रविवार, 12 जनवरी 2020

भारत की ऊर्जा नीति रिपोर्ट की समीक्षा लॉन्च की गई...

संवाददाता : नई दिल्ली 


      केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, केन्द्रीय कोयला, खान और संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी, केन्द्रीय ऊर्जा और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राज कुमार सिंह, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के कार्यकारी निदेशक एवं राजदूत डॉ. फतेह बिरोल तथा नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने नई दिल्ली में संयुक्त रूप से भारत की ऊर्जा नीति रिपोर्ट की समीक्षा लॉन्च किया। यह समीक्षा रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) द्वारा तैयार की गई है।


 प्रधान ने कहा कि 400 से अधिक जिलों में सरकार सिटी गैस वितरण नेटवर्क का निर्माण करेगी। यह नेटवर्क भारत के 50 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र को कवर करेगा और इस नेटवर्क से 72 प्रतिशत आबादी को स्वच्छ और किफायती गैस की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। प्राकृतिक गैस पर एक कार्यशाला का आयोजन 23 जनवरी को नई दिल्ली में होगा। इस कार्यशाला में सभी हितधारक भाग लेंगे। प्रधान ने कहा कि इन पहलों से मुझे विश्वास है कि भारत के गैस क्षेत्र का परिदृश्य बदल जाएगा।



प्रधान ने कहा कि रिपोर्ट में ऊर्जा सुरक्षा को महत्वपूर्ण नीति प्राथमिकता के रूप में सरकार द्वारा मान्यता देने की बात कही गई है। आईईए ने भारत की तेल आपात्त प्रतिक्रिया नीति को लागू करने के लिए अनुशंसाएं की है। वैश्विक तेल सुरक्षा के मामलों पर देश अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। ऊर्जा विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के केन्द्र में रही है। वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में भारत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक देश के रूप में स्थापित हुआ है। 


तेल स्रोतों की विभिन्नताओं और ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों के विकास के बारे में श्री प्रधान ने कहा कि हम तेजी से इस रास्ते पर बढ़ रहे हैं। देश 2030 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित करने और डीजल में 5 प्रतिशत बायो-डीजल मिश्रित करने का लक्ष्य हासिल कर लेगा। राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति में अपशिष्ट से संपत्ति निर्माण को विशेष महत्व दिया गया है। हमारा लक्ष्य कृषि अवशेषों एवं घरों से निकलने वाले अपशिष्टों से विभिन्न प्रकार के जैव ईंधन तैयार करना है।


उन्होंने कहा कि हमने निवेश अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं। आईईए ने उल्लेख किया है कि 2015 से 2018 के दौरान भारत के ऊर्जा क्षेत्र में किया गया निवेश दुनिया का दूसरा सबसे अधिक निवेश है। हमें इस बात की खुशी है कि विश्व की जानी-मानी तेल व गैस कंपनियों जैसे – साउदी अरामको, एडीएनओसी, बीपी, शेल, टोटल, रोजनैफ्ट, एक्जॉन मोबिल की भारत में महत्वपूर्ण उपस्थिति है।