प्रजा दत्त डबराल @ नई दिल्ली
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 30 अक्टूबर, 2019 नई दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया के वार्षिक दीक्षांत समारोह में पधारे और छात्रों को संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार समसामयिक चुनौतियों से निपटने के लिए शैक्षिक वातावरण में बदलाव करती रही है। भारत को एक 'ज्ञान की महाशक्ति' के रूप में स्थापित करना मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति' के महत्वपूर्ण उद्देश्यों में से एक है। पूरा विश्व भारत के छात्रों की असाधारण प्रतिभा से अवगत है। इस प्रतिभा के समुचित इस्तेमाल के लिए देश के सभी शैक्षिक संस्थाओं को योगदान करना होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि विकास के साथ समाज के प्रत्येक हिस्से को जोड़ने के क्रम में, कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) की तर्ज पर 'विश्वविद्यालय के सामाजिक दायित्व' पर जोर देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जामिया ने 'उन्नत भारत अभियान' के तहत पांच गांवों को गोद लिया है। उन्होंने जामिया से मांग करते हुए कहा कि क्या यह कुछ और गांवों को गोद ले सकता है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के लिए काम करते समय, छात्रों को उन गांवों तक जाना चाहिए और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश करनी चाहिए। उन्हें ग्रामीण लोगों को गांव की स्वच्छता, साक्षरता, सभी बच्चों के टीकाकरण और पोषण जैसी योजनाओं से अवगत कराना चाहिए।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य हस्तियों में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' और मणिपुर की राज्यपाल एवं जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलाधिपति डॉ नजमा हेपतुल्ला शामिल थे।