रविवार, 28 फ़रवरी 2021

प्रधानमंत्री ने भारतीय खिलौना मेला 2021 का उद्घाटन किया...

 संवाददाता : नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारतीय खिलौना मेला 2021 का उद्घाटन किया। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस खिलौना मेला का आयोजन 27 फरवरी से 2 मार्च, 2021 तक किया जाएगा। इस मेले में 1,000 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के चन्नपटना, उत्तर प्रदेश के वाराणसी और राजस्थान के जयपुर के खिलौना निर्माताओं से बातचीत की। इस खिलौना मेले के माध्यम से सरकार और उद्योग इस बारे में मिलकर चर्चा करेंगे कि इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने और निर्यात को बढ़ावा देने के माध्यम से भारत को किस प्रकार खिलौनों के विनिर्माण और स्रोत का अगला वैश्विक केंद्र बनाया जा सकता है।

इस आयोजन को संबोधित करते हुए  प्रधानमंत्री ने भारत में खिलौना उद्योग की छिपी हुई क्षमता को सामने लाने और आत्‍मनिर्भर भारत के लिए एक अभियान के बड़े हिस्से के रूप में इसकी पहचान का सृजन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह पहला खिलौना मेला सिर्फ एक व्यावसायिक या आर्थिक आयोजन ही नहीं है। यह कार्यक्रम देश की खेल और हर्ष की सदियों पुरानी संस्कृति को मजबूत बनाने की एक कड़ी भी है। उन्होंने कहा कि यह खिलौना मेला एक ऐसा मंच है जहां कोई भी व्‍यक्ति खिलौने के डिजाइन, नवाचार, प्रौद्योगिकी, विपणन और पैकेजिंग के बारे में विचार-विमर्श करने के साथ-साथ अपने अनुभव को भी साझा कर सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया ने सिंधु घाटी की सभ्यता, मोहनजो-दारो और हड़प्पा के युग से खिलौनों के बारे में अनुसंधान किया है।

प्रधानमंत्री ने उस प्राचीन समय का स्‍मरण किया जब पूरी दुनिया से यात्री भारत में आते थे और भारत में खेल सीखते थे तथा उन्‍हें अपने साथ भी ले जाते थे। उन्होंने कहा कि शतरंज, जो आज दुनिया में इतना लोकप्रिय है पहले भारत में 'चतुरंग या चादुरंगा' के रूप में खेला जाता था। आधुनिक लूडो भी तब 'पचीसी' के रूप में खेली जाती थी। उन्होंने कहा कि हमारे धर्म ग्रंथों में यह वर्णन किया गया है कि बलराम के पास बहुत खिलौने थे। गोकुल में, गोपाल कृष्ण अपने घर के बाहर मित्रों के साथ गुब्बारे से खेला करते थे। हमारे प्राचीन मंदिरों में भी खेल, खिलौने और शिल्प भी उकेरे गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि देश में बने खिलौनों ने बच्चों के सर्वांगीण विकास में योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पुन: उपयोग और रिसाइकिलिंग भारतीय जीवन शैली का एक हिस्सा रहा है, ऐसा ही हमारे खिलौनों में भी देखा गया है। अधिकांश भारतीय खिलौने प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं से बने होते हैं। इनमें उपयोग किए जाने वाले रंग भी प्राकृतिक और सुरक्षित होते हैं। उन्होंने कहा कि ये खिलौने हमारे मन को, हमारे इतिहास और संस्कृति से भी जुड़ते हैं और सामाजिक, मानसिक विकास तथा भारतीय दृष्टिकोण के निर्माण में भी सहायक होते हैं। उन्होंने देश के खिलौना निर्माताओं से ऐसे खिलौने बनाने का अनुरोध किया, जो इकोलॉजी और मनोविज्ञान दोनों के लिए बेहतर हों। उन्होंने खिलौनों में कम प्लास्टिक का उपयोग करने तथा ऐसी वस्‍तुओं का उपयोग करने को कहा जिन्‍हें रिसाइकिल किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरे विश्‍व में, हर क्षेत्र में, भारतीय दृष्टिकोण और भारतीय विचारों की बात की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय खेलों और खिलौनों की एक विशेषता है कि उनमें ज्ञान, विज्ञान, मनोरंजन और मनोविज्ञान का समावेश होता है। उन्होंने कहा कि जब बच्चे लट्टू के साथ खेलना सीखते हैं, तो उन्हें लट्टू खेल में गुरुत्वाकर्षण और संतुलन का पाठ पढ़ाता है। इसी प्रकार गुलेल से खेलने वाला बच्चा अनजाने में स्थितिज और गतिज ऊर्जा के बारे में मूल बातें सीखना शुरू कर देता है। उन्होंने कहा कि पहेली वाले खिलौने रणनीतिक सोच और समस्या को सुलझाने का विकास करते हैं। इसी प्रकार नवजात शिशु भी अपने हाथों को घुमाकर गोलाकार गति का अनुभव करना शुरू कर देता है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि रचनात्मक खिलौने बच्चों के विवेक को विकसित करते हैं और उनकी कल्पनाओं को उड़ान प्रदान करते हैं। उनकी कल्पनाओं की कोई सीमा नहीं है। उन्हें केवल छोटे खिलौने की जरूरत है जो उनकी जिज्ञासा को संतुष्ट करे और उनमें सृजनता का भाव जगाए। उन्होंने सभी अभिभावकों से अपने बच्चों के साथ खेलने का अनुरोध किया क्योंकि खिलौने बच्चों की सीखने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि माता-पिता को खिलौने के विज्ञान और बच्चों के विकास में उनकी भूमिका को समझना चाहिए। उन्होंने स्कूलों में शिक्षकों से खिलौनों का उपयोग करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस दिशा में सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से अनेक बदलाव किए हैं।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें बड़े पैमाने पर खेल आधारित और गतिविधि आधारित शिक्षा का समावेश किया गया है। यह ऐसी शिक्षा प्रणाली है जिसमें बच्चों में तार्किक और रचनात्मक सोच के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि खिलौनों के क्षेत्र में भारत की अपनी परंपरा और प्रौद्योगिकी है। भारत में अवधारणाएं और क्षमता भी है। हम विश्‍व को दोबारा पर्यावरण के अनुकूल खिलौनों की ओर वापस ले जा सकते हैं।  हमारे सॉफ्टवेयर इंजीनियर कंप्यूटर गेम के माध्यम से भारत की कहानियों का विश्‍व में प्रसार कर सकते हैं। लेकिन इन सबके बावजूद  100 बिलियन डॉलर के विश्‍व खिलौना बाजार में आज भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है। देश में 85 प्रतिशत खिलौने विदेशों से आ रहे हैं। उन्होंने इस स्थिति को बदलने की जरूरत पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब देश ने खिलौना उद्योग को 24 प्रमुख क्षेत्रों में वर्गीकृत किया है। राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना भी तैयार की गई है। इसमें 15 मंत्रालयों और विभागों को शामिल किया गया है ताकि इन उद्योगों को प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके और देश को खिलौनों में आत्मनिर्भर बनाया जा सके तथा भारत के खिलौने विश्‍व में भेजे जा सकें। इस अभियान के माध्‍यम से राज्य सरकारों को खिलौना क्लस्टरों को विकसित करने में बराबर का भागीदार बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ खिलौना पर्यटन की संभावनाओं को मजबूत करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। भारतीय खेल आधारित खिलौनों को बढ़ावा देने के लिए टोयाथॉन-2021 का भी आयोजन किया गया और 7000 से अधिक विचारों का मंथन किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर आज ‘मेड इन इंडिया’ की मांग है, तो भारत में हस्तनिर्मित की मांग भी समान रूप से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि आज लोग खिलौने को एक केवल एक उत्पाद के रूप में ही नहीं खरीदते हैं, बल्कि उस खिलौने से जुड़े अनुभव से भी जुड़ना चाहते हैं। इसलिए हमें भारत में हस्‍तनिर्मित उत्‍पाद को भी बढ़ावा देना होगा।

स्पेशल हैंडलूम में झलकी विभिन्न राज्यों की संस्कृत -4 मार्च तक चलेगा स्पेशल हैंडलूम एक्सपो...

 संवाददाता : जयपुर राजस्थान

जलमहल के सामने स्थित राजस्थान हाट में चल रहे स्पेशल हैंडलूम एक्सपो में देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति की झलक नजर आ रही है। जम्मू कश्मीर, गुजरात, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान सहित कई राज्यों की हथकरघा समितियां अपने उत्पाद प्रदर्शित कर रही हैं। जिनमें बनारसी साड़ियां, गुजरात की बांधनी एवं पाटोला साड़ियां एवं ड्रेस, कारपेट, शर्ट, सूट और पंजा दरी सहित कई फर्निशिग आईटम शामिल है।
 
उद्योग आयुक्त अर्चना सिंह ने बताया कि राजस्थानी परंपरागत अजरख, बगरु, सांगानेरी, कोटा डोरिया, लहरिया, मोठड़ा प्रिंट की साड़ियां और परिधान भी बिक्री के लिए प्रदर्शित किए गये हैं। उद्योग विभाग के उद्यम प्रोत्साहन संस्थान द्वारा 15 दिवसीय एक्सपो 4 मार्च तक चलेगा। वैवाहिक सीजन होने के कारण खरीददारों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है।

6 माह में तैयार हुई साड़ी
 
एक्सपो में महिलाओं और युवतियां बनारसी साड़ियों को खासा पसंद कर रही हैं।  बनारस से आए हथकरघा कारीगर एम.डी. जावेद ने बताया कि तनचोई, जामावार और मूंगा सिल्क की बनारसी साड़ियों की मांग बढ़ रही है। मूंगा सिल्क की एक साड़ी को बनाने में पूरा परिवार लगता है और करीब 6 महीने में तैयार होती है। इसकी खासियत यह है कि यह जितनी पुरानी होती है उतनी ही इसकी चमक बढ़ती जाती है।
 
बच्चों ने समझी कपड़े बनाने की तकनीक
 
वस्त्र मंत्रालय के बुनकर सेवा केंद्र जयपुर द्वारा प्रदर्शित थीम पवेलियन खासकर बच्चों को पसंद आ रहा है। थीम पवेलियन में कपड़े को हाथ से बनता हुआ देखकर रोमांचित हो रहे है। इसमें बुनकर करघे पर कपड़ा बनाता है फिर उस पर रंगाई और छपाई की जाती है। एक्सपो में आगन्तुक कपड़े बनने का लाइव एक्सपीरियंस लेकर पुराने दिनों को याद ताजा कर रहे हैं। लोगों ने बुनकर और शिल्पकार से इस कला के बारे में जानकारी ली।

विधानसभा उपाध्यक्ष हंस राज ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से भेंट की...

 संवाददाता : शिमला हिमाचल

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष हंस राज ने शनिवार राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से भेंट की।यह एक शिष्टाचार भेंट थी।इसके पश्चात, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राजभवन में राज्यपाल से भेंट की। विधानसभा परिसर में हुई घटना के मद्देनजर राज्यपाल ने डीजीपी के साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।

इस अवसर पर, पुलिस महानिदेशक ने राज्यपाल को हुई असुविधा पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह अप्रत्याशित और दुर्भाग्यपूर्ण था। उन्होंने कहा कि राज्य के पहले नागरिक होने के रूप में, पुलिस प्रशासन ने अतिरिक्त सावधानी बरतने और राज्यपाल को उनके भविष्य में होने वाले कार्यक्रमों में उच्च स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रोफेशनल एडवाइज दी जाएगी और उनके लिए रोड क्लीयरिंग सिस्टम तैयार किया जाएगा।
 
वर्तमान में राज्यपाल के कार्यक्रमों के दौरान केवल एक सुरक्षा अधिकारी तैनात रहता है लेकिन अब व्यवस्था को बदला जाएगा और क्लोज प्रोटेक्शन टीम तैनात की जाएगी, जिसमें अधिक पेशेवर पुलिस कमांडो होंगे और वर्तमान पीएसओ व्यवस्था को बदल दिया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि राज्यपाल को महत्वपूर्ण और बड़े कार्यक्रमों में अग्रिम सुरक्षा प्रदान की जाएगी और ऐसे कार्यक्रमों में प्रयास किए जाएंगे कि राज्यपाल के दोनों एडीसी साथ हों। उन्होंने कहा कि किसी भी विपरित स्थिति में, राज्यपाल की सुरक्षा में तैनात अधिकारी बैकअप के लिए काॅल कर सकता है। पुलिस प्रशासन राज्यपाल को कड़ी सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस संबंध में कोई चूक नहीं होने दी जाएगी।पुलिस महानिदेशक ने कहा कि पुलिस प्रशासन राजभवन में भी डीएसपी सुरक्षा सुविधा उपलब्ध करवाने का प्रयास करेगा।

मकान और खाद्यान्न से कोई भी गरीब नहीं रहेगा वंचित: मंत्री डॉ. मिश्रा

 संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश

गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को दतिया के वृन्दावनधाम में आयोजित कार्यक्रम में 272 हिग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत एक करोड़ 84 लाख रूपये के हितलाभ प्रदान किए। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान हर व्यक्ति की मूलभूत जरूरत है। सरकार किसी भी गरीब को इससे वंचित नहीं रहने देगी।

मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि प्रदेश की सरकार प्रत्येक परिवार की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि सभी पात्र एवं गरीब परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण सुनिश्चित किया जाए। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने हितग्राहियों से चर्चा भी की। डॉ. मिश्रा ने वार्ड के जनप्रतिनिधियों से भी आह्वान किया कि पात्र लोगों से सम्पर्क कर उन्हें योजनाओं का लाभ दिलायें। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किए जाने के लिए आ रही दिक्कतों को दूर करने हेतु नगर पालिका में शिविर आयोजित करें।

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवास निर्माण हेतु 130 हितग्राहियों को एक करोड़ 30 लाख की राशि, स्ट्रीट वेण्ड़र योजना के तहत् 100 हितग्राहियों को 10 लाख की राशि, संबल योजना में 22 हितग्राहियों को कुल 44 लाख रूपये की सहायता राशि और पेंशन योजना के तहत् 20 हितग्राहियों को कुल 12 हजार की राशि का हितलाभ दिया गया।

कार्यक्रम में सुरेन्द्र बुधौलिया, डॉ. रामजी खरे, राधाकांत अग्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधि व गणमान्यजन उपस्थित थे

उत्तराखंड एक झलक में, उत्तराखंड की प्रमुख खबरें…

संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड

उत्तराखंड एक झलक में, उत्तराखंड की प्रमुख खबरें…

मुख्यमंत्री का शनिवार को रानीखेत के खेरना एवं उपराड़ी में लोगों ने भव्य स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने उपराड़ी में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार का 18 मार्च को 4 साल का कार्यकाल पूर्ण हो जायेगा। इस दौरान राज्य सरकार ने जन अपेक्षाओं को पूर्ण करने के लिए अनेक प्रयास किये। सड़क कनेक्टिविटी के क्षेत्र में अनेक कार्य किये गये हैं। राज्य बनने के बाद 17 साल में सड़कों का जितना निर्माण हुआ, लगभग उतनी सड़कें पिछले 3 साल एवं 10 माह में बनाई गई। महिलाओं के सिर से घास के बोझ को हटाने के लिए राज्य में मुख्यमंत्री घसियारी योजना शुरू की जा रही है। ग्रामीण आर्थिकी में सुधार के लिए अलग-अलग थीम पर ग्रोथ सेंटर विकसित किये जा रहे हैं। कृषकों को 3 लाख तक का एवं स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रू. तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है।
 
 
मुख्यमंत्री ने शनिवार नैनीताल में सूखाताल के पुनर्जीवन सहित 42 करोड़ की विकास योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। साथ ही उन्होंने नैनीताल में एक नई परंपरा घरैकि पहचान, चेलिक नाम का शुभारंभ किया। इस परंपरा के तहत 8000 घरों का चयन कर परिवार की सबसे छोटी बेटी के नाम पर ऐपण कला से निर्मित उस घर की पट्टिका लगाई जाएगी।
 
प्रथम चरण में इसकी शुरूआत नैनीताल नगरपालिका और जिले के विकासखंडों की एक-एक ग्राम पंचायत से की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्रीजी ने भवाली में 300 वाहनों की पार्किंग, कचहरी परिसर में 400 वाहनों की बहुमंजिला पार्किंग व फासी गधेरा में 100 वाहनों की पार्किंग का निर्माण करने की घोषणा की।
कार्यक्रम में नैनीताल के सांसद अजय भट्ट, बाल विकास राज्यमंत्री, विधायक नैनीताल संजीव आर्य, विधायक लालकुआं नवीन दुमका, विधायक रामनगर दीवान सिंह बिष्ट, विधायक भीमताल राम सिंह कैड़ा, जिला पंचायत अध्यक्ष नैनीताल बेला तोलिया, जिलाधिकारी धीराज गब्र्याल सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
 
 
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डाॅ.राजीव कुमार ने शनिवार मुख्यमंत्री से भेंट की। दोनों के मध्य उत्तराखंड से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार की परियोजनाओं के लिए केंद्र की परियोजनाओं की भांति डिग्रेडेड फाॅरेस्ट लैंड पर क्षतिपूर्ति पौधरोपण की अनुमति दी जानी चाहिए साथ ही फाॅरेस्ट क्लीयरेंस के लिए जरूरी औपचारिकताओं का सरलीकरण किया जाना चाहिए। उन्हें चमोली में आई आपदा और संचालित सर्च रेस्क्यू आपरेशन व राहत कार्यों की भी जानकारी दी। डाॅ.राजीव कुमार ने राज्य में एसडीजी के लिए माॅनिटरिंग सेल बनाने का सुझाव दिया। साथ ही प्रदेश को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
 
 
 
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि जिस तरह से मुख्यमन्त्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं। उससे इस बार कई मिथक भी टूटने वाले है। कार्यकर्ताओं से  संवाद करने के लिए प्रदेश भ्रमण पर निकले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत का  तीर्थ नगरी ऋषिकेश विधानसभा पहुचने पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। नटराज चैक से भाजपा युवा मोर्चा के हजारों कार्यकर्ताओं ने बाइक रैली निकालकर स्वागत किया। नटराज चैक से लेकर भारत मंदिर तक  कई स्थानों पुष्प वर्षा के साथ प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत का जोरदार स्वागत किया गया।

इस अवसर  पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत की अगुवाई में उत्तराखंड सरकार विकास के ऐतिहासिक कार्य कर रही है और इस बार भारतीय जनता पार्टी सारे मिथक तोड़ देगी भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में 60 से अधिक सीटें जीतकर दोबारा सत्ता में आएगी और  ये कार्य कार्यकर्ताओं के मेहनत के बदौलत ही प्राप्त होगा। श्री भगत ने कहा जब से केंद्र में भाजपा सरकार आई है देश का वातावरण बदला है आज चारों तरफ विकास की गंगा बह रही है भ्रष्टाचार का कहीं नामों निशान नही है। देश व प्रदेश में बड़े-बड़े कार्य हो रहे हैं उत्तराखंड में भी ऑल वेदर रोड कर्णप्रयाग रेलवे लाइन जैसे बहुत बड़े-बड़े कार्य हो रहे हैं आयुष्मान योजना से करोड़ो गरीबो का मुफ्त इलाज हुआ है ।भाजपा सरकार ने किसानों के हितों के लिये अनेको कार्य किये है।
 
 
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा की ऋषिकेश विधानसभा में 100 करोड़ से अधिक विकास कार्य हुए हैं। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में नए आयाम स्थापित  कर रही हैं। पति की पैतृक संपत्ति में महिलाओं का अधिकार और महिला समूह  को पांच लाख  तक का ब्याज मुक्त ऋण इसका उदाहरण है।  ग्रोथ सेंटरों  में भी महिलाओं की भूमिका अग्रणी है। इस मौके पर जिला अध्यक्ष शमशेर सिंह पुंडीर ने सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद दिया और सरकारी योजनाओं का लाभ जन जन तक पहुंचाने का आह्वान किया।
 
इस अवसर पर कार्यक्रम प्रभारी प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चैहान प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल  प्रदेश उपाध्यक्ष कुसुम कंडवाल,राज्यमंत्री कृष्ण कुमार सिंघल सुरेंद्र मोगा, करण वोहरा देवेंद्र सकलानी इंदर कुमार  गोदवानी, जितेंद्र अग्रवाल ,सुदेश कंडवाल , तरुण मित्तल कमलेश उनियाल,  संपूर्ण सिंह रावत, विपुल मंडोली, शिव कुमार गौतम, पंकज शर्मा,राजेश जुगलान दिनेश सती गणेश रावत अरविंद चैधरी नरेंद्र रावत, राम बहादुर छेत्री,सत्य पाल सैनी प्रशांत कुमार, प्रशांत चमोली, संजीव चैहान, प्रिंस रावत, विजय जुगलान अमन कुकरेती भारत मनचंदा ममता नयाल चिराग गुलेरिया हिमांशु संगतानी  सुमित पंवार, रवि शर्मा, नीलम चमोली सहित हजारों भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।

बिहार एक झलक में, बिहार की प्रमुख खबरें...

 संवाददाता : पटना बिहार

बिहार एक झलक में, बिहार की प्रमुख खबरें...

भारत के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े ने पटना उच्च न्यायालय के नव निर्मित शताब्दी भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, सुप्रीम कोर्ट के तीन न्यायाधीशों- न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता तथा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल ने कार्यक्रम को संबोधित किया।

👉पटना उच्च न्यायालय के नवनिर्मित शताब्दी भवन के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि कोर्ट में सब तरह के मामलों का निष्पादन होता है, यह सबसे महत्वपूर्ण बात है। उन्होंने कहा कि अपराध पर नियंत्रण के लिए तेजी ट्रायल जरूरी है और इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।
 
👉माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संत रविदास जी की जयंती पर राज्यवासियों एवं देशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि वह महान संत एवं अद्वितीय कवि थे, जिन्होंने सामाजिक एकता एवं मानवतावादी मूल्यों के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं, जो समाज में एकता, भाईचारा एवं आपसी बंधुत्व की प्रेरणा देते हैं।
 
👉सीतामढ़ी की जिलाधिकारी ने समाहरणालय में स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों के साथ ए.ई.एस., जे.ई. (चमकी बुखार) से निपटने हेतु तैयारियों की समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।
 
👉बक्सर के जिला पदाधिकारी अमन समीर ने पी.एच.ई.डी. के द्वारा जिले के सभी प्रखंडों में चापाकल मरम्मती हेतु बनाए गए ई-रिक्शा गैंग एवं मोटरसाइकिल गैंग को हरी झंडी दिखाकर समाहरणालय परिसर से रवाना किया।
 
👉अररिया के जिलाधिकारी प्रशांत कुमार सी.एच की अध्यक्षता में जिले में विधि-व्यवस्था, भू-विवाद, मद्य निषेध एवं उत्पाद, धार्मिक संरचना, सार्वजनिक अतिक्रमण और माननीय न्यायालय से संबंधित मामलों की समीक्षा बैठक की गयी। इस दौरान उन्होंने कार्य की प्रगति एवं उपलब्धि को लेकर संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।
 
👉गया के जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम की द्वितीय अपील के तहत कुल 27 मामलों पर सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने कई मामलों का ऑन द स्पॉट निष्पादन किया।
 
👉बेगूसराय के जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा की अध्यक्षता में जिला आपूर्ति टास्क फोर्स की बैठक की गयी। इस मौके पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को खाद्यान्न वितरण एवं राशन कार्ड आदि से जुड़े लंबित मामलों के त्वरित निष्पादन का निर्देश दिया।
 
👉सहरसा के जिलाधिकारी कौशल कुमार ने पंचायत चुनाव, 2021 की तैयारी के संबंध में समीक्षा बैठक की। इस मौके पर उन्होंने उप विकास आयुक्त, जिला पंचायती राज पदाधिकारी एवं सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।
 
👉सारण के जिला पदाधिकारी अमित कुमार ने कोविड टीकाकरण व कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के संबंध में जिलास्तरीय टास्क फोर्स की बैठक की। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को टीकाकरण के लक्ष्य को शत-प्रतिशत हासिल करने का निर्देश दिया।
 
👉मुजफ्फरपुर के जिला पदाधिकारी ने मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना के तहत बुनियाद केन्द्र एवं सामाजिक सुरक्षा कोषांग के द्वारा 5 चयनित भिक्षुकों एवं अति निर्धन लाभार्थियों को स्वावलंबन राशि के रूप में 10-10 हजार रुपये का चेक प्रदान किया।

लोरमी क्षेत्र में प्रशासन से साहूकारी का लाइसेंस लिए बगैर ही ब्याज में पैसा देने का अवैध धंधा सामने आया...

संदीप सिंह ठाकुर @ मुंगेली छत्तीसगढ़

मुंगेली जिले के लोरमी क्षेत्र में प्रशासन से साहूकारी का लाइसेंस लिए बगैर ही ब्याज में पैसा देने का अवैध धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। बावजूद इस पर प्रशासन नकेल नही कस पा रही है। ताजा मामला मुंगेली जिले का सामने आया है जहां लोरमी थाना क्षेत्र अंतर्गत गोड़खाम्ही गांव के सायकल स्टोर संचालक सूदखोर मंजीत पिता अमरिक उबेजा उर्फ बंटी के खिलाफ बीते डेढ़ महीने पहले शिकायत के बाद भी आजतक पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. जिसके चलते अब पुलिस के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहा है. आपको बता दें कि इस मामले की शिकायत को लेकर लोरमी के तात्कालिक थाना प्रभारी आलोक सुबोध समेत एसडीओपी नवनीत कौर छाबड़ा मीडिया में बयान देने से बच रहे हैं. ऐसे में यह कहना गलत नही होगा कि इन पुलिस अधिकारियों के संरक्षण के चलते ही कोई आरोपी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नही हो रही है। 

वही इसको लेकर डेढ़ माह बीत जाने के बाद शिकायतकर्ता बद्री साहू समेत अन्य सूदखोर की चंगुल में फंसे चार पीड़ितों ने मुंगेली एसपी कार्यालय पहुंचकर सूदखोर के खिलाफ जांच के बाद जल्द ही एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है।

मामले में पीड़ित बद्री प्रसाद साहू ने बताया कि 4 मई 2016 को पांच लाख रुपए ब्याज में पैसा लिया था. जिसके एवज में सूदखोर मंजीत उबेजा को पांच लाख रुपए ब्याज की राशि जमा कर दिया हूँ. जिसके बाद भी मुख्यमार्ग में स्थित मेरे जमीन को रजिस्ट्री करा लिया है जिस जमीन की वर्तमान में अनुमानित कीमत 45 लाख रुपए है. जिसमे साढ़े चार डिसमिल जमीन को लोरमी निवासी भागवत जायसवाल के पास साढ़े दस लाख रुपये में बेचकर उस पैसे को सूदखोर हजम कर लिया है। बावजूद इसके शेष जमीन को भी हड़प लिया गया है. और कहता है की जब बत्तीस लाख रुपए मुझे ब्याज की राशि तुम दोगे तब तुम्हारी जमीन लौटाऊंगा।

इस पूरे मामले में सवाल यह उठता है कि जब सूदखोर के खिलाफ साक्ष्य संबंधित दस्तावेज के सांथ नामजद शिकायत की गई है तो आज डेढ़ महीने तक पुलिस के द्वारा एफआईआर दर्ज क्यो नही की गई। वही इस शिकायत को लेकर डेढ़ माह बीत जाने के बाद आज लोरमी थाने में मौजूद एसडीओपी नवनीत कौर छाबड़ा से अब तक किये गए कार्रवाई को लेकर स्थानीय पत्रकार ने सवाल किया तो उन्होंने बाइट देने से साफ इंकार कर दिया. इस दौरान उन्होंने पत्रकार को ही नसीहत देते हुए कहा कि कहा कि यह बाइट देने जैसा मामला नही है. कोई मर्डर का मामला थोड़ी है जो बाइट दें. तो वही थाना प्रभारी आलोक सुबोध ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि शिकायत पर धारा 155 के तहत फैना देते हुए कार्रवाई की गई है. सांथ ही उन्हें कोर्ट जाने का सलाह दिया गया है. जबकि मामला साहूकारी से जुड़ा हुआ है।

इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि यह सूदखोरी है कि नही इसको कोर्ट डिसाइड करेगा. क्योकि लोग बाग पुलिस पर भरोसा नही कर रहे हैं कोर्ट पर ज्यादा यकीन है इसलिए हमलोग उन्हें कोर्ट जाने की सलाह दिये हैं। इधर इस पूरे मामले में शिकायतकर्ता बद्री साहू ने लोरमी पुलिस पर आरोपी सूदखोर को बचाने का प्रयास करते हुए फैना की कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. जिसको लेकर पीड़ितों के द्वारा प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को निष्पक्ष जांच कराकर न्याय की गुहार लगाते हुए ज्ञापन सौपा गया. जहां मामले की गंभीरता को देखते हुए गृहमंत्री ने तत्काल जिले के पुलिस अधिकारी को उचित कार्रवाई करने निर्देशित किया है।

आपको बता दें पीड़ित बद्री साहू के द्वारा मुंगेली एसपी कार्यालय में किए गए शिकायत में रजिस्ट्री जमीन के दस्तावेज, व्हाट्सएप में भेजे गए हिसाब की कॉपी, तगादा करने संबंधी कॉल एवं अन्य ऑडियो रिकॉर्डिंग का मेमोरी कार्ड जमा किया गया है. इसके बाद भी अधिकारियों के द्वारा मामले में पर्याप्त साक्ष्य नही होने की बात कही जा रही है। बहरहाल देखना होगा कबतक शिकायत पर दोषी सूदखोर के खिलाफ कार्रवाई होती है। 

शनिवार, 27 फ़रवरी 2021

वित्त मंत्री ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के चेन्नई स्थित दक्षिण क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन किया...

 संवाददाता : नई दिल्ली

केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर की उपस्थिति में शुक्रवार यहां वर्चुअल माध्यम से भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के चेन्नई स्थित क्षेत्रीय कार्यालय (दक्षिण) का शुभारम्भ किया।

इस वर्चुअल उद्घाटन समारोह में कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय में सचिव राजेश वर्मा, सीसीआई के अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता, सीसीआई सदस्य डॉ. संगीता वर्मा और बी एस बिश्नोई, सीसीआई सचिव एस. घोष दस्तीदार और सीसीआई के अधिकारी शामिल हुए।

सीसीआई के अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का स्वागत किया और सीसीआई के चेन्नई कार्यालय के उद्घाटन के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि चेन्नई में क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना सीसीआई की क्षेत्रीय मौजूदगी को मजबूत बनाने और अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन देने में अहम पक्षधारक होने के नाते राज्यों के साथ करीब से जुड़कर एक संघीय नियामक के रूप में अपने कर्तव्यों को पूरा करने की दिशा में एक कदम है।

सीसीआई का चेन्नई कार्यालय, दिल्ली कार्यालय के साथ समन्वय में प्रवर्तन, जांच और सहायक कार्यों को सुविधाजनक बनाने वाले कार्यालय के रूप में काम करेगा। यह क्षेत्रीय कार्यालय तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पुडुचेरी व लक्षद्वीप संघ शासित क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सीसीआई के प्रयासों को लेकर संतोष प्रकट किया और आर्थिक वृद्धि व विकास की दिशा में हो रहे प्रयासों में सुविधाप्रदाता बनने पर जोर दिया। सीसीआई सचिव ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और वित्त मंत्री, राज्य मंत्री और एमसीए सचिव के प्रति विशेष आभार प्रकट किया।

कक्षा छ: से होगी व्यवसायिक शिक्षा की व्यवस्था : मुख्यमंत्री

 संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कक्षा छठवीं से व्यवसायिक शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आवश्यक है। प्रदेश में 20 से 25 किलोमीटर की परिधि में सी.एम.राइज़ स्कूल आरंभ किये जाएगें, जिनमें प्रयोगशाला, पुस्तकालय, खेल मैदान पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की व्यवस्था होगी। आस-पास के क्षेत्रों से विद्यार्थियों को लाने-ले-जाने के लिए बसों की व्यवस्था भी की जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान समेकित छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय वर्चुअल कार्यक्रम से जुड़े प्रदेश की सभी शालाओं के विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।

मंत्रालय में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान द्वारा कक्षा 9 से 12वीं तक के 13 लाख 80 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के खाते में सिंगल क्लिक से 326 करोड़ 25 लाख से अधिक की राशि अंतरित की गई। कार्यक्रम में जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रामखेलावन पटेल उपस्थित थे।

कोरोना काल में शिक्षकों की भूमिका सराहनीय - मुख्यमंत्री 

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार शिक्षा के उद्देश्य हैं। इससे हम पीढ़ियों से संचित ज्ञान परम्परा से लाभान्वित होते हैं। कौशल हमें आजीविका के प्रबंधन के योग्य बनाता है और नागरिकता के संस्कार से ईमानदारी, परिश्रम, कर्त्तव्य निष्ठा, चारित्रिक बल तथा देशभक्ति के गुण विकसित होते हैं।मुख्यमंत्री चौहान ने विद्यार्थियों से कहा कि सफलता के लिए संकल्पित होकर लक्ष्य तय कर परिश्रम आवश्यक है। परीक्षा में उत्साह से भरे रहें पर तनाव न पालें। मुख्यमंत्री चौहान ने कोरोना काल की कठिन परिस्तिथियों में शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन प्रक्रिया से निरन्तर विद्यार्थियों की शैक्षिणक कठिनाइयों को दूर करने के प्रयासों की सराहना की।

27 प्रकार की छात्रवृत्तियों का वितरण

समेकित छात्रवृत्ति योजना में पाँच विभागों की 27 प्रकार की छात्रवृत्तियों की 326 करोड़ 25 लाख से अधिक की राशि 13 लाख 80 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के खाते में सिंगल क्लिक के माध्यम से अंतरित की गई। इसमें स्कूल शिक्षा विभाग के 1 लाख 30 हजार 628 विद्यार्थी, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के 4 लाख 78 हजार 825, जनजातीय कार्य विभाग के 4 लाख 32 हजार 484, विमुक्त, घुम्मकड़ एवं अर्धघुम्मकड़ जनजातीय कल्याण विभाग के 2 हजार 896 और पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अंतर्गत 3 लाख 35 हजार 413 विद्यार्थियों के खाते में छात्रवृत्ति की राशि अंतरित की गई।

प्रथम पंक्ति में आना है तो मेहनत करें होगी मुख्यमंत्री श्री चौहान का विद्यार्थियों से संवाद

मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य स्तरीय वर्चुअल कार्यक्रम में जिलों से सम्मलित हो रहे छात्र-छात्राओं से वर्चुअल संवाद भी किया। झाबुआ के पीपल कोटा गाँव की कुमारी रीना ने कहा कि वह डॉक्टर बन समाज-सेवा करना चाहती हैं।, मुख्यमंत्री चौहान द्वारा कोरोना काल के अनुभवों के बारे में पूछने पर कटनी के ओमप्रकाश ने बताया कि वह एनडीए की तैयारी कर सेना में जाना चाहते है। बालाघाट की कुमारी करीना ने संस्कृत श्लोक के माध्यम से लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपना संकल्प बताते हुए कहा कि परिश्रम करने से ही कार्य सिद्ध होते हैं, मात्र इच्छा से नहीं। वह सिविल सर्विस को अपना कैरियर बनाना चाहती है। मुख्यमंत्री चौहान ने कुमारी करीना से कहा कि प्रथम पंक्ति में आना है तो मेहनत करनी होगी। शिवपुरी के आकाश शिवहरे, दमोह के अर्जुन मुंडा और संजना गोंड से भी मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बात-चीत की। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरूण शमी, प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जनजाति कल्याण पल्लवी जैन गोविल और आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत उपस्थित थी।

सुजानगढ़ क्षेत्र के लिए अनेक घोषणाएं,न्यायालय परिसर में बनेंगे 22 एडवोकेट चैंबर...

 संवाददाता : जयपुर राजस्थान

 उच्च शिक्षा राज्यमंत्री एवं चूरू जिला प्रभारी मंत्री भंवरसिंह भाटी ने शुक्रवार को अपने सुजानगढ दौरे पर विधानसभा क्षेत्र सुजानगढ से संबंधित कई जन-कल्याणकारी घोषणाएं कीं। सुजानगढ़ क्षेत्र के लिए बजट में विकास कार्यों के लिए की गई घोषणाओं के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सुजानगढ न्यायालय परिसर में 22 एडवोकेट चैम्बर्स निर्माण करने की वित्तीय वर्ष 2020-21 में उपलब्ध बजट प्रावधान में से राशि रुपये 87.13 लाख की स्वीकृति जारी कर दी है। 

उच्च शिक्षा मंत्री भाटी ने स्वयं के विभाग से राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सुजानगढ में स्नातक स्तर पर भूगोल विषय व स्नातकोत्तर स्तर पर हिन्दी साहित्य, राजनीति विज्ञान, गणित खोले जाने एवं राजकीय महाविद्यालय बीदासर में स्नातक स्तर पर विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय व स्नातकोत्तर स्तर पर भूगोल एवं राजनीति विज्ञान विषय खोलते हुए महाविद्यालय को स्नातकोत्तर स्तर पर क्रमोन्नत की गई हैं। साथ ही महाविद्यालयों में नवीन पद भी सृजित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि राप्रावि भीमसर एवं राप्रावि बैरासर को पूर्व में मर्ज करते हुए राज्य सरकार ने महात्मा गांधी मॉडल अंग्रेजी विद्यालय भीमसर एवं बैरासर स्वीकृत किये गये थे । परन्तु ग्रामीणों की मांग अनुसार शिक्षा मंत्री ने पुनः राप्रावि भीमसर एवं राप्रावि बैरासर को समन्वयन से मुक्त करने के आदेश जारी कर दिये हैं। इसके साथ ही शोभासर, पीसीबी, बा गांधी बस्ती, बा बीदासर एवं गुडावडी में अतिरिक्त विषय एवं संकाय घोषित किये गये हैं। 
 
14 सड़क निर्माण कार्यों के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी
 
उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के विभिन्न सड़क निर्माण कार्यों की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति शुक्रवार को सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से जारी की गई है। 
 
उन्होंने बताया कि क्षेत्र की 14 सड़क कार्यों की स्वीकृति जारी की गई है। इनमें सुजानगढ़-गोपालपुरा से बीदासर 0.30 किमी सड़क के लिए 84 लाख, गोपालपुरा से चाड़वास 4 किमी सडक के लिए 70 लाख, भींवसर प्याऊ से भींवसर गांव लिंक रोड के लिए 2.60 किमी सड़क के लिए 45 लाख, सांडवा में एक किमी संपर्क सड़क के लिए 40 लाख, बोबासर प्याऊ, बड़ाबर, डूंगरास, हरासर, पड़िहारा में 8.10 किमी सड़क के लिए 145.80 लाख, जीली से मगरासर वाया मूंदड़ा 6 किमी सड़क के लिए 140 लाख, सीकर नोखा सड़क इंयारा फांटा 12 किमी सड़क के लिए 336 लाख, इंदुबाबा की बगीची सुजानगढ़ रूरल से मेगा हाइवे तक एक किमी के लिए एक करोड़, नाथो तालाब से ठरड़ा लिंक रोड़ 1.70 किमी के लिए 44.82 लाख, रेल्वे क्रॉसिंग से इंदुबाबा की बगीची 2 किमी के लिए 2 करोड़, इयांरा से पारेवड़ा 7 किमी के लिए 126 लाख, सुजानगढ़ से सांडवा वाया सारोठिया, परावा और उड़वाला 9 किमी के लिए 235.20 लाख, सारोठिया से लालगढ़ वाया जीली, गेडाप, करेजड़ा और जोगलसर में 14.40 किमी सड़क के लिए 288 लाख तथा हरदेसर से कादिया वाया नायकों की ढाणी तक 6.5 किमी नवीन सड़क निर्माण के लिए 181 लाख रुपए की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई है।

हम अन्नदाताओं के साथ छल नहीं होने देंगे : भूपेश बघेल..

 संवाददाता : रायपुर छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित हुआ। इससे पहले सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कहा कि यह देश और प्रदेश अन्नदाताओं का है। हम किसी भी सूरत में किसानों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं होने देंगे। हम अन्नदाताओं के साथ छल नहीं होने देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चर्चा के दौरान जो लोग यहां समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को लेकर बातें कर रहे थे। दिल्ली में उन्हीं की सरकार है। वहां समर्थन मूल्य पर फसल खरीदने की मांग को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं, 2 सौ से अधिक किसानों की मौत हो गई, लेकिन तब भी उस सरकार ने ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि किसानों पर 3 ऐसे कानून जबरदस्ती थोपे जा रहे हैं, जिसे किसान चाहते ही नहीं। उन्होंने कहा कि हमनें छत्तीसगढ़ में किसानों के हितों का पूरा ध्यान रखा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मैं छत्तीसगढ़ के हितों को लेकर केन्द्र को लगातार पत्र लिखता हूं। इसलिए विपक्षी सदस्यों ने आज मुझे पत्रजीवी कहा, लेकिन आदिवासियों, नौजवानों, किसानों, अनुसूचित जाति, जनजाति और छत्तीसगढ़ के हितों की बात जब भी आएगी, तो मैं हजार बार पत्र लिखूंगा। हमने किसानों की सुविधा बढ़ाने के लिए 263 नये उपार्जन केन्द्र बनाएं। प्रदेश में 2300 धान खरीदी केन्द्र होने से धान खरीदी में कहीं अव्यवस्था नहीं हुई। बारदानों की कमी के बाद भी धान खरीदी का काम सुव्यवस्थित ढंग से हुआ। बघेल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने जब केन्द्रीय पूल में 60 लाख मीटरिक टन चावल जमा करने की सहमति दी थी, तो विपक्षी सदस्यों ने कहा कि केन्द्र सरकार को धन्यवाद देना चाहिए। इस पर मैंने कहा था कि जिस दिन पूरा 60 लाख मीटरिक टन चावल केन्द्रीय पूल में लिया जाएगा, उस दिन पूरा सदन उन्हें धन्यवाद दूंगा। उन्होंने कहा कि आज केन्द्र ने केवल 24 लाख मीटरिक टन जमा करने की अनुमति दी है। अब विपक्ष को पूरे 60 लाख मीटरिक टन चावल जमा कराने के लिए केन्द्र से अनुमति दिलानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी नीतियों से कृषि के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015-16 में 13 लाख 17 हजार 583 किसानों का पंजीयन हुआ था, इनमें से 11 लाख 5 हजार 556 किसानों ने धान बेचा। 16.1 प्रतिशत किसान धान नहीं बेच पाए। इसी तरह 2016-17 में 14 लाख 51 हजार 88 किसानों का पंजीयन हुआ, इनमें से 13 लाख 27 हजार 944 किसानों ने धान बेचा। 8.5 प्रतिशत किसान धान नहीं बेच पाए। 2017-18 में 15 लाख 77 हजार 332 किसानों का पंजीयन हुआ, 12 लाख 6 हजार 224 किसानों ने धान बेचा और 23.6 प्रतिशत किसान धान नहीं बेच पाए। जबकि इस साल याने 2020-21 में 21 लाख 52 हजार 475 किसानों का पंजीयन किया गया। 20 लाख 53 हजार 483 किसानों ने धान बेचा यानि 95.38 प्रतिशत किसानों से धान की खरीदी हुई। इस बार प्रदेश में 24 लाख 86 हजार 665 हेक्टेयर रकबे में किसानों ने धान का उत्पादन किया, जो वर्ष 2015-16 की तुलना में बहुत ज्यादा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विपक्षी सदस्य यह प्रश्न उठा रहे हैं कि अतिशेष धान राज्य सरकार क्यों बेच रही है। मैं कहना चाहता हूं कि आप हमें 60 लाख मीटरिक टन केन्द्रीय पूल में जमा करने की अनुमति दिला दीजिए, हमें बाहर धान या चावल बेचने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि हम धान का उपार्जन केन्द्र सरकार के लिए करते हैं। एक समय था जब देश में अनाज की कमी थी, तब इंदिरा जी के आव्हान पर हरित क्रांति हुई और हमारे किसानों ने उस चुनौती को स्वीकार किया। देश स्वावलंबी हुआ और आज जब आधिक्य हो गया तो आप व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रहण दर 2 हजार 500 रूपए से बढ़ाकर 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा करने के साथ-साथ समर्थन मूल्य पर खरीदे जा रहे 7 लघु वनोपजों की संख्या बढ़ाकर 52 कर दी है। इसके साथ ही हम लघु वनोपजों का वैल्यू एडीशन भी कर रहे हैं। हम लोगों ने वन अधिकार पत्र के उन मामलों का भी निराकरण किया, जो पूर्व में निराकृत नहीं किए गए थे। वनवासियों को उनकी काबिज वनभूमि के वन अधिकार पत्र वितरित करने के मामले में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल है। हमनें 4 लाख 33 हजार व्यक्तिगत प्रकरणों में 9 लाख 3 हजार 520 एकड़ और 41 हजार 16 सामुदायिक प्रकरणों  में 37 लाख 870 एकड़ इस प्रकार कुल 46 लाख 4 हजार 399 एकड़ वनभूमि का अधिकार दिलाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमनें 2019 में नई उद्योग नीति लागू की, जिसके बाद 1249 उद्योगों की स्थापना हुई। इन उद्योगों में 16 हजार 986 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश हुआ। 22 हजार लोगों को रोजगार मिला है। इसी तरह मेगा औद्योगिक परियोजनाओं के लिए 104 एमओयू किए गए, जिससे 42 हजार 417 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश होगा। उन्होंने कहा कि हमें निवेश को आकर्षित करने के लिए कहीं नहीं जाना पड़ा। हमनें यहीं के उद्योगपतियों पर विश्वास किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने 200 फूड पार्क स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इनमें से 111 स्थानों पर फूड पार्क के लिए जगह चिन्हित कर ली गई है।

सिंचाई से संबंधित विपक्ष के प्रश्नों का जवाब देेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अरपा-भैंसाझर एक वृहद परियोजना हो सकती थी, लेकिन उसे मध्यम बना दिया गया। बीते दो सालों में राज्य में जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन से वास्तविक सिंचाई 9 लाख 68 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 13 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो अपने आप में कीर्तिमान है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने 15 सालों के अपने कार्यकाल में सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए 18 हजार 225 करोड़ रूपए खर्च किए। वास्तविक सिंचाई क्षमता में मात्र 16 हजार हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी हुई। प्रदेश की कानून व्यवस्था पर बोलते हुए श्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश में कानून का राज है। हम बेहतर कानून व्यवस्था देने में सफल रहे हैं। प्रदेश में नक्सली घटनाएं कम हुई है। इससे 13 साल से बंद स्कूल फिर से खुले हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, सुपोषण, मलेरिया उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल हुई है। लोगों का विश्वास शासन पर बढ़ा है। राज्य में कानून व्यवस्था है इसका प्रमाण यह है कि टाटा ट्रस्ट की ओर से जारी इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2020 में छत्तीसगढ़ की पुलिसिंग को देशभर में दूसरा स्थान मिला है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र से हमें 14 हजार 73 करोड़ रूपए हमारे कार्यकाल की लेनी है, जो केन्द्रीय करों में छत्तीसगढ़ का हिस्सा है। वर्ष 2004 से लेकर अब तक कुल 15 हजार 154 करोड़ रूपए लेने हैं। श्री भूपेश बघेल ने कहा केन्द्रीय करों में हिस्सा हमारा हक है।मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में छत्तीसगढ़ में शिक्षा की व्यवस्था की तारीफ नीति आयोग और प्रधानमंत्री जी ने भी की। राज्य के विद्यार्थियों को हर तरह के प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने हेतु स्वामी आत्मानंद के  नाम पर अंग्रेजी माध्यम के 52 स्कूल प्रारंभ किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी सरकार के कार्यकाल में रेत खदान का संचालन पंचायतों द्वारा किया जाता था। तब तरह-तरह की शिकायतें मिलती थी। आज हमनें उन्हें टेंडर के जरिए संचालन की व्यवस्था की है। केवल टेंडर से ही 25 करोड़ रूपए का राजस्व आ गए। खदानों के संचालन से जो आय होगी, उसका 25 प्रतिशत हिस्सा एड करके पंचायतों को उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमनें चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण छात्रों के हित में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए किया है। इस कॉलेज का संचालन निजी क्षेत्र द्वारा किया जाता रहा है। ठीक ढंग से संचालन नहीं होने के कारण छात्रों के हित के लिए हमने अधिग्रहण किया।

नगरनार इस्पात संयंत्र का विनिवेशीकरण नहीं होने देने का संकल्प भी इसी सदन में पारित किया गया है। हम बस्तर के लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र को एनएमडीसी या सीएमडीसी जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां संचालित करें। एकतरफा विनिवेश नहीं होने देंगे। छत्तीसगढ़ सरकार इस स्टील प्लांट को बचाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल से पहले छत्तीसगढ़ में मात्र 151 वेंटीलेटर थे, जिसे बढ़ाकर हमनें 514 किया है। इसी तरह आईसीयू की संख्या 53 से बढ़ाकर 406, ऑक्सीजन बेड की संख्या अब बढ़ाकर 1668 कर दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के टीकाकरण मामले में केवल 3 करोड़ लोग ही भारत सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। 135 करोड़ लोगों को निःशुल्क टीके लगवाने की व्यवस्था करनी चाहिए। यदि केन्द्र सरकार ऐसा करने से इंकार करती है, तो अपने राज्य में हम अपने खर्च पर टीकाकरण करवाएंगे। उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन का उपयोग 11 राज्यों में केवल एक प्रतिशत लोगों के लिए ही किया गया है। छत्तीसगढ़ ने भी निर्णय लिया है कि इसका उपयोग तीसरे ट्रायल के बाद ही किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने चिकित्सा महाविद्यालयांे के लिए छः एम्बूलेंस समर्पित कीं...

 संवाददाता : शिमला हिमाचल

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शुक्रवार इन्दिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, शिमला से छः नई एडवान्सड लाईफ स्पोर्ट सिस्टम एम्बुलेंस ‘जीवन-दायिनी’ हरी झंडी दिखाकर लोगों को समर्पित कीं। ये एम्बुलेंस राज्य के सभी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों को प्रदान की जाएंगी।

इस अवसर पर इलैक्ट्राॅनिक मीडिया के प्रतिनिधियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन एम्बुलेंस में परिवहन एवं आईसीयू वेंटीलेटर, महत्वपूर्ण संकेत माॅनीटर, स्वचालित बाहरी डिफाइब्रिलेटर, सक्शन पम्प, आपातकालीन पुनर्जीवन किट, हैड इमोबिलाइजर, वैक्यूम स्पलिंट किट, माउथ-टू-माउथ रेस्पिरेटर, मैनुअल, रिसशिटेशन बैग, सिरिंज, इन्फयूजन पम्प इत्यदि जीवन रक्षक उपकरण उपलब्ध हैं।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये एम्बुलेंस सभी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में सेवाएं देंगी जिनका नियंत्रण अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के अधीन होगा।
 
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमिताभ अवस्थी, प्रधानाचार्य आईजीएमसी डाॅ. रजनीश पठानिया, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डाॅ. रवि शर्मा, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. जनक राज और अन्य गणमान्य लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस को सुनियोजित ढंग से मनाया जाना चाहिए : कमलेश ढांडा

 संवाददाता : चंडीगढ़ हरियाणा

हरियाणा की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा है कि  प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को मनाये जाने वाले अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस को सुनियोजित ढंग से मनाया जाना चाहिए तभी हम समाज में इस दिवस के महत्व का संदेश पहुंचा सकते हैं।

ढांडा आज यहां अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में लक्ष्य-प्राप्त करने वाली महिलाओं एवं बालिकाओं का चयन करने के लिए बुलाई गई राज्य स्तरीय चयन कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रही थी।

बैठक में बताया गया कि बालिकाओं को  खेल,संस्कृतिक कार्य, सामाजिक कार्य, मीडिया एवं साहित्य, बहादुरी, शिक्षा एवं  सर्वश्रेष्ठ बाल देखभाल संस्थान जैसी विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार दिया जाता है। पुरस्कार स्वरूप 11-11 हजार रुपये नकद व प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। विभिन्न संस्थानों में 4 से 6 आयु वर्ग, 6 से 10वर्ष , 10 से 14 तथा 14 से 18 आयु वर्ग की विशेष प्रतियोगिताएं करवाई जाती हैं , जिनमें मौके पर चित्रकारी, नृत्य तथा संगीत प्रतियोगिताएं शामिल हैं, हर श्रेणी में तीन-तीन पुरस्कार भी दिए जाते हैं । इनमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान के लिए क्रमश: 5100 रुपये, 2100 रुपये व 1100 रुपये के पुरस्कार दिए जाते हैं।

बैठक में इस बात की भी जानकारी दी गई कि सभी कार्यक्रम अधिकारियों को जिला, खंड एवं ग्राम स्तर पर महिला सशक्तिकरण संबंधी कार्यक्रम आयोजित करने के आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिये गये हैं । बैठक में बताया गया कि जगन्ननाथ बाल आश्रम रोहतक ने झारखंड की रहने वाली चांदनी को उसके मूल राज्य झारखंड में पहुंचाने का कार्य किया है जो कि  सर्वश्रेष्ठ बाल देखभाल संस्थान श्रेणी में एक सराहनीय कार्य है।

ढांडा ने कहा कि प्रदेश में केवल आर्थिक विकास ही नहीं हुआ बल्कि सामाजिक संकेतकों ने महिलाओं की स्थिति में सुधार भी दर्शाया है। प्रदेश सरकार महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्घ है और गत कुछ वर्षों के दौरान उनके सशक्तिकरण एवं विकास के लिए अनेक योजनाएं शुरू की गई हैं। हमें इन्हें और अधिक निष्ठाभाव से लागू करना होगा। 

राज्य स्तरीय चयन कमेटी में महिला एवं बाल विकास विभाग की महानिदेशक रेनू. एस. फुलिया, सूचना, जन संपर्क एवं भाषा विभाग की अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन), वर्षा खांगवाल भी शामिल थीं।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया...

 संवाददाता : ऋषिकेश उत्तरप्रदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ एवं परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती की भेंटवार्ता हुई। दोनों दिव्य विभूतियों की औपचारिक चर्चा के दौरान स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने मुख्यमंत्री योगी को प्रयागराज कुंभ मेला- 2019’ को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किये जाने हेतु धन्यवाद देते हुये कहा कि यह भारत के लिये गर्व का विषय है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने योगी आदित्यनाथ जी को कुम्भ मेला, हरिद्वार एवं परमार्थ निकेतन में अप्रैल-मई माह में आयोजित एक माह की ‘‘श्री राम कथा’’ में सहभाग हेतु आमंत्रित किया। योगी से धर्मनगरी अयोध्या और श्री राम मन्दिर की चर्चा करते हुये स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने सुझाव देते हुये कहा कि भगवान शिव के ग्यारह रूद्र स्वरूप है अतः अयोध्या में ग्यारह हजार रूद्राक्ष के पौधों का रोपण किया जाये हमारी हार्दिक इच्छा है। अयोध्या में रूद्राक्ष वन की स्थापना होनी चाहिये अगर यह सेवा योजना क्रियान्वित होती है तो परमार्थ निकेतन की ग्यारह हजार रूद्राक्ष के पौधों का सहयोग प्रदान करने की इच्छा है।

स्वामी जी ने बताया कि जैसे ही अयोध्या में स्थान का चयन हो जाये तो रूद्राक्ष पौधों के रोपण का कार्य आरम्भ किया जा सकता है। इस अवसर पर स्वामी ने मुख्यमंत्री योगी को रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। तत्पश्चात स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने आज राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा सरयू तट, अयोध्या में आयोजित ‘श्री राम वन गमन पथ काव्य यात्रा’ एवं अधिवेशन में सहभाग किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने चंपत राय, महामंत्री श्री राम मंदिर ट्रस्ट अयोध्या को परमार्थ निकेतन की ओर से भव्य राम मन्दिर निर्माण हेतु 51 लाख रूपये का चेक किया समर्पित किया। आज अयोध्या में राष्ट्रीय कवि संगम के पदाधिकारी गण एवं अन्य सभी अतिथियों ने अयोध्या में श्री राम चन्द्र भगवान जी के जहां-जहां चरण पड़े और उन्होंने जहां विश्राम किया उन सभी स्थानों का भ्रमण ‘श्री राम वन गमन पथ काव्य यात्रा’ के माध्यम से किया और संकल्प लिया। 

स्वामी ने कहा कि प्रयागराज कुम्भ मेला के अवसर पर प्रज्ञापुरूष मोहन भागवत एवं पूरा संत समाज उपस्थित था उस समय इस संसार ने दिव्य कुम्भ और भव्य कुम्भ का दर्शन किये अब दिव्य अयोध्या और भव्य अयोध्या की शुरूआत होनी चाहिये। स्वामी जी ने कहा कि आज अयोध्या आकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि यहां पर दिव्य और भव्य भगवान श्री राम के मन्दिर का निर्माण हो रहा है। यहां केवल राम मन्दिर नहीं बल्कि राष्ट्र मन्दिर का निर्माण हो रहा है जिससे आने वाली पीढ़ियां इस संस्कृति और संस्कारों से आप्लावित होती रहेंगी। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज, चंपत राय महामंत्री श्री राम मंदिर ट्रस्ट अयोध्या, वरिष्ठ कवि डॉ हरिओम और अनेक गणमान्य अतिथियों एवं प्रख्यात कवियों ने सहभाग किया।

उत्तराखंड एक झलक में, उत्तराखंड की प्रमुख खबरें…

 संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड

उत्तराखंड एक झलक में, उत्तराखंड की प्रमुख खबरें…

मुख्यमंत्री शुक्रवार उत्तराखण्ड काॅन्क्लेव कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर राज्य सरकार द्वारा पिछले चार वर्षों में राज्य हित में लिए गए जन कल्याणकारी निर्णयों की जानकारी देने के साथ ही औद्योगिक एवं सीमांत क्षेत्रों के विकास, पर्यटन, कृषि, बागवानी, ग्रामीण विकास, आपदा प्रबन्धन, महिला एवं किसान कल्याण के संबंध में लिए गए अनेक नीतिगत निर्णयों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास बिना किसी भेदभाव के राज्य के सभी क्षेत्रों में समग्र विकास का रहा है।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में दायित्व धारियों से भेंट कर आह्वान किया कि वे जन समस्याओं के समाधान तथा जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोगी बनें। उन्होंने कहा कि आगामी 18 मार्च को प्रदेश सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर सभी विधान सभा क्षेत्रों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। इस आयोजन की सफलता में भी सभी को सहयोगी बनना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन दायित्व धारियों को जो भी दायित्व मिला है वे उसका पूरे मनोयोग से निर्वहन करें। पिछले चार साल में राज्य के सन्तुलित एवं समग्र विकास के लिये जो प्रभावी प्रयास किये गये हैं, उन्हें जनता तक पहुंचाने का भी कार्य किया जाय।
 
 
लच्छीवाला में आदर्श औद्योगिक स्वायत्तता सहकारी समिति की पहल पर आयोजित 'भारतीय संस्कृति एवं उसका महत्व व बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए सतत् प्रयास कर रही है। इन प्रयासों से आज हर क्षेत्र में महिलायें आगे आई हैं। 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' कार्यक्रम के तहत उधम सिंह नगर जनपद देश के टॉप टेन जनपदों में चुना गया। कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में चारे की समस्या से निजात के लिये हम मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना लाये हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सिर से घास का बोझ खत्म करना है। अब पैतृक संपत्ति में महिलाएं सह खातेदार होंगी। यह एक बहुत बड़ा रिफार्म है जिसकी शुरूआत उत्तराखंड से हुई है।
 
 
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को डोईवाला विधानसभा के बद्रीपुर क्षेत्र में डा भीमराव आंबेडकर भवन समेत 3 करोड़ 95 लाख की विभिन्न पेयजल योजनाओं, पाइप लाइनों के सुदृढ़ीकरण आदि कार्यों का लोकार्पण किया, साथ ही 05 करोड़ लागत की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बालावाला क्षेत्र में पटना के बाद देश का दूसरा साइंस काॅलेज स्थापित किए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गड़करी ने जोगीवाला से लेकर रिस्पना पुल तक फ्लाईओवर निर्माण समेत कई महत्वपूर्ण योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है।
 
 

बिहार एक झलक में, बिहार की प्रमुख खबरें...

 संवाददाता : पटना बिहार

बिहार एक झलक में, बिहार की प्रमुख खबरें...

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार पुलिस सप्ताह-2021 के मौके पर परेड का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वेबकास्टिंग के माध्यम से लगभग 10 हजार पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों का शैक्षणिक सत्रों के माध्यम से ज्ञान वर्द्धन किया गया, यह बड़ी खुशी की बात है। साथ ही उन्होंने कहा कि अपराध नियंत्रण, लोगों की रक्षा करना तथा समाज में बेहतर माहौल बनाने में पुलिस की बड़ी भूमिका है।

👉बिहार पुलिस सप्ताह परेड समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 15 वर्षों में 50 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की गई है, 10 हजार से अधिक पदों पर नियुक्तियां प्रक्रियाधीन है। साथ ही उन्होंने जरूरत के अन्य पदों पर पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों की बहाली लिए प्रस्ताव देने का सुझाव दिया।
 
👉मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गुरुवार को 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के संबंध में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की गई। इस दौरान राज्य में एथेनॉल उत्पादन यूनिट की स्थापना, बंद चीनी मिलों की पुनर्स्थापना, नये चीनी मिलों एवं अन्य संभावित उद्योगों की स्थापना के संबंध में विस्तृत चर्चा हुई।
 
👉समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह खुशी की बात है कि अब केंद्र सरकार ने एथेनॉल उत्पादन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बिहार में एथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में काफी निवेश आएंगे, इससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
 
👉बक्सर के जिला पदाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में राजस्व एवं आंतरिक संसाधान की बैठक की गई। इस मौके पर उन्होंने कोविड-19 संक्रमण प्रभाव के मद्देनजर भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनने हेतु सघन जांच अभियान चलाने का निर्देश दिया।
 
👉अररिया के जिला पदाधिकारी प्रशांत कुमार सी.एच. की अध्यक्षता में जिला आपूर्ति टास्क फोर्स, खाद्य सुरक्षा एवं धान अधिप्राप्ति की प्रगति तथा उपलब्धि के संबंध में समीक्षा बैठक की गई। इस मौके पर उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों को कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।
 
👉सीतामढ़ी की जिलाधिकारी ने डी.आर.सी.सी. में मेगा ऋण वितरण शिविर का उद्घाटन किया। इस मौके पर विभिन्न बैंकों के द्वारा 2882 लोगों के बीच लगभग 44 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृति पत्र वितरण किया गया।
 
👉मधुबनी के जिला पदाधिकारी अमित कुमार की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति से संबंधित जिला स्तरीय सर्तकता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक की गई। इस मौके पर उन्होंने कई जरूरी दिशा-निर्देश दिया।
 
👉किशनगंज के जिला पदाधिकारी डॉ. आदित्य प्रकाश की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग एवं समेकित बाल विकास कार्यक्रम की समीक्षा बैठक की गई। इस दौरान उन्होंने कई दिशा-निर्देश दिया।
 
👉जहानाबाद के जिला पदाधिकारी नवीन कुमार की अध्यक्षता में जिला स्तरीय स्टेडियम प्रबंधन समिति की प्रथम बैठक की गई। इस मौके पर उन्होंने पदाधिकारियों एवं कर्मियों को कई आवश्यक निर्देश दिया।
 
👉गया के जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कोंच प्रखंड एवं अंचल कार्यालयों का निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने पंचायतों में जनोपयोगी योजनाओं का भी निरीक्षण किया तथा आवश्यक निर्देश दिया।
 
👉बेतिया के जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने कोविड-19 की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने विभिन्न सरकारी/अर्द्धसरकारी कार्यस्थलों, धार्मिक स्थलों, शॉपिंग मॉल, होटल एवं रेस्टोरेंट आदि के संबंध में निर्गत अद्यतन मानक संचालन प्रक्रिया का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।

शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2021

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों द्वारा भारत में कारोबार करने का स्वागत...

संवाददाता : नई दिल्ली

डिजिटल मीडिया से जुड़ी पारदर्शिता के अभाव, जवाबदेही और उपयोगकर्ताओं के अधिकारों को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच आम जनता और हितधारकों के साथ विस्तृत सलाह-मशविरा के बाद सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 87(2) के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए और पूर्व सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्‍थानों के लिए दिशा-निर्देश) नियम 2011 के स्‍थान पर सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्‍थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 तैयार किए गए हैं।

इन नियमों को अंतिम रूप देते समयइलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और सूचना व प्रसारण मंत्रालय दोनों ने आपस में विस्तृत विचार-विमर्श किया, ताकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ-साथ डिजिटल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म, इत्‍यादि के संबंध में एक सामंजस्यपूर्ण एवं अनुकूल निगरानी व्‍यवस्‍था सुनिश्चित की जा सके।

इन नियमों का भाग-II इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संचा‍लित किया जाएगा, जबकि डिजिटल मीडिया के संबंध में आचार संहिता और प्रक्रिया एवं हिफाजत से संबंधित भाग- III को सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा संचा‍लित किया जाएगा।

पृष्ठभूमि:

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम ने अब एक आंदोलन का रूप ले लिया है जो प्रौद्योगिकी की ताकत के बल पर आम भारतीयों को सशक्त बना रहा है। मोबाइल फोन, इंटरनेट, इत्‍यादि के व्यापक प्रसार ने कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को भी भारत में अपनी पैठ को मजबूत करने में सक्षम कर दिया है।आम लोग भी इन प्लेटफॉर्मों का उपयोग अत्‍यंत महत्वपूर्ण तरीके से कर रहे हैं। कुछ पोर्टल, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के बारे में विश्लेषण प्रकाशित करते हैं और जिनको लेकर कोई विवाद नहीं है, ने भारत में प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के उपयोगकर्ताओं की कुल संख्‍या के बारे में निम्‍नलिखित आंकड़े पेश किए हैं:

व्हाट्सएप के उपयोगकर्ता: 53 करोड़

यूट्यूब के उपयोगकर्ता 44.8 करोड़

फेसबुक के उपयोगकर्ता: 41 करोड़

इंस्टाग्राम के उपयोगकर्ता: 21 करोड़

ट्विटर के उपयोगकर्ता: 1.75 करोड़

इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों ने आम भारतीयों को अपनी रचनात्मकता दिखाने, सवाल पूछने, विभिन्‍न सूचनाओं से अवगत होने और सरकार एवं उसके अधिकारियों की आलोचना करने सहित अपने-अपने विचारों को खुलकर साझा करने में सक्षम बनाया है। सरकार लोकतंत्र के एक अनिवार्य अंग के रूप में आलोचना करने एवं असहमति व्‍यक्‍त करने से संबंधित प्रत्येक भारतीय के अधिकार को स्वीकार करती है और उसका सम्मान करती है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा खुला इंटरनेट समाज है और सरकार सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा भारत में अपना संचालन करने, कारोबार करने और इसके साथ ही मुनाफा कमाने का भी स्वागत करती है। हालांकि, इन कंपनियों को भारत के संविधान और कानूनों के प्रति जवाबदेह होना पड़ेगा।

सोशल मीडिया का प्रसार, एक तरफ नागरिकों को सशक्त बनाता है तो दूसरी तरफ कुछ गंभीर चिंताओं और आशंकाओं को जन्म देता है जो हाल के वर्षों में कई गुना बढ़ गए हैं। इन चिंताओं को समय-समय पर, संसद और इसकी समितियों, न्यायिक आदेशों और देश के विभिन्न हिस्सों में सिविल सोसाइटी द्वारा किए गए विचार-विमर्श समेत विभिन्न मंचों पर उठाया गया है। इस तरह की चिंताओं को दुनिया भर में भी उठाया जाता है और यह एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। 

हाल में, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर कुछ बहुत परेशान करने वाले घटनाक्रम देखे गए हैं। फर्जी खबरों के लगातार प्रसार ने कई मीडिया प्लेटफार्मों को तथ्य-जांच तंत्र बनाने के लिए मजबूर किया है। महिलाओं की छेड़छाड़ वाली तस्वीरों और बदला लेने वाली पोर्न से संबंधित सामग्री को साझा करने के लिए सोशल मीडिया के दुरुपयोग ने महिलाओं की गरिमा के लिए खतरा पैदा किया है।

कॉरपोरेट प्रतिद्वंद्विता को अनैतिक तरीके से निपटाने के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग, व्यापार जगत के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। प्लेटफार्मों के माध्यम से अपमानजनक भाषा, अनर्गल और अश्लील सामग्री तथा धार्मिक भावनाओं के प्रति असम्मानजनक विचारों के इस्तेमाल की घटनाएं बढ़ रहीं हैं।

पिछले कई वर्षों से, अपराधियों और राष्ट्र-विरोधी तत्वों द्वारा सोशल मीडिया के दुरुपयोग के बढ़ते मामलों ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए नई चुनौतियां पैदा की हैं। इनमें शामिल हैं- आतंकवादियों की भर्ती के लिए लोगों को उकसाना, अश्लील सामग्री का प्रसार, असहिष्णुता फैलाना, वित्तीय धोखाधड़ी, हिंसा भड़काना आदि।

यह पाया गया कि वर्तमान में कोई मजबूत शिकायत तंत्र नहीं है, जिसमें सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों के सामान्य उपयोगकर्ता अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और निश्चित समय-सीमा के भीतर इसका समाधान कर सकते हैं। पारदर्शिता की कमी और मजबूत शिकायत समाधान तंत्र की अनुपस्थिति ने उपयोगकर्ताओं को पूरी तरह से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के मनमौजीपन पर निर्भर कर दिया है। अक्सर देखा जाता है कि एक उपयोगकर्ता जिसने सोशल मीडिया प्रोफाइल विकसित करने में अपना समय, ऊर्जा और पैसा खर्च किया है, उसकी प्रोफ़ाइल को प्लेटफार्म द्वारा प्रतिबंधित कर दिया जाता है या हटा दिया जाता है। उसे सुनवाई का मौका भी नहीं दिया जाता और ऐसी स्थिति में उपयोगकर्ता के पास कोई उपाय नहीं बचता है।

सोशल मीडिया और अन्य मध्यस्थों का विकास:

यदि हम सोशल मीडिया मध्यस्थों के विकास पर गौर करते हैं, तो पाते हैं कि वे अब केवल मध्यस्थ की भूमिका निभाने तक सीमित नहीं हैं और अक्सर वे प्रकाशक बन जाते हैं। इन नियमों में उदार भावना के साथ स्व-नियामक तंत्र का अच्छा मिश्रण है। यह देश के मौजूदा कानूनों और अधिनियमों के अनुसार काम करता है, जो ऑनलाइन या ऑफलाइन सामग्री पर समान रूप से लागू होते हैं। समाचार और सामयिक घटनाक्रम के संदर्भ में प्रकाशकों से उम्मीद की जाती है कि वे प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पत्रकार आचरण और केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम के तहत कार्यक्रम संहिता का पालन करेंगे, जो पहले से ही प्रिंट और टीवी पर लागू हैं। इसलिए, प्रस्ताव में समानता के आधार को प्रमुखता दी गयी है।

नए दिशा-निर्देशों का औचित्य

ये नियम, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के आम उपयोगकर्ताओं को उनके अधिकारों के उल्लंघन के मामले में उनकी शिकायतों के समाधान होने और इनकी जवाबदेही तय करने के लिए पर्याप्त रूप से सशक्त बनाते हैं। इस दिशा में, निम्नलिखित घटनाक्रम उल्लेखनीय हैं:

•सर्वोच्च न्यायालय ने रिट याचिका (प्रज्जवल मुकदमा) पर स्वतः संज्ञान लेते हुए 11 दिसम्बर, 2018 के आदेश में कहा था कि भारत सरकार सामग्री उपलब्ध कराने वाले प्लेटफॉर्म और अन्य अनुप्रयोगों में चाइल्ड पोर्नोग्राफी, रेप और गैंगरेप की तस्वीरों, वीडियो तथा साइट को खत्म करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश तैयार कर सकती है।

•सर्वोच्च न्यायालय ने 24 सितम्बर, 2019 के आदेश में नए नियमों को अधिसूचित करने की प्रक्रिया को पूरा करने के संबंध में, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को समय-सीमा से अवगत कराने का निर्देश दिया था।

•सोशल मीडिया के दुरुपयोग और फर्जी खबरों के प्रसार पर राज्यसभा में एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया गया था और मंत्री महोदय ने 26 जुलाई, 2018 को सदन को अवगत कराया था कि सरकार कानूनी ढांचे को मजबूत करने और कानून के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को जवाबदेह बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। सुधार के उपाय करने के संबंध में संसद सदस्यों की बार-बार मांग के बाद उन्होंने यह जानकारी दी थी।     

•राज्यसभा की तदर्थ समिति ने सोशल मीडिया पर पोर्नोग्राफी के चिंताजनक मुद्दे और बच्चों तथा समाज पर इसके प्रभाव का अध्ययन करने के बाद 03 फरवरी, 2020 को अपनी रिपोर्ट पेश की और ऐसी सामग्री के मूल निर्माता की पहचान को सक्षम बनाने की सिफारिश की थी।

परामर्श:     

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने मसौदा नियम तैयार किए और 24 दिसम्बर, 2018 को लोगों से सुझाव आमंत्रित किये। एमईआईटीवाई को आम लोगों, सिविल सोसाइटी, उद्योग संघ और संगठनों से 171 सुझाव प्राप्त हुए। इन सुझावों पर 80 जवाबी टिप्पणियां भी प्राप्त हुईं। इन सुझावों/टिप्पणियों का विस्तार से विश्लेषण किया गया तथा एक अंतर-मंत्रालयी बैठक भी आयोजित की गई।  तदनुसार, इन नियमों को अंतिम रूप दिया गया।   

मुख्य विशेषताएं

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रबंधित किए जाने वाले सोशल मीडिया से संबंधित दिशा-निर्देश :

मध्यवर्ती इकाइयों द्वारा पालन की जाने वाली जांच-परख :  नियमों में सुझाई गई जांच-परख का सोशल मीडिया मध्यवर्ती इकाइयों सहित मध्यवर्तियों (बिचौलियों) द्वारा पालन किया जाना चाहिए। अगर मध्यवर्ती इकाइयों द्वारा जांच-परख का पालन नहीं किया जाता है तो सेफ हार्बर का प्रावधान उन पर लागू नहीं होगा।

शिकायत निवारण तंत्र : उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाने से जुड़े नियमों के तहत सोशल मीडिया मध्यवर्ती इकाइयों सहित मध्यस्थों को उपयोगकर्ताओं या पीड़ितों से मिली शिकायतों के समाधान के लिए एक शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना अनिवार्य कर दिया गया है। मध्यस्थों को ऐसी शिकायतों के निस्तारण के लिए एक शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी और इस अधिकारी का नाम व संपर्क विवरण साझा करना होगा। शिकायत अधिकारी को शिकायत पर 24 घंटे के भीतर पावती भेजनी होगी और इसके प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर समाधान करना होगा।

उपयोगकर्ताओं विशेष रूप से महिला उपयोगकर्ताओं की ऑनलाइन सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करना :मध्यस्थों को कंटेंट की शिकायत मिलने के 24 घंटों के भीतर इसे हटाना होगा या उस तक पहुंच निष्क्रिय करनी होगी, जो किसी व्यक्ति के निजी क्षेत्रों को उजागर करते हों, किसी व्यक्ति को पूर्ण या आंशिक रूप से निर्वस्त्र या यौन क्रिया में दिखाते हों या बदली गई छवियों सहित छद्मरूप में दिखाए गए हों। ऐसी शिकायत या तो किसी व्यक्ति द्वारा या उनकी तरफ से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई जा सकती है।

सोशल मीडिया मध्यस्थों की दो श्रेणियां : नवाचार को प्रोत्साहन देने और छोटे प्लेटफॉर्म्स को नियंत्रित किए बिना नए सोशल मीडिया मध्यस्थों के विकास को सक्षम बनाने के लिए अनुपालन आवश्यकताओं की अहमियत को देखते हुए, नियमों में सोशल मीडिया मध्यस्थों और प्रमुख सोशल मीडिया मध्यस्थों के बीच अंतर स्पष्ट किया गया है। यह विभेदन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपयोगकर्ताओं की संख्या के आधार पर है। सरकार को उपयोगकर्ता आधार की सीमा को अधिसूचित करने का अधिकार मिल गया है, जो सोशल मीडिया मध्यस्थों और प्रमुख सोशल मीडिया मध्यस्थों के बीच अंतर करेगा। नियमों के तहत, प्रमुख सोशल मीडिया मध्यस्थोंको कुछ अतिरिक्त जांच-परख का पालन करने की जरूरत होगी।

प्रमुख सोशल मीडिया मध्यस्थों द्वारा अतिरिक्त जांच-परख का पालन :

•एक मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति, जो अधिनियम और नियमों क साथ अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी होगा। ऐसा व्यक्ति भारत का निवासी होना चाहिए।

•कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ 24x7 समन्वयन के लिए एक नोडल संपर्क व्यक्ति की नियुक्ति। ऐसा व्यक्ति भारत का निवासी होगा।

•एक रेजीडेंट शिकायत अधिकारी की नियुक्ति, जो शिकायत समाधान तंत्र के अंतर्गत उल्लिखित कामकाज करेगा। ऐसा व्यक्ति भारत का निवासी होगा।

•एक मासिक अनुपालन रिपोर्ट प्रकाशित करनी होगी, जिसमें मिलने वाली शिकायतों और शिकायतों पर की गई कार्रवाई के साथ ही प्रमुख सोशल मीडिया मध्यस्थों द्वारा तत्परता से हटाए गए कंटेंट के विवरण का उल्लेख करना होगा।

•प्राथमिक रूप से संदेश के रूप में सेवाएं दे रहे प्रमुख सोशल मीडिया मध्यस्थों को पहली बार सूचना जारी करने वाले की पहचान में सक्षम बनाया जाएगा, जो भारत की सम्प्रभुता और अखंडता, देश की सुरक्षा, दूसरे देशों के साथ मित्रतापूर्ण संबंधों, या सार्वजनिक आदेश से संबंधित अपराध या उक्त से संबंधित या बलात्कार, यौन सामग्री या बाल यौन शोषण सामग्री से संबंधित सामग्री, जिसमें कम से कम पांच साल के कारावास की सजा होती है, से जुड़े अपराधों को बढ़ावा देने वालों पर रोकथाम, पता लगाने, जांच, मुकदमे या सजा के प्रस्ताव के लिए जरूरी है।

•प्रमुख सौशल मीडिया मध्यस्थों को अपनी वेबसाइट या मोबाइल ऐप या दोनों पर भारत में अपना भौतिक संपर्क पता प्रकाशित करना होगा।

स्वैच्छिक उपयोगकर्ता सत्यापन तंत्र : स्वैच्छिक रूप से अपने खातों का सत्यापन कराने के इच्छुक उपयोगकर्ताओं को अपने खातों के सत्यापन के लिए एक उचित तंत्र उपलब्ध कराया जाएगा और सत्यापन का प्रदर्शन योग्य और दृश्य चिह्न उपलब्ध कराया जाएगा।

उपयोगकर्ताओं को मिलेगा अपना पक्ष रखने का अवसर : उस स्थिति में, जहां प्रमुख सोशल मीडिया मध्यस्थों ने अपने हिसाब से किसी जानकारी को हटा दिया है या उस तक पहुंच निष्क्रिय कर दी है तो उस जानकारी को साझा करने वाले को इस संबंध में सूचित किया जाएगा जिसमें इस कार्रवाई का आधार और वजह विस्तार से बताई जाएगी। उपयोगकर्ता को मध्यस्थों द्वारा की गई कार्रवाई का विरोध करने के लिए पर्याप्त और वाजिब अवसर दिया जाना चाहिए।

गैर कानूनी जानकारी को हटाना : अदालत के आदेश के रूप में या अधिकृत अधिकारी के माध्यम से उपयुक्त सरकार या उसकी एजेंसियों द्वारा अधिसूचित की जा रही वास्तविक जानकारी मिलने पर मध्स्थों द्वारा उसे पोषित या ऐसी कोई जानकारी प्रकाशित नहीं करनी चाहिए जो भारत की सम्प्रभुता और अखंडता, सार्वजनिक आदेश, दूसरे देशों के साथ मित्रवत संबंधों आदि के हित के संबंध में किसी कानून के तहत निषेध हो।

•राजपत्र में इनके प्रकाशन की तारीख के साथ ही ये नियम प्रभावी हो जाएंगे, हालांकि प्रमुख सोशल मीडिया मध्यस्थों के लिए अतिरिक्त जांच-परख के नियम इन नियमों के प्रकाशन के 3 महीनों के बाद प्रभावी होंगे

डिजिटल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स से संबंधित डिजिटल मीडिया आचार संहिता का पालन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा कराया जाएगा :

डिजिटल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स दोनों पर प्रकाशित डिजिटल कंटेंट से संबंधित मुद्दों को लेकर व्यापक स्तर पर चिंताएं हैं। सिविल सोसाइटी, फिल्म निर्माता, मुख्यमंत्री सहित राजनेता, व्यापारिक संगठन और संघों सभी ने अपनी-अपनी चिंताएं जाहिर की हैं और एक उपयुक्त संस्थागत तंत्र विकसित करने की जरूरत को रेखांकित किया है। सरकार सिविल सोसाइटी और अभिभावकों की तरफ से कई शिकायतें मिली हैं, साथ ही हस्तक्षेप की मांग की गई हैं। उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में ऐसे कई मामले आए थे, जिनमें अदालतों ने सरकार से उपयुक्त उपाय करने का भी अनुरोध किया था।

चूंकि मामला डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से संबंधित है, इसलिए सावधानी से फैसला लिया गया कि डिजिटल मीडिया और ओटीटी व इंटरनेट पर आने वाले अन्य रचनात्मक कार्यक्रमों की देखरेख सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा की जाएगी, लेकिन यह समग्र व्यवस्था सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के अधीन रहेगी जो डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को नियंत्रित करता है।

परामर्श :

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में बीते डेढ़ साल परामर्श किया, जहां ओटीटी कंपनियों ने “स्व नियामक तंत्र” विकसित करने का अनुरोध किया। सरकार ने भी सिंगापुरऑस्ट्रेलियाईयू और यूके सहित कई अन्य देशों के मॉडलों का अध्ययन किया और पाया कि इनमें से अधिकांश में या तो डिजिटल कंटेंट के नियमन की संस्थागत व्यवस्था है या वे इसकी स्थापना की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं।

ये नियम एक उदार स्व नियामकीय व्यवस्था और एक आचार संहिता व समाचार प्रकाशकोंओटीटी प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल मीडिया के लिए तीन स्तरीय समाधान तंत्र स्थापित करते हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 87 के अंतर्गत अधिसूचित ये नियम सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को नियमों के भाग-3 को लागू करने के लिए सशक्त बनाते हैं, जिसमें निम्नलिखित सुझाव दिए हैं :

ऑनलाइन समाचारोंओटीटी प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल मीडिया के लिए आचार संहिता : यह संहिता ओटीटी प्लेटफॉर्म्स, ऑनलाइन समाचार और डिजिटल मीडिया इकाइयों द्वारा पालन किए जाने वाले दिशा-निर्देश सुझाती है।

कंटेंट का स्व वर्गीकरण : ओटीटी प्लेटफॉर्म्स, जिन्हें नियमों में ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट के प्रकाशक कहा गया है, को पांच उम्र आधारित श्रेणियों- यू (यूनिवर्सल), यू/ए 7+, यू/ए 13+, यू/ए 16+, और ए (वयस्क) के आधार पर कंटेंट का खुद ही वर्गीकरण करना होगा। प्लेटफॉर्म्स को यू/ए 13+ या उससे ऊंची श्रेणी के रूप में वर्गीकृत कंटेंट के लिए अभिभावक लॉक लागू करने की जरूरत होगी और “ए” के रूप में वर्गीकृत कंटेंट के लिए एक विश्वसनीय उम्र सत्यापन तंत्र विकसित करना होगा। ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट के प्रकाशक को हर कंटेंट या कार्यक्रम के साथ कंटेंट विवरणक में प्रमुखता से वर्गीकरण रेटिंग का उल्लेख करते हुए उपयोगकर्ता को कंटेंट की प्रकृति बतानी होगी और हर कार्यक्रम की शुरुआत में दर्शक विवरणक (यदि लागू हो) पर परामर्श देकर कार्यक्रम देखने से पहले सोच समझकर फैसला लेने में सक्षम बनाना होगा।

•डिजिटल मीडिया पर समाचार के प्रशासकों को भारतीय प्रेस परिषद के पत्रकारिता आचरण के मानदंड और केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन अधिनियम के तहत कार्यक्रम संहिता पर नजर रखनी होगीजिससे ऑफलाइन (प्रिंटटीवी) और डिजिटल मीडिया को एक समान वातावरण उपलब्ध कराया जा सके

•नियमों के तहत स्व-विनियमन विभिन्न स्तरों के साथ एक तीन स्तरीय शिकायत समाधान तंत्र स्थापित किया गया है।

स्तर-I : प्रकाशकों द्वारा स्व-विनियमन;

स्तर-II : प्रकाशकों की स्व-विनियमित संस्थाओं का स्व-विनियमन;

स्तर-III : निगरानी तंत्र।

प्रकाशकों द्वारा स्व-विनियमन  : प्रकाशक को भारत में एक शिकायत समाधान अधिकारी नियुक्त करना होगा, जो खुद को मिली शिकायतों के समाधान के लिए जवाबदेह होगा। अधिकारी खुद को मिली हर शिकायत पर 15 दिन के भीतर फैसला लेगा।

•स्व-विनियमित संस्था : प्रकाशकों की एक या ज्यादा स्व-विनियामकीय संस्थाएं हो सकती हैं। ऐसी संस्था की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय का एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश या एक स्वतंत्र प्रतिष्ठित व्यक्ति करेगा और इसमें छह से ज्यादा सदस्य हों। इस संस्था को सूचना और प्रसारण मंत्रालय में पंजीकरण कराना होगा। यह संस्था प्रकाशक द्वारा आचार संहिता के पालन की देख-रेख करेगी और उन शिकायतों का समाधान करेगी, जिनका प्रकाशक द्वारा 15 दिन के भीतर समाधान नहीं किया गया है।

निगरानी तंत्र : सूचना और प्रसारण मंत्रालय एक निरीक्षण तंत्र विकसित करेगा। यह आचार संहिताओं सहित स्व-विनियमित संस्थाओं के लिए एक चार्टर का प्रकाशन करेगा। यह शिकायतों की सुनवाई के लिए एक अंतर विभागीय समिति का गठन करेगा।

भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की नवीन पदस्थापना...

 संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश

राज्य शासन द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की नवीन पदस्थापना की है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में अलका श्रीवास्तव, सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सदस्य सचिव मध्यप्रदेश खाद्य आयोग (अतिरिक्त प्रभार) को सचिव मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग में पदस्थ करते हुए सदस्य सचिव खाद्य आयोग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

उप सचिव राकेश सिंह को उप सचिव महिला बाल विकास, जितेन्द्र सिंह राजे अपर सचिव को संचालक कौशल विकास, तन्वी हुडडा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मंडला को आयुक्त नगर पालिका निगम सतना तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्मार्ट सिटी सतना के पद पर पदस्थ किया गया है।

रिशव गुप्ता मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मंदसौर का आयुक्त नगर पालिक निगम सतना किया गया स्थानांतरण निरस्त करते हुए उन्हें यथावत रखा गया है।




सड़क सुरक्षा समर्थन कार्यक्रम का पोस्टर विमोचित परिवहन आयुक्त ने किया...

 संवाददाता : जयपुर राजस्थान

परिवहन शासन सचिव व आयुक्त रवि जैन ने गुरूवार को ’सड़क सुरक्षा समर्थन कार्यक्रम’ के पोस्टर का विमोचन किया। इस अवसर पर आयुक्त ने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए प्रदेशभर में विभिन्न संस्थाएं कार्यक्रम संचालित कर रही है। प्रदेश की जनता से अपील है कि वे यातायात नियमों की पालना करें।
 
यह पोस्टर बारां जिले की औस संस्थान ने तैयार किया है। संस्थान के जिला समन्वयक श्री अनिल जैन ने बताया कि केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से कार्यक्रम 24 फरवरी से 23 मार्च 2021 तक चलेगा।
 
मंत्रालय की ओर से चयनित राजस्थान के 19 गैर सरकारी संगठनों में से औस संस्थान एक है। इस अवसर पर सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ अधिकारी श्रीमति निधि सिंह भी उपस्थित रही।



गौठान रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में होंगे विकसित : भूपेश बघेल

 संवाददाता : रायपुर छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरूवार गोधन न्याय योजना की 14वीं किश्त के रूप में प्रदेश के एक लाख 54 हजार 423 पशुपालकों के खाते में 4 करोड़ 94 लाख रूपए की राशि हस्तांतरित की। इसे मिलाकर गोधन न्याय योजना के अंतर्गत पशुपालकों को अब तक 80 करोड़ 42 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है।   मुख्यमंत्री ने गुरूवार विधानसभा के समिति कक्ष में कैबिनेट की बैठक के बाद पशुपालकों के खाते में 14वीं किश्त की राशि का अंतरण किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि गोधन न्याय योजना सहित प्रदेश के गौठानों में मशरूम उत्पादन, कुक्कुट उत्पादन, मछली पालन, बकरी पालन, राइस मिल, कोदो-कुटकी और लाख प्रोसेसिंग जैसी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार मिला है। गौठानों में अधिक से अधिक आर्थिक गतिविधियां संचालित कर महिलाओं और ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित कर सुराजी गांव की कल्पना को हम साकार करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा लगभग 6 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है। आने वाले समय में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन और बढ़ेगा। कुछ दिनों में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन 12 लाख क्विंटल हो जाएगा। गौठानों में 65 हजार वर्मी टांकों में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया जा रहा है। यदि साल भर में 20 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन होता है, तो अकेले वर्मी कम्पोस्ट का व्यापार 2 हजार करोड़ रूपए का होगा। वर्मी कम्पोस्ट के साथ यदि गौठानों में संचालित अन्य आर्थिक गतिविधियों को भी शामिल कर दिया जाए, तो गौठानों में होने वाले व्यापार का आकार और अधिक बढ़ जाएगा। बघेल ने कहा कि गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों को लघु वनोपजों के प्रसंस्करण की गतिविधियों से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गौठानों में तैयार वर्मी कम्पोस्ट सहित अन्य उत्पादित वस्तुओं के विक्रय की सक्रिय पहल की जानी चाहिए। सभी विभाग समन्वय के साथ गौठानों को विकसित करने में सहयोग दें।

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने इस अवसर पर कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत हर 15 दिन में गोबर खरीदी की राशि का भुगतान पशुपालकों और गोबर संग्राहकों को किया जा रहा है। गौठानों में तैयार वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय के लिए सहकारिता सहित अन्य विभागों के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में गौठानों में मल्टीयूटिलिटी सेंटर और उत्पादित वस्तुओं के विक्रय के लिए सीजी मार्ट विकसित किए जाएं। गौठानों में लगभग 8 हजार महिला स्व-सहायता समूहों की 59 हजार 942 महिलाएं विभिन्न आर्थिक गतिविधियां संचालित कर रही हैं। सरगुजा से बस्तर तक लघु वनोपजों के प्रसंस्करण के काम को भी गौठानों तक जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां गौठान समितियां सक्रिय हैं, वहां अच्छा काम हो रहा है।

कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम.गीता ने कहा कि गौठानों में वर्मी खाद उत्पादन, मशरूम उत्पादन, सामुदायिक बाड़ी, मछली पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, गोबर दीया, गमला, अगरबत्ती निर्माण सहित अन्य गतिविधियां महिला स्व-सहायता समूहों ने अब तक 10 करोड़ रूपए अर्जित की है। इसमें से अकेले वर्मी कम्पोस्ट से लगभग एक करोड़ रूपए की हासिल की गई। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्वावलंबी गौठानों की संख्या 226 से बढ़कर 251 हो गई है।

बैठक में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की सचिव अलरमेल मंगई डी, मुख्यमंत्री सचिवालय में उप सचिव सौम्या चौरसिया उपस्थित थीं।