रविवार, 12 जनवरी 2020

निर्भया कांड के 4 दोषियों में से 2 दोषियों ने मौत की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की...

संवाददाता : नई दिल्ली 


      निर्भया कांड के 4 दोषियों में से 2 दोषियों ने मौत की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है |  सुप्रीम कोर्ट दोषियों की क्यूरेटिव याचिका पर 14 जनवरी को विचार करने की तैयारी में है | न्यायमूर्ति एन वी रमणा, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ विनय शर्मा और मुकेश की ओर से दायर समीक्षा याचिका पर सुनवाई करेगी। 



समीक्षा याचिकाओं पर फैसला न्यायाधीशों के कक्ष में होता है। यह किसी भी व्यक्ति के लिए सजा से बचने का अंतिम न्यायिक रास्ता है। मौत की सजा पाने वाले अन्य दो दोषियों अक्षय और पवन गुप्ता ने समीक्षा याचिका दायर नहीं की है। गौरतलब है कि निचली अदालत ने चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी देने के लिए मौत का वारंट जारी कर दिया है।


क्या हैं क्यूरेटिव पिटीशन के नियम


याचिकाकर्ता को अपने क्यूरेटिव पिटीशन दायर करते समय ये बताना जरूरी होता है कि आखिर वो किस आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती कर रहा है। क्यूरेटिव पिटीशन किसी सीनियर वकील द्वारा सर्टिफाइड होना जरूरी होता है, जिसके बाद इस पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट के तीन सीनियर मोस्ट जजों और जिन जजों ने फैसला सुनाया था उसके पास भी भेजा जाना जरूरी होता है। अगर इस बेंच के अधिकतर जज इस बात से सहमति जताते हैं कि मामले की दोबारा सुनवाई होनी चाहिए तब क्यूरेटिव पिटीशन को दोबारा उन्हीं जजों के पास भेज दिया जाता है।


फांसी की सजा पाए दोषियों के पास फंदे से बचने की यह आखिरी कोशिश है | वहीं निर्भया के चारों दोषियों को तिहाड़ कारागार के जेल नंबर 3 में शिफ्ट करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है | हालांकि, इन्हें शिफ्ट करने से पहले जेल नंबर 3 की हाई सिक्योरिटी सेल में सीसीटीवी कैमरे लगाने और उसकी मॉनिटरिंग का सिस्टम अपग्रेड किया जा रहा है | जिससे इनपर 14 घंटे पैनी नज़र रखी जा सके |