सोमवार, 30 दिसंबर 2019

जवान 100 दिन अपने परिवारों के साथ बिताएंगे और उनके परिवारजनों को स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड मिलना तय : गृह मंत्री

संवाददाता : नई दिल्ली 


      केन्‍द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीआरपीएफ ने 1980 और 1990 के दशकों में पंजाब और त्रिपुरा से आतंकवाद को समाप्‍त करने और सीमावर्ती राज्‍यों मे पूरी शांति बहाल करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई थी। नई दिल्‍ली में सीआरपीएफ मुख्‍यालय के शिलान्‍यास समारोह को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि पड़ोसी देशों ने देश को विखंडित करने के लिए युवाओं को दिग्‍भ्रमित करने के द्वारा दो राज्‍यों में आतंकवाद भड़काने की कोशिश की लेकिन उनकी सभी कोशिशें सीआरपीएफ द्वारा बेअसर कर दी गईं।



शाह ने कहा कि चाहे नक्‍सलवाद या दंगे की स्थिति से निपटना हो या जम्‍मू-कश्‍मीर में शांतिपूर्ण तरीके से अमरनाथ यात्रा का संचालन करना हो या भारत की संसद को सुरक्षाचक्र उपलब्‍ध कराना हो, सीआरपीएफ के जवान हमेशा आग्रणी बने रहते हैं।


अर्ध सैन्‍य बलों के कल्‍याण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की प्रतिबद्धता का उल्‍लेख करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि अगस्‍त-सितम्‍बर, 2020 तक ऐसी सभी योजनाओं को अंतिम आकार दे दिया जाएगा, उनमें प्रमुख कदम यह होगा कि सभी जवान 365 दिनों में से कम से कम 100 दिन अपने परिजनों के साथ व्‍यतीत करेंगे। एक कमेटी इस पर काम कर रही है और इस योजना को शीघ्र कार्यान्वित करने के लिए सैन्‍य बलों के महानिदेशकों से सुझाव मांगे जा रहे हैं। शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय जवानों के परिजनों को स्‍वास्‍थ्‍य जांच और अन्‍य सुविधाएं प्रदान करने के लिए इलेक्‍ट्रॉनिक स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड उपलब्‍ध कराने हेतु एम्‍स के साथ बातचीत कर रहा है। 


 शाह ने कहा कि 280 करोड़ की लागत से बने नए भवन में सभी आधुनिक और हरित सुविधाएं होंगी। इसके अतिरिक्‍त, साढ़े तीन लाख संख्‍या वाले इस बल की संचालनगत क्षमता को बढ़ाने के लिए आधुनिक प्रशिक्षण मॉड्यूल के साथ प्रभावी नियंत्रण एवं कमान प्रणाली भी होगी।


गृह मंत्री ने आम जनों तथा बेहद महत्‍वपूर्ण व्‍यक्तियों (वीआईपी) को सुरक्षा प्रदान करने में लगे जवानों के लिए एक नया लोगो 'गरुड़'भी लॉन्‍च किया और कहा कि यह उन्‍हें एक नई पहचान देगा।