सोमवार, 30 नवंबर 2020

मुक्केबाज़ दुर्योधन सिंह नेगी कोविड जांच में पॉज़िटिव पाये गये...

 संवाददाता : नई दिल्ली

पटियाला में भारतीय खेल प्राधिकरण के नेताजी सुभाष राष्ट्रीय क्रीडा संस्थान में प्रशिक्षण ले रहे मुक्केबाज़ दुर्योधन सिंह नेगी (69 किलोग्राम वर्ग) कोरोनोवायरस की जांच में पॉज़िटिव पाये गये हैं।

वर्तमान में उनमें कोविड के कोई लक्षण नहीं हैं और उन्हें एहतियाती उपाय के रूप में कोलंबिया एशिया अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है।

वह दिवाली विश्राम के लिए छुट्टी पर थे और वापस आने पर उन्हें क्वारंटीन किया गया। भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा स्थापित मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार, शिविर में लौटने के बाद छठे दिन उनकी कोविड जांच की गई थी।

शीघ्र स्वास्थ्य लाभ सुनिश्चित करने के लिए उनकी सभी तरह से देखभाल की जा रही है।

किसानों को सिंचाई के लिये मिलेगी दस घंटे निर्वाध बिजली : मुख्यमंत्री

 संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को सीहोर जिले के शाहगंज पहुंचकर किसानों से सीधा संवाद किया। नगर परिषद शाहगंज में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में किसानों के हित में लगातार कार्य किये जा रहे है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों को लगातार 10 घंटे बिजली मुहैया की जाएगी। यह सप्लाई सप्ताह की पालियों में दी जाएगी। एक सप्ताह दिन में तो अगले सप्ताह रात में 10 घंटे जारी रहेगी। उपस्थित किसानों ने इस बात पर सहमति भी जताई।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जनता के लिये चलाई जा रही योजनाओं के लिये धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। आगामी 3 दिसम्बर को किसानों के खातों में मुख्यमंत्री सम्मान निधि राशि जमा की जाएगी। साथ ही वृद्धों, बच्चों, महिलाओं और विद्यार्थियों के लिये संचालित सभी योजनाओं में सभी पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गुंडा, बदमाश, माफिया किसी को नहीं बख्शा जायेगा। जनता का हक मारने वाले शोषण करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही हो रही है। ऐसे लोग या तो सुधर जाएं या प्रदेश छोड़े दे। ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जायेगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यक्रम में स्थानीय लोगों के साथ चर्चा कर उनकी समस्यायें भी सुनी। आवेदन भी हाथो-हाथ लिये और संबंधित आवेदनों का समय-सीमा में निराकरण करने के निर्देश कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिये। इस अवसर पर क्षैत्रीय सांसद श्री रमाकांत भार्गव भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र अन्नदाता की बात सुनें और कृषि कानूनों पर पुनर्विचार करें : मुख्यमंत्री

 संवाददाता : जयपुर राजस्थान

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा बनाये गये तीनों नये कृषि कानूनों, राजस्थान सरकार द्वारा उनमें किये गये संशोधनों और किसान आंदोलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। 
 
गहलोत ने लिखा है कि केंद्र सरकार द्वारा इन तीनों बिलों को किसानों और विशेषज्ञों से चर्चा किये बिना ही लाया गया। संसद में विपक्षी पार्टियों द्वारा इन बिलों को सिलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग को भी सरकार ने नजरअंदाज किया। इन अधिनियमों में न्यूनतम समर्थन मूल्य का जिक्र नहीं है, जिसके कारण किसानों में अविश्वास पैदा हुआ है। इन कानूनों के लागू होने से किसान सिर्फ प्राइवेट प्लेयर्स पर निर्भर हो जायेगा। साथ ही, प्राइवेट मंडियों के बनने से दीर्घ काल से चली आ रहीं कृषि मंडियों का अस्तित्व भी खत्म हो जायेगा। इसके कारण किसानों को अपनी उपज का सही मूल्य नहीं मिलेगा। 

मुख्यमंत्री ने राजस्थान सरकार द्वारा तीनों नये कृषि कानूनों और सिविल प्रक्रिया संहिता में किये गये संशोधनों के बारे में भी लिखा है। मुख्यमंत्री ने लिखा है कि राज्य सरकार ने इन संशोधनों में किसानों के हित को सर्वोपरि रखा है और कृषि विपणन व्यवस्था को मजबूत बनाने का काम किया है।
 
राजस्थान ने संविदा खेती (कॉन्ट्रैक्ट फामिर्ंग) में भी न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रावधान किया है। किसी विवाद की स्थिति में पूर्ववत मंडी समितियों और सिविल न्यायालयों के पास सुनवाई का अधिकार होगा, जो किसानों के लिये सुविधाजनक है। मंडी प्रांगणों के बाहर होने वाली खरीद में भी व्यापारियों से मंडी शुल्क लिया जायेगा। 

संविदा खेती की शतोर्ं का उल्लंघन या किसानों को प्रताड़ित करने पर व्यापारियों और कंपनियों पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना और सात साल तक की कैद का प्रावधान किया गया है। केंद्र के तीनों कृषि कानूनों के अतिरिक्त दीवानी प्रक्रिया संहिता, 1908 में संशोधन किया गया है, जिससे 5 एकड़ तक की भूमि वाले किसानों को कर्ज ना चुका पाने पर कुर्की से मुक्त रखा गया है। 
 
श्री गहलोत ने अपने पत्र में किसान आंदोलन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान आकृष्ट किया है। मुख्यमंत्री ने लिखा है कि 26 नवंबर को देश जब संविधान दिवस मना रहा था तभी देश के अन्नदाता पर लाठियां और वॉटर कैनन चलाई जा रही थीं। किसान अपनी मांगें रखने दिल्ली ना पहुंच सकें इसके लिये सड़कों को खोदा गया और अवरोधक भी लगाये गये। केंद्र सरकार ने किसानों के विरोध प्रदर्शन के हक को छीनने की कोशिश की जो न्यायोचित नहीं है। किसानों ने अपने खून पसीने से देश की धरती को सींचा है। केंद्र सरकार को उनकी मांगें सुनकर तुरंत समाधान करना चाहिये।
 
मुख्यमंत्री ने लिखा है कि वित्त वर्ष 2020-21 में जब जीडीपी विकास दर -7.5 प्रतिशत रही है तब भी कृषि क्षेत्र में 3.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस मुश्किल दौर में भी अर्थव्यवस्था में सकारात्मक योगदान दे रहे अन्नदाता को इस तरह का प्रतिफल नहीं देना चाहिये। मुख्यमंत्री ने मांग की है कि किसानों के हित और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिये प्रधानमंत्री मोदी इन कानूनों पर पुनर्विचार करें।  

मुख्यमंत्री से गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के प्रतिनिधि मण्डल ने की मुलाकात...

 संवाददाता : रायपुर छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से यहां स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के प्रतिनिधि मंडल ने अकादमी के अध्यक्ष के. पी. खाण्डे के नेतृत्व में सौजन्य मुलाकात की।

उन्होंने 18 दिसंबर को अकादमी द्वारा आयोजित हो रहे गुरु घासीदास जयंती के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल होने का आमंत्रण मुख्यमंत्री को दिया। मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रतिनिधिमंडल को धन्यवाद दिया।

प्रतिनिधिमंडल ने अकादमी द्वारा किए जा रहे विभिन्न आयोजनों के संबंध में एक ज्ञापन भी मुख्यमंत्री को सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, अकादमी के महासचिव डॉ. जे. आर. सोनी, महापौर परिषद के सदस्य सुंदर जोगी सहित अलख राम चतुर्वेदी, डी. एस. पात्रे, हीरा लाल साय, पप्पू बघेल, मनीष कोसरिया, अंजोर दास, आर. के. पाटले और रामधनी वर्मा शामिल थे।

मुख्यमंत्री स्वयं कर रहे है कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति की निगरानी...

 संवाददाता : शिमला हिमाचल

प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रदेश सरकार कठोर व प्रभावशाली कदम उठा रही है। 

प्रदेश में कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति का मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर स्वयं व्यक्तिगत तौर पर निरंतर निगरानी कर रहे है और समय-समय पर इस संबंध में आवश्यकतानुसार निर्णय लिए जा रहे है ताकि इस बीमारी को फैलने से प्रभावी तरीके से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार विभिन्न जिलों में राज्य सरकार द्वारा यह जिम्मा मंत्रियों को सौंपा गया है।
 
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार अब किसी भी प्रकार के कार्यक्रम में लोगों के शामिल होने की अधिकतम सीमा 50 निर्धारित की गई है। सरकार द्वारा जनसभाओं के स्थान पर आवश्यक कार्यक्रम वर्चुअल आधार पर करने का भी निर्णय लिया गया है और इन निर्णयों का सभी को कड़ाई से पालन करना होगा।
 
प्रवक्ता ने बताया कि कोविड-19 महामारी से प्रभावित मरीजों व उनके परिवारों के साथ संपर्क में रहना अति आवश्यक है इसलिए उन्होंने विधायकों से भी आग्रह किया है कि वे मरीजों व उनके परिवारों के संपर्क में रहे और यह प्रयास किए जाए कि प्रभावित परिवारों को हर प्रकार की यथा संभव मदद प्रदान की जा सके, और इस कार्य के लिए सामाजिक संस्थाओं की भी मदद ली जाए।

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) को नेशनल इंडस्ट्री पार्टनर बनाएगी राज्य सरकार...

 संवाददाता : रांची झारखंड

राज्य सरकार फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) को नेशनल इंडस्ट्री पार्टनर बनाएगी । इसके लिए उद्योग विभाग एवं फिक्की के बीच जल्द ही एमओयू होगा ।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एमओयू प्रारूप को   अनुमोदित कर दिया है ।एमओयू के उपरांत दो साल की अवधि तक फिक्की झारखंड सरकार के नेशनल इंडस्ट्री पार्टनर के रूप में कार्य कर सकेगी।

एमओयू का यह है मकसद

इस एमओयू का मकसद पोस्ट कोविड में फिक्की के साथ मिलकर सतत आर्थिक विकास और हालात को मजबूत करते हुए पहले जैसी स्थिति में वापस लाना है । इसके तहत झारखंड के प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल, यहां के कुशल और अर्ध कुशल श्रमिकों को उनकी क्षमता और कार्यकुशलता के हिसाब से रोजगार उपलब्ध कराना, निवेश और व्यापार को बढ़ावा देने के अलावा इज ऑफ डूइंग बिज़नेस को प्रमोट करना है, ताकि व्यापार से संबंधित नियम कायदों को सरल बनाया जा सके । इससे व्यवसायियों को कारोबार हेतु अनुकूल माहौल मिलेगा ।

झारखंड की प्रायोरिटी सेक्टर को बढ़ावा देना है

झारखंड राज्य में कुछ ऐसे सेक्टर है, जिसमें काफी संभावनाएं हैं । इन स्पेक्टरों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार और फिक्की मिलकर काम करेगी । इसमें टैक्सटाइल एंड गारमेंट्स, फूड प्रोसेसिंग, फार्मास्यूटिकल, हेल्थ केयर, मैन्युफैक्चरिंग, एमएसएमई और कुटीर उद्योग, पर्यटन और इको पर्यटन शामिल है ।

मुख्यमंत्री ने पुराने नागरिक अस्पताल के विस्तार के लिए साथ लगते राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का अवलोकन किया...

 संवाददाता : चंडीगढ़ हरियाणा

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुग्राम से हिसार के लिए रवाना होने से पहले शहर के बीचों-बीच स्थित पुराने नागरिक अस्पताल के विस्तार के लिए साथ लगते राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (बाल) का अवलोकन किया।

उल्लेखनीय है कि पुराने नागरिक अस्पताल भवन का विस्तार करके उसकी क्षमता बढ़ाकर 500 बेड करना प्रस्तावित है, जिसके लिए साथ लगते राजकीय विद्यालय की जमीन का कुछ हिस्सा शिक्षा विभाग से स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित किया जाना है। मुख्यमंत्री ने आज वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विद्यालय परिसर का अवलोकन करते हुए अस्पताल के विस्तार को हरी झंडी दी। इस दौरान जिला प्रशासन के अधिकारियों के अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उनके साथ मौजूद थे।

नागरिक अस्पताल भवन के विस्तार के बारे में चर्चा करते हुए आज यह फैसला लिया गया कि स्कूल की जमीन का जितना हिस्सा स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित किया जाना है उतने पर चारदिवारी खींचकर आगे की प्रकिया शुरू की जाए।

अवलोकन के दौरान मुख्यमंत्री ने जिला शिक्षा अधिकारी से बच्चों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था तथा स्कूल के लिए निर्धारित नियमों के बारे में जानकारी हासिल की ।  जिला शिक्षा अधिकारी कैप्टन इंदु बोकन ने अवगत करवाया कि विद्यालय का जो भवन तोडऩे का प्रस्ताव है, उसमें लगाई जाने वाली कक्षाएं सुखराली के राजकीय विद्यालय में लगाई जा सकती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जमीन का हिस्सा स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित करने के बाद भी गुरुग्राम जैसे महानगरों के लिये बने नॉर्म अनुसार स्कूल के लिए पर्याप्त जगह बच जाती है जिसमें बहुमंजिला भवन बनाकर स्कूल की सभी कक्षाएं लग सकती हैं।

मुख्यमंत्री से हरी झंडी मिलने के बाद अब पुराने नागरिक अस्पताल के विस्तार का रास्ता साफ हो गया है। पहले पुराने भवन को गिराया जाएगा जिसके लिए लोक निर्माण विभाग  टेंडर आमंत्रित करेगा। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव ने बताया कि पुराने नागरिक अस्पताल परिसर में बने सिविल सर्जन कार्यालय को भी शिफ्ट करने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है ताकि नए अस्पताल भवन निर्माण के लिए पूरी जगह लोक निर्माण विभाग को उपलब्ध करवाई जा सके।

डॉ यादव ने बताया कि पुराने भवन को डिमोलिश करने के बाद साथ लगते स्कूल की जमीन का कुछ भाग मिलाकर यहां पर एक भव्य आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित 500 बेड क्षमता का नया नागरिक अस्पताल भवन बनाया जाएगा और यह कार्य भी लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) विभाग के माध्यम से होगा।

इस अवसर पर जिला उपायुक्त अमित खत्री, पुलिस आयुक्त केके राव, अतिरिक्त उपायुक्त प्रशांत पवार, सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव, जिला शिक्षा अधिकारी कैप्टन इंदु बोकन भी उपस्थित थे।

देश के हर रेलवे स्टेशन पर केवल कुल्हड़ में मिलेगी चाय : पीयूष गोयल

संवाददाता : नई दिल्ली

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि आने वाले समय में देश के हर रेलवे स्टेशन पर प्लास्टिक मुक्त कुल्हड़ में ही चाय मिलेगी। राजस्थान के अलवर में ढिगावड़ा रेलवे स्टेशन पर ढिगावड़ा-बांदीकुई रेलखंड पर विद्युतीकृत रेलमार्ग के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, आज देश में लगभग 400 रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ में ही चाय मिलती है। 

आगे चलकर हमारी योजना है कि देश के हर रेलवे स्टेशन पर सिर्फ कुल्हड़ में चाय बिकेगी ,प्लास्टिक मुक्त भारत में रेलवे का भी यह योगदान रहेगा। इससे लाखों भाई बहनों को रोजगार मिलता है।

उन्होंने कहा कि पहले एक जमाना था जब रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ में ही चाय मिलती थी। जब 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार आई तब तक कुल्हड़ गायब हो गए और प्लास्टिक के कप में चाय मिलनी शुरू हो गई।

रेल मंत्री ने कहा कि खादी ग्रामोद्योग विभाग के लोगों ने रेलवे के साथ मिलकर इस कार्य को गति दी है। गोयल ने कहा, मैं अभी कुल्हड़ में चाय पी रहा था,वास्तव में कुल्हड़ में चाय पीने का स्वाद ही कुछ और होता है और पर्यावरण को भी आप बचाते हो।

मुख्यमंत्री ने रविवार को थानो में बनाए जा रहे ईको पार्क का निरीक्षण किया...

 संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड

मुख्यमंत्री ने रविवार को थानो में बनाए जा रहे ईको पार्क का निरीक्षण किया। वन विभाग द्वारा 2.5 हेक्टेयर क्षेत्र में यह ईको पार्क बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस पार्क का सौन्दर्यीकरण किया जाए एवं पार्क में बच्चों को मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध हों। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस ईको पार्क के बनने से आस-पास के क्षेत्रों एवं पर्यटकों के लिए यह पार्क आकर्षण का केन्द्र बनेगा ।



रविवार, 29 नवंबर 2020

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से बात की...

 संवाददाता : नई दिल्ली

प्रधानमंत्री ने शनिवार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से टेलीफ़ोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने कोविड-19 महामारी के चलते उपजी चुनौतियों के बारे में विचारों का आदान प्रदान किया और कोविड टीके के विकास तथा उत्पादन के संबंध में भारत और ब्रिटेन के बीच जारी भरोसेमंद साझेदारी की समीक्षा की।

दोनों देशों के नेताओं ने कोविड के उपरांत और ब्रेक्जिट के बाद के युग में भारत-ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय साझेदारी को एक नए आयाम पर पहुँचने की प्रतिबद्धता दोहराई। साथ ही व्यापार और निवेश, वैज्ञानिक शोध, पेशेवरों तथा छात्रों के एक-दूसरे देशों में आवागमन और रक्षा तथा सुरक्षा के क्षेत्रों में उल्लेखनीय क्षमता को देखते हुए साझेदारी बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।

उन्होंने जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई में भारत और ब्रिटेन के एक साथ आने पर बल देते हुए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन तथाआपदा रोधी बुनियादी ढांचे की साझेदारी में मजबूत होते आपसी सहयोग की सराहना की।

दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन के बीच महत्वाकांक्षी दीर्घावधि साझेदारी को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के लिए अपने-अपने देशों के अधिकारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों को जारी रखने पर भी सहमति व्यक्त की।

बाजरा, ज्वार और धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी के सभी इंतजाम चाक-चौबन्द रखे जायें : मुख्यमंत्री

 संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बाजरा, ज्वार और धान के समर्थन मूल्य पर उपार्जन के समस्त इंतजाम चाक-चौबन्द रखे जायें। किसी भी स्थिति में किसानों को दिक्कत नहीं होनी चाहिये। कलेक्टर्स प्रतिदिन उपार्जन की रिपोर्ट दें और निरन्तर भ्रमण कर उपार्जन व्यवस्था को सुचारू रखें। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने मुरैना जिले में बाजरा उपार्जन बाजरा व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बाजरा खरीदी केन्द्रों में तत्काल आवश्यकतानुसार बारदाना उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये। किसानों का एक-एक दाना बाजरा समर्थन मूल्य पर खरीदा जाये। खरीदी, परिवहन, बारदाना और कृषकों को भुगतान आदि व्यवस्था हर स्थिति में चाक-चौबन्द रखी जाये। बाहर के राज्यों से बाजरा लेकर आने वाले ट्रकों तथा बाजरे को राजसात कर कड़ी कार्रवाई की जाये। अधिकारी उपार्जन केन्द्रों में भविष्य में होने वाली बाजरा की आवक का आंकलन कर अग्रिम रूप से सभी इंतजाम सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैं जनता और किसानों के लिये कार्य कर रहा हूँ। किसानों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दूंगा। उन्होंने कहा कि मैं किसानों से स्वयं मिलकर बात करूंगा। उनकी तकलीफ जानकर उसे दूर करूंगा। उन्होंने निर्देश दिए कि भोपाल से सीधे फोन पर किसानों से बात की जाये और उनकी उपार्जन से जुड़ी समस्याओं की जानकारी लें और उसका तत्काल निराकरण भी किया जाए।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि धान का विपुल उत्पादन हुआ है। उत्पादन को देखते हुये धान उपार्जन में बारदानें, परिवहन तथा समय पर भुगतान की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री चौहान ने उपार्जित धान का परिवहन बढ़ाने तथा किसान के खाते में उसकी फसल की भुगतान राशि तीन दिन के भीतर जमा कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आवश्यकतानुसार धान खरीदी केन्द्रों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है।

बैठक में बताया गया कि 97 हजार मीट्रिक टन बाजरा का समर्थन मूल्य पर उपार्जन हो चुका है। 29 नवम्बर और 30 नवम्बर को बाजरा उपार्जन केन्द्रों में 900-900 गठान बारदाना की उपलब्धता, एक दिसम्बर और 2 दिसम्बर को 500-500 गठान बारदानों की उपलब्धता सुनिश्चित हो जायेगी। अभी 9 हजार 638 किसानों से बाजरा की खरीदी शेष है। करीब 38 हजार 400 कृषकों ने समर्थन मूल्य पर बाजरा बेचने के लिए पंजीयन कराया था।

भोपाल सेंट्रल जेल में स्त्री रोग जाँच शिविर आयोजित...

 संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश

महिला चिकित्सकों के निर्देशन में महिला प्रहरियों एवं महिला बंदियों में बैक्टीरियल वेजाइनोसिस रोग की जाँच हेतु भोपाल सेंट्रल जेल और आरटीएस लाइफ केयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को जाँच शिविर आयोजित हुआ।

भोपाल सेंट्रल जेल के अधीक्षक दिनेश नरगावे ने बताया कि शिविर के माध्यम से 112 महिला प्रहरियों और महिला बंदियों में संक्रमण की जाँच की गई।

शिविर में महिलाओं को उक्त गंभीर रोग से बचाव एवं निदान के उपायों से अवगत कराया गया। महिलाएँ स्वयं URS-SAKHI स्ट्रिप का उपयोग कर इस रोग की जाँच कर सकती हैं। शिविर में डॉ. तनूजा सक्सेना, डॉ. प्रमेन्द्र शर्मा, छाया गढवाल, जया यादव इत्यादि चिकित्सक उपस्थित थे।

निजी अस्पतालों में आईएलआई लक्षण वाले मरीजों के सैम्पल लेने के लिए प्रक्रिया निर्धारित करें : मुख्यमंत्री

 संवाददाता : जयपुर राजस्थान

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए लिए अधिक से अधिक जांचें की जाएं। जांच समय पर होने से संक्रमण का फैलाव रोकने में आसानी होती है और रोगी को समय रहते उपचार मिल जाता है। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में भी सर्दी, खांसी, जुकाम जैसे लक्षणों वाले मरीजों की कोरोना जांच के लिए सैम्पल लेकर सरकारी जांच लैब में भेजे जा सकें, इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया निर्धारित की जाए। उन्होंने कहा कि मेडिकल स्टोर संचालक भी दवा लेने आए आईएलआई लक्षणों वाले व्यक्ति को कोरोना जांच कराने के लिए प्रेरित करें।
 
गहलोत ने कहा कि पिछले दिनों संक्रमण रोकने के लिए कुछ जिलों में लगाए गए रात्रिकालीन कफ्र्यू एवं विवाह समारोह में 100 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रभावी रोक से सकारात्मक परिणाम आए हैं। अब सैम्पलिंग बढ़ाने के बावजूद पॉजिटिव केस की संख्या फिर घटने लगी है। राज्य सरकार के फैसलों की पालना आमजन ने स्वप्रेरणा से की है, यह अच्छा संकेत है। आगे भी हमारा प्रयास रहेगा कि सोशल डिस्टेसिंग एवं मास्क पहनने सहित अन्य हैल्थ प्रोटोकॉल की प्रभावी पालना हो। इसके लिए लोगों को लगातार जागरूक करते रहने की आवश्यकता है। उन्होंने जिला प्रशासन एवं संबंधित विभागों के समन्वय से ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रभावी ढंग से जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। 

शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि रात्रिकालीन कफ्र्यू, विवाह एवं अन्य आयोजनों में आगन्तुकों की संख्या सीमित करने तथा मास्क की अनिवार्यता लागू करने जैसे फैैसलों का सकारात्मक असर दिखाई दे रहा है। त्यौहारी सीजन में भीड़-भाड़ के कारण तेजी से बढ़े पॉजिटिव केस अब फिर घटने लगे हैं। 
 
उन्होंने बताया कि 24 नवम्बर को 3314 पॉजिटिव केस थे, जो घटकर 28 नवम्बर को 2765 रह गए हैं। साथ ही, निजी अस्पतालों में डे-केयर सुविधा के लिए गाइडलाइन एवं दरों का निर्धारण कर दिया है। उन्होंने वैक्सीन के भण्डारण एवं परिवहन के लिए की जा रही तैयारियों की भी जानकारी दी। राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार ने बताया कि विभिन्न देशों में कोविड-19 के उपचार और रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों के अध्ययन से पता चलता है कि प्रदेश में कोविड-19 के लिए तैयार किया गया इन्फ्रास्ट्रक्चर और ट्रीटमेन्ट प्रोटोकॉल काफी अच्छा है। 
 
सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी ने बताया कि पोस्ट कोविड मरीज अब जागरूक हो रहे हैं। करीब 20 प्रतिशत मरीज ऎसे हैं, जिन्होेंने अस्पताल से डिस्चार्ज होने के कुछ दिन बाद फिर से सीटी स्कैन कराया ताकि उन्हें फेफड़ों में इन्फेक्शन के बारे में सही स्थिति पता चल सके। विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि संक्रमण रोकने के लिए टेस्टिंग बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा संक्रमण रोकने के लिए पिछले कुछ दिनों में उठाए गए कदमों की सराहना की। 
 
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा भी वीसी से जुड़े। बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक एम.एल. लाठर, चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया, शासन सचिव गृह एन.एल. मीणा, स्वायत्त शासन निदेशक दीपक नन्दी तथा सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

मंत्री परिषद की बैठक में सेवानिवृत्त हो रहे मुख्य सचिव आर.पी.मण्डल को दी गई बिदाई...

 संवाददाता : रायपुर छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में शनिवार यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित मंत्री परिषद की बैठक में 30 नवम्बर को सेवानिवृत्त हो रहे राज्य के मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल को बिदाई दी गई। मुख्यमंत्री बघेल सहित मंत्री परिषद के सदस्यों ने मण्डल को उनके स्वस्थ, सुदीर्घ और खुशहाल जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि मण्डल के मार्गदर्शन में राज्य ने विकास के अनेक महत्वपूर्ण सोपान तय किए। कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम के चुनौती भरे कार्य मे उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिसके कारण छत्तीसगढ़ में संक्रमण की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में नियंत्रण में रही।



मुख्यमंत्री ने सामाजिक समारोह में लोगों की संख्या को घटाकर 50 करने का निर्णय लिया...

 संवाददाता : शिमला हिमाचल

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शनिवार यहां वीडियो काॅंन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य चिकित्सा महाविद्यालयों के चिकित्सा अधीक्षकों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते हुए मामलों और कोविड-19 के कारण मृत्यु दर पर चिन्ता व्यक्त करते हुए अधिकारियों को सम्बन्धित जिलों में बिस्तरों की संख्या में वृद्धि करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए 31 दिसम्बर, 2020 तक पांच दिन कार्यालय और छठे दिन वर्क फ्राॅम होम करने का निर्णय लिया है ताकि इस महामारी के संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के चार जिलों शिमला, मण्डी, कुल्लू और कांगड़ा में रात्रि 9 बजे से प्रातः 6 बजे तक कफ्र्यू लगाने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में समय-समय पर कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
 
जय राम ठाकुर ने कहा कि जैसे सामाजिक समारोहों विवाह आदि के दौरान लोगों की लापरवाही के परिणामस्वरूप ही प्रदेश में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अब सभी सामाजिक समारोहों में लोगों की संख्या को घटाकर 50 करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक समारोह अब वर्चुअली किए जाएंगे, जिनमें लोगों की उपस्थिति निर्धारित नियमानुसार सुनिश्चित की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने लोगों की सुविधा और गंभीर  स्थिति से निपटने के लिए सभी जिला, क्षेत्रीय और नागरिक अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता में वृद्धि करने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निर्मित होने वाले सभी प्री-फैब्रिकेटिड कोविड केन्द्रों का निर्माण शीघ्र पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने प्रदेश को सात आॅक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए हैं। उन्होंने उपायुक्तों को इन आॅक्सीजन प्लांट को स्थापित करने के लिए भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए ताकि इन्हें शीघ्र स्थापित किया जा सके।
 
जय राम ठाकुर ने कहा कि अस्पतालों के प्रभावी प्रबन्धन को सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने मरीजों के बेहतर ईलाज के लिए कोविड वार्ड के प्रभारी के रूप में एक वरिष्ठ अधिकारी को नियुक्त करके अस्पतालों में फुलप्रूफ व्यवस्था करने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने उपायुक्तों को कोविड रोगियों के परीक्षण और उपचार के लिए निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं को भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि होम आइसोलेशन के तहत रह रहे एसिम्प्टोमेटिक रोगियों के उपचार के लिए उचित प्रोटोकाॅल अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे रोगियों को उचित दवा उपलब्ध करवाने के लिए आवश्यक प्रबन्ध किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि इन रोगियों के लिए पल्स आॅक्सीमीटर की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध की जाए ताकि खून में आॅक्सीजन की मात्रा की नियमित रूप से निगरानी की जा सके। उन्होंने कहा कि जलवायु में परिर्वतन के परिणामस्वरूप यह वायरस तेजी से फैल रहा है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ चिकित्सक कोविड-19 रोगियों का मनोबल बढ़ाने के लिए वार्ड के कम से कम तीन राउंड सुनिश्चित करें।
 
जय राम ठाकुर ने कहा कि विशेष रूप से कोविड-19 के मरीजों के अधिक मामलों वाले स्वास्थ्य संस्थानों में कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए पर्याप्त कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में शीघ्र परीक्षण और ट्रेसिंग की सुविधा के लिए पर्याप्त पैरा मेडिकल स्टाफ भी उपलब्ध करवाया जाएगा।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी महसूस किया गया है कि निर्धारित एसओपी के पालन में लोगों की लापरवाही इस वायरस के फैलने का प्रमुख कारण है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे इस प्रवृत्ति पर नजर रखें और सरकार द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों को लागू करके इस संबंध में उचित उपाय करें।
 
स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने भी इस अवसर पर अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि कोविड-19 के मरीजों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।
 
स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए पर्याप्त कर्मचारी उपलब्ध करवाने के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में कर्मचारियों को तर्कसंगत बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।
 
जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जेसी शर्मा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश के मिशन डायरेक्टर निपुण जिंदल, प्रधानाचार्य आईजीएमसी शिमला डाॅ. रजनीश पठानिया, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डाॅ. रवि शर्मा और अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे

जन आकांक्षाओं को पूरा करने वाली सरकार, लॉकडाउन में दिखी सरकार की प्रतिबद्धता : हेमन्त सोरेन

 संवाददाता : रांची झारखंड

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि शहीद सोबरन सोरेन जी के शहादत दिवस के पर बरलंगा के लुकैयाटांड में हर साल की भांति इस साल भी एकत्रित हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह पवित्र भूमि को झारखंड के हर एक व्यक्ति जानते हैं। यह वही भूमि है, जहां से इस अलग झारखंड राज्य के लिए, मूलवासी-आदिवासी के लिए, जल, जंगल, जमीन के लिए क्रांतिकारी आवाज बुलंद हुई थी। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने शहीद सोबरन सोरेन के 63वीं शहादत दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

क्रांतिकारी आवाज की यादें ताजा करती हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज शहीद भूमि पर हमें मार्गदर्शन करने वाले हमारे पूर्वज मेरे दादाजी सोबरन सोरेन का 63वं शहादत दिवस है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह दिवस हम सभी को क्रांतिकारी आवाज के प्रारंभ की यादें ताजा करती हैं। यहां की खूबसूरत वादियों से क्रांतिकारी आवाज के आज कई मायने हैं। यहां से उठाई गई बुलंद आवाज व्यर्थ नहीं गया। इसी क्रांतिकारी आवाज से आज हम अपना वजूद बचा पाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग झारखंड राज्य निर्माण की लंबी लड़ाई पूर्वजों ने लड़ी। आज इस अवसर पर झारखंड राज्य के जन्मदाता दिशोम गुरु शिबू सोरेन भी हमारे साथ मौजूद हैं।

आपका एकत्रित होना निश्चित रूप से हमें ताकत प्रदान करता है

मुख्यमंत्री ने कहा कि खराब मौसम के बावजूद भी आप सभी लोग बड़ी संख्या में यहां एकत्रित हुए हैं। आपका एकत्रित होना निश्चित रूप से हमें ताकत प्रदान करता है। इस ताकत के बदौलत ही राज्य के जरूरतमंद लोगों को हम गरीब, किसान, आदिवासी-मूलवासी सभी को उनका हक अधिकार को दिलाने का काम कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बरलंगा के लुकैयाटांड में इस दिवस के अवसर पर कई बार हमें विपक्ष के नेता, मुख्यमंत्री, विधायक और एक सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते संबोधित करने का अवसर प्राप्त हुआ है।

जन आकांक्षाओं को पूरा करने वाली सरकार, लॉकडाउन में दिखी सरकार की प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आपकी सरकार है। आप इस सरकार के मालिक हैं। आपकी भावनाओं, आपकी सोच के अनुरूप हमारी सरकार कार्य योजना बनाते हुए निरंतर राज्य को एक सकारात्मक दिशा की ओर ले जाने का कार्य कर रही है। सरकार के गठन को कुछ ही दिन हुए थे कि हमने कोरोना महामारी को लेकर कई दु:ख और तकलीफों को देखा। कोरोना संक्रमण गांव, कस्बा या शहर सभी जगह पैर पसार रहा था। हम सभी को अपने ही घर के अंदर बंद रहने को मजबूर होना पड़ा। यातायात, हाट-बाजार, उद्योग धंधे सब बंद हो गए। ऐसी स्थिति में मजदूरों को रोजगार, गरीबों के लिए भोजन की व्यवस्था, शिक्षा, नौकरी-चाकरी सब थम सा गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के जो लोग रोजगार के लिए विभिन्न राज्यों में गए थे। लॉकडाउन की वजह से वहीं फंस गए। हमारे सभी मजदूर भाई जो दूसरे राज्यों में फंसे थे, उन्हें राज्य सरकार विभिन्न माध्यमों जैसे एअरलिफ्ट, ट्रेन, बस, इत्यादि के माध्यम से वापस झारखण्ड लाने का काम कर दिखाया। आप सभी ने देखा होगा। जब हमारे जरूरतमंद गरीब तबके के लोगों को लॉकडाउन के दौरान भोजन की समस्या उत्पन्न हुई। तब हमारी एसएचजी की बहनों, कई सामाजिक संस्थाओं ने सरकार का हिस्सा बनकर मुफ्त भोजन की व्यवस्था करने का कार्य प्रतिबद्धता के साथ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने इस अवधि में कई अहम उतार-चढ़ाव भी देखें, परंतु राज्य वासियों को हतोत्साहित होने से बचाया।

राज्य को संवारने का समय आ गया है

मुख्यमंत्री ने कहा कि काफी संघर्ष के बाद अलग राज्य का सपना पूरा हुआ है। अब राज्य में आपकी अपनी सरकार है। बस हम सभी लोगों को समन्वय बनाकर इस राज्य को संवारने का समय आ गया है। दिशोम गुरु श्री शिबू सोरेन ने लंबा संघर्ष करते हुए। हमें अलग राज्य देने का कार्य किया है। गुरुजी ने अब इस राज्य को संभालने और संवारने की जिम्मेदारी नौजवानों को दी है। हमें इनके संकल्प को आगे बढ़ाना है।

बच्चों को करोना संक्रमण से बचाने की जरूरत

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी बच्चों के शिक्षा के लिए संघर्ष का दिन चल रहा है। स्कूलों को मजबूरी में बंद किया गया है, क्योंकि अगर बड़े बुजुर्ग कोरोना की चपेट में आते हैं, तो संभल सकते हैं परंतु बच्चे अगर इस महामारी की चपेट में आएंगे तो स्थिति भयावह हो सकती है।

मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से इस महामारी को हल्के में न लेने की अपील की

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों से अपील किया कि कोरोना महामारी का कोई इलाज अभी तक नहीं आ आया है। आपका इलाज आप स्वयं सावधानी रखकर कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से इस महामारी को हल्के में न लेने की अपील की। मुख्यमंत्री ने उपस्थित सभी लोगों से हाथ-मुंह ढक कर रखने की एवं भीड़-भाड़ में ज्यादा समय व्यतीत नहीं करने की अपील भी की। मुख्यमंत्री ने लोगों से समय-समय पर हाथ धोने एवं सैनिटाइज करने का आग्रह भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी लोग सरकार के द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन का पूरा पालन करें। स्वयं सुरक्षित रहें और अपने परिजनों को भी सुरक्षित रखें।

इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री तथा वर्तमान राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन ने बीते दिनों के संघर्ष को संक्षिप्त में बताया। बीते कुछ दशक पहले अलग झारखंड निर्माण को लेकर पूर्वजों द्वारा किए गए संघर्ष और बलिदान के संबंध में उन्होंने जानकारी दी।मौके पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन एवं पूर्व मुख्यमंत्री तथा वर्तमान राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन ने जरूरतमंदों के बीच कंबल का वितरण भी किया।

इस अवसर पर रामगढ़ विधायक ममता देवी, समाजसेवी महुआ मांजी, संजीव बेदिया, विनोद किस्कू, फागु बेसरा, सहित अन्य गणमान्य लोग एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

हरियाणा में बड़े प्लॉटों के बंटवारे को लेकर पॉलिसी लगभग तैयार हो चुकी है जिसे अगली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा...

 संवाददाता : चंडीगढ़ हरियाणा

हरियाणा में बड़े प्लॉटों के बंटवारे को लेकर पॉलिसी लगभग तैयार हो चुकी है जिसे अगली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। इस नीति में ऐसा प्रावधान किया जा रहा है कि बंटवारे के बाद हर हिस्से का कम से कम 100 गज का एरिया अवश्य हो।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह घोषणा गुरुग्राम में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए की। आज की कष्ट निवारण समिति की बैठक में कुल 10 शिकायतें अथवा समस्याएं रखी गई थी जिनका मुख्यमंत्री ने मौके पर निपटारा कर दिया।

बैठक में एक समस्या यह भी रखी गई थी कि वर्ष-1966-67 में प्रदेश में टाउन प्लानिंग स्कीम बनाई गई थी और जो कॉलोनी उस स्कीम के अंतर्गत आती थी उनमें प्लॉट का साइज भी स्कीम के अनुसार ही था। उस प्लॉट के टुकड़े अथवा बंटवारा करने पर टुकड़ों का नक्शा पास नहीं किया जाता। गुरुग्राम के शिवाजी नगर के दो शिकायतकर्ताओं ने यह मामला मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया था जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके दादा ने वर्ष-1971 में 153 वर्ग गज के प्लॉट पर मकान बनाया था जो बाद में उन दोनों भाईयों के नाम हस्तांतरित कर दिया गया। चूंकि मकान पुराना हो गया था इसलिए उसके स्थान पर नया मकान बनाने के लिए जब नगर निगम में नक्शा पास कराने को दिया गया तो पुराने नियम का हवाला देते हुए उनका नक्शा पास नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने इस समस्या का निपटारा करते हुए बताया कि ऐसे मामलों के लिए राज्य सरकार ने नीति लगभग तैयार कर ली है जिसका प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा।

नगर निगम द्वारा अनाधिकृत रूप से नियमों का उल्लंघन करते हुए गुरुग्राम की न्यू कॉलोनी में बनाए जा रहे मकान को सील किए जाने के बाद भी उसमें निर्माण कार्य जारी रहने के बारे में की गई शिकायत का निपटारा करते हुए मुख्यमंत्री ने इस मामले में गुरुग्राम पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए और कहा कि नियमों का उल्लंघन करते हुए जो अवैध निर्माण किया गया है उसे नगर निगम के डिमोलिशन ऑर्डर के अनुसार हटाया जाए। इस मामले में बैठक के बाद मीडिया प्रतिनिधियों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सील करने के उपरांत निर्माण जारी रखने की जो भी शिकायत मिलेगी उस पर ऐसी ही कार्रवाई की जाएगी।

बैठक में सेक्टर-83 में मैसर्स वाटिका लैंड बेस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित की जा रही आवासीय कॉलोनी में प्लॉट बुक करवाने वालों के लिए प्लॉटों की रजिस्ट्री करवाने संबंधी रखी गई समस्या का समाधान करते हुए मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को आदेश दिए कि जो गांव चकबंदी में हैं उनमें बिघे-बिसवे के हिसाब से विशेष एंट्री दर्ज करके कॉलोनी का नक्शा डालकर प्लॉट अलॉटियों के प्लॉटों की रजिस्ट्री करवाई जाए। इसी कॉलोनी में बिजली की एचटी लाइन बाधा बनने के बारे में बिल्डर ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि जनवरी माह के अंत तक उक्त लाइन को हटवा कर अलॉटियों को प्लॉट दे दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम के पालम विहार में समाज के कमजोर वर्गों के लिए अलॉट किए गए ईडब्ल्यूएस प्लॉटों वाले स्थान पर पानी, बिजली, सीवरेज, सड़क आदि विकास कार्य अगले एक महीने में शुरू करवाने के आदेश नगर निगम को दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के कमजोर वर्गों की बस्ती में सभी सुविधाएं होनी चाहिए और यह कार्य अगले वर्ष 31 मार्च तक पूरा करना सुनिश्चित करें। इसी प्रकार, सेक्टर-31 निर्माणाधीन बिश्नोई भवन के सामने टूटी सड़क की मरम्मत करने के भी मुख्यमंत्री ने आदेश दिए। नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि सेक्टर-31 में सड़क के इस भाग का निर्माण करने के लिए 38.74 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है और अगले दो दिन में इसके टैंडर हो जाएंगे। सेक्टर-15 भाग-1 में ही झाड़सा बंद के साथ राजस्थानी डिजाइन की धोलपुर पत्थर से जालियां लगाने के कार्य को भी अगले माह के अंत तक शुरू करने के आदेश मुख्यमंत्री ने दिए।

गुरुग्राम के सेक्टर-92 की सारे होम्स सोसायटी के निवासियों द्वारा रखी गई शिकायत का निपटारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां पर फायरफाइटिंग सिस्टम रामप्रस्थ बिल्डर के एसैट से लगवाया जाएगा। इस सोसायटी में बिजली आपूर्ति की समस्या का समाधान भी आरडब्ल्यूए के नाम अलग बिजली कनेक्शन देकर किया जाएगा।

इस अवसर पर केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह, सोहना के विधायक संजय सिंह, पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता, बादशाहपुर के विधायक एवं हरियाणा कृषि उद्योग निगम के चेयरमैन राकेश दौलताबाद, मेयर  मधु आजाद, जिला परिषद अध्यक्ष कल्याण सिंह चौहान, मुख्यमंत्री के लोक सुरक्षा सलाहकार अनिल राव, उपायुक्त अमित खत्री, पुलिस आयुक्त के. के. राव, सहित कष्ट निवारण समिति के मनोनीत सदस्य उपस्थित रहे।

पुलिस लाइन में भव्य परेड के साथ होगी डीजीपी रतूड़ी की विदाई...

 संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड

प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी का कार्यकाल 30 नवंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में उनके विदाई कार्यक्रम को लेकर मुख्यालय से लेकर पुलिस लाइन तक भव्य परेड की तैयारियां हो रही हैं। पुलिस लाइन में इस विदाई परेड के लिए भव्य तैयारियां अपने अंतिम चरण पर हैं। बीते दिन डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने इस विदाई परेड कार्यक्रम का निरीक्षण किया।

देहरादून पुलिस लाइन में विशेष तौर पर भव्य परेड का आयोजन किया जाएगा। इसमें डीजीपी रतूड़ी अंतिम बार परेड की सलामी लेंगे। वहीं नियमानुसार नवनियुक्त डीजीपी अशोक कुमार अपने सभी वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर डीजीपी रतूड़ी को विदाई देंगे। हालांकि 30 नवंबर की शाम 4 बजे अधिकारिक तौर पर डीजीपी रतूड़ी पुलिस मुख्यालय स्थित अपने कार्यालय में विधि अनुसार नवनियुक्त डीजीपी अशोक कुमार को कार्यभार सौंपेंगे।

वहीं इसके बाद मुख्यालय के परिसर में आयोजित विदाई कार्यक्रम में डीजीपी रतूड़ी अपने पुलिस सेवा से जुड़े अनुभव को अधिकारियों और कर्मचारियों के सामने साझा करेंगे। इस दौरान उनके समक्ष कुछ अधिकारी भी डीजीपी रतूड़ी से जुड़े अनुभव को साझा करेंगे। जिसके बाद डीजीपी की पुलिस विभाग से विदाई होगी।

अनिल रतूड़ी 1987 आईपीएस बैच के अधिकारी हैं। वह उत्तराखंड मूल के चैथे ऐसे आईपीएस हैं जिनको राज्य का पुलिस डीजीपी बनने का गौरव प्राप्त हुआ। 24 जुलाई 2017 को उन्होंने उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक की कमान संभाली थी। ऐसे में उनका कार्यकाल काफी लंबा 3 साल 4 महीने का रहा। राज्य गठन के बाद से वह लगातार पुलिस की अहम जिम्मेदारियों को निभाते रहे है। डीजीपी रतूड़ी पुलिस में अपने अनुशासन, बेहतरीन नेतृत्व के लिए जाने जाते रहे हैं।

शनिवार, 28 नवंबर 2020

हमने हर सुविधा दी, अब कोच और खिलाड़ियों से देश के लिए पदक की उम्मीद...

 संवाददाता : नई दिल्ली

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सर्वोदय बाल विद्यालय, अशोकनगर में विश्वस्तरीय एस्ट्रो टर्फ हॉकी मैदान का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि हमने खिलाड़ियों के लिए तमाम सुविधाओं का इंतजाम कर दिया है। अब खिलाड़ियों और कोचेज से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा दिखाकर देश के लिए मैडल लाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने होनहार खिलाड़ियों को हर मदद देने का निर्देश दिया है ताकि सुविधाओं और पैसों के अभाव में कोई प्रतिभा पीछे न रह जाए। इस मौके पर ओलिंपिक पदक विजेता खिलाड़ी सुशील कुमार भी मौजूद थे।
 
सिसोदिया ने कहा कि इस विश्वस्तरीय एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान को बनाने में टैक्सपेयर्स के 5.78 करोड़ रूपए लगे हैं। इस मैदान में खिलाड़ियों को खेलने का अवसर मिले, तो यह पैसा वसूल हो जाएगा। लेकिन अगर यहां से देश के लिए अच्छे खिलाड़ी न निकलें, तो पैसा बेकार जाएगा। इसलिए स्कूल और खेल अधिकारियों की जिम्मेवारी है कि खिलाड़ियों को इस मैदान के उपयोग की पूरी सुविधा मिले। सिसोदिया ने कहा कि इस मैदान को सरकारी नियमों का शिकार न बनने दें। खिलाड़ियों की सुविधा और जरूरत के अनुसार नियम बनाए जाएं। किसी नियम में बदलाव की जरूरत हो, तो सरकार उसके लिए तैयार है। 

सिसोदिया ने कहा कि खेल की सुविधाएं देने के मामले में हमें लचीला होना पड़ेगा। लेकिन खेल की तैयारियों में खिलाड़ियों को सभी अनुशासन का पालन करना होगा ताकि उनकी प्रतिभा का विकास हो। श्री सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में हम ऐसे चार विश्वस्तरीय एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान बना रहे हैं। आज यह तीसरा मैदान है। घुम्मनहेड़ा और झिलमिल में भी ऐसे मैदान बने हैं। चार सौ मीटर के चार रेसिंग ट्रेक और विश्वस्तरीय स्वीमिंग पुल भी बनाए गए हैं। इन सुविधाओं के कारण दिल्ली के सरकारी स्कूलों का खेलों में प्रदर्शन बेहतर हुआ है और मैडल लाने का ग्राफ बढ़ा है।
 
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमने होनहार खिलाड़ियों को हर जरूरी सुविधा देने की पूरी जिम्मेवारी ली है। खिलाड़ियों के लिए आवासीय सुविधा तथा स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी बनाई जा रही है। गोल्ड मैडल लाने वाले खिलाड़ियों को भी यह सोचना पड़ता है कि उनका एडमिशन कहां होगा। लेकिन हम उन्हें स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में एडमिशन देंगे।
 
उन्होंने कहा कि जब कोई खिलाड़ी जीतकर आता है तो हर सरकार उसकी मदद करती है। लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पांच साल पहले ही कह दिया था कि हमारे होनहार खिलाड़ी जब खेल के मैदान में पसीना बहा रहे हों, उसी वक्त उन पर पैसा लगाना चाहिए। इसीलिए हमने होनहार खिलाड़ियों की मदद के लिए शानदार योजना चला रखी है। इसमें साढ़े तीन लाख से लेकर 16 लाख तक की सालाना राशि दी जाती है। श्री सिसोदिया ने कहा कि हमारे खिलाड़ी जब किसी प्रतियोगिता में मैडल लेकर आते हैं तो अन्य सभी राज्यों से ज्यादा इनाम दिल्ली सरकार देती है।
 
सिसोदिया ने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि आप मन लगाकर खेलो, आपको जितने पैसों की जरूरत होगी, उतना खर्च करने के लिए दिल्ली सरकार आपके साथ खड़ी है। आप अपनी प्रतिभा दिखाओ, बाकी सब जिम्मेवारी हमारी है। श्री सिसोदिया ने कहा कि विश्वप्रसिद्ध हाॅकी खिलाड़ी ध्यानचंद और धनराज पिल्लई भी ऐसे ही मैदानों से निकले हैं। अब इन मैदानों से कुछ अच्छी खेल प्रतिभाएं निकलकर आएं और हमारे सपनों को साकार करें।

औली,उत्तराखंड पर्यटन का एक नगीना...

 संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड

उत्तराखंड में बहुत से पर्यटन स्थल हैं जो अपनी प्राकृतिक सुदंरता से सैलानियों को चकित कर देते हैं। उत्तराखंड पर्यटन का ऐसा ही एक नगीना है औली। परिलोक सा खूबसूरत औली शांत प्रकृति की गोद में स्थित है। यहां से हिमालय के शिखरों का भव्य नजारा भी दिखाई देता है और स्कीइंग के लिए अनुकूल ढलानें भी रोमांचित करती हैं।

औली में पर्यटकों को जो मंत्रमुग्ध करने वाला अनुभव प्राप्त होता है वही इस बात का साक्ष्य है कि औली भारत के सर्वश्रेष्ठ चुनिंदा विंटर डेस्टिनेशंस में से एक है। देश में सर्दियों के मौसम की आमद हो चुकी है, ऐसे में उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय के चमोली जिले में स्थित औली स्की रिजॉर्ट और हिल स्टेशन सर्दियों के पर्यटन हेतु पर्यटकों का स्वागत करने को बिल्कुल तैयार है।

पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, ‘‘उत्तराखण्ड राज्य में औली विशेष रूप से सर्दियों में साहसिक खेल प्रमियों के लिए सबसे अच्छी जगह रही है। औली में प्रत्येक वर्ष शीतकालीन साहसिक खेलों का फेस्टिवल आयोजन किया जाता है पर्यटन विभाग इस वर्ष भी कोविड के कारण राज्य सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए शीतकालीन खेलों का आयोजन करने की योजना बना रहा हैं, ताकि पर्यटक सौन्दर्य व रोमांच से भरपूर खेलों आनंद ले सकें।

सर्दियों में पर्यटकों के स्वागत के लिए हुई तैयारियों के बारे में उत्तराखंड पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया, ’’उत्तराखंड को उड़ते कुहासे और आसमान छूते देवदारों का वरदान प्राप्त है जिन्होंने दुनिया भर के सैलानियों को आकर्षित किया है। राज्य में अब यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं है और सर्दियों की छुट्टियां बिताने के लिए औली से बेहतर कोई जगह नहीं है। औली आपको सर्वश्रेष्ठ ऑफबीट जगहें प्रदान करती है, सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखते हुए आप यहां घूम सकते हैं-इन जगहों का दूरस्थ इलाकों में होना इन्हें विशिष्ट बनाता है।

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने में आईटी प्रोफ़ेशनल निभाएँ अपनी भूमिका : सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्री

 संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश

सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने शुक्रवार को इंदौर पहुँच कर यहाँ आईटी प्रोफ़ेशनल के सेमिनार में भाग लिया। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए आईटी प्रोफ़ेशनल के सुझाव सुने। मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने में आईटी प्रोफ़ेशनल अपनी भूमिका निभाएँ। कोविड के समय में उनकी अहम भूमिका है।

वर्तमान में वर्क फ़्रॉम होम का चलन है। ऐसे में कोविड को समस्या न मानकर अवसर के रूप में लें और एक नए कार्य क्षेत्र की शुरुआत करें। मंत्री सखलेचा ने कहा कि आईटी सेक्टर में राज्य के उद्यमियों को शासन के कार्यों में प्राथमिकता दी जाएगी। आईटी प्रोफ़ेशनल से मिले सुझावों के आधार पर राज्य की नई आईटी नीति का निर्धारण किया जाएगा। मध्यप्रदेश स्टेट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन और मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की ओर से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में मध्यप्रदेश स्टेट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के एमडी नंदकुमारम ने मध्यप्रदेश में आईटी सेक्टर के लिए उपलब्ध सुविधाओं की विस्तार से जानकारी दी। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की डिप्टी सेक्रेटरी और स्टेट डेवलपमेंट कार्पोरेशन की चीफ़ जनरल मैनेजर अंजू पवन भदौरिया सहित विभिन्न आईटी कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

आईटी पार्क इंदौर के जनरल मैनेजर और मध्यप्रदेश शासन की ओर से इनवेस्टमेंट रिलेशनशिप मैनेजर द्वारकेश सर्राफ़ ने बताया कि प्रदेश में आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम निवेश प्रोत्साहन नीति और योजना 2016 के माध्यम से आईटी निवेश हो रहा है।

राज्यपाल ने पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह में आरक्षियों के 21वें दस्ते के दीक्षांत परेड समारोह की अध्यक्षता की...

 संवाददाता : शिमला हिमाचल

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह में पुलिस आरक्षियों के 21वें दस्ते के दीक्षांत परेड समारोह में मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की और पार्सिंग आउट परेड की सलामी ली।

प्रशिक्षुओं और लोगों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने सभी आरक्षियों को बधाई दी और कहा कि प्रशिक्षण में आवश्यक दक्षता हासिल कर अब वह हिमाचल प्रदेश पुलिस परिवार में शामिल होंने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें सभी प्रशिक्षुओं से यह अपेक्षा रहेगी कि संविधान, प्रजातांत्रिक मूल्यों एवं कानून के अनुरूप अपने कत्तव्यों का पालन करते हुए आम जन-मानस की भावनाओं के अनुरूप कार्य करें। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षुओं की निष्ठा एवं जोश को देखकर उन्हें पूर्ण विश्वास है कि वे इसी आत्मविश्वास, अदम्य साहस एवं सहानुभूति के भाव से प्रदेश के लोगों की सेवा में तत्पर रहेंगे और जिम्मेदारी से अपने कार्य तथा आचरण से उत्कृष्ट सेवा का उदाहरण प्रस्तुत करेंगे।

राज्यपाल ने कहा कि पुलिस का काम बहुत संजीदा है इसलिये अपने कर्तव्य एवं मानवता के पथ से कभी भी विचलित नहीं होना है और हमेशा कानून के अनुरूप सही निर्णय को लागू करना है। उन्होंने सभी से विधि द्वारा प्रदत्त अधिकारों, सीमाओं तथा निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप ही कार्यवाही करने की बात कही।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण पुलिस प्रशिक्षण को सुचारू रूप से चलाना अत्यन्त मुश्किल कार्य था परन्तु प्रशिक्षण सुचारू रूप से जारी रहा।  इसके लिए पुलिस महानिदेशक, प्रधनाचार्य एवं समस्त हिमाचल प्रदेश पी. टी. सी. स्टाफ बधाई के पात्र हैं।  उन्होंने कहा कि  आज कोरोना महामारी का दौर है। अभी तक हमने बड़ी ही सावधनी से इस महामारी पर विजय पाई है।

अब जबकि सफलता के नजदीक हैं तो हमें अधिक सावधानीपूर्वक निर्देशों का पालन करना है। उन्होंने कहा कि  पुलिस के हर जवान ने कोरोना महामारी से निपटने में  अग्रिम पंक्ति में रहकर कोरोना योद्धा के तौर पर कार्य किया है। उन्होंने कहा कि उनके ध्यान में ऐसे मामले भी आये जिसमे पुलिस कर्मी ने अपने घर पर आपदा आने पर भी अपनी ड्îटी से मुंह नहीं मोड़ा। दिन-रात जनसेवा में समर्पित रहकर कार्य किया है और यही मायने में समर्पण ही राष्ट्र सेवा है।

उन्होंने कहा कि पुलिस से सदैव यह अपेक्षा रहती है कि वह समाज में ऐसी व्यवस्था कायम करें जिसके अपराधियों को सजा मिले और निर्दोष एवं पीड़ित को न्याय व संतुष्टि प्रदान हो सके। अपने आचरण, व्यवहार एवं कार्य संपादन से जनता के बीच अविश्वास की खाई को पाटना है तथा सामान्य जन की सद्भावना एवं सक्रिय सहयोग अर्जित करना है। उन्होंने कहा कि पुलिस सेवा को मात्र जीवन यापन का साधन न मानकर इसे एक दर्शन और प्रेरक बल के रूप में  साकार करना है ।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण है तथा लाखों पर्यटक प्रति वर्ष हिमाचल प्रदेश घूमने आते हैं। ऐसे में पुलिस कर्मियों में कुशल तथा विनम्र व्यवहार एवं निपुण कार्यशैली के द्वारा उनका दिल जीतने में कामयाब होंने की भी जिम्मेदारी होगी। साथ ही आम आदमी को सेवा भाव के साथ सहायता प्रदान करने में और प्रदेश में शान्तिप्रिय वातावरण बनाने में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि उनके ध्यान में लाया गया है कि सरकार निरीक्षक से उप पुलिस अधीक्षक (पर्यवेक्षक) अधिकारी बनने वाले अधिकारियों के लिए 8 सप्ताह का इंडक्शन कोर्स शुरू करने का निर्णय लेने जा रही है ताकि पुलिस अधिकारी और पेशेवर व सक्षम बनकर अपनी भूमिका अदा कर सकें।  

उन्होंने कहा कि वर्तमान में पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय की जीओसी मैस में केवल 8 ही प्रशिक्षु अधिकारियों के रहने के लिए व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि इसे बढाकर कम से कम 20 और कमरों का निर्माण करवाने के लिए सरकार से अनुरोध करेंगे।

राज्यपाल ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है सभी पूर्ण निष्ठा, निष्पक्षता, कर्तव्यपरायणता और संवेदनशीलता से हिमाचल प्रदेश की आम जनता की सेवा करेंगे।  उन्होंने भव्य परेड एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रदर्शन के आयोजन के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक, उनकी पूरी टीम और विशेषकर प्रशिक्षणार्थियों की प्रशंसा की।

दीक्षान्त परेड में 834 आरक्षियों ने भाग लिया इसमें 642 पुरुष और 192 महिला आरक्षियों ने आरक्षी मूलभूत प्रशिक्षण प्राप्त किया है। परेड का नेतृत्व आरक्षी मनन चैधरी जबकि महिला वर्ग में आरक्षी अर्चना चैधरी ने परेड का नेतृत्व किया।

राज्यपाल ने पीटीसी डरोह के स्थापना के 25 स्वर्णिम वर्षों पर आधारित स्मारिका का विमोचन किया। इसके पश्चात राज्यपाल ने पीटीसी परिसर में 14 करोड़ रुपये से बनने वाली माॅर्डन बैरक का शिलान्यास भी किया ।

पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और सभी प्रशिक्षुओं को पुलिस सेवा में शामिल होने की बधाई दी। उन्होंने सभी प्रशिक्षुओं को देश सेवा की भावना और ईमानदारी से कार्य करने का आह्वान किया जिससे उनका, पुलिस और उनके परिवार का नाम रोशन हो सके। उन्होंने कहा कि डरोह को क्राइम अगेंस्ट वीमेन एंड चिल्ड्रन तथा साइबर क्राइम में सेंटर आॅफ एक्सेलेन्स बनाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डरोह की प्रशिक्षण क्षमता को बढ़ाने के लिये यहाँ ढांचागत क्षमता को बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए मुख्यमंत्री ने पीटीसी डरोह को प्रतिवर्ष अगले पांच वर्षों के लिये 10 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे डरोह में बुनियादी प्रशिक्षण और सेवारत प्रशिक्षण और अधिक दक्षता से दिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि पीटीसी डरोह को अव्वल दर्जे का प्रशिक्षण संस्थान बनाने के यहां मास्टर प्लान के तहत गुणवत्तापूर्ण निर्माण किया जाएगा।

पीटीसी डरोह के प्रधानाचार्य, आईजी डाॅ. अतुल फुलझेले ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और महाविद्यालय की वार्षिक प्रशिक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि 642 पुरुष प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह तथा 192 महिला प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण द्वितीय भारतीय आरक्षित वाहिनी सकोह में एक जनवरी को आरंभ हुआ था। इन प्रशिक्षुओं को 11 महीने का कठोर एवं प्रभावी प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान पास आउट होने वाले प्रशिक्षार्थियों में से 66 पोस्ट ग्रेजुएट, 446 ग्रेजुएट, 100 बहु तकनीकी शिक्षा प्राप्त है।

कार्यक्रम में सांसद किशन कपूर, उपकुलपति चैधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर एच. के. चैधरी, डीआईजी सुमेधा द्विवेदी, एसपी पीटीसी डरोह डाॅ. रमेश चन्द्र छाजटा, एसपी राजेश कुमार, एएसपी प्रवीण धीमान सहित पुलिस अधिकारी और प्रशिक्षुओं के परिजन उपस्थित रहे।

उदयपुर में मिली नई प्रजाति की बैबलर चिड़िया पफ थ्रोटेड बैबलर की राजस्थान में पहली उपस्थिति दर्ज...

 संवाददाता : जयपुर राजस्थान

 एक नई प्रजाति की बैबलर चिड़िया की खोज के रूप में राजस्थान की समृद्ध जैव विविधता में हाल ही में एक नया नाम और जुड़ गया है और इसका श्रेय उदयपुर को जाता है। खोजा गया यह एक छोटा रेजीडेंट पक्षी पफ थ्रोटेड बैबलर है, जिसका वैज्ञानिक नाम पेलोर्नियस रूफीसेप्स है।
 
उदयपुर जिले में स्थित फुलवारी की नाल वन्यजीव अभयारण्य के गामड़ा की नाल में यह नई प्रजाति की चिड़िया मिली है। इसकी राजस्थान के ख्यातनाम पर्यावरण वैज्ञानिक और टाइगर वॉच के फील्ड बॉयोलोजिस्ट डॉ. धर्मेन्द्र खण्डाल, दक्षिण राजस्थान में जैव विविधता संरक्षण के लिए कार्य कर रहे पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. सतीश शर्मा व हरकीरत सिंह संघा ने लगाया है। इस नई उपलब्धि पर ‘इंडियन बर्ड्स‘ के अंक 16 के भाग 5 में विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की गई है।

ऎसा होता है यह पक्षी
 
उदयपुर के पक्षी विज्ञानी डॉ. सतीश शर्मा ने बताया कि यह एक वेबलर वर्ग का सदस्य है। जिसकी चोंच एवं पैर ललाई लिए हुए हल्के गुलाबी होते हैं। सिर का रंग हल्का चॉकलेटी तथा पीठ का रंग हल्का काला, गला एकदम सफेद तथा छाती पर टूटती गहरी धारियां होती है। आंख के ऊपर सफेद रंग की धारी काली लंबी होकर पीेछे गर्दन तक फैली रहती है। यह जोड़े या छोटे दलों में रहकर जंगल में नीचे गिरी पड़ी पत्तियों के झुरमुट में भूमि पर पड़े कीडे-मकौड़े खाती है। इस प्रकार की प्रजाति गुजरात के विजयनगर स्थित पोलो फोरेस्ट में मिली है।
 
यह बैबलर प्रजाति भारत के सतपुड़ा बिहार एवं उड़ीसा के पठारी क्षेत्र, पूर्वी एवं पश्चिमी घाट के क्षेत्र, राजमहल पहाडिया (मध्य पश्चिमी बिहार), केरल के पलक्कड (पालघाट) क्षेत्र, चितेरी पहाड़िया आदि क्षेत्रों में पाई जाती है। राज्य में पहली और नई खोज के लिए स्थानीय पक्षी प्रेमियों ने हर्ष व्यक्त किया है

शुक्रवार, 27 नवंबर 2020

युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने भारतीय तीरंदाजी संघ की मान्यता को बहाल किया...

 संवाददाता : नई दिल्ली

युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने देश में तीरंदाजी खेल के प्रचार और नियमन के लिए राष्ट्रीय खेल महासंघ के रूप में भारतीय तीरंदाजी संघ-एएआई की सरकारी मान्यता बहाल कर दी है। एएआई की सरकारी मान्यता को भारतीय खेल विकास संहिता, 2011 (स्पोर्ट्स कोड) के अनुसार अपने चुनाव कराने में विफलता के कारण आठ साल पहले वापस ले लिया गया था। एएआई को प्रदान की गई सरकारी मान्यता एक वर्ष के लिए मान्य होगी।

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री और भारतीय तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष अर्जुन मुंडा ने युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के फैसले का स्वागत किया। अर्जुन मुंडा ने कहा कि मैं भारतीय तीरंदाज़ी संघ को 7 दिसंबर, 2012 को लागू किए गये निलम्बन के फैसले को रद्द किये जाने के निर्णय के लिए मंत्रालय को धन्यवाद देता हूं। इस कदम को 'ऐतिहासिक और स्वर्णिम दिन' करार देते हुए, मुंडा ने कहा कि यह भारतीय तीरंदाज़ी के लिए एक नए युग की शुरुआत है।

तीरंदाज़ी संघ के अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय टीम के लिए इस महत्वपूर्ण मोड़ पर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए यह एक महान प्रेरणा मिलेगी, जब वे टोक्यो-ओलंपिक में दुनिया के शीर्ष तीरंदाजों से सबसे कठिन चुनौती का सामना करेंगे। सभी तीरंदाज़ों, प्रशिक्षकों और पूरे तीरंदाजी परिवार को हार्दिक बधाई देते हुए श्री मुंडा ने कहा कि तीरंदाज़ी संघ की मान्यता की बहाली लंबे संघर्ष और अदालती लड़ाई का परिणाम है। भारत में तीरंदाजी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए भारतीय तीरंदाज़ी संघ का दृढ़ संकल्प है। संघ के अध्यक्ष ने कहा कि एएआई युवा कार्य और खेल मंत्रालय के साथ मिलकर तीरंदाजी के खेल के लाभ के लिये भविष्य में सर्वोच्चता और नैतिकता के उच्चतम स्तर को बनाए रखने के लिए खिलाड़ियों के लिए काम करेगा।

दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 18.01.2020 को रिटर्निंग ऑफिसर श्री पीके त्रिपाठी द्वारा एएआई के पदाधिकारियों और कार्यकारी समिति के चुनाव कराए गए थे। राष्ट्रीय खेल महासंघों और युवा कार्यक्रम मंत्रालय में ऐच्छिक पदों के लिए आयु और कार्यकाल संबंधी प्रतिबंधों और सरकारी सेवकों पर इस खेल संहिता के प्रावधानों के आलोक में युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय द्वारा रिपोर्ट की जांच की गई और रिटर्निंग ऑफिसर के 18 जनवरी 2020 को आयोजित एएआई के चुनावों को युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है, जिसमें अर्जुन मुंडा (अध्यक्ष), प्रमोद चंदुरकर (सचिव) और आर.एस. तोमर (कोषाध्यक्ष) चुने गए।

हालांकि, यह सूचित किया जाता है कि पी.बी. वार नोंगबरी (उपाध्यक्ष पद पर निर्वाचित)  के.बी. गुरुंग और कुमजुमरिबा (दोनों संयुक्त सचिव के रूप में चुने गए) खेल संहिता के प्रावधानों के अनुसार उचित नहीं पाए गए हैं (चुनाव लड़ने के लिए निर्धारित सरकारी प्राधिकरण से पूर्व अनापत्ति प्रमाण पत्र-एनओसी की अनुपस्थिति में निर्वाचित)। इसके अनुसार, एएआई को सलाह दी गई है कि वे इन अधिकारियों को अपने पद से त्यागपत्र देने के लिए कहें और यदि वे चाहें तो इन पदों के लिए दोबारा चुनाव आयोजित करें। मान्यता की बहाली के पत्र जारी होने के 6 महीने के भीतर, एएआई को खेल संहिता के ऐसे प्रावधानों को शामिल न करने की भी सलाह दी गई है, जिनके संविधान में इसका कोई संदर्भ नहीं है।

विश्व तीरंदाजी (तीरंदाजी खेल के लिए अंतर्राष्ट्रीय महासंघ) ने भी भारतीय तीरंदाज़ी संघ के निलंबन को समाप्त कर दिया है और वर्तमान में एएआई को भारतीय ओलंपिक संघ और विश्व तीरंदाजी, दोनों की मान्यता प्राप्त है।

मंत्री सखलेचा द्वारा विज्ञान कथा और काव्य कोष पत्रिका का विमोचन...

 संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश

सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने अपने निवास पर गुरुवार को विश्वरंग 2020 के अंतर्गत रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा प्रकाशित विज्ञान कथा कोष तथा विज्ञान कविता कोष का विमोचन किया। विज्ञान कथा कोष सात खंडों में विश्व की प्रमुख विज्ञान कथाओं का संचयन है तथा विज्ञान कविता कोष पांच खंडों में देश की विज्ञान कविताओं का संकलन है।

देश में इस तरह का प्रयास पहली बार हुआ है।विज्ञान कथा कोष और विज्ञान कविता कोष के प्रधान संपादक, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और विश्व रंग के निदेशक संतोष चौबे सहित अन्य पदाधिकारी विमोचन अवसर पर उपस्थित थे।

मंत्री सखलेचा ने विश्वरंग 2020 की प्रशंसा की और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आयोजित इस महोत्सव से सकारात्मक ऊर्जा पैदा होने की बात कही। उन्होंने इसे हिंदी भाषा में विज्ञान कथाओं और विज्ञान कविताओं का अनूठा संकलन बताया।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि निश्चित ही विश्वविद्यालय अपनी रचनात्मकता और नवाचारों को आगे बढ़ाएगा जिसका फायदा समाज को भी मिलेगा।

मुख्यमंत्री की संवेदनशील पहल,ब्रेन हेमरेज के मरीज के इलाज के लिए मिली एक लाख रूपए की सहायता...

 संवाददाता : रायपुर छत्‍तीसगढ़

बिलासपुर जिले में लगभग ढाई वर्ष पूर्व हुई सड़क दुर्घटना में घायल मरीज के इलाज के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए तत्काल एक लाख रूपए की सहायता मंजूर की है। मुख्यमंत्री की इस संवेदनशील पहल के लिए परिवार के लोगों ने आभार व्यक्त किया है।

बिलासपुर जिले के विकासखंड तखतपुर निवासी भगवती यादव ने बताया कि ढाई वर्ष पूर्व उनके बेटे जय यादव को सड़क दुर्घटना के कारण ब्रेन हेमरेज हो गया। भगवती यादव की पारिवारिक स्थिति अच्छी नहीं है। उनके बेटे की आय से ही परिवार का खर्च चलता था, लेकिन दुर्घटना के बाद परिवार की माली स्थिति और खराब होती गई। भगवती के सामने अब परिवार चलाने के साथ ही बेटे का इलाज करवाना भी एक समस्या थी। उन्होंने जहां से भी संभव हो सकता था वहां आर्थिक मदद के लिए गुहार लगाई, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो सका। 

भगवती यादव को उनके बेटे के इलाज के लिए मुख्यमंत्री से गुहार लगाने की सलाह मिलने पर उन्होंने मुख्यमंत्री को इलाज में सहायता के लिए आवेदन किया। आवेदन मिलने के 24 घंटे के भीतर बेटे की इलाज के लिए एक लाख रूपये की सहायता स्वीकृत की गई। यह राशि कलेक्टर बिलासपुर द्वारा रेडक्रास सोसायटी बिलासपुर द्वारा प्रदान की गई। 

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अधिकारियों को संविधान की शपथ दिलाई...

 संवाददाता : शिमला हिमाचल

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने गुरूवार यहां राजभवन में 71वें संविधान दिवस के अवसर पर अधिकारियों को संविधान की शपथ दिलाई।संविधान दिवस को राष्ट्रीय विधि दिवस के नाम से भी जाना जाता है।  

यह दिन भारतीय संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। संविधान सभा ने 26 नवम्बर, 1949 को संविधान को अपनाया था, जिसे 26 जनवरी, 1950 को पूरे देश में लागू किया गया।



राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री संविधान दिवस के अवसर पर झालसा द्वारा कार्यक्रम आयोजित...

 संवाददाता : रांची झारखंड

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि संविधान दिवस के शुभ अवसर पर मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरु, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर, डॉ. जयपाल सिंह मुंडा, शहीद भगत सिंह जैसे चमत्कारी व्यक्तित्वों के साथ-साथ भगवान बिरसा मुंडा, अमर शहीद सिद्धो-कान्हो, नीलाम्बर-पीताम्बर, शेख भिखारी जैसे सपूतों के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान बने हुए 71 वर्ष पूरे हो चुके हैं।

मैं इस शुभ अवसर पर यह सोच कर आश्चर्यचकित हो रहा रहा हूँ कि आजादी प्राप्ति के बाद का समय कितना चुनौतीपूर्ण रहा होगा ? सैकड़ों रियासतों में बंटा देश आजाद हुआ था, जाति, धर्म, सम्प्रदाय, वर्ग, भाषा-बोली आदि के आधार पर बंटे तत्कालीन भारत की परीक्षा की घड़ी थी। जिनसे हमें आजादी मिली थी वे भी भविष्यवाणी कर रहे थे कि कुछ महीनों के भीतर भारत के अनेकों टुकड़े होने तय हैं। ऐसी परिस्थिति में सभी रियासतों को एक करने का सरदार वल्लभ भाई पटेल का प्रयास एवं बाबा साहेब के नेतृत्व में एक ऐसे संविधान का निर्माण किया गया जिसे हर किसी ने स्वीकार किया। ये ऐसे कार्य थे जिसने वास्तव में आधुनिक भारत की नींव रखी। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने अपने पैतृक गांव नेमरा से संविधान दिवस के अवसर पर झालसा द्वारा आयोजित कार्यक्रम को वर्चुअल मोड के माध्यम से संबोधित करते हुए कहीं।

सुरक्षित भविष्य के लिए एक मजबूत संविधान की सख्त जरुरत है

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज हमारा देश एक है, सभी लोग एक साथ विकास की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। आज हमारे पास विश्व का सिर्फ सबसे अच्छा संविधान ही नहीं है, बल्कि इसे सही ढंग से उपयोग में लाने का 71 साल का इतिहास भी है।

राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए एक मजबूत संविधान जो सबों के हित की रक्षा करे, इसकी जरुरत सभी को है। विगत वर्षों में संविधान दिवस के आयोजन को जो रूप दिया गया उससे लगता है कि आज का दिन बड़े-बड़े नेताओं, न्यायाधीशों, अधिकारियों द्वारा संविधान को याद करने तथा अपना संविधान कैसे कमजोर वर्ग के लोगों के लिए जरुरी है यह बताने का दिन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तो मानता हूँ कि एक सशक्त संविधान की जितनी जरुरत मजदूर, किसान, ठेले-खोमचे वाले, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक को है उतनी ही इसकी जरुरत राज्यपाल, न्यायाधीश, मुख्यमंत्री, IAS, IPS अधिकारियों को भी है। उन्होंने कहा कि सबों के अधिकार की रक्षा करने वाली किताब है संविधान। इसकी जरूरत पक्ष को भी है और विपक्ष को भी है। आज मैं झारखण्ड के मुख्यमंत्री के रूप में आपको संबोधित कर रहा हूँ, पर मैं बता दूं कि देश के एक सामान्य नागरिक के रूप में भी हेमन्त सोरेन के लिए संविधान एवं संविधान दिवस उतना ही उपयोगी है। इसलिए देश के भविष्य के लिए, सबों के सुरक्षित भविष्य के लिए एक मजबूत संविधान की सख्त जरुरत है।

आज एक देश के रूप में, एक शक्ति के रूप में खड़े हैं तो, इस संविधान के कारण

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि जब हम विपक्ष में थे और तत्कालीन सरकार CNT/SPT को ख़त्म करने पर उतारू थी तो मुझे सड़क पर निकल इनका विरोध करने की ताकत इसी संविधान ने दी थी। यह पवित्र किताब ही है जो हमें जोड़ के रखता है। देशवासियों को बांटने वाली नजर से देखें तो बहुत कुछ अलग-अलग दिखेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति के आधार पर, धर्म के आधार पर, क्षेत्र के आधार पर, भाषा के आधार पर, काम के आधार पर, शिक्षा के आधार पर, उम्र के आधार पर, जेंडर के आधार पर, राज्य/क्षेत्र के आधार पर, आप ही बताइए हम कितने अलग-अलग हैं । परन्तु, आज एक देश के रूप में, एक शक्ति के रूप में खड़े हैं तो, इस संविधान के कारण। सिर्फ यह एक किताब बच जाए तो सभी कुछ बच जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारें सर्वांगीण विकास की नीतियां बनाती हैं। मैं तो कहता हूँ कि सरकारें सिर्फ संविधान की भावना के अनुरूप काम करने का प्रण कर ले तो उसे और कुछ अलग से करने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

उन्होंने कहा कि संविधान के अनुसार शासन हो एवं संविधान के अनुसार आचरण हो तो सब ठीक हो जाएगा। अपने संविधान की खूबसूरती सिर्फ उसमें लिखे एक लक्ष्य से समझा जा सकता है। संविधान के समक्ष ‘सबों को बराबरी का अधिकार’। बराबरी शिक्षा प्राप्त करने में, भरपेट भोजन प्राप्त करने में, जीवन जीने में, स्वास्थ्य सम्बंधित सुविधा प्राप्त करने में, रोजगार के अवसर में, धार्मिक आस्था के अनुरूप आचरण करने में बराबरी। शहर एवं गाँव के स्कूल में अंतर न हो, गरीब एवं अमीर के अस्पताल में अंतर न हों, न्यायालय में न्याय मिलने में किसी ढंग का अंतर न हो, थाने और सरकारी कार्यालयों में सबों को सामान रूप से सुना जाए, इससे ज्यादा किसी को कुछ नहीं चाहिए।

सम्यक बदलाव एवं प्रगति करने की दिशा में आगे बढ़ रही है राज्य सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी सरकार इन विषयों पर सम्यक बदलाव एवं प्रगति करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। कोरोना काल में शहर के साथ-साथ गाँव को भी सुरक्षित रखते हुए आपकी सरकार ने अपने सीमित संसाधनों में अच्छा काम किया है। संकट के समय एक ओर सरकारी कर्मी की सेहत सुरक्षित रखने का प्रयास हुआ, वहीं दूसरी ओर दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों तक भी हम हवाई जहाज लेकर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब कोरोना के द्वारा लगाये गए ब्रेकर को पार कर हम आगे बढ़ने को तैयार हैं। और आगे भी बराबरी के सिद्धांत को सामने रखते हुए आपकी सरकार आगे बढ़ेगी ।

पारा लीगल वालंटियर’ एवं अन्य माध्यमों से झालसा अच्छा काम कर रही है

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन न्याय को सुनिश्चित करने वाली एवं उसे गाँव-गाँव तक पहुँचाने में लगी हुई संस्था के माध्यम से किया गया है। ‘पारा लीगल वालंटियर’ एवं अन्य माध्यमों से झालसा अच्छा काम कर रही है। आज प्रोजेक्ट तृप्ति, प्रोजेक्ट आत्मनिर्भर, प्रोजेक्ट निरोगी भवन एवं प्रोजेक्ट चेतना के शुभारम्भ का भी दिन है। JHALSA का Web Portal एवं App भी लांच किया जा रहा है। उम्मीद करते हैं एवं मेरी शुभकामना रहेगी की उपरोक्त प्रोजेक्ट एवं App, आम जन तक मदद पहुँचाने के अपने उद्देश्यों में सफल हो। अंत में मैं महापुरुषों को नमन करते हुए सबों से अपील करना चाहूंगा कि संविधान दिवस के अवसर को हम अपने संविधान को सही ढंग से जानने-समझने के लिए करें । झालसा इस कार्य को अपने हाथों में ले एवं अगले वर्ष के लिए इस सम्बन्ध में तैयारी करे ।

इस अवसर पर लोक अदालत की उपलब्धियों को बताया गया। साथ ही ईफाइलिंग एंड ऑनलाइन सर्टिफाइड कॉपी दाखिल करने, नवनियुक्त सिविल जजों के लिए आरंभिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। झालसा द्वारा सभी को न्याय की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मोबाइल एप्प और वेब पोर्टल, प्रोजेक्ट तृप्ति, प्रोजेक्ट आत्मनिर्भरता, प्रोजेक्ट निरोगी भवः एवं प्रोजेक्ट चेतना की लॉन्चिंग की गई।

इस मौके पर जस्टिस रवि रंजन, जस्टिस एससी मिश्रा, जस्टिस अमरेश कुमार सिंह, जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद, जस्टिस अनुभा रावत चौधरी व अन्य एवं नेमरा से रामगढ़ विधायक ममता देवी, उपायुक्त रामगढ़ संदीप सिंह, एसपी प्रभात कुमार सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान में तीन दिवसीय ‘खुम्ब उत्पादन तकनीक’ विषय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण शिविर शुरू...

 

संवाददाता : चंडीगढ़ हरियाणा

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय,हिसार के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान में तीन दिवसीय ‘खुम्ब उत्पादन तकनीक’ विषय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण शिविर शुरू हुआ।

इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए संस्थान के सह-निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक गोदारा ने कहा कि किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले उसका तकनीकी ज्ञान व बाजारीकरण की जानकारी होना बहुत जरूरी है। क्योंकि जब तक उत्पादों को बाजार में उचित मूल्य नहीं मिलेगा तब तक सही मुनाफा नहीं कमा सकते। उन्होंने किसानों व बेरोजगार युवाओं से आह्वान करते हुए इस प्रशिक्षण का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की।

इस ऑनलाइन प्रशिक्षण की संयोजिका डॉ. पवित्रा कुमारी ने बताया कि इस प्रशिक्षण में प्रदेश के विभिन्न जिलों के 35 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान मशरूम से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपने व्याख्यानों से प्रतिभागियों को अवगत करवाया जाएगा व मशरूम के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी जाएगी।

उन्होंने मशरूम से होने वाले लाभ और मशरूम के पोषक व औषधीय गुणों के बारे में प्रतिभागियों को अवगत कराया। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को मशरूम की खाद तैयार करने की विधि के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।

मुफ्त बिजली,कोरोना टीका और मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त सफर, बीजेपी ने किए क्या वादे...

 संवाददाता : हैदराबाद

भाजपा ने गुरुवार को वादा किया कि वह महानगर में हाल के समय में बारिश से प्रभावित हर परिवार को 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता, 100 यूनिट से कम खपत वाले परिवारों को नि:शुल्क बिजली, महानगर की बसों और मेट्रो ट्रेन में महिलाओं को मुफ्त में सफर की सुविधा देगी। हैदराबाद के नगर निकाय चुनावों के लिए जारी घोषणापत्र में पार्टी ने यह वादा किया है।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की तरफ से जारी घोषणापत्र में कहा गया है कि केंद्र की सलाह के मुताबिक सभी को कोविड-19 टीका मुहैया कराया जाएगा। इसने कहा कि महानगर में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी योजना तैयार की जाएगी, जिसमें महानगर में हर किसी को मुफ्त में वायरस की जांच की सुविधा मिलेगी। 

घोषणापत्र में नि:शुल्क पेयजल आपूर्ति, हर वर्ष तीन नए महिला थानों का निर्माण और महिलाओं के लिए हर एक किलोमीटर पर शौचालय का निर्माण, महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा तक पहुंच में आ रही दिक्कतों को देखते हुए सरकारी स्कूलों के छात्रों को नि:शुल्क टेबलेट का भी वादा किया गया है।

बृहद् हैदराबाद नगर निगम का चुनाव एक दिसंबर को होने वाला है। सीएमओ की तरफ से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के बारे में पूछे जाने पर कि राज्य सरकार के पास सूचना है कि निकाय चुनावों से पहले कुछ नेता समस्याएं खड़ी करना चाहते हैं, इस पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि कौन समस्या खड़ी करने का प्रयास कर रहा है।

मुख्य सचिव सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जनपदों को शीघ्रातिशीघ्र डिजिटलाइज्ड करने के निर्देश दिए...

 संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने गुरूवार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जनपदों को शीघ्रातिशीघ्र डिजिटलाइज्ड करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य से एक जनपद को 31 मार्च, 2021 तक 100 प्रतिशत डिजिटलाइज्ड किया जाना है, इसके लिए प्रदेश में जनपद अल्मोड़ा को चुना गया है और इस लक्ष्य को पाने के लिए सभी को मिशन मोड में कार्य करना होगा।

उन्होंने ऊर्जा, आवास व पेयजल आदि के बिलों के भुगतान डिजिटल मोड में किए जाने में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आमजन में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रचार -प्रसार करना होगा और इसके लिए बैंकों को आगे आना होगा।

मुख्य सचिव ने शिकायत निवारण तंत्र को भी मजबूत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डिजिटल ट्रांजेक्शन में पेमेंट फेल होने की समस्या होती है। यदि ऐसी शिकायतों का निवारण 1-2 दिन में हो जाए तो लोग डिजिटल ट्रांजेक्शन आसानी से अपना सकेंगे।

गुरुवार, 26 नवंबर 2020

केंद्रीय खेल मंत्री ने फिट इंडिया स्कूल सप्ताह के दूसरे संस्करण का शुभारंभ किया...

 संवाददाता : नई दिल्ली

केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने "फिट इंडिया स्कूल सप्ताह" कार्यक्रम के दूसरे संस्करण का शुभारंभ किया। फिट इंडिया मिशन की निदेशक एकता विश्नोई, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड-सीबीएसई के अध्यक्ष मनोज आहूजा, सीआईएससीई के अध्यक्ष डॉ. जी. इमैनुअल; एमपी इंटरनेशनल स्कूल, कासरगोड के प्रधानाचार्य डॉ. अब्दुल जलील मारथ्या, जेपी पब्लिक स्कूल, ग्रेटर नोएडा के शारीरिक शिक्षा और खेल विभाग की अध्यक्ष सुश्री नीरज सिंह और जेपी पब्लिक स्कूल, ग्रेटर नोएडा के छात्र प्रतीक और एमपी इंटरनेशनल स्कूल, कासरगोड के यासिर आमिर अली और स्पोर्ट्स एंकर मनीष बटाविया की उपस्थिति में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

बच्चों को शारीरिक गतिविधि और खेल को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया क्योंकि स्कूल पहली जगह है जहाँ आदतें बनती हैं।

समारोह के दौरान, रिजिजू ने विद्यालय जीवन में फिटनेस के महत्व के बारे में बात की और कहा कि "छात्र भारत को फिट बनाने के पीछे प्रेरक शक्ति हैं और मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि इतने सारे स्कूलों ने फिट इंडिया स्कूल सप्ताह के लिए पंजीकरण कराया है और यह संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। यह हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करता है ताकि हर भारतीय फिट हो सके क्योंकि इसके लिए ऊर्जा इन स्कूलों से ही पैदा होती है।

फिट इंडिया स्कूल सप्ताह कार्यक्रम पिछले साल नवंबर में शुरू किया गया था और इसमें देश भर के 15,000 से अधिक स्कूलों ने भाग लिया था।

जेपी पब्लिक स्कूल की एक भाग्यशाली छात्रा, प्रकृति आदर्श को भी सजीव प्रसारण सत्र के दौरान खेल मंत्री से एक सवाल पूछने का मौका दिया गया था और उसने उसे अपनी फिटनेस मंत्र के बारे में पूछने के लिए चुना था। प्रकृति ने खेल मंत्री से उनकी उम्र से कम दिखने का प्रबंधन कैसे किया जाता है, इसके बारे में भी प्रश्न पूछा।

रिजिजू ने हंसी के साथ जवाब दिया और कहा कि "मुझे लगता है कि मैं 25-30 साल का लड़का हूं और फिट रहने के लिए जो भी आवश्यक है उसका पालन करें। आपको इसके लिए हमेशा इच्छा शक्ति और जुनून चाहिए।

वर्तमान महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, इस वर्ष की पहल ऑनलाइन हो गई है और प्रस्तावित गतिविधियां ज्यादातर वर्चुअल माध्यम से स्कूलों द्वारा संचालित की जा रही हैं।

कार्यक्रम में भाग लेने के लिए स्कूलों को https://fitindia.gov.in/fit-india-school/web/ पर अपना पंजीकरण कराना होगा।

इसके बाद उन्हें फिट इंडिया स्कूल सप्ताह मनाने के लिए दिसंबर 2020 में किसी एक सप्ताह का चयन करना होगा और पंजीकरण के दौरान उनके साथ पहले से साझा की गई सूची से दैनिक गतिविधियों का संचालन करना होगा।

इस वर्ष के स्कूल वीक कार्यक्रम के लिए कुछ गतिविधियां की जो योजना बनाई गई हैं, वे हैं - एरोबिक्स, पेंटिंग, क्विज़ / डिबेट्स, डांस और स्टेप-अप चैलेंज।

20 साल पहले पटवारी ने छल-कपट कर फर्जी पट्टे वितरित किए...

 संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सभी पात्र आदिवासी भाई-बहनों को उनकी लंबे समय से काबिज जमीन पर पट्टा दिलाया जाएगा। किरनताल क्षेत्र में 20 वर्ष पहले स्थानीय पटवारी ने छल-कपट कर भोले-भाले बैगा आदिवासी भाइयों को फर्जी पट्टे वितरित कर दिए थे, उनकी फर्जी बही बना दी थी पर सरकारी रिकार्ड में जमीन उनके नाम दर्ज नहीं की थी।

इस मामले में न केवल सभी दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी, अपितु सभी पात्र बैगा भाई-बहनों को वैधानिक कार्रवाई पूर्ण कर शीघ्र ही उनकी काबिज भूमि के पट्टे दिए जाएंगे। गरीबों और आदिवासियों के साथ अन्याय बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने उमरिया जिले के किरनताल क्षेत्र के औचक निरीक्षण के दौरान यह बात कही। उन्होंने ग्राम में चौपाल लगाकर एक-एक आदिवासी भाई-बहन की समस्या सुनी तथा उसका निराकरण किया। इस अवसर पर आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, विधायक बांधवगढ़ शिवनारायण सिंह आदि उपस्थित थे।

जेल भी हो आया है पटवारी

मुख्यमंत्री चौहान को गांववासियों ने बताया कि वर्ष 1999-2000 में वहां के पटवारी ने आदिवासी 21 भाइयों से पैसे लेकर उनके फर्जी पट्टे बना दिए और भूमि रिकार्ड में दर्ज नहीं की। इस मामले में पटवारी जेल भी हो आया है। मुख्यमंत्री चौहान ने मामले की विस्तृत जाँच करने के निर्देश दिए।

लगभग 75 आदिवासी लंबे समय से भूमि पर काबिज

मुख्यमंत्री चौहान को बताया गया कि गांव में लगभग 75 ऐसे आदिवासी हैं जो कि लंबे समय से शासकीय भूमि पर काबिज़ हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि इस संबंध में एस.डी.एम. एवं तहसीलदार आवश्यक वैधानिक कार्रवाई कर सभी पात्र आदिवासियों को भूमि के पट्टे दिलवाएं।

सोमवार को लगाएं शिविर

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ग्राम में सोमवार को शासकीय शिविर लगाया जाए, जिसमें एक-एक आदिवासी की समस्या सुनी जाए व उसका निराकरण किया जाए। मध्यप्रदेश सरकार गरीबों, वंचितों, आदिवासियों की सरकार है हम इनके साथ अन्याय नहीं होने दे सकते। हर आदिवासी को उसका वाज़िब हक दिलवाया जाएगा।