बुधवार, 30 अक्तूबर 2019

सऊदी अरब के साथ इस तरह के समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला भारत चौथा देश...

संवाददाता: नई दिल्ली 


      प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी परिषद समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद दोनों देशों के बीच पहले से ही मजबूत संबंध और दृढ़ होंगे।


 प्रधानमंत्री ने यह विचार अपनी सऊदी अरब की यात्रा के दौरान अरब न्यूज़ से बातचीत के समय व्‍यक्‍त किए।तीन वर्षों में, प्रधानमंत्री मोदी की सऊदी अरब की यह दूसरी यात्रा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देश असमानता को कम करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए जी-20 के अंतर्गत मिलकर कार्य कर रहे हैं।


उन्‍होंने कहा कि तेल के स्थिर मूल्‍य वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री ने भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति और एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में अहम भूमिका निभाने के लिए सऊदी अरब प्रशंसा की।



प्रधानमंत्री और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस एचआरएच मोहम्मद बिन सलमान के बीच उत्‍कृष्‍ट व्यक्तिगत संबंधों की चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 2016 में सऊदी अरब की अपनी पहली यात्रा के बाद से, मैंने व्यक्तिगत रूप से हमारे द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। मैं रॉयल हाईनेस (एचआरएच) क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से पांच बार भेंट कर चुका हूं। मैं उसके साथ हुई अपनी पिछली बैठकों को प्रसन्‍नता के साथ स्‍मरण करता हूं, और अपनी वर्तमान यात्रा के दौरान भी उनसे पुन: भेंट के लिए आशान्वित हूं।


मुझे विश्वास है कि शाह सलमान और एचआरएच क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में, भारत और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रक्षा सहयोग पर भारत और सऊदी अरब की संयुक्त समिति नियमित बैठक करती है और दोनों देशों ने रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी हितों और सहयोग के कई क्षेत्रों की पहचान भी की है।


उन्होंने कहा कि आर्थिक अनिश्चितता असंतुलित बहुपक्षीय व्यापार प्रणालियों का परिणाम है। जी-20 के अंतर्गत, भारत और सऊदी अरब असमानता को कम करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए संयुक्‍त रूप से कार्य कर रहे हैं। मुझे यह जानकर प्रसन्‍नता हुई है कि सऊदी अरब अगले वर्ष जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा और भारत 2022 में अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर इसकी मेजबानी करेगा।


पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं में वर्तमान मंदी और इस परिदृश्य में, भारत और सऊदी अरब की भूमिका के प्रश्‍न पर, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने एक व्यापार-अनुकूल वातावरण बनाने और वैश्विक विकास एवं स्थिरता को सुनिश्चित करने में एक महत्‍वपूर्ण संचालक बनने की दिशा में कई सुधार किए हैं। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और निवेशक-अनुकूल पहलों का शुभारंभ करने की दिशा में किए गए सुधारों ने विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सूची में हमारी स्थिति को 2014 के 142 से 2019 में 63 के स्‍तर तक लाने में योगदान दिया है।


मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, स्वच्छ भारत, स्मार्ट सिटीज और स्टार्टअप इंडिया जैसी कई प्रमुख प्रमुख पहलें विदेशी निवेशकों को बहुत सारे अवसर प्रदान कर रही हैं। उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें यह जानकर प्रसन्‍नता हुई है कि सऊदी अरब ने भी अपने विज़न 2030 कार्यक्रम के तहत एक सुधार कार्यक्रम का शुभारंभ किया है।


भारत सरकार द्वारा घोषित व्‍यापक स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में सऊदी अरब की भागीदारी के प्रश्‍न पर,  प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और सऊदी अरब के बीच सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में से एक हमारी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश भी शामिल है। फरवरी 2019 में अपनी भारत यात्रा के दौरान, क्राउन प्रिंस ने भारत के सभी क्षेत्रों में 100 बिलियन डॉलर से अधिक के निवेश की इच्‍छा व्‍यक्‍त की थी।


उन्‍होंने कहा कि हम अपनी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में अधिक से अधिक सऊदी निवेश का स्वागत करते हैं, जिसमें स्मार्ट सिटीज़ कार्यक्रम भी शामिल है। हम राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढांचे कोष में निवेश करने में सऊदी की इच्‍छा का भी स्वागत करते हैं।


भारत और सऊदी अरब के बीच ऊर्जा के अलावा सहयोग के अन्य क्षेत्रों का उल्‍लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस यात्रा के दौरान उन्‍हें यह बताने में हर्ष का अनुभव हो रहा है कि भारत और सऊदी अरब ने विभिन्न क्षेत्रों में समझौत करने की योजना बनाई है, जिसमें रक्षा, सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा आदि शामिल हैं।


उन्होंने कहा कि सऊदी अरब में भारतीय नागरिकों के लिए मेरा संदेश है कि भारत को गर्व है कि आपकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता ने समग्र द्विपक्षीय संबंधों की दिशा में महत्‍वपूर्ण मार्ग प्रशस्‍त करने में सहायता प्रदान की है।


उन्‍होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आप सऊदी अरब के साथ हमारे संबंधों में एक ऐसी मजबूत शक्ति के रूप में शामिल रहेंगे, जो दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को दृढ़  बनाने में कई दशकों से लोगों से लोगों के संपर्क और योगदान पर आधारित हैं।


यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण परिणामों में से एक, दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी परिषद (एसपीसी) की स्थापना होने की उम्मीद है। ब्रिटेन, फ्रांस और चीन के बाद सऊदी अरब के साथ रणनीतिक साझेदारी परिषद (एसपीसी) की स्‍थापना करने वाला भारत चौथा देश होगा।