संवाददाता : नई दिल्ली
सतत कृषि और जलवायु अनुकूल कृषि प्रणाली के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बोर्ड (नाबार्ड) ने एक्शन रिसर्च और विभिन्न तकनीकों को बेहतर बनाने एवं नवाचार किसान मॉडल के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एक्शन रिसर्च का अर्थ है चुनौतियों के लिए समाधान ढूंढ़ने हेतु किसानों की सक्रिय भागीदारी से शोध करना। नवाचार किसान मॉडलों को आईसीएआर ने विकसित किया है, जिसमें शामिल हैं – जलवायु अनुकूल अभ्यास, मॉडल और वॉटरशेड प्लेटफॉर्म पर आधारित शोध के तहत सहभागिता के साथ उच्च तकनीक वाले कृषि अभ्यास आदि।
डीएआरई के सचिव और आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा तथा नाबार्ड के अध्यक्ष हर्ष कुमार भनवाला ने आज नई दिल्ली में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
यह समझौता ज्ञापन सतत कृषि, एकीकृत कृषि प्रणाली, कृषि-वानिकी, पौधारोपण, बागवानी, पशु विज्ञान, कृषि-इंजीनियरिंग, फसल कटाई के बाद की तकनीक आदि क्षेत्रों में स्थान विशेष को ध्यान में रखते हुए प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण का उल्लेख करता है। आईसीएआर अपने विशाल नेटवर्क के जरिये चैनल सहयोगियों तथा नाबार्ड अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने और क्षमता विकास करने में समर्थन प्रदान करेगा। इस पहल से चैनल सहयोगियों की दक्षता में वृद्धि होगी। आईसीएआर नाबार्ड द्वारा सहायता प्राप्त परियोजनाओं का मूल्यांकन करने, जलवायु परिवर्तन संबंधी परियोजनाओं का डीपीआार तैयार करने, कृषि यांत्रिकीकरण, एग्री इन्क्यूबेशन सेंटर/एफपीओ, संसाधन संरक्षण आदि कार्यों में भी मदद करेगा।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) देश का एक प्रमुख संगठन है जो कृषि, अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत है। आईसीएआर 113 संस्थानों, 75 एसएयू व सीयू तथा 716 केवी के विशाल नेटवर्क के जरिये राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान और विस्तार प्रणाली पर कार्य करता है। आईसीएआर ने कृषि और बागवानी, पशुधन, मत्स्य पालन आदि क्षेत्रों में लागू किये जाने लायक तकनीकों का विकास किया है और इसे किसानों के लाभ के लिए विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य स्तर के कार्यक्रमों, योजनाओं और केवीके के माध्यम से विस्तारित किया है। मानव संसाधन विकास और क्षमता निर्माण भी आईसीएआर के प्रमुख कार्य क्षेत्र है।
नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) प्रमुख संगठन है जो ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और अन्य गतिविधियों के लिए ऋण के क्षेत्र में नीति बनाने, योजना तैयार करने और इसे संचालित करने का कार्य करता है।