बुधवार, 11 दिसंबर 2019

आखिरी दिन पटल पर पेश हुई सीएजी रिपोर्ट और वहीं श्राइन बोर्ड विधेयक भी पास हो गया...

प्रजा दत्त डबराल @ देहरादून उत्तराखंड 


       प्रदेश सरकार आज सदन के पटल पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखाकार की 31 मार्च 2018 तक समाप्त वर्ष की रिपोर्ट पेश की गई। वहीं श्राइन बोर्ड विधेयक भी पास हो गया।कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल के नेतृत्व में कांग्रेसी विधायक हरि प्रसाद टम्टा शिल्प कला केंद्र के कार्य को रोकने के मामले पर विधानसभा की गैलरी में धरने पर बैठ गए। उनके साथ उपनेता करन मेहरा, हरीश धामी, मनोज रावत, आदेश चौहान भी धरने पर बैठ गए।जागेश्वर विधानसभा के गुरुड़ाबांज क्षेत्र में इस केंद्र का निर्माण हो रहा है। इस दौरान कुंजवाल ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र के परंपरागत शिल्प कला के उत्थान की योजना अधर में लटकी है।



गुरुड़ाबांज में चयनित भूमि के समतलीकरण, मुख्य सड़क से संस्थान तक सड़क निर्माण, चहारदीवारी, बिजली पानी की लाइन बिछाने, भवन की बुनियाद डालने आदि काम हुए, पर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद संस्थान का काम आगे नहीं बढ़ सका।तीन साल में सरकार ने निर्माण के लिए कुछ नहीं किया। कहा कि सरकार 36 करोड़ 60 लाख का बजट भी नहीं दे पाई। धौलादेवी विकासखंड के गुरुड़ाबांज में एक अरब रुपये की लागत से हरि प्रसाद टम्टा शिल्प उन्नयन संस्थान बन रहा है।


उत्तराखंड की परंपरागत शिल्पकला के उत्थान और सुदृढ़ीकरण के साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करना है। ताकि राज्य की लुप्त होती शिल्पकला को अगली पीढ़ी के माध्यम से सुदृढ़ किया जा सके और रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हो। उन्होंने कहा कि संस्थान में पर्वतीय क्षेत्र के पत्थरों से परंपरागत शैली के भवन निर्माण, ताम्र शिल्प, पीतल उद्योग, बांस और रिंगाल की वस्तुओं का निर्माण, प्रशिक्षणों के माध्यम से उत्पादों का निर्माण और विपणन की व्यवस्था करना था। ग्रामीणों को स्थानीय उत्पादों के लिए कच्चे माल की भी व्यवस्था करनी की योजना थी।


प्र्शिक्षण लेने वाले प्रतिभागियों के लिए इसी परिसर में हॉस्टल का निर्माण भी किया जाना है। इस पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि केंद्र के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये चाहिए। भारत सरकार से बजट की मांग की गई है। बजट मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।सोमवार को विधानसभा सत्र में विपक्ष के हंगामे के चलते 28 विभागों की अनुदान मांगे केवल 25 मिनट में ही बिना किसी चर्चा के पारित हो गईं। विपक्ष के असहयोग का फायदा उठाते हुए सत्ता पक्ष ने विनियोग विधेयक भी बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित कर दिया।सदन में अनुदान मांगों का प्रस्ताव ठीक 3 बजकर 20 मिनट पर आया। उस समय विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान बतौर सभापति सदन का संचालन कर रहे थे और विपक्ष के सदस्य श्राइन बोर्ड विधेयक के विरोध में वैल में धरने पर बैठे हुए थे।


पीठ की ओर से सदस्यों से अपनी सीट पर वापस जाने का आग्रह किया जाता रहा। सदन में ट्रेजरी बैंच में संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज मौजूद थे। अधिकतर प्रस्ताव संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने पेश किए। 3.31 पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल सदन में पहुंचे तो विरोध कर रहे कांग्रेसी सदस्यों ने नारेबाजी भी शुरू की। कुल मिलाकर 28 अनुदान मांगों को 3.35 पर पारित करा लिया गया।