नकद प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है।डॉ मिश्रा को यह पुरस्कार अकादमी के वार्षिक सम्मेलन के समय दिया जाएगा। वार्षिक सम्मेलन के दौरान, एक सत्र आयोजित किया जाएगा जिसमें वह अपने शोध कार्य की मौखिक प्रस्तुति देंगे तत्पश्चात उस पर चर्चा की जाएगी।

डॉ मिश्रा को मिले अन्य पुरस्कार

डॉ सतीश मिश्रा को निम्न मुख्य सम्मान एवं पुरुस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है :

• नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज, भारत द्वारा वर्ष 2019 मेंनिर्वाचितसदस्य,

• नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, भारतद्वारा वर्ष 2018मेंनिर्वाचितसदस्य,

•भारतीयचिकित्साअनुसंधानपरिषद, भारत सरकार द्वारावर्ष 2018 मेंशकुंतलाअमीरचंदपुरस्कार

•जैवप्रौद्योगिकीविभाग,भारतसरकारकेद्वारा वर्ष 2013 में रामलिंगास्वामी

कोरोना काल में मीडिया का सहयोग सराहनीय : डॉ. गोयल

 संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश

कोरोना काल में प्रशासनिक मशीनरी की दक्षता की सराहना और भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखकर समाज को शिक्षा देने का जो बीड़ा मध्यप्रदेश प्रेस क्लब ने उठाया है, इसके परिणाम सुखद होंगे। यह विश्वास मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. संजय गोयल ने आज मध्यप्रदेश प्रेस क्लब द्वारा आयोजित 'आरोग्य मंथन' में व्यक्त किये।

कार्यक्रम की अध्यक्षता एम्स भोपाल के निदेशक डॉ. सरमन सिंह ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनसंपर्क आयुक्त डॉ. सुदाम पी. खाड़े थे। दीप प्रज्ज्वलन के साथ प्रारम्भ कार्यक्रम के पहले अतिथि वक्ता भोपाल कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया थे। श्री लवानिया भोपाल जिले में किये गये कार्यों के साथ प्रदेश में होने वाली व्यवस्था सम्बन्धी निर्देशों की जानकारी दी। बीते दिनों की जानकारी के साथ भविष्य की चुनौतियों से निपटने की दक्षता पर भी उन्होंने प्रकाश डाला।

डॉ. संजय गोयल ने अपने अमेरिका प्रवास के दौरान के अनुभव को साझा करते हुए भारत के बारे में उनके मित्रों की राय से उलट देश की तैयारियों पर संतोष व्यक्त करते हुए आगामी चुनौतियों का सफलता से सामने करने की बात कहते हुए मीडिया के अब तक इस काल में मिले सहयोग को अविस्मरनीय कहते हुए भविष्य में सहयोग की आशा व्यक्त की।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में मध्यप्रदेश प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ. नवीन आनन्द जोशी ने प्रदेश के नागरिकों में चेतना जागृत करने के लिए संभाग स्तर पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने इस बाबत एक प्रेजेंटेशन भी प्रस्तुत किया।

विभिन्न सत्रों में हुई इस कार्यशाला में एम्स के डायरेक्टर डॉ. सरवन सिंह, स्वास्थ्य विभाग की अपर संचालक डॉ. वीणा सिन्हा ने भी विचार रखें।

मुख्यमंत्री दुष्कर्म के मामलोें में अन्वेषण का औसत समय 267 से घटकर 118 दिन हुआ...

 संवाददाता : जयपुर राजस्थान

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सोशल मीडिया तथा साइबर तकनीक का दुरूपयोग कर इनके माध्यम से होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने के लिए राजस्थान पुलिस अपने को तैयार करे। उन्होंने कहा कि पुलिस ऎसे अपराधों की तफ्तीश के लिए साइबर मामलों के एक्सपर्ट पुलिसकर्मियों का पूल गठित कर अपराधियों को सींखचों तक पहुुंचाए। उन्होंने कहा कि बदलते समय के अनुरूप अपराधियों ने अपने अपराध करने के तौर तरीकों में बदलाव किया है। प्रदेश की पुलिस भी इन चुनौतियों से मुकाबले के लिए अपने को आधुनिक बनाए। 
 
गहलोत बुधवार रात को मुख्यमंत्री निवास पर कानून-व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण से जुड़े मुद्दों की समीक्षा कर रहे थे।  मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला हैल्प डेस्क, स्वागत कक्ष निर्माण, छात्रा आत्मरक्षा कौशल योजना, मुकदमों के त्वरित निस्तारण, थानों में आवश्यक रूप से एफआईआर दर्ज करने की व्यवस्था, राजकॉप सिटीजन एप, कमांड एवं कंट्रोल सेन्टर, साइबर टे्रनिंग लैब की स्थापना जैसे नवाचारों से प्रदेश में आमजन को त्वरित न्याय मिलने में मदद मिली है।
 
महिला अपराधों के विरूद्ध विशेष अन्वेषण इकाई के गठन से दुष्कर्म के मामलों की तफ्तीश में लगने वाला औसत समय 267 दिनों से घटकर 118 दिन हो गया है। साथ ही राज्य में महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों की लम्बित जांचों का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत 34 प्रतिशत के मुकाबले 9 प्रतिशत ही है। उन्होंने कहा कि नवाचारों के कारण महिलाएं अपने साथ हुए अपराधों की शिकायत दर्ज करने के लिए बिना किसी डर के थाने पहुंच रही है।

गहलोत ने कहा कि नवाचारों से महिला अपराध के पंजीकरण में बढ़ोतरी हुई है एवं मुकदमों के त्वरित निस्तारण में गति आई है। इसकी पुष्टि इस बात से भी होती है कि बलात्कार के प्रकरणों में जहां पूर्व में 30 प्रतिशत से भी ज्यादा मामले सीधे पुलिस के पास आने की बजाए कोर्ट के माध्यम से दर्ज होते थे। वे अब घटकर लगभग 13 प्रतिशत तक आ गए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वॉरियर्स के रूप में पुलिस ने जो भूमिका निभाई तथा मास्क वितरण जैसे सामाजिक कार्याें में आगे बढ़कर योगदान दिया, वह प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस के अच्छे काम भी जनता तक पहुंचने चाहिएं।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन बिना किसी भय के पुलिस थानों में जाकर एफआईआर दर्ज करा सके, इसके लिए पिछले साल मई माह में निर्देश जारी किए गए थे कि थानों में हर परिवादी की शिकायत आवश्यक रूप से दर्ज की जाए। अगर थाने में शिकायत दर्ज नहीं की जाती है तो पीड़ित व्यक्ति पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर एफआईआर दर्ज करा सकता है। इस निर्णय का ही नतीजा है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा प्रकाशित क्राइम इन इंडिया-2019  के अनुसार राज्य में प्रथम सूचना रिपोर्ट के पंजीकरण के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अपराधों के पंजीकरण में वृद्धि को अपराधों में वृद्धि नहीं माना जा सकता। एफआईआर फ्री रजिस्टे्रशन की नीति से लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है और न्याय के लिए पीड़ित व्यक्ति बिना किसी डर के थाने पहुंच रहा है।
 
गहलोत ने कहा कि हमारा प्रयास है कि राजस्थान अपराधों की रोकथाम और त्वरित न्याय की दिशा में देश का मॉडल स्टेट बने। इसके लिए पुलिस को संसाधन उपलब्ध करवाने में किसी तरह की कमी नहीं रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस बिना किसी भेदभाव पीड़ित व्यक्ति की फरियाद सुने और उसे जल्द से जल्द राहत प्रदान करे। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है, इसलिए कानून की पालना में किसी तरह का पक्षपात नहीं होना चाहिए।
 
बैठक में जानकारी दी गई कि मंत्रिमंडलीय उप समिति ने गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के कर्नल किरोडी सिंह बैंसला एवं अन्य सदस्यों को वार्ता के लिए गुरूवार को अपरान्ह चार बजे जयपुर बुलाया है।
 
बैठक में बताया गया कि महिला अपराधों के विरूद्ध नवाचारों के द्वारा छात्रा आत्मरक्षा के लिए 979 मास्टर टे्रनर तैयार कर 4 लाख 38 हजार छात्राओं एवं 28 हजार 236 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। महिलाओं के विरूद्ध दर्ज अपराधों का न्यायालयों में त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए राज्य के समस्त 56 पोक्सो न्यायालयों में 56 विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति कर दी गई है एवं न्यायालय द्वारा यथासंभव धारा 309 दण्ड प्रक्रिया संहिता के अनुसार दिन-प्रतिदिन सुनवाई की जा रही है। इन प्रयासों का परिणाम है कि अब राजस्थान में महिलाओं के विरूद्ध अपराधों का न केवल पंजीकरण सुगम हुआ है, बल्कि पुलिस बल में लैंगिक संवेदनशीलता भी बढ़ी है। 
 
बैठक में पुलिस महानिदेशक अपराध एम.एल. लाठर, प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार, एडीजी इन्टेलिजेन्स उमेश मिश्रा, एडीजी एसओजी अशोक राठौड़, एडीजी कानून-व्यवस्था सौरभ श्रीवास्तव, एडीजी सिविल राईट्स आर.पी मेहरड़ा पुलिस महानिरीक्षक सीआईडी-सीबी वी.के सिंह, शासन सचिव गृह एनएल मीणा, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

बस्तरवासियों को दी 541 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों की सौगात...

 संवाददाता : रायपुर छत्‍तीसगढ़

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरूवार बस्तर जिला मुख्यालय जगदलपुर के लालबाग में झीरम शहीद स्मारक का भूमिपूजन किया। उन्होंने इस दौरान बस्तर संभागवासियों को 541 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों की सौगात दी।

इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री और बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, आबकारी मंत्री कवासी लखमा, बस्तर सांसद दीपक बैज, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप, महापौर सफीरा साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री बघेल ने लालबाग में आयोजित कार्यक्रम में बस्तर संभाग के अंतर्गत 541 करोड़ 39 लाख से अधिक राशि के 421 विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री बघेल ने यहां जगदलपुर शहर के विकास के लिए बस्तर जिला प्रशासन द्वारा ‘गढ़बो नवा जगदलपुर‘ के संकल्प के साथ तैयार कार्ययोजना का अवलोकन किया। कलेक्टर रजत बंसल ने गढ़बो नवा जगदलपुर की कार्ययोजना की जानकारी दी।

प्रदेश में 20 नए औद्योगिक उपक्रम स्थापित करने और कई विस्तार प्रस्तावों को मंजूरी...

 संवाददाता : शिमला हिमाचल

राज्य एकल खिड़की स्वीकृति एवं अनुश्रवण प्राधिकरण की 14वीं बैठक आज यहां मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक के दौरान नए औद्योगिक उपक्रम स्थापित करने के 20 परियोजना प्रस्तावों और वर्तमान इकाइयों के कई विस्तार प्रस्तावांे को स्वीकृति दी गई, जिसमें लगभग 868.58 करोड़ रुपये का प्रस्तावित निवेश होगा और लगभग 2598 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
 
आज की बैठक में जिन नए प्रस्तावों को मंजूदी दी गई उनमें मैसर्स प्रोसपेरिटी 6 फार्मासेक्टिक्स यूनिट-2 जिला सोलन के थाना बद्दी ड्राई पाउडर इंजेक्शन, ड्राई सिरप, टैबलेट और कैप्सूल के निर्माण, मैसर्स आइडियल मेडिकल डिवाइसेस प्राइवेट लिमिटेड को सिरमौर जिला के मोगीनंद में एकल उपयोग सिरिंज, पैट बोतलें, कोरुगेटिड कार्टन, सुई के उत्पादन,  मैसर्स विशाल इंजीनियरिंग कंपनी, यूनिट-2, सिरमौर जिला के मोगीनंद में बोतलें और कैप्स के निर्माण, मैसर्स श्रीओम आॅर्गेनिक्स प्राइवेट लिमिटेड को सिरमौर जिला के पांवटा साहिब के अंतर्गत गोंदपुर में थियोकोलीकोसाइड के निर्माण, मैसर्स अल्यूटैक पैकेजिंग प्राइवेट लिमिटेड को जिला सोलन के तहसील नालागढ़ के अंतर्गत ग्राम डाडी कानिया में फाॅयल और पीवीसी-पीवीडीसी आदि के निर्माण, मैसर्स आलकाइंड हेल्थकेयर यूनिट-3 को इंडस्ट्रियल एरिया काठा, तहसील बद्दी, जिला सोलन में टैबलेट, कैप्सूल, इंजेक्टेबल्स, एयरोसोल उत्पाद और काॅस्मेटिक आदि के निर्माण, मैसर्स कुमार स्टीलवेज प्राइवेट लिमिटेड को जिला। सिरमौर के काला-अंब क्षेत्र के तहत ग्राम ओगली में एमएस/एसएस रोल्ड उत्पादों, एसएस ट्यूब, पाइप के उत्पादन और मैसर्स माइलस्टोन गियर्स (पी) लिमिटेड को जिला सोलन की तहसील बद्दी के कथा में गियर्स, शाफ्ट के निर्माण के प्रस्ताव शामिल हैं।

प्राधिकरण ने जिन परियोजनाओं के विस्तार प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की उनमें मैसर्स जेबी रोलिंग मिल्स लिमिटेड यूनिट-2 को जिला। सिरमौर में काला-अंब क्षेत्र के जोहरन में इनगोट, बिलेट, एमएस बार, एंगल, चैनल आदि के निर्माण, मैसर्ज नेस्ले इंडिया लिमिटेड के ऊना जिला के हरोली के औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल मं चाॅकलेट, नूडल्स व मसालों के उत्पादन, मैसर्स जेबी रोलिंग मिल्स लिमिटेड यूनिट-3 के सिरमौर जिला के जोहड़ों में एमएस इन्गोट, बिलेट्स के उत्पादन, मैसर्स भगवती इंडस्ट्रीज के ग्राम झमाझरी, तहसील बद्दी, जिला सोलन में कोरुगेटिड कार्टन के निर्माण, मैसर्स टेक्नो प्लास्टिक इंडस्ट्रीज का रामपुर जट्टन, काला अंब, जिला सिरमौर में प्लास्टिक मोलडिड उत्पाद के उत्पादन, मैसर्स एमको इंडस्ट्रीज का ऊना जिला की तहसील अम्ब के शिवपुर में कच्चा लोहा, एसएस उत्पाद निर्माण, मैसर्स पिनेट्री पैकेजिंग प्राइवेट लिमिटेड के निर्माण के लिए सोलन जिला के गांव कथा में मोनो कार्टन के निर्माण, मैसर्स परफेक्ट पैकेजिंग का बुरंवाला, बद्दी, जिला सोलन में ड्राई अथवा असेंबल्ड लेड एसिड बैटरियों के उत्पादन, मैसर्स सनोक्स इंटरनेशनल का जाॅब वर्क के लिए सोलन जिला के नालागढ़ क्षेत्र के अंतर्गत पंजेहरा में सभी प्रकार की बैटरियों और बैटरियों के पुर्जांे के निर्माण, मैसर्स वर्धमान इस्पात उद्योग का ऊना जिला की तहसील बाथरी में टीएमटी बार्स, बिलेट्स, गिर्डर्स, एंगल्स के निर्माण, मैसर्स ब्लू स्टार लिमिटेड का गांव रामपुर जट्टां, काला अंब जिला सिरमौर में वातानुकुलित उपकरणों और अन्य संबंधित सामग्री के निर्माण, मैसर्स माइक्रोटेक न्यू टेक्नोलाॅजीज प्राइवेट लिमिटेडयूनिट-2 का कथा, जिला सोलन में इंफ्रा रेड थर्मामीटर, हाई एंड इनवर्टर्स, यूपीएस, सोलर पीसीयू और एमपीपीटी इन्वर्टरर्स आदि के निर्माण प्रस्ताव शामिल हैं।
 
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दूसरे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह की तैयारियों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए जिसे संभवतः वर्तमान राज्य सरकार के तीन साल का कार्यकाल के अवसर पर आयोजित किया जाएगा। उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि पहले ग्राउंड ब्रेकिंग समरोह के दौरान 13000 रुपये करोड़ की परियोजनाओं का प्रदर्शन किया गया दूसरे समारोह के जिए 10,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
 
अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग राम सुभाग सिंह ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि राज्य में अधिकतम परियोजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए विभाग अधिक समर्पण के साथ काम करेगा। आयुक्त एवं उद्योग विभाग के निदेशक हंसराज शर्मा ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
 
अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्व आर.डी. धीमान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा, प्रधान सचिव के.के. पंत, सचिव विकास लाबरू, प्रधान मुख्य अरण्यपरल, वन संरक्षक डा. सविता और विशेष सचिव, स्वास्थ्य डा. निपुण जिंदल भी बैठक में उपस्थित थे।

सिंहभूम प्रमंडल के विद्यार्थियों को ऑनलाइन पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से "जोहार पाठशाला" यूट्यूब चैनल का किया गया ट्रायल लोकार्पण...

संवाददाता : रांची झारखंड

◆ वैश्विक महामारी कोरोनावायरस संक्रमण के संकट काल में सिंहभूम प्रमंडल के विद्यार्थियों को ऑनलाइन पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से "जोहार पाठशाला" यूट्यूब चैनल का किया गया ट्रायल लोकार्पण

◆ प्रमंडलीय आयुक्त के कर कमलों से किए गए लोकार्पण के अवसर पर प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय सभागार में पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त, अपर उप समाहर्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पश्चिमी सिंहभूम/पूर्वी सिंहभूम सहित तीनों जिले के शिक्षक/शिक्षिकाएं एवं वीडियो निर्माण में प्रयुक्त टीम के सदस्य रहे उपस्थित

◆ प्रमंडल सहित झारखंड राज्य के सभी छात्र छात्राएं जोहार पाठशाला नाम के इस यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए लिंक https://youtube.com/channel/UCGAg1e1aj5xHd1onKQTZqHg पर करें विजिट

◆ इस ऑनलाइन पाठ्यक्रम में छात्र-छात्राओं को कक्षा 9 से 12 तक के विषयों की जानकारी के साथ-साथ कैरियर गाइड लाइन संबंधित वीडियो, विषय आधारित पीडीएफ फाइल, वस्तुनिष्ठ प्रश्न भी मुफ्त में रहेंगे उपलब्ध

कोरोनावायरस संक्रमण के संकट काल में सिंहभूम(कोल्हान) प्रमंडल सहित राज्य के छात्र-छात्राओं को झारखंड अद्यिविद्य परिषद के पाठ्यक्रम पर आधारित नवाचार के तहत प्रारंभ किए गए ऑनलाइन शिक्षण सामग्री से संबंधित यूट्यूब चैनल "जोहार पाठशाला" का ट्रायल लोकार्पण आयुक्त कार्यालय स्थित सभागार में प्रमंडलीय आयुक्त डॉ मनीष रंजन के कर कमलों से संपन्न हुआ।

इस अवसर पर सभागार में पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त अरवा राजकमल, जिले के अपर उप समाहर्ता जावेद हुसैन, पश्चिमी सिंहभूम जिला शिक्षा पदाधिकारी नीरजा कुजूर, सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी सुशील कुमार, पूर्वी सिंहभूम जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित प्रमंडल के तीनों जिले के विषयवार चयनित शिक्षक-शिक्षिकाएं तथा वीडियो निर्माण के दायित्व का निर्वहन कर रहे निदेशक जितेंद्र ज्योतिष एवं उनके टीम के सदस्य उपस्थित रहे। नवाचार के तहत प्रारंभ किए गए ऑनलाइन व्यवस्था में छात्र-छात्राओं को पाठ्यक्रम आधारित उच्च क्वालिटी के वीडियो के साथ-साथ विषयों से संबंधित पीडीएफ फाइल, वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं कैरियर गाइड लाइन की सामग्री के अलावे अपना विचार रखने की व्यवस्था भी उपलब्ध करवाई गई है जिससे वीडियो में व्याप्त खामियों को दूर करते हुए इसे एक बेहतर ऑनलाइन मार्गदर्शक के रूप में प्रयोग किया जा सके।

लोकार्पण के अवसर पर प्रमंडलीय आयुक्त के द्वारा वीडियो निर्माण में लगे सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया गया एवं जानकारी दी गई कि अपने पदस्थापना के उपरांत वैश्विक महामारी के संकट काल में प्रमंडल के छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन शिक्षण सामग्री उपलब्ध करवाने हेतु यह नवाचार संचालित करने का प्रयास किया गया है जिसमें पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त श्री अरवा राजकमल सहित सभी व्यक्ति का योगदान सराहनीय रहा।

उन्होंने कहा कि जोहार पाठशाला का मुख्य उद्देश्य है, कि क्लास 9th, 10th, 11th, 12th के बच्चे जो कोविड-19 के कारण अपनी क्लासेस नहीं कर पा रहे हैं उनके लिए संपूर्ण पाठ्यक्रम घर पर ही ऑनलाइन क्लास के माध्यम से उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि तीनों जिलों के शिक्षक शिक्षिका द्वारा तैयार किए गए वीडियो की गुणवत्ता भी उत्तम है जिसमें सभी पाठ्यक्रम को शामिल किया गया है जिसे पढ़कर बच्चे आसानी से आगामी वर्ष होने वाले 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा लिख सकते हैं, जोहर पाठशाला में वीडियो क्लासेज के साथ-साथ कैरियर गाइडेंस और आसान भाषा में पीडीएफ भी उपलब्ध कराया गया है साथ ही साथ मॉडल प्रश्न-उत्तर सेट और पिछले 10 वर्षों का प्रश्न उत्तर का सेट भी उपलब्ध कराया गया है ताकि बच्चे आसानी से पाठ्यक्रम को आत्मसात करे सकें।

विदित रहे कि प्रमंडलीय आयुक्त के पद पर पदस्थापित भारतीय प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी डॉ मनीष रंजन विदेश से शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं अतः उनकी हार्दिक इच्छा है कि यहां के बच्चों को भी विदेशों की भांति शिक्षा प्राप्त हो तथा पदस्थापित तिथि से ही प्रमंडलीय आयुक्त ऑनलाइन सामग्री तैयार कराने के लिए लगातार प्रयासरत रहे, जिसके परिणाम स्वरूप 50 दिनों में बेहतर शिक्षण सामग्री तैयार हो पाया है।

पदस्थापना के उपरांत कोल्हान क्षेत्र के बारे में अध्ययन करने के पश्चात उन्हें महसूस हुआ कि शिक्षा के क्षेत्र में एक ठोस पहल करने की आवश्यकता है तथा लॉकडाउन के समय बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले इस हेतु ऑनलाइन शिक्षण सामग्री वेबसाइट पर उपलब्ध रहे। उनका मानना है कि ट्राइबल बच्चों में काफी प्रतिभा छुपी रहती है बस उन्हें एक शिक्षक या आकर्षक शिक्षण सामग्री प्रदान करने की आवश्यकता है तथा प्रमंडल अंतर्गत सभी बच्चों का यह अधिकार है उन्हें अच्छी शिक्षा मिले।

प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक व लोक शैली प्रचार माध्यमों के साथ ही सोशल मीडिया पर विशेष फोकस रखा जाए : पी सी मीणा

 संवाददाता : चंडीगढ़ हरियाणा

सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार बदलते परिवेश के साथ तथ्यात्मक रूप से किया जाए। प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक व लोक शैली प्रचार माध्यमों के साथ ही सोशल मीडिया पर विशेष फोकस रखा जाए। यह बात सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा के महानिदेशक पी सी मीणा ने कही। वे बुधवार को गुरुग्राम स्थित लोक निर्माण विश्राम गृह में गुरुग्राम, फरीदाबाद, झज्जर, नूंह, पलवल, रेवाड़ी व नारनौल के जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। बैठक में उन्होंने सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार बेहतर ढंग से करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने विभाग के अधिकारियों के साथ विचार सांझे कर विभागीय कार्यक्षमता को और सुदृढ तरीके से आगे बढ़ाने पर जोर दिया और इसे लेकर महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में विस्तार से चर्चा की। 

महानिदेशक पी सी मीणा ने कहा कि पहले की अपेक्षा आज समय में काफी बदलाव हुआ है। ऐसे में हमें आज के समय की जरूरत के अनुरूप अपनी कार्यक्षमता को बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि तकनीक के इस दौर में हमें पारंपरिक तरीकों के साथ ही आधुनिक तौर तरीकों का सामंजस्य स्थापित करते हुए काम करने की जरूरत है। शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में भी समय के साथ साथ काफी बदलाव हुए हैं इसलिए जरूरी है कि समय की मांग के अनुसार योजनाओं की जानकारी विभिन्न प्रचार माध्यमों से आमजन तक पहुंचाने के आधुनिक तौर-तरीकों को अपनाते हुए सरकार की योजनाओं व फलेगशिप कार्यक्रमों की जानकारी दी जाए।

मीणा ने कहा कि आधुनिकता के इस दौर में आज ज्यादातर लोग सोशल मीडिया जैसे ट्वीटर, फेसबुक व इंस्टाग्राम पर अधिक एक्टिव हैं, ऐसे में सोशल मीडिया के महत्व को देखते हुए विभागीय गतिविधियों व सरकार की योजनाओं का प्रचार सोशल मीडिया के माध्यम से प्रभावी रूप से किया जाए। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा विभिन्न प्रचार माध्यमों से अधिक से अधिक लोगों तक अपनी पहुंच बनाई जा रही है और लोगों तक सरकार की योजनाओं व नीतियों तक पहुँचाने के लिए पारंपरिक तरीकों के साथ साथ हर पहलू से आमजन को जागरूक किया जा रहा है। 

उन्होंने बैठक में सोशल मीडिया प्लेटफार्म से लोगों को जोडऩे के लिए सोशल मीडिया लैब तैयार करने की बात भी कही और कहा कि पायलेट प्रोजेक्ट के तहत कुछ जिलों में यह पहल प्रस्तावित है। मीणा ने कहा कि समाज में प्रत्येक व्यक्ति आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है इसलिए जरूरी है कि विभागीय अधिकारी व कर्मचारी भी नई प्रक्रिया के तहत स्वयं को अपडेट रखें। उन्होंने कहा कि विभाग में भजनमंडलियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, लोगों तक सरकारी नीतियों व योजनाओं की जानकारी पहुंचाने के लिए इनका इस्तेमाल प्रभावी ढंग से किया जा रहा है। ग्रामीण परिवेश में लोगों तक योजनाओं की जानकारी व अन्य प्रशासनिक सूचना पहुंचाने का यह सशक्त माध्यम है।

मीणा ने कहा कि तकनीकी रूप से भी विभाग को अपडेट किया जा रहा है और हाल ही में जिलों में नया अत्याधुनिक तकनीकी सामान भी उपलब्ध कराया गया है और अब उक्त तकनीकी सामान के संचालन के लिए विभाग द्वारा संबंधित तकनीकी टीम की भी ट्रैनिंग करवाई जाएगी ताकि वे अपडेट होकर संचार माध्यमों जैसे साउंड सिस्टम आदि का भरपूर उपयोग कर सकें। बैठक में फलैक्स बोर्ड, होर्डिंग के ढांचागत सुधार, भजनपार्टियों तथा प्रचार अमले के विस्तार सहित कई अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई।

बैठक में सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के संयुक्त निदेशक आर एस सांगवान, डीआईपीआरओ पलवल सुरेन्द्र बजाड़, डीआईपीआरओ नारनौल उषा रानी, रेवाड़ी के डीआईपीआरओ जे पी यादव, नूंह के डीआईपीआरओ रतिभान चौपडा, डीआईपीआरओ फरीदाबाद राकेश गौतम व डीआईपीआरओ झज्जर दिनेश कुमार सहित अन्य संबंधित कर्मचारी मौजूद रहे।

गोदरेज एग्रोवेट ने अधिक उपज वाले ऑयल पाम सैप्लिंग्‍स लांच किये...

संवाददाता : मुंबई महाराष्ट्र

गोदरेज एग्रोवेट के ऑयल पाम प्‍लांटेशन बिजनेस ने नये और बेहतरीन, उच्‍च उपज वाले ऑयल पाम सैप्लिंग्‍स आज लॉन्‍च किये। ये पौधे मलेशिया से मंगाये गये सेमी-क्‍लोनल बीजों से उगाये गये हैं। पश्चिमी गोदावरी जिले (आंध्र प्रदेश) के गोदरेज एग्रोवेट फैक्‍ट्री क्षेत्र के किसानों के बीच ये पौधे बांटे गये।ऑयल पामदुनिया का सर्वाधिक लाभप्रद खाद्य तेल उत्‍पादक पौधा है और भारत में खाद्य तेल के रूप में इसका महत्‍वपूर्ण रूप से उपयोग किया जाता है।

हालांकिमौजूदा पौधों (टेनेरा हाइब्रिड्स) की निम्‍न उपजपर्यावरणीय परिस्थितियों जैसे कि कम बारिशसूखा आदि के चलतेकिसानों के लिए अब यह पहले जैसा मुनाफेदार नहीं है। ऐसे मेंयह नई किस्‍म इन चुनौतियों को दूर करते हुए भारत में वनस्‍पति तेल की मांग पूरी करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभायेगी। हालांकिमौजूदा टेनेरा सैप्लिंग्‍स में प्रति हेक्‍टेयर 34 से 35 टन फ्रेश फ्रुट बंचेज (एफएफबी) के उपज की आनुवांशिक क्षमता हैनये उच्‍च उपज वाले सैप्लिंग्‍स से प्रति हेक्‍टेयर 37 से 38 टन एफएफबी की उपज हासिल की जा सकती है। इस नये किस्‍म के पौधे के अन्‍य लाभ भी हैं।

उदाहरण के लिए,पत्तियों के छोटे डंठलआसानीपूर्वक कटाई और अधिक कुशलतापूर्वक रोपाई (मौजूदा किस्‍म के प्रति हेक्‍टेयर 143 नवांकुरित पौधों की तुलना में प्रति हेक्‍टेयर 148 पौधे) के लिए अधिक प्रभावी हैं। इनकी लंबाई धीरे-धीरे बढ़ती है और 325 सेमी. तक पहुंचती हैजबकि पुराने टेनेरा हाइब्रिड सैप्लिंग्‍स,रोपने के 11 वर्षों बाद 390 सेमी. तक पहुंच पाते हैंजिससे नये किस्म के पौधे की कटाई आसान है। गोदरेज एग्रोवेट के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी – ऑयल पाम प्‍लांटेशन, नसीम अली ने कहा, ”पर्यावरणीय परिस्थिति के चलते पैदा हुई कृषि संबंधी समस्‍याएं किसानों की आमदनी को सीधे प्रभावित कर रही हैं। गोदरेज एग्रोवेटपिछले तीन दशकों से भारतीय किसानों को सेवा प्रदान करने में अग्रणी रहे हैं और हम आगे भी नये-नये समाधान उपलब्‍ध कराते रहेंगे। हम अक्‍टूबर से नवंबर के बीच आंध्र प्रदेश में लगभग 160 से 170 हेक्‍टेयर जमीन पर ऑयल पाम सैप्लिंग्‍स की नयी किस्‍म की रोपायी की उम्‍मीद करते हैं। चिरंजीव चौधरीआईएफएसकमिश्‍नर ऑफ हॉर्टिकल्‍चरआंध्र प्रदेश सरकार ने कहा, ”मैं ऑयल पाम के सेमी-क्‍लोनल उच्‍च उपज वाली किस्‍म के सैप्लिंग्‍स के रिलीज के इस मौके पर गोदरेज एग्रोवेट को बधाई देता हूं। यह आंध्र प्रदेशजो कि देश में ऑयल पाम का सबसे बड़ा उत्‍पादक हैऔर देश के अन्‍य राज्‍यों के किसानों के लिए बेहद उपयोगी होगाचूंकि गोदरेज एग्रोवेट की पूरे भारत में मौजूदगी है।आईसीएआर – आईआईओपीआर (इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ ऑयल पाम रिसर्च) के निदेशकडॉ. ए के माथुर ने कहा, ”ऑयल पाम बारहमासा फसल है और अन्‍य वनस्‍पति तेल के बीजों की तुलना में ऑयल पाम के पौधारोपण से होने वाली कमाई अधिक है। गोदरेज एग्रोवेट की उच्‍च उपज वाली किस्‍म के सैप्लिंग्‍स से किसानों की आमदनी बढ़ सकती है और इस प्रकारखाद्य तेल के क्षेत्र में आत्‍मनिर्भरता हेतु योगदान दिया जा सकता है।” उच्‍च उपज वाले ऑयल पाम सैप्लिंग्‍स की नई किस्‍मपूरे भारत के ऑयल पाम किसानों व उत्‍पादकों के लिए उपलब्‍ध होगीहालांकिआंध्र प्रदेश,तेलंगानातमिलनाडुओडिशागुजरातमिजोरम एवं गोवा पर अधिक जोर दिया जायेगा।

गोदरेज एग्रोवेट के विषय में

गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड (जीएवीएल) विविधीकृत शोध एवं विकास संगठन पर केंद्रित कृषि-व्यवसाय कंपनी है, जो ऐसे उत्पादों एवं सेवाओं को लाकर भारतीय किसानों की उत्पादकता बढ़ाने के प्रति समर्पित है, जिससे फसल एवं पशुधन से होने वाला लाभ टिकाऊ तरीके से बढ़े। जीएवीएल को एनिमल फीड, फसल सुरक्षा, ऑयल पाम, डेयरी, पॉल्‍ट्री एवं प्रसंस्‍कृत खाद्य पदार्थ में रूचि है।

आईटीबीपी के सीमाद्वार स्थित क्षेत्रीय मुख्यालय में आयोजित फ्लैग इन समारोह में मुख्य अतिथि शामिल हुए मुख्यमंत्री...

 संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड

आईटीबीपी के सीमाद्वार स्थित क्षेत्रीय मुख्यालय में आयोजित फ्लैग इन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटीबीपी शौर्य और संवेदना का दूसरा नाम है।

हिमवीर जहां एक ओर अपने परिवार से दूर रहकर अति दुर्गम एवं सीमांत क्षेत्रों में तैनात रहकर देश की सेवा में तत्पर रहते हैं। वहीं अपने मानवीय कर्तव्यों को भी नहीं भूलते। कोरोनाकल में भी आईटीबीपी ने दो बड़े पर्वतारोहण अभियानों को सफल बनाकर सकारात्मक संदेश दिया है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पर्वतारोहण दल में शामिल हिमवीरों को सम्मानित भी किया।

इस अवसर पर आईटीबीपी के महानिरीक्षक उत्तरी सीमांत नीलाभ किशोर, उपमहानिरीक्षक कुंवर पाल सिंह, मंधीर एक्का, रणजीत सिंह, निम के कर्नल अमित बिष्ट आदि उपस्थित थे।

बुधवार, 28 अक्तूबर 2020

प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लाभार्थियों से बातचीत की...

 संवाददाता : नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश के प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लाभार्थियों से बातचीत की।प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों के साथ बातचीत करते हुए डिजिटल भुगतान के लाभों और कैशबैक लाभ हासिल करने के तरीकों को लेकर सुझाव दिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस पैसे का इस्तेमाल उचित शिक्षा और बेहतर करियर पाने में किया सकता है।

उन्होंने आगे अपने संबोधन में कहा कि पहले तो वेतनभोगी लोगों के लिए भी ऋण की खातिर बैंकों से संपर्क करना मुश्किल था, जबकि गरीब और फुटकर विक्रेता बैंक के पास जाने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे। लेकिन अब बैंक अपने उद्यम शुरू करने में मदद करने के लिए ऋण प्रदान करने की खातिर लोगों के घर तक पहुंच रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने महामारी के दौरान गरीबों की तकलीफें कम करने के लिए एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये के पैकेज के साथ गरीब कल्याण योजना शुरू की। उन्होंने कहा कि 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन में गरीबों पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने खुशी जताई कि फुटकर विक्रेता अपना काम फिर से शुरू कर सकते हैं और दोबारा आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

नरेन्‍द्र मोदी ने उस गति की सराहना की जिसके साथ यह योजना पूरे देश में लागू हो रही है। उन्होंने कहा कि स्वनिधि योजना के तहत ऋण के लिए किसी गारंटर की आवश्यकता नहीं है और ऋण का प्रावधान कठिनाई से मुक्त है। कोई भी व्यक्ति किसी भी सामान्य सेवा केंद्र या नगर निगम के कार्यालय में या बैंक जाकर खुद से ऑनलाइन आवेदन अपलोड कर सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से पहली बार फुटकर विक्रेताओं को बिना किसी गारंटी के सस्ते ऋण मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि शहरी फुटकर विक्रेताओं के अधिकतम आवेदन उत्तर प्रदेश से आए हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत, देश भर सेमिले 25 लाख ऋण आवेदनों में से 6.5 लाख से अधिक आवेदन अकेले उत्तर प्रदेश से हैं। राज्य से मिले 6.5 लाख आवेदनों में से 4.25 लाख आवेदनों को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्वनिधि योजना के ऋण समझौते के लिए स्टांप शुल्क में छूट दी गई है।

प्रधानमंत्री ने महामारी के दौरान छह लाख फुटकर विक्रेताओं को 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को धन्यवाद दिया।उन्होंने कहा कि ज्यादातर फुटकर विक्रेता जिन्हें स्वनिधि योजना के माध्यम से ऋण दिया गया था, वे समय पर अपना ऋण चुका रहे हैं। इससे यह साबित होता है कि छोटे कर्जदार अपनी ईमानदारी और निष्ठा से समझौता नहीं करते हैं।

प्रधानमंत्री ने अधिक से अधिक लोगों तक योजना के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत समय पर पुनर्भुगतान करने पर ब्याज पर सात प्रतिशत की छूट भी मिलेगी और डिजिटल लेनदेन पर एक महीने में 100 रुपये का कैशबैक मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कि लोगों ने जन धन खातों की उत्पादकता पर संदेह किया था, लेकिन आज उसी से संकट के समय गरीबों की मदद हो रही है।उन्होंने गरीबों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा की गयी पहलों का उल्लेख किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने फुटकर विक्रेताओं, कामगारों और किसानों को आश्वासन दिया कि देश उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने और उनके जीवन को बेहतर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।

भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की नवीन पद-स्थापना...

 संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश

राज्य शासन ने भारतीय पुलिस सेवा के दो अधिकारियों की नवीन पद-स्थापना की है। गृह विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश में श्री यशपाल सिंह राजपूत, जोनल पुलिस अधीक्षक विशेष शाखा, जिला सागर को पुलिस अधीक्षक जिला मण्डला पदस्थ किया है।

दीपक कुमार शुक्ला, पुलिस अधीक्षक मण्डला को सहायक पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय, भोपाल पदस्थ किया गया है।

 


ई-पेन्शन तथा ई-लेखा प्रणाली का शुभारम्भ गुड गवर्नेन्स के लिए सभी विभाग अपनाएं पेपरलैस सिस्टम : मुख्यमंत्री

 संवाददाता : जयपुर राजस्थान

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि समय, धन एवं संसाधनों की बचत के लिए आईटी आधारित एवं पेपरलैस गवर्नेन्स आज के समय की जरूरत है। सभी विभाग नवाचार करते हुए पेपरलैस सिस्टम की दिशा में आगे बढ़ें। इससे न केवल संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह शासन का संकल्प साकार होगा, बल्कि आमजन को भी बेहतर सर्विस डिलीवरी हो सकेगी। 
 
गहलोत मंगलवार को वीडियो कॉन्फे्रंस से वित्त विभाग द्वारा एनआईसी के सहयोग से तैयार की गई ई-पेन्शन तथा ई-लेखा प्रणाली के वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। 
 
मुख्यमंत्री ने पेंशन एवं लेखा प्रणाली के सरलीकरण के लिए तैयार किए गए ई-पेंशन तथा ई-लेखा सिस्टम की सराहना करते हुए कहा कि इससे सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को जटिलता भरी औपचारिकताओं से निजात मिलेगी और पेंशन स्वीकृति के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इससे समय की बचत होगी तथा 30 से 35 साल तक सेवा कर रिटायर होने वाले कार्मिकों को मानसिक शांति मिलेगी। साथ ही, कार्मिकों के वेतन, मेडिकल, यात्रा आदि बिलों, संवेदकों के भुगतान सहित अन्य लेखा कार्याें में सुगमता होगी। 
 
गहलोत ने कहा कि वित्तीय अनुशासन, विकास परियोजनाओं की मॉनिटरिंग, सरकारी काम-काज में मितव्ययता, कुशलता एवं समय की दृष्टि से आईटी का महत्वपूर्ण योगदान है। इसे देखते हुए आईटी विभाग अपने तकनीकी रूप से दक्ष कार्मिकों की एक ऎसी टीम तैयार करे, जो सरकार की तकनीकी आवश्यकताओं के अनुरूप सॉफ्टवेयर एवं प्रोग्राम बना सके। इसके लिए हमें किसी बाहरी कम्पनी पर निर्भर नहीं रहना पड़े।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की चुनौती के बावजूद राज्य सरकार ने कुशल वित्तीय प्रबंधन करते हुए विकास परियोजनाओं को गति दी है। उन्होंने वित्त विभाग के अधिकारियों से कहा कि वित्तीय प्रबंधन को लगातार मजबूत बनाया जाए। ऎसे प्रयास किए जाएं जिससे ऑवरड्राफ्ट की स्थिति पैदा ना हो। राजस्व लगातार बढ़े और लीकेज न हो। 
 
मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने कहा कि ई-पेंशन एवं ई-लेखा सिस्टम पेपरलैस गवर्नेन्स की दिशा में बड़ा कदम है। इससे कामकाज में पारदर्शिता आने के साथ ही सरकारी भुगतान सिस्टम में सुधार होगा। ई-पेंशन से सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को अपनी पेंशन स्वीकृति के लिए 40 पृष्ठों का जटिल प्रपत्र नहीं भरना होगा।  
 
अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पिछले कार्यकाल में राज्य सरकार के बेहतर वित्तीय प्रबंधन के लिए एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (आईएफएमएस) शुरू की गई थी। उन्होंने बताया कि ई-कुबेर, पे-मैनेजर, ई-ग्रास, राजकोष आदि सॉफ्टवेयर के माध्यम से वित्तीय प्रबंधन को और सशक्त बनाया गया है। ई-पेंशन प्रणाली से हर वर्ष सेवानिवृत्त होने वाले 25 हजार से अधिक कार्मिकों को अपना पेंशन आवेदन पत्र भरने में 15 मिनट से भी कम समय लगेगा। 
 
शासन सचिव वित्त (बजट) टी रविकान्त ने बताया कि इन दो नई प्रणालियों से राज्य सरकार को 80 करोड़ रूपये की स्टेशनरी, कार्मिकों के टीए-डीए भत्ते एवं प्रिन्टिंग लागत की बचत होगी। ई-लेखा के प्रारम्भ होने से बिलों एवं दस्तावेजों को भौतिक रूप से ट्रेजरी एवं महालेखाकार कार्यालय भेजे जाने की जरूरत नहीं होगी। 
 
इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी दिनेश कुमार, शासन सचिव कार्मिक हेमन्त गेरा, शासन सचिव वित्त (राजस्व) डॉ. पृथ्वीराज, आयुक्त सूचना प्रौद्योगिकी वीरेन्द्र सिंह, विशिष्ट सचिव वित्त (व्यय) सुधीर शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कोषालय अधिकारी एवं क्षेत्रीय पेंशन अधिकारी भी वीसी के जरिए कार्यक्रम से जुड़े।

छत्तीसगढ़ में अब तक 1291.6 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज...

 संवाददाता : रायपुर छत्तीसगढ़

प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष में संकलित जानकारी के अनुसार प्रदेश में एक जून से अब तक कुल 1291.6 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। प्रदेश में सर्वाधिक बीजापुर जिले में 2462.7 मि.मी. और सबसे कम सरगुजा में 922.6 मि.मी. औसत वर्षा अब तक रिकार्ड की गई है। 

राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर में 1401.8 मि.मी., बलरामपुर में 1183.2 मि.मी., जशपुर में 1435.0 मि.मी., कोरिया में 1126.7 मि.मी., रायपुर में 1081.7 मि.मी., बलौदाबाजार में 1106.6 मि.मी., गरियाबंद में 1281.4 मि.मी., महासमुन्द में 1321.2 मि.मी., धमतरी में 1172.6 मि.मी., बिलासपुर में 1302.1 मि.मी., मुंगेली में 945.4 मि.मी., रायगढ़ में 1253.0 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 1394.1 मि.मी. तथा कोरबा में 1414.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। इसी प्रकार गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही में 1093.3 मि.मी., दुर्ग में 1039.4 मि.मी., कबीरधाम में 1010.9 मि.मी., राजनांदगांव में 962.4 मि.मी., बालोद में 1074.8 मि.मी., बेमेतरा में 1103.3 मि.मी., बस्तर में 1523.7 मि.मी., कोण्डागांव में 1568.4 मि.मी., कांकेर में 1072.3 मि.मी., नारायणपुर में 1533.3 मि.मी., दंतेवाड़ा में 1706.6 मि.मी. तथा सुकमा में 1673.0 मि.मी  औसत दर्ज की गई है।