संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश
आदिम-जाति कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने शुक्रवार को डिण्डौरी जिले की जनपद समनापुर में 'आपकी सरकार-आपके द्वार' कार्यक्रम में कहा कि आदिवासियों में पलायन की प्रवृत्ति को रोकने के लिए डिण्डौरी को औद्योगिक जिले के स्वरूप में विकसित किया जाएगा। इससे स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार के अधिक अवसर मिल सकेंगे। उन्होंने बताया कि डिण्डौरी जिले में कोदो-कुटकी की मार्केटिंग के लिये 42 करोड़ रूपये की योजना मंजूरी की गई है।
मंत्री मरकाम ने बताया कि राज्य सरकार ने अपने वचन-पत्र में किये गये वायदे के अनुसार प्रदेश में पहली बार 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाने के लिये शासकीय अवकाश घोषित किया। इस दिन जिला और जनपद स्तरों पर आदिवासी कल्याण के कार्यक्रम आयोजित करने की परम्परा शुरू की गई। आदिवासी क्षेत्रों के सभी गाँवों को मदद योजना में 25-25 हजार रूपये मूल्य के बर्तन उपलब्ध करवाये गये। आदिवासियों को छठी, बारसा में 50 किलो और दसगात्र के लिये एक क्विंटल अनाज इस योजना में नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है।
डिण्डौरी जिले के विकास की चर्चा करते हुए मंत्री श्री मरकाम ने बताया कि गाँव-गाँव पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने के लिये 3 करोड़ लागत से सर्वे कार्य शुरू किया गया है। आदिवासी अंचलों में लोगों के लिये हाट बाजारों में ए.टी.एम. खोले जा रहे हैं। आदिवासियों के देव-स्थानों के संरक्षण की आस्ठान योजना में डिण्डौरी जिले के करवेमट्टा और राम्हेपुर को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि डिण्डौरी में आदिवासी सांस्कृतिक केन्द्र स्थापित करने के लिये 5 करोड़ मंजूर किये गये हैं।
मंत्री श्री मरकाम ने अधिकारियों को जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में जॉब कार्डधारियों को अनिवार्य रूप से 100 दिन का रोजगार देने के निर्देश दिये। उन्होंने रोजगार गांरटी योजना के कार्यों में जन-संरक्षण के कार्यों को प्राथमिकता देने को भी कहा। श्री मरकाम ने शिविर में सब की समस्याओं को सुना और निराकरण के निर्देश दिये। उन्होंने विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति की महिला मुखिया को आहार अनुदान राशि और दिव्यांगों को उपकरण वितरित किये।