मंगलवार, 17 दिसंबर 2019

किसी भी देश की पहचान उसकी शिक्षा व संस्कारवान नागरिकों से होती है : शिक्षा राज्य मंत्री

संवाददाता : जयपुर राजस्थान


      शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा है कि किसी भी देश की पहचान उसकी शिक्षा और संस्कारवान नागरिकों से होती है। शिक्षा की भव्य इमारत होने से अच्छी शिक्षा मिलती हो, ऎसा नहीं है वरन उसमें दी जाने वाली शिक्षा से होती हैं।

 

डोटासरा सोमवार को बीकानेर पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में 27 वां राज्य स्तरीय शिक्षा विभागीय मंत्रालिक एवं सहायक कर्मचारी सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा एवं चिकित्सा दो ऎसे विभाग है जहां सेवा के साथ-साथ उसका फल भी मिलता है। समाज में शिक्षक का सम्मान बडे आदर के साथ लिया जाता है। अच्छे शिक्षक की वजह से समाज में चिकित्सक सहित अन्य पदों पर हम आसीन होते है। 

 


 

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में अधिकाधिक नामांकन बढ़े, इसके लिए सार्थक प्रयास किए गए। उन्हाेंंने बताया कि निजी विद्यालयों की ओर बढ़ते रूझान को रोकने के लिए गरीब एवं जरूरमंद बच्चाें को अंग्रेजी मीडियम में शिक्षा दिलाने का निर्णय इस सरकार ने किया। जो कार्य 70 साल में नहीं हुआ, इस सरकार ने करके दिखाया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की 150 वीं जयन्ती के अवसर पर राज्य के 33 जिलों में महात्मा गांधी इंग्लिस मीडियम स्कूल प्रारंभ की गई है।

 

डोटासरा ने कहा कि राज्य के सरकारी विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं की सरंचना पर 1581 करोड़ रुपये खर्च किए जायेंगे। इस राशि से विद्यालयों में कक्षा कक्ष, शौचालय तथा स्टॉफ सहित अन्य निर्माण कार्य करवाएं जायेंगे। 

 

शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों से आमजन की दूरी को कम करने पूरे प्रयास किए जा रहे है। उन्हाेंने कहा कि समाज में एक ऎसा वातावरण बन गया था कि सरकारी विद्यालय मिड-डे मील खाने के लिए ही है। उन्होंने कहा कि लोगों की इस धारणा को बदलने के लिए बाल सभा गांव की चौपाल में आयोजित कर, शिक्षकों ने लोगों को बताया कि बच्चों को इन विद्यालयों में तराशने का कार्य किया जाता है,संस्कारित शिक्षा दी जाती है। 

 

ग्रामीणों ने विभाग की इस पहल को पसंद किया। बहुत से भामाशाह विद्यालयों से जुड़े और उन्होंने आर्थिक सहयोग भी किया। उन्होंने कहा कि विभाग की 10 वीं व 12 वीं की स्कूलों में वार्षिक समारोह आयोजित करने के लिए प्रत्येक स्कूल को 10-10 हजार रुपये दिए गए है। खेल और पुस्तकालय के लिए भी राशि उपलब्ध कराई गई है। 

 

इस अवसर पर शिक्षा निदेशक  हिमांशु गुप्ता ने पुरस्कृत होने वाले कार्मिकों को बधाई दी और कहा कि विभाग टीम भावना के साथ शिक्षा के उन्नति के लिए कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि जो समस्याएं निदेशायलय स्तर पर हल होनी होगी, उसके लिए कार्मिकों को अन्यत्र नहीं जाना पडे़गा। उन्होंने कहा कि मेरे स्तर पर हल होने वाली समस्या के समाधान के लिए दो मिनट भी नहीं लगेगा।