संवाददाता : नई दिल्ली
दिल्ली में महिला सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक और मील का पत्थर रखा। उन्होंने दिल्ली के लिए सीसीटीवी की तर्ज पर मुख्यमंत्री स्ट्रीट लाइट योजना के तहत सोमवार से लाईंट लगाने का काम प्रारंभ कर दिया। इस योजना के तहत दिल्ली में दो लाख दस हजार स्ट्रीट लाइटें लगेंगी। जिसे लगाने की जिम्मेदारी तीनों डिस्काँम की होगी। इसमें 20 या 40 वाट की एलईडी लाइट लगेंगी। तीन से पांच साल तक स्ट्रीट लाइट के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी स्ट्रीट लाइट सप्लायर कंपनी की होगी। इस योजना पर सौ करोड़ का खर्च आएगा। दस करोड़ रुपये प्रति वर्ष मेंटेनेंस पर खर्च होंगे। इस योजना के तहत दिल्ली के डार्क स्पाँट को अगले चार माह में खत्म कर दिया जाएगा। जनवरी 2020 में 50-60 हजार स्ट्रीट लाईंट लग जाएंगी। अगले चार माह में 2.10 लाख स्ट्रीट लाईट को लगा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए जितनी स्ट्रीट लाईट लगाने की जरूरत होगी, लगाएंगे। दिल्ली से डार्क स्पाँट को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि दिल्ली में स्ट्रीट लाइट्स लगनी शुरू हो गई है। सारा प्रोसिजर काफी मुश्किल था। प्रोसिजर को लेकर सरकार दो महीने से मशक्कत कर रही थी। अब सबकुछ हो गया है। पूरी दिल्ली में दो लाख दस हजार स्टीट लाइट लगाई जाएंगी। दिल्ली के बहुत सारे क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पर डाॅर्क स्पाॅट्स चिंहित किए गए हैं। सेफ्टी पीन एनजीओ ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर काफी काम किया है। 2016 में सेफ्टी पीन एनजीओ ने दिल्ली की सड़कों का आॅडिट करके 7 हजार 438 डाॅर्क स्पाॅट्स चिंहित किए थे। हमारी सरकार इन डाॅर्क स्पाॅट्स पर पिछले तीन साल में काफी काम किया है। जब सेफ्टी पीन एनजीओ ने 2019 जनवरी से मई 2019 तक दोबारा आॅडिट किया, तो 7 हजार 438 डाॅर्क स्पाॅट्स कम होकर 2 हजार 738 रह गए। दो साल में 63 प्रतिशत डाॅर्क स्पाॅट्स कम हुए हैं। जो बच गए हैं, वहां पर स्ट्रीट लाइट्स लगाई जाएंगी।
आटोमेटिक काम करेंगी स्ट्रीट लाइटें
इस योजना के तहत लगने वाली लाइटें आटोमेटिक होंगी। इसमें सेंसर लगा होगा। वह स्वत: अंधेरा होने पर जल जाएंगी और सुबह सूरज निकलने पर बंद हो जाएंगी।
पोल लगाने की अनुमति मिलने में होती थी परेशानी
दिल्ली सरकार पूरी दिल्ली में स्ट्रीट लाइट लगाना चाह रही थी। लेकिन कच्ची कालोनियों और झुग्गियों में जगह की कमी है। फिर काफी जगह एमसीडी से अनुमति की अड़चन थी। इस कारण इस योजना को लांच किया गया। इसमें सिर्फ विधायक और भवन मालिक की अनुमति चाहिए। लोग अपने घर, दुकान, गली, कहीं भी इसे लगवा सकते हैं।
दुनिया में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर लग रही लाइटें
दिल्ली में अभी नौ लाख स्ट्रीट लाइटें हैं। मुख्यमंत्री स्ट्रीट लाइट योजना के तहत दो लाख दह हजार स्ट्रीट लाइटें और लगेंगी। यह दुनिया की पहली योजना है, जिसमें वर्तमान स्ट्रीट लाइट के लगभग तीस फीसद नए स्ट्रीट लाइट को लगाने का टेंडर दिया जाएगा।
एमसीडी के कारण दिल्ली सरकार नहीं लगा पा रही थी स्ट्रीट लाइटें
दिल्ली में प्रावधान था कि रास्ते में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए एमसीडी से अनुमति आवश्यक है। दिल्ली सरकार तमाम योजनाओं के तहत स्ट्रीट लाइट लगाने का प्रयास पिछले दो साल से कर रही थी। लेकिन एमसीडी से अनुमति न मिलने के कारण वह लगातार असफल हो रही थी। इसी कारण सरकार ने अपने तरह का अनोखा प्लान बनाया। इस योजना के तहत अब मकान मालिक, विधायक और बिजली कंपनी मिलकर स्ट्रीट लाइटें लगा रही हैं।
महिला अपराध कम करने में मिलेगी सहायता
दिल्ली में महिलाओं के साथ अंधेरी जगहों पर वारदातें होती रहती हैं। इस खत्म करने में यह योजना कारगर है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सीसीटीवी पहले लग गए। अब लाइटें लग जाएंगी। इससे महिलाओं के खिलाफ अपराध कम करने में सहायता मिलेगी।
- सेफ्टी पिन एनजीओ द्वारा किया गया डार्क स्पॉट्स का ऑडिट
• सेफ्टी पिन महिलाओं की सुरक्षा पर काम करने वाला एनजीओ है।
2016 में, सेफ्टी पिन ने अपनी पहली रिपोर्ट दिल्ली सरकार को सौंपी। जिसमें दिल्ली की 3910 किमी की सड़कों का सेफ्टी ऑडिट किया गाय। ऑडिट के अनुसार दिल्ली में 2016 में 7438 डार्क स्पॉट्स थें।
इस रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग ने बड़े प्रयास किए।
अतिरिक्त स्ट्रीट लाइट लगाए। जहां एमसीडी सड़कों पर स्ट्रीट लाइट्स गिर गए, वहां विधायक निधि के माध्यम से स्थापित किया गया।
2018 में, दिल्ली सरकार ने एक नए सिरे से सेफ्टी पिन के साथ सड़कों, साथ ही परिवहन सहित पूरे शहर की सुरक्षा मानचित्रण
हब, बाजार, सार्वजनिक शौचालय, पार्क और अन्य सार्वजनिक स्थान का ऑडिट कराया।
जनवरी - मई 2019 में सर्वे किया गया। जिसमें यहां-यहां सर्वे हुआ।
3077 किमी सड़कें
उत्तर डीएमसी क्षेत्र में कुल 25,294 अंक ऑडिट किए गए - 11,624 ऑडिट
इसके बाद दक्षिण डीएमसी में 11,156 और पूर्वी डीएमसी में 2,514 ऑडिट हुए
183 मेट्रो स्टेशन, 3641 बस स्टॉप, 238 सार्वजनिक शौचालय, 75 सार्वजनिक
पार्क, 14 विश्वविद्यालयों ने भी ऑडिट किया।
2019 में कुल 2768 डार्क स्पॉट्स पाए गए
2016 में मौजूद डार्क स्पॉट्स में 63% की कमी आई।
कैबिनेट मीटिंग में यह भी हुए फैसले
सरकारी स्कूलों के बच्चों की बोर्ड फीस सरकार देगी : अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज कैबिनेट की बैठक में कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। हम लोगों ने कहा था कि सरकारी स्कूलों के सभी बच्चों के बोर्ड परीक्षा की फीस दिल्ली सरकार देगी। उसमें एनएमसी और दिल्ली के कुछ इलाके रह गए थे। अब एनडीएमसी और दिल्ली कैंट में भी जितने सरकारी स्कूल हैं, उनकी फीस दिल्ली सरकार देगी। हमने सरकारी स्कूलों के परिणाम को पुनरीक्षण किया है। हमने पाया कि अन्य सभी विषयों में बच्चों के परिणाम 95 से अधिक आ रहे हैं। लेकिन मैथ और साइंस में बच्चों के रिजल्ट थोड़े कम हैं। मैंथ के अंदर हमारे स्कूलों के परिणाम 76 प्रतिषत से कम है। सरकार ने तय किया है कि जहां-जहां जरूरत होगी, वहां पर मैथ में एक्स्टा कोचिंग दी जाएगी।
कैंट एरिया में भी मिलेगी बिजली की सब्सिडी : अरविंद केजरीवाल
हम लोगों ने बिजली की सब्सिडी दी थी कि 200 यूनिट तक फ्री होंगे और 400 यूनिट तक आधा होगा। उसमें दिल्ली का कैंट एरिया रह गया था। कैंट एरिया में रह रहे फौजियों को इसका फायदा नहीं मिल रहा था। अब उन्हें भी बिजली सब्सिडी का फायदा मिलेगा।